आज बाबा की नगरी में सब कुछ बाबामय हो गया है -बम बम बोल रही है काशी .हमने श्रीमती जी के साथ आज शिव तांडव का पाठ किया एक लम्बे अंतराल के बाद ...पिता जी ने बचपन में कंठस्थ कराया था .कुछ उच्चारण दोष है -जिसे विद्वतजन क्षमा करेगें .यह स्त्रोत्र राक्षस राज रावण कृत कहा गया है -कथा है कि रावण ने कैलाश पर्वत ही उठा लिया था और जब पूरे पर्वत को ही लंका ले चलने को उद्यत हुआ तो भोले बाबा ने अपने अंगूठे से तनिक सा जो दबाया तो कैलाश फिर जहां था वहीं अवस्थित हो गया ...शिव के अनन्य भक्त रावण का हाथ दब गया और वह आर्तनाद कर उठा ....शंकर शंकर -अर्थात क्षमा करिए क्षमा करिए... और स्तुति करने लग गया जो कालांतर में शिव तांडव स्त्रोत्र कहलाया .आप भी श्रवण लाभ करें .अंतर्जाल पर यह पाठ अन्यत्र भी त्रुटिहीन और स्वर साधकों की आवाज में भी उपलब्ध है .
अर्थ यहाँ देख सकते हैं.
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
अभी बाबा के दरबार से आ रहा हूँ रास्ते भर गा रहा था--
जवाब देंहटाएंपनियाँ बरसे लगल झमझम ..बोला बम बम
आज महाशिवरात्रि के दिन यह चिर-परिचित शिव तांडव स्तोत्र सुनकर आनंद आ गया.
बहुत ही मधुर आवाज लगी ।
जवाब देंहटाएंआपको भी महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये ....
जवाब देंहटाएंगायन अच्छा है ..
जवाब देंहटाएंशिवरात्रि की शुभकामनाएं ..
यह मेरा भी प्रिय - स्त्रोत्र है .. आभार !
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये ...
जवाब देंहटाएंसुना पर...समझ में नहीं आ रहा कि दोनों में से किस एक की तारीफ करूं और दूसरे से पंगा लूं :)
जवाब देंहटाएंसुना है बहुत अच्छा लगा धन्यवाद लिन्क के लिये।महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा .. शिवरात्रि की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये....बहुत अच्छा लगा धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएंhttp://kavyamanjusha.blogspot.com/
badhiya hai sir:)
जवाब देंहटाएंशिवरात्रि के इस पावन-अवसर पर इससे अच्छा और क्या !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति । आभार ।
इतनी निष्ठा और श्रद्धा भाव से गाया हुआ श्रोत पहली बार सुना। अर्थ भले ही न समझ में आया हो लेकिन भाव पूरा स्पष्ट हुआ।
जवाब देंहटाएंयदि साथ में बच्चों के सहयोग से शंख और घण्टे की ध्वनि भी डाल देते तो विश्वनाथ मन्दिर का पूरा वातावरण उपस्थित हो जाता। फिर भी इसे सुनकर मेरे लिए आज का महाशिवरात्रि पर्व सफल हो गया।
हार्दिक धन्यवाद।
आपको महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये ....
जवाब देंहटाएंछाया के साथ हमनें भी सुना ,चिरपरिचित धुन -सुन मंत्र मुग्ध हो गये....
जवाब देंहटाएंरुक रुक कर सुन पाया। रुक रुक कर टिप्पणी तो कर नहीं सकता :)
जवाब देंहटाएंशिव ताण्डव के गायन के लिए पंडित जसराज ने जिस ताल का प्रयोग किया है, जँचता है। धीमा, गुरु, गम्भीर ..नाद युक्त।
पिता पुत्र की यह जुगलबन्दी बहुत अच्छी इसलिए लगी कि कितने आम(संगीत घरानों से असम्बद्ध) पिता पुत्र होंगे जो आज ऐसी युगलबन्दी किए होंगे ?
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ। हर हर बम बम
@पिता पुत्र गिरिजेश जी ? अब आपको डांट पड़ेगी !
जवाब देंहटाएंई मल्टीमीडिया हमको संकट में दाल देत है। आलस किया कि कौन पढ़े - बस सुन ही लेते हैं ।रुक रुक सुने और महाशिवरात्रि के दिन टिप्पणी का पुण्य बटोरने की जल्दी में बलन्डर कर बैठे।
जवाब देंहटाएंआलस का फल बुरा तुरत फुरत। मुआफ कीजिए हमें आप दुन्नू परानी।
वैसे हमरी बतिया अपनी जगह सहिए है - आज के दिन कितने परानी साथ साथ यह स्तोत्र गाए होंगे?
ई स्तोत्र हमरे पुरनियों के जमाने से ही हम लोगन को कष्ट देता रहा है । अब इस जमाने में बाउ कथा के सुद्धन को कहाँ से ढूढ़ लाऊँ?
हर हर बम बम।
बाल बाल बच गए बेलन से गिरिजेश भाई ! अब जसराज जी के शिव तांडव के लिंक की फरमाईश हो गयी है !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर. साधुवाद सुनवाने के लिये.
जवाब देंहटाएंवाह!! बहुत अच्छा लगा आप दोनों का यह पाठ. पर मेरे सर्वर के कारण मैं ठीक से नहीं सुन पायी. लगता है गिरिजेश जी पाठ सुनने में इतना डूब गये कि पोस्ट पर ध्यान नहीं दिया. या चिढ़ा तो नहीं रहे आपको?????
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की शुभकामनाये! तकनीकी कारणों से अभी सुन नहीं पा रहे हैं. आपकी आवाज़ में है तो बढ़िया ही होगा. रावण जहां दब गया था वहां हिमालय में गड्ढा हो गया - वही आज का राक्षसताल/राकसताल है, ऐसी मान्यता है.
जवाब देंहटाएंफिर से आया तो गिरिजेश की टिप्पणी पढी. सही पंगे लिए जा रहे हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रविष्टि ...संग्रहणीय ...!!
जवाब देंहटाएंभोले बाबा की कृपा आप और हम पर हमेशा बनी रहे...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
पहली बार सुना.. बहुत अच्छा लगा.. आभार सर. शिवरात्रि की शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंजय हिंद... जय बुंदेलखंड...
See Blogger Babaon ki jay ho on rajubindas.blogspot.com :-)
जवाब देंहटाएंsun liya tha--comment ab kar rahee hun--dhnywaad.
जवाब देंहटाएंहमरो कंठाग्र है ई मंत्र।
जवाब देंहटाएंआपका गाया तो नहीं सुन पा रहे हैं कि नेटबा बहुते धीमा है हमारा है। किसी और रोज सुनेंगे।