यह स्वीट कार्न है
जब यह सवाल दुकानदार ने पूंछा तो मैं अचकचा गया ! आख़िर बेटी ने मंगवाया क्या था ? हाँ याद आया स्वीट कार्न ! स्वीट कार्न चाहिए मैंने कहा और उसने मुझे डीप फ्रीज़र से निकाल कर एक पालीथीन पकडा दिया -बीस रूपये ! और हाँ इसे फ्रीज़र में रखियेगा यह हिदायत भी दे डाली ! अच्छा जरा बेबी कार्न भी दिखाओ ! उसने टिन में पैक्ड बेबी कार्न दिया और दाम भी बता दिया ६५ रूपये ! तो बेटी ने किफायती चीज ही मंगाई -उसे मन ही मन सराहा !
इन दोनों उत्पादों का मैं भी किसी दूसरे भोजन प्रेमी (भुखड़ नही ) प्रेमी जैसा ही मुरीद हूँ ! घर के भुट्टों का तो खैर अपना अलग ही मजा है और मेरे गृह जनपद के (जौनपुरी) भुट्टे की तो कोई सानी ही नही है मगर अब तेजी से हो रहे वैश्वीकरण के दौर में कई अन्तर महाद्वीपीय व्यंजन अब आपकी थाली को सुशोभित करें तो इसे माँ अन्नपूर्णा की कृपा ही समझिये ! मुझे स्वीट कार्न से बनी हाट एन जूसी बेहद पसंद है -बच्चों और उनकी माँ को भी .क्या लजीज व्यंजन है -साफ़ सुथरा और सात्विक ! यम् यम् भी ! यह मक्के की वह प्रजाति है जो बेहद मुलायम है औरइसके दाने के भीतर का सुगर देशी मक्कों की भाति स्टार्च में नही बदलता -इसे स्टीम कुक करके मसालों ,नमक के साथ खाया जाता है -नए शापिंग मालों मेंयह सहज ही बना बनाया उपलब्ध है .स्वीट कार्न सूप के तो कहने ही क्या !
और यह बेबी कार्न
अब बेबी कार्न -यह एक ख़ास किस्म है मक्के की -बल्कि बोनसाई जैसी किस्म जिसमें दाने आने के पहले ही डंठल तोड़ लिया जाता है और तरह तरह व्यंजनों -या सोलो बेबी कार्न का ही बेःद लजीज व्यंजन आपकी रसना अको तृप्त कर सकता है .मुझे इसकी पकौडियां ,पनीर के साथ मिक्स कर पसंद है और मिक्स्ड वेजिटेबल के रूप में इसे मशरूम और मंचूरियन के साथ भी लिया जाता है -सभी प्रेपरेशन बेजोड़ हैं . न खाएं हों तो कभी ट्राई कीजिये न! हाँ पहले इन व्यंजनों को किसी अच्छे रेस्तरां में ट्राई कीजिये !
बेबी कार्न के बारे में यहाँ और स्वीट कार्न के बारे में यहाँ विस्तार से पढ़ सकते हैं -लीजिये बेटी का बुलावा आ भी गया- स्वीट कार्न आज नाश्ते पर तैयार है ! चलता हूँ -क्या करें ,कंट्रोल ही नही होता !
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
यहाँ चले आओ..दोनों प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं.
जवाब देंहटाएंहम भी आ रहे हैं आपके साथ नाश्ता करने.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
हमें भी बहुत अच्छे लगते हैं ये दोनों।
जवाब देंहटाएंवहाँ तो मैं भुट्टे का ख़ास शौकीन नहीं था मगर स्वीट कॉर्न? आ हा हा! मज़ा आ गया!
जवाब देंहटाएंइसकी खेती करने की जुगत भिड़ाइये पण्डिज्जी! :)
जवाब देंहटाएंक्या मिश्रा जी..इत्ती बढिया बढिया चीज़ें आपने दिखा दी..ऊपर से फोटू भी चेप दी...अभी अभी कंप्यूटर पर लार टपकने वाली थी..अगली बार से हेलमेट पहन के पढा करूंगा ..
जवाब देंहटाएंस्वीट कॉर्न तो पहले से मालूम था लेकिन बेबी कोर्न पहली बार किसी मॉल में ही देखा. बड़ा कौतूहल हुआ था. देखते हैं कब खाने कब मिलता है. पकौडियां सुनकर ही मू में पानी आ रहा है.
जवाब देंहटाएंमेरी पसंद का आलेख। जो रेसिपी बताई हैं उनमें स्वीकार्न सूप बेहद पसंद है। हां, कभी बेबीकार्न को सिर्फ पतली बारीक प्याज और फ्रैच बीन्स के साथ नाममात्र के तेल में फ्राई कर भाप में पकाइये:)
जवाब देंहटाएंवैसे कार्न नाम से ये तमाम जो अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन हो गए हैं वे सब भी यूरोपीयों के आहार की लोक-परम्परा से आते हैं। हमारे यहां गेहूं, जौ, बाजरा का चलन ज्यादा रहा, उधर मक्का पर ज्यादा जोर रहा है। तरकारी के तौर पर जितनी विविधता हमारे यहां रही, उतनी उधर नहीं।
बढ़िया आलेख। सुबह के अनुकूल। ब्रेकफास्ट टीवी की तरह इसे कहते हैं ब्रेकफास्ट ब्लागिंग। ब्रेकफास्ट ब्लागिंग में और क्या क्या शामिल कर सकते हैं,इसक पर भी कुछ लिखिये और विषय सुझाने के लिए हमे शुक्रिया कहिए:)
अभी तो नाश्ता किया है चलो शाम को देखते हैं आभार्
जवाब देंहटाएंएक खूब लम्बी टिपण्णी लिखी थी मगर वो एरर के कारण छप नही पाई इसलिये बेबी कार्न टाईप की टिपण्णी कर रहा हूं।देसी भुट्टे जैसा मज़ा कंहा इनमे।कड़क सींका हुआ और नीबू-नमक लगा हुआ गर्मागरम भुट्टा,वाह।मुंह मे पानी आ गया महाराज़्।
जवाब देंहटाएंअब तो देसी भुट्टे लगता है गायब ही हो गये हैं।पिछले साल नागपुर मे भुट्टे खाने के लिये गये तो एक पूरी सड़क पर भुट्टे के ठेले लगे हुये थे।भीड़ ऐसी की पूछो मत।सबके अपने-अपने पसंद के ठेले।ज़ल्दी देने वाले।हम लोगों ने भी एक ठेलेसे भुट्टे लियें। नर्म और मीठे भुट्टे थे।मेरे मुंह से अचानक निकल गया ये कौन सा भुट्टा है?ठेले वाला बोलने के अंदाज़ से समझ गया ग्राहक बाहर का है और मै भी समझ गया कि वो मराठी भाषी नही है।फ़िर हम दोनो की लंबी बात हुई।वंहा एक एक ग्राहक अमेरिकन कार्न एक नही दो-दो तीन-तीन खाते हैं।देसी भुट्टे कडे होते है इस्लिये सस्ते है और कोई मांगता भी नही।खैर मैने तो देसी भुट्टा ही खाया।भुट्टे बेचने वाले सारे के सारे सतना और रीवा ईलाके हैं।कड़क सेंके हुये भुट्टे नमक और नीबू लगाकर खाने का जो मज़ा है वो है
जवाब देंहटाएंसुबह सुबह आज तो बढिया नाश्ता हो गया.....
जवाब देंहटाएंregards
सबसे सस्ते टाइम पास के रूप में जाना जाता है स्वीट कॉर्न तो हम सिर्फ मल्टीप्लेक्स में खाते है.. मूवी देखते हुए.. पॉप कॉर्न थोडा महंगा आता है न इसलिए :)
जवाब देंहटाएंदोनों ही कोर्न भारत भर में छा गए हैं अब सब जगह उपलब्ध हैं...ये इनकी लोक्रियता का ही नतीजा है...अच्छी जानकारी...
जवाब देंहटाएंनीरज
वाकई लाजवाब होता है यह.
जवाब देंहटाएंस्वीट कार्न मो मैं चख चुका हूं, पर स्वाद जबान को जमा नहीं। हॉं, बेबी कार्न देखना पडेगा।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
@वाह मान गए उस्ताद आपको वडनेकर जी ,क्या नामकरण है -ब्रेकफास्ट ब्लागिंग ! टर्म क्वायन करने की बधाई !
जवाब देंहटाएंAre ye to BHUTTA hai apnaa.........majedaar aur vo bhi baarishon mein to lajawaab.....swaa aa gaya
जवाब देंहटाएंमुझे तो दोनों ही बहुत पसंद है :)
जवाब देंहटाएंअब तक तो निपटा दिया होगा . हम जरा लेट हो गए :)
जवाब देंहटाएंअपुन को तो ताजा सिके गरम गरम भुट्टों के आगे सब फीका लगता है। हाँ, भुट्टे के दानों की पकौड़ी और घर में बनाए हुए पॉपकॉर्न कुछ मजा और ही है। बरसात में नम चने भड़भूजे के यहाँ सिकवा कर लाना और नींबू नमक के साथ खाना। गेहूँ सिकवा कर उस पर शक्कर चढवा कर मीठी धाणी। इन का कोई जवाब नहीं। इन के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं कुछ यत्न करने पर हर कहीं पाए जा सकते हैं।
जवाब देंहटाएंअरे वाह, यहाँ तो अच्छी दावत कट रही है। मैं चौड़ी पट्टी के सिकुड़ने का शिकार हो गया था। शाम को ऑफिस से लौटा तो माता जी ने अरवी के पत्ते की रिंकवच बना रखी थी। खूब चुरमुरी और चरपरी। मजा आ गया खाकर।
जवाब देंहटाएंमक्का और भुट्टा तो स्वाद ग्रन्थियों को सक्रिय कर ही देते हैं। बरसात का मौसम इसके लिए कुछ खास ही सूट करता है। ललचा दिया आपने।
@पांडेज्जी जुगाड़ बैठाया था न पांच साल पहिले -पहली फसल ही पैत्रिक घर वालों ने तब तोडी जब दाने पक चुके थे जबकि इसे दाने के पहले ही तोड़ना था -सारी फसल बर्बाद हो गयी -फिर से किसी ने पूंछा तक नहीं !
जवाब देंहटाएं@सिद्धार्थ जी आपने भी तो ललचा ही दिया -रिकवच तो मेरी भी पसंद है -देखता हूँ इधर भी जुगाड़ लगाता हूँ बनाने का !
अकेले-अकेले खा लिए। यह भी कोई बात हुई। अरे आप साइंस के आदमी हैं। कोई ऐसी तकनीक खोजिए की फोन-फैक्स की माफिक खान-पान की चीजें भी मित्रों तक पहुंच सकें। और हां अगली बार कुछ स्पेशल बने तो पहिले से बता दीजिएगा।
जवाब देंहटाएंवैसे स्वाद तो बेबी कॉर्न का मुझे भी पसन्द है, पर मुझे इसके बनाने-खाने की प्रक्रिया लगती ब
जवाब देंहटाएंड़ी क्रूरतापूर्ण है.
स्वीट कार्न या बेबी कार्न अजी हमारे यहां जितने चाहो खरीदो ओर बहुत सस्ते भी, फ़्रिज का भी कोई लफ़डा नही... सस्ते इतने की आप विशवास भी ना कर सकॊ, यनि कुछ पेसॊ मै ही, इन दोनो की सब्जी बनाओ, सालद बनाओ यानि खुब खाओ.
जवाब देंहटाएंइतनी स्वादिष्ट, रसीली और ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंभैया हम तो ठेठ देशी ठहरे सो स्वीट और बेबी कर्न के चक्कर में तभी पड़ते हैं जब माल में जाने के लिए अभिशप्त हो जातें है अन्यथा जो मजा अपने देशी सफ़ेद जौनपुरी मकई को भुन कर खाने तथा नीबू मिर्च की चटनी के साथ खाने में है वोह इन हत्भागियों के नसीब में कहाँ ये तो यही सब कार्न के चक्कर में दाल कर जेब ढीली करते रहेंगे
जवाब देंहटाएंहम तो द्विवेदी जी की कोटि वाले हैं लेकिन ये लडके हतभागी हैं जो माल में ले जाकर मेरी जेब में छेद कर डालते हैं और कार्न खा खा कर
जवाब देंहटाएंकार्न बन कर चुभतें हैं
-बेबी कॉर्न हम भी mixed सब्जी में बहुत इस्तमाल करते हैं.
जवाब देंहटाएं-कॉर्न तो सलाद में भी खूब इस्तमाल होता है.
-यहाँ तो tinned भी बहुत मिलता है.फिलिपिनो जैसे खाने वाले तो धोते भी नहीं हैं...सीधा टिन को खोल कर खा लेते हैं.
--वज़न का ख्याल रखने वालों के लिए चेतावनी है..की 'कॉर्न 'मोटापा बढाता है...पश्चिम में कॉर्न का इस्तमाल पहले बकरियों को मोटा करने के लिए किया
जाता था.
--इस लिए खाएं मगर सोच समझ कर!:)
लेकिन लोग चाहे जो कहे अपने देसी भुने भुट्टे का कोई जवाब नहीं!
जवाब देंहटाएंभाई अपुन तो देसी भुट्टा जानते हैं, गर्मागर्म भुना नमक कालीमिर्च और निम्बू के साथ जो मज़ा बरसात में ये देता है, उसका तो कोई सानी नहीं.
जवाब देंहटाएंअब स्टेटस की बात कर मॉल में बिकने वाले विलायती कार्न पर आप सब फ़िदा है तो बेचारे ठेलों पर बिकने वाले चटपटे देसी भुट्टों का इसमें कौन दोष.
चन्द्र मोहन गुप्त
मुझे तो भुट्टे बेहद पसंद है! वाह बहुत सुंदर लगा आपका ये पोस्ट और साथ में ख़ूबसूरत तस्वीरें देखकर तो मुँह में पानी आ गया!
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