एक जेनुईन निष्ठावान रचनाकर्मी ,शीर्षस्थ विज्ञान कथाकार मगर उतने ही अन्तर्मुखी ,विनम्र ,विनयशील व्यक्तित्व के धनी जीशान हैदर जैदी से आपको मिलवाते हुए मुझे एक सत्कर्म करने का सा बोध हो रहा है ! जीशान से मेरे कोई डेढ़ दशक से ज्यादा के ही सम्बन्ध हैं -रूचि का कामन बिन्दु साईंस फिक्शन है ! मूलतः हम वास्तविक जगत से ही जुड़े हुए हैं और आज आभासी जगत में भी हमारा स्नेह सम्बन्ध बना हुआ है ! जीशान सच्चे अर्थों में एक कहानीकार हैं ,रचनाकार हैं और इसे उन्होंने एक बार नहीं अनेक बार साबित किया है -वे मेरे मित्रों में एकमात्र अकेले हैं जो चुनौती या शर्त पर कहानी लिख कर दे देते हैं -मगर क्या मजाल उसके शिल्प या तकनीक में कोई कमी आ जाय ! ऐसा एक सिद्धहस्त लेखक ही कर सकता है -जो जीशान एक सौ एक फीसदी हैं !
पूरा संभव है आप उन्हें न जानते हों मगर यह केवल इसलिए है कि जीशान को आत्मप्रचार कतई पसंद नही है -लो प्रोफाईल हैं ! मगर इन पर आप पूरा भरोसा कर सकते हैं अगर आप इन्हे अपना मित्र बनाने का फैसला करते हैं -मैंने हमेशा इन्हे मित्रता में खरा पाया है भले ही मेरा या इनका भला या दुर्दिन रहा हो ! मैंने जीशान के साथ सम्मिलित साईंस फिक्शन लिखने के कुछ प्रयोग किए और वे पूरी तरह सफल रहे -यही नेट पर ही एक पार्ट वे लिखते थे एक मैं और इस तरह एक जोरदार काम पूरा हुआ -राष्ट्रीय पत्रिका विज्ञान प्रगति ने उसे ससम्मान छापा -इस अनूठे संयुक्त प्रयास को आप यहाँ पढ़ सकते हैं !
जीशान अपनी कहानियों में तिलिस्म का एक अद्भुत वातावरण सृजित करते हैं और मेरी जान पहचान उनकी इस विशिष्ट लेखन शैली के कारण ही हुयी थी ! जीवन के अभी यही कोई तीसेक शरद बसंत देख लेने वाले जीशान अभी युवा है -गणितीय सांख्यिकी में एम् एस सी हैं .कई पुस्तकों के प्रणेता जिसमे प्रोफेसर मंकी इनकी ज्यादा जानी जाने वाली विज्ञान कथा कृति है !
सद्य प्रकाशित कृतियों में एक कम्पयूटर की मौत भी है -कई टेली फिल्मे भी इनकी लखनऊ दूरदर्शन से प्रसारित हो चुकी हैं -हिन्दी ब्लॉग जगत का यह कर्मयोगी अपने काम में जुटा रहता है -भले ही कोई नोटिस ले या न ले ! आत्मप्रशंसा या लोक प्रशंसा से पूरी तरह अप्रभावित जीशान हिन्दी साईंस फिक्शन नामक अपने ब्लॉग पर साधना रत हैं -अंततः लोग अपने काम से ही जाने जाते हैं !
जीशान मुझे आपकी दोस्ती पर फख्र है ! मित्रों, क्या आप जीशान से नही मिलना चाहेगें ?
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
जीशान जैसे लोगों का श्रम और साधना ही दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन का आधार बनेगा। इस चर्चा के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंइस चर्चा के लिए आभार,अंततः लोग अपने काम से ही जाने जाते हैं !.सत्य वचन .
जवाब देंहटाएंसाइंस फ़िक्शन और साइंस ब्लॉगर अशोसिएशन पर जीशान जी की प्रविष्टियों का नियमित पाठक हूँ । आपकी इस पोस्ट ने उनके प्रति एक सहज सम्मान का भाव भर दिया है मन में । निश्चय ही मिलना चाहेंगे उनसे । आभार ।
जवाब देंहटाएंजीशानजी के बारे में थोडी बहुत जानकारी तो ब्लोग्स से मिली थी... जिसमें आज थोडी वृद्धि हुई, गणितीय सांख्यिकी का मतलब हुआ वो तो अपने एरिया के आदमी हैं. लेकिन उनका ज्ञान विस्तार किसी सीमा में बंधा नहीं दीखता. आभार इस जानकारी के लिए.
जवाब देंहटाएंजीशान जी के बारे में जान कर प्रसन्नता हुई. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लगा जीशान जी से मिलना,मेरी शुभकामान्ये
जवाब देंहटाएंआपके माध्यम से जीशान जी को जानना अच्छा लगा, आभार.
जवाब देंहटाएंजीशान जी के बारे में कुछ और जानना अच्छा लगा। आपकी मंडली सचमुच अच्छा काम कर रही है।
जवाब देंहटाएंजीशान जी के ब्लॉग पर जब भी गया हूँ, कुछ अच्छा ही पाकर लौटा हूँ। लेकिन किंचित् मजबूरी वश नियमित नहीं जा पाता था। अब यथासम्भव नियमित होने की कोशिश करता हूँ।
जवाब देंहटाएंजीशान जी निश्चित ही अच्छा काम कर रहे हैं। विशिष्ट परिचय कराने का शुक्रिया।
बहुत कम लोग ऐसे होते है जिन्हें आत्मप्रचार की आवश्यकता नहीं.. जीशान जी के बारे में जानकार अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंजीशानजी के व्यक्तित्व से परिचय करने का आभार .....उनकी कहानियाँ बेहद ही रोचक होती हैं ......यहाँ उनके बारे मे और उनकी उपलब्धियों को जानकर ख़ुशी हुई ...हमारी तरफ से बेहद शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंआत्मप्रशंसा या लोक प्रशंसा से पूरी तरह अप्रभावित और कर्मयोगी- ये सारे शब्द बिलकुल सटीक हैं जीशान जी पर.
जवाब देंहटाएंसाइंस-फिक्शन में कभी रूची नहीं रही उतनी...एच.जी वेल्स की टाइम-मशीन को छोड़ कर शायद ही कभी कुछ पढ़ा हो मैंने।
जवाब देंहटाएंकिंतु जिशान जी से ये दुर्लभ मुलाकात अच्छी लगी।
जीशानजी से परिचय करने का आभार .....
जवाब देंहटाएंजीसन जी तो बेहतरीन व्यक्ति हैं।
जवाब देंहटाएंजीशान की सबसे बडी विशेषता उनकी विजुअलाइजेशन क्षमता है। इतनी विलक्षण सोच वाले मैंने कम ही लोग देखे हैं।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
जीशानजी के बारे में जानना आपकी नजर से अच्छा लगा ..इनका लिखा पढ़ा ही है ,जाना आपके माध्यम से शुक्रिया
जवाब देंहटाएंअब तक SBIA के ज़रिये जीशान जी के लेखों से उनका परिचय था.
जवाब देंहटाएंआज आप के द्वारा उनके बारे में जाना.
साइंस फिक्शन पढ़ा कम और देखा ज्यादा है.
आप ने जो लिंक दिया उस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
'तेरीदुनिया मेरे सपने'-और बाकि सारी कहानियां भी -डाउनलोड कर के पढूंगी.
आभार.
go ahead jeeshaan jee.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अरविन्द जी ज़र्रानवाज़ी के लिए.
जवाब देंहटाएंजीशान से पहचान कराने का शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंजीशान जी के बारे jankar अच्छा लगा ....unhein padhne भी jarur जायेंगे ....!!
जवाब देंहटाएंहम तो कुछ नहीं बोलेंगे,हम बोलेंगे तो बोलोगे कि बोलता है....!!
जवाब देंहटाएंभला बताया जीशान जी के बारे में! धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंजीशान जी के परिचय के लिए धन्यवाद. उनके ब्लॉग की प्रस्तुतियां पढ़ी हैं.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद! जीशान के बारे में बताने के लिए. वैसे मैं इन्हें कभी-कभी पढ्ता भी रहा हूं.
जवाब देंहटाएंGood sir
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