सदाबहार खुशदीप जी की इस पोस्ट ने मेरा ध्यान सहसा आकर्षित किया जिसमें जर्मनी के प्रसिद्ध रेडियो प्रसारण प्रतिष्ठान डॉयचे वेले (Deutsche Welle) द्वारा दिए जाने वाले हिन्दी ब्लागों के नामांकन में तस्लीम और सर्प संसार का उल्लेख था . गहरे संतोष हुआ कि मौलिक विचार और श्रम कभी भी व्यर्थ नहीं जाते .
यद्यपि मुझे चयन का मौका मिला होता तो इन दोनों ब्लागों के बजाय मैं और कहीं ढूंढता भटकता फिरता
और घर में छोरा नगर में ढिंढोरा की कहावत चरितार्थ करता . इसलिए ऐसे निष्पक्ष चयन पर एक तो पहले
विश्वास ही नहीं हुआ मगर आँखें मल मल कर देखा खबर सोलहो आने सच थी . तुरंत 'रजनीश' को बधाई दी।
खबर सुनकर वे आह्लादित हुए उनका मनोबल भी हाई हो गया .
तनिक देखिये दोयिचे वेली की जूरी ने इन दोनों ब्लागों के बारे में क्या राय जाहिर की है -तस्लीम के बारे में यह प्रतिष्ठित प्रसारण संस्थान लिखता है कि -
"TSALIM is a science blog/website run by several scientists trying to promote interest in science through their various blog projects." ( तस्लीम एक वैज्ञानिक ब्लॉग/वेबसाईट है जो अनेक वैज्ञानिकों द्वारा संचालित है और अपने कई ब्लॉग परियोजनाओं के जरिये लोगों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि को बढ़ावा दे रही है "
सर्प संसार के बारे में दोयिचे वेली की यह टिप्पणी है -
"A website full of information about snakes made for a country where superstitions about the reptiles abound. World of Snakes works to demystify snakes and do away with irrational beliefs by confronting them with hard, scientific facts. Facts like: no matter what impression Bollywood might try to make, humans cannot turn into snakes and snakes cannot turn into humans."
(एक वेबसाईट जो सापों के बारे में जानकारियों से परिपूर्ण है और ऐसे देश के लिए है जहाँ सरीसृपों के बारे में अंधविश्वासों की भरमार है। सर्प संसार सापों से जुड़े रहस्यों का अनावरण करता है और लोगों में व्याप्त अतार्किक विश्वासों को वैज्ञानिक तथ्यों के जरिये दूर करता है -ऐसे तथ्य जो भले ही बालीवुड पर कोई प्रभाव न छोड़ें - मनुष्य सांप में और सांप मनुष्य में भला कैसे तब्दील हो सकते हैं?
तस्लीम(टीम फॉर साईंटिफिक अवेयरनेस ओन लोकल इश्यूज इन इंडियन मासेज )और सर्पसंसार दोनों मेरे मानस पुत्र हैं-विचार और नामकरण सहित,हाँ अग्रेतर संचालन और प्रबंध जाकिर अली 'रजनीश' जी ने बखूबी संभाला है और वे एक जिम्मेदारी के रूप में जन विज्ञान संचार के इस मुहिम का निर्वाह कर रहे हैं .यद्यपि दोनों सामूहिक ब्लॉग हैं और मैंने रचनात्मक योगदान भी दोनों ब्लागों के लिए किया है मगर सक्रिय माडरेटर जाकिर जी ही हैं! तस्लीम से कुछ वैचारिक असहमति के चलते मैं अलग हो गया हूँ -तथापि दोनों ब्लॉग मेरे मानस पुत्र हैं -और पुत्र तो मनुष्य की आत्मा का ही प्रतिरूप होता है -आत्मा वै जायते पुत्रः !
यद्यपि मुझे चयन का मौका मिला होता तो इन दोनों ब्लागों के बजाय मैं और कहीं ढूंढता भटकता फिरता
और घर में छोरा नगर में ढिंढोरा की कहावत चरितार्थ करता . इसलिए ऐसे निष्पक्ष चयन पर एक तो पहले
विश्वास ही नहीं हुआ मगर आँखें मल मल कर देखा खबर सोलहो आने सच थी . तुरंत 'रजनीश' को बधाई दी।
खबर सुनकर वे आह्लादित हुए उनका मनोबल भी हाई हो गया .
तनिक देखिये दोयिचे वेली की जूरी ने इन दोनों ब्लागों के बारे में क्या राय जाहिर की है -तस्लीम के बारे में यह प्रतिष्ठित प्रसारण संस्थान लिखता है कि -
"TSALIM is a science blog/website run by several scientists trying to promote interest in science through their various blog projects." ( तस्लीम एक वैज्ञानिक ब्लॉग/वेबसाईट है जो अनेक वैज्ञानिकों द्वारा संचालित है और अपने कई ब्लॉग परियोजनाओं के जरिये लोगों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि को बढ़ावा दे रही है "
सर्प संसार के बारे में दोयिचे वेली की यह टिप्पणी है -
"A website full of information about snakes made for a country where superstitions about the reptiles abound. World of Snakes works to demystify snakes and do away with irrational beliefs by confronting them with hard, scientific facts. Facts like: no matter what impression Bollywood might try to make, humans cannot turn into snakes and snakes cannot turn into humans."
(एक वेबसाईट जो सापों के बारे में जानकारियों से परिपूर्ण है और ऐसे देश के लिए है जहाँ सरीसृपों के बारे में अंधविश्वासों की भरमार है। सर्प संसार सापों से जुड़े रहस्यों का अनावरण करता है और लोगों में व्याप्त अतार्किक विश्वासों को वैज्ञानिक तथ्यों के जरिये दूर करता है -ऐसे तथ्य जो भले ही बालीवुड पर कोई प्रभाव न छोड़ें - मनुष्य सांप में और सांप मनुष्य में भला कैसे तब्दील हो सकते हैं?
तस्लीम(टीम फॉर साईंटिफिक अवेयरनेस ओन लोकल इश्यूज इन इंडियन मासेज )और सर्पसंसार दोनों मेरे मानस पुत्र हैं-विचार और नामकरण सहित,हाँ अग्रेतर संचालन और प्रबंध जाकिर अली 'रजनीश' जी ने बखूबी संभाला है और वे एक जिम्मेदारी के रूप में जन विज्ञान संचार के इस मुहिम का निर्वाह कर रहे हैं .यद्यपि दोनों सामूहिक ब्लॉग हैं और मैंने रचनात्मक योगदान भी दोनों ब्लागों के लिए किया है मगर सक्रिय माडरेटर जाकिर जी ही हैं! तस्लीम से कुछ वैचारिक असहमति के चलते मैं अलग हो गया हूँ -तथापि दोनों ब्लॉग मेरे मानस पुत्र हैं -और पुत्र तो मनुष्य की आत्मा का ही प्रतिरूप होता है -आत्मा वै जायते पुत्रः !
अंग्रेजी में एक कहावत है न, लेबर नेवर गोज बिहाईंड -सो एक श्रम सार्थक होता दिखाई दे रहा है मगर बिना आपके सहयोग के यह मुकाम तक नहीं पहुंचेगा .यह अपील आपसे है और यह दस्तूर भी है कि मित्रों की मदद मौके दर मौके माँगी जाय .
मित्रों अपने मानस पुत्रों के लिए आपसे सहयोग मांग रहा हूँ -आप अपना वोट इन दोनों ब्लागों के लिए जरुर करिए . वोट कैसे करना है इस बारे में कोई असमंजस हो तो यहाँ जाकर समझ लीजिये -फिर देर काहें कि मित्रता निभाने का वक्त आ पहुंचा है और हम पहली बार आपसे कुछ मांग रहे हैं!
कर दिया वोट..
जवाब देंहटाएंबधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ .
सर बहुत -बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई. सर्प संसार के कुछ पोस्ट पढ़े. काफी अच्छा प्रयास है. वोट डाल दिया है.
जवाब देंहटाएंBadhai. Aapko nirash kaise kar sakate hain. Vote kar diya.
जवाब देंहटाएंRamram
बधाई!!! निराश मत हो,हम आपके साथ में है
हटाएंRECENT POST: जुल्म
क्या एक श्रेणी में कई ब्लॉग्स को वोट किया जा सकता है , इसलिए पूछे है की हम तो कल ही एक ब्लौग को वोट कर चुके !!
जवाब देंहटाएंदूसरी श्रेणी में ही कर सकती हैं -सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में तो एक को ही वोट एक बार वोट कर सकते हैं -!
हटाएंसच! श्रम सार्थक होता है तो अपार ख़ुशी होती है जिसमें हम सब सम्मिलित हैं . शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंमित्रगण ,मात्र टिप्पणी ही नहीं वोट भी जाकर करें!
जवाब देंहटाएंवोट कर आये हैं :)
हटाएंसच! श्रम सार्थक होता है तो अपार ख़ुशी होती है जिसमें हम सब सम्मिलित हैं . शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और सांझा करने के लिए वोटिंग का तरीका समझाने के लिए शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंपहली बार वोट किये हैं .तरीका ही अभी तक नहीं मालूम था .दोनों वर्गों के लिए वोट किये हैं हिंदी का सर्वश्रेष्ठ /सबसे रचनात्मक ब्लॉग .बढ़िया तस्लीम -सर्पसंसार .
जवाब देंहटाएंमैंने तो कल ही वोटिंग कर आये इन ब्लोगों के लिए.
जवाब देंहटाएं"TSALIM is a science blog/website run by several scientists trying to promote interest in science through their various blog projects." ( तस्लीम एक वैज्ञानिक ब्लॉग/वेबसाईट है जो अनेक वैज्ञानिकों द्वारा संचालित है और अपने कई ब्लॉग परियोजनाओं के जरिये लोगों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि को बढ़ावा दे रही है "
जवाब देंहटाएंसर्प संसार के बारे में दोयिचे वेली की यह टिप्पणी है -
but the link given there is of science blogger association
nomination is for science blogger association
TSALIM is a science blog/website run by several scientists trying to promote interest in science through their various blog projects.
Scientificworld.in
रचना जी , वाकई आपका प्रेक्षण बहुत सटीक है -ध्यानाकर्षण के लिए आभार!
हटाएंI have sent a email to organiser with cc to zakir pointing out the problem and making suitable correction in the link
जवाब देंहटाएंI really feel you should have done this before you made a post here . A wring link may mean disqualification at a latter stage and above all a wring link will mean that TASLIM may go out of race in the end
inspite of voting for it
And I am surprised that none your readers and zakir as well did not check on this and rather went head with various newpaper publication of being in nomination race which he has put on the blog
डिस्क्रिप्शन के अनुसार तो यह नामांकन सच में साईंस ब्लागेर्स असोसिएशन के लिए ही है! बस स्नैप शाट और नाम तस्लीम का है -यह मामला तो भ्रामक है -
हटाएंमानस पुत्र
जवाब देंहटाएंपुत्र तो मनुष्य की आत्मा का ही प्रतिरूप होता है -आत्मा वै जायते पुत्रः !
कलयुग हैं लोग अपने पुत्रो को भी सही नहीं पहचानते
हटाएंचलिए एक और पुत्र से आपने मिलवा दिया -यह पुण्य आपके खाते!
निश्चय ही आपकी वोट अपील रंग लाएगी।
जवाब देंहटाएंbahut khushi hui, bahut bada samman
जवाब देंहटाएंवोट कर आया! शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबधाई और सफलता की कामना भी...
हटाएं...आपकी मेहनत वाकई काबिले-तारीफ है !
जवाब देंहटाएं.
.मगर लखनऊ के अख़बारों में सामूहिक ब्लॉग के बजाय व्यक्तिगत ज़ाकिर का ब्लॉग बताया गया है.यह क्या लोचा है ???
नारी भी सामूहिक ब्लॉग है और तस्लीम और साईंस ब्लागर्स भी -यद्यपि जाकिर ने इसे एक एकल उपलब्धि के बतौर मीडिया में प्रचारित कर दिया किन्तु नामांकन व्यक्तिगत कटेगरी के लिए हुआ ही नहीं है -इस सबके बावजूद मेरी आपील तस्लीम के लिए ही है -मगर आयोजकों को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि वोट किसके लिए लिया जा रहा है -तस्लीम या साईंस ब्लागर्स के लिए -दोनो मेरे प्रिय है !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएं'हलाल मीट' जैसे ब्लॉग का नामाँकन तो किसी एक के सूचित करने पर हो जाय, किंतु उसका 11 मेँ चुनाव आयोजक और जूरी के इरादोँ पर प्रश्नचिन्ह है.
हटाएंअच्छे हिंदी ब्लॉग्स का उसके समान स्तर पर होना भी अच्छे ब्लॉग के लिए शर्म की बात है. पता नहीं लोग किसके समतुल्य खडे होकर कैसे गम्भीर संघर्ष कर रहे है? अस्तु मैं तो चाहता हूँ यह 'हलाल मीट' जो बेनामी है, भारत के 'हिन्दी में फॉलो करने लायक बेहतरीन व्यक्ति' की कैटेगरी में जीत जाय, और उसको देखकर पूरी दुनिया जाने कि हमारा ब्लॉगिंग स्तर क्या है.
अरविन्द जी,
हटाएंव्यंग्य स्वरूप की गई मेरी मुख्य टिप्पणी को हटा रहा हूं, भ्रांतिवश भी कोई यह न माने कि उस बेनामी "हलाल मीट" को वोट करने का निवेदन है। वस्तुतः गम्भीर और सार्थक ब्लॉग्स को ही वोट होना चाहिए!!
दौड़ में शामिल ब्लॉगों में से निश्चित ही हमारा वोट आपके मानस पुत्रों को ही जायेगा। आप अपील नहीं करते तो भी हमारी पसन्द सार्थक लेखन वाला ब्लॉग ही होता।
जवाब देंहटाएंहमने भी वोट दे दिया है डाक्टर साहब ......
जवाब देंहटाएंशुभ कामनाएं
साथ ही नव-संवत्सर आपको सपरिवार मंगल मय हो