गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

यह सत्तू का सीजन है -कभी तो आजमाईये!

इस ब्लॉग के पुराने पाठक भूले नहीं होंगे कि मैं कभी कभार बाजार के कुछ नए प्रोडक्ट की चर्चा करता रहा हूँ जो मेरी पसंद के होते हैं और उनकी चर्चा का यहाँ उद्येश्य होता है कि आप भी चाहें तो उन्हें आजमा सकते हैं . मतलब मेरी उन प्रोडक्ट के लिए सिफारिश तो रहती है लेकिन इसका अर्थ यह कदापि नहीं रहता कि मैं उन प्रोडक्ट को किसी व्यावसायिक निहितार्थ से प्रमोट कर रहा होता हूँ और न ही कम्पनियों/प्रतिष्ठानों द्वारा मुझे सम्बन्धित प्रोडक्ट का ब्रांड अम्बेसडर या प्रतिनिधि ही बनाया गया रहता है . इसी तरह एक प्रोडक्ट मुझे यहाँ राबर्ट्सगंज की बाज़ार में दिखा -जो नया तो नहीं है , है  बहुत पुराना, मगर प्रेजेंटेशन बढियां है -अशोक के सत्तू . आप जानते ही हैं अशोक मसालों का मशहूर ब्रांड है .


सत्तू का नाम ले लीजिये तो किसी भी असली पुरवयिये के मुंह में पानी आ जाता है। यह है ही इतनी शानदार खाद्य सामग्री जिसका बहुविध प्रयोग पुरवयिये करते हैं -यह घोल के पिया जाता है ,अर्ध गीला करके खाया जाता है ,इसकी फंकी लगाई जा सकती है . बाटी के भीतर भर कर पका कर खाया जाता है . और मजे की बात कि मीठा और नमकीन दोनों तरह का सत्तू लोगों को पसंद है . मुझे नमकीन सत्तू पसंद है तो घरवाली मीठे सत्तू की शौक़ीन है . सत्तू का एक पर्व भी है जिसे सतुआ संक्रांति या सतुआन कहा जाता है जिस दिन पूर्वांचल के लोग पूरे आध्यात्मिक भाव से सत्तू का भोग लगाते हैं -अभी कुछ दिन पहले ही यह पर्व यहाँ बीता है

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सत्तू का मुख्य घटक पिसा भुना चना और जौ का आटा है जो एक निश्चित अनुपात में मिलाया जाता है . यह एक बेहतरीन अत्यल्प कैलोरी का तुरंता भोजन है -बस पानी और नमक या चीनी /गुड मिलाया और उदरस्थ कर लिए . हर जगहं हर वक्त खाने में सहज है . मेरी एक मित्र हैं मध्य प्रदेश सिविल सर्विसेज में ऊंचे ओहदे पर हैं वे अपनी पर्स में सत्तू रखती हैं और मीटिंग के दौरान भी इसे इस्तेमाल में ले लेती हैं . वे बड़ी फैन हैं इस नायाब खाद्य सामग्री की। इसके बढ़ते  डिमांड को देखते हुए व्यावसायिक प्रतिष्ठान इसका वैल्यू एडीशन कर बाज़ार में आकर्षक पैक में उतार रहे हैं और सेवन की विधि भी लिखी  हुई  है . आज मैंने अशोक के इस  सत्तू ब्रांड का सेवन किया -अच्छा है . आप भी ट्राई कर सकते हैं . बस चार चम्मच एक गिलास में लीजिये ,भुना जीरा,पुदीना पावडर,नमक /चीनी मिलाईये और गटक लीजिये -इस गर्मी में इससे सुस्वादु पेय शायद ही कोई दूसरा हो! कुछ और बेहतर स्वाद आप अपने तरीके से भी कर सकते हैं .अशोक मसाले वालों का यह पेज भी देख सकते हैं .
यह सत्तू का सीजन है -कभी तो आजमाईये!

36 टिप्‍पणियां:

  1. हम आज इसी सत्तू से बनने वाली लिट्ठी खाने जा रहे हैं :)

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  2. हमारे दद्दू को सत्तू बहुत पसंद था। हमें गर्मी में पना ज्यादा भाता है… और ठंडाई ... :)

    लिखते रहिये।

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  3. बचपन में जब गांव जाना होता था, तब हम भी खाया करते थे। उन दिनों गांव में गन्‍ने की फसल होती थी और उसकी राब से सत्‍तू खाने में मजा आ जाता था।

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  4. हमने तो कभी देखा तक नहीं। :)
    सुनते हैं सत्तू का आटा बहुत जल्दी खराब हो जाता है।

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  5. बर्फ के साथ घोल कर चीनी डाल कर पिया है एक दो बार , और परांठे भी चखे हैं. सेहत के लिए तो ठीक, बाकी कुछ ख़ास नहीं जमा था :).

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    1. एक बार और मौका दीजिये किसी बलियाटिक के साथ -अभिषेक ओझा सुन रहे हैं?

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    2. शिखा ! इसबार तुम्हारे तुमको सत्तू के इतने व्यंजन खिलाएंगे कि तुम सत्तू को नापसंद करना भूल जाओगी :)
      अरविन्द जी ! हम बलिया के तो नहीं है पर सत्तू की महिमा से परिचित हैं :)

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  6. मीठा सत्तू ट्राई किया है और खासा पसंद भी आया था। अपना देशी उत्पाद ही है, शायद इसलिये ही आपकी यह रिकमंडेशन तो जरूर मानेंगे।

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  7. आपने सिफारिश की है तो आजमाते हैं. क्या अशोक के इस सत्तू ब्रांड, नहीं भाई गलती हो गई, अशोक ब्रांड के सत्तु में क्या भुना जीरा,पुदीना पावडर,नमक आदि पहले से मिलें हुए नहीं होते?

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    1. सत्तु में क्या भुना जीरा,पुदीना पावडर,नमक आदि आपको मिलाने हैं सुब्रमन्यन जी !

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  8. बलिया के सत्तू के बारे में सुना था अशोक के सत्तू को भी आजमाते हैं।

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  9. देखें कब यह यहाँ मार्केट में आता है.बहुत सालों पहले मीठा सत्तू खाया था.स्वाद अच्छा लगा था.

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  10. सत्तू से परिचित तो हैं, थोड़ा और जान गए सत्तू को ....

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  11. हम तो इसबार भारत से आते हुए साथ ही ले आये थे।

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  12. बढ़िया जानकारी , सत्तू की थी या मध्य प्रदेश सीविल सर्विसेज की :)

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    1. ये देशी विदेशी सतुआ क्या होता है मान्यवर? हर जगह कनफूजन उत्पन्न करना क्या जरुरी है?

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  14. bchpan ki yaaden judi hai iss satuaa se. allahabad me khoob peete the satua. ab bahu ranchi ki aa gai so........ab bhi ghr me yh khoob chlta hai mere. haan sbse bda fayda weight nhi bdhta isse. weight loss krne ke shaukin ise niymit le...... bhookhe bhi nhi rhna pdega aur weight shrir ko bina nuksan pahunchaye ght'ta bhi hai. hoyeeeeeeee :)

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  15. हमारी जीभ तो चावल के सत्तू के स्वाद को नहीं भूल पाती ..बचपन से वही खाया है

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    1. चावल का सत्तू सोनल जी ? कभी सुना नहीं!

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    2. चावल का भी सत्तू होता है अरविन्द जी और स्वादिष्ट भी होता है।

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  16. ४-५ बरस हो चुके हैं सत्तू खाये हुए. पोस्ट पढ़कर लगता है दुकानदार को इसके जुगाड़ के लिए कहना होगा:)

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  17. सत्तू....??? हमारा भी हाल डा. दराल जैसा ही है. बाजार में तलाश करवाते हैं कि हमारे यहां मिलता भी है कि नही? बुलवाकर आजमाते हैं.

    रामराम.

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  18. आपके श्रीमुख से सत्तू पुरान बहुत लाभदायक रहा पंडित जी!! लेकिन बाज़ार में डुप्लिकेट की भरमार है.. देखिये न, आपने अशोक मसाले वालों के अशोक सत्तू की जगह अशोका सत्तू की तस्वीर लगा दी.. वैसे स्वाद अच्छा हो तो नाम में क्या रखा है!

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  19. आपने लिखा....हमने पढ़ा
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए कल 28/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    धन्यवाद!

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  20. गर्मी के दिनों में सत्तू बहुत ही लाभकारी है.

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  21. सत्तू बचपन मिएँ तो कई बार खाया है मज़ा भी लिया है ... पर बहुत समय हो गया खाए हुए अब ... ओर दुबई मिएँ तो शायद अभी तक देखा नहीं किसी दुकान पे ...
    अब अओने याद ताज़ा करा दी है तो खोजना पड़ेगा ...

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  22. हाँ! पेट ठंडा रहे तो मन भी ठंडा रहता है इस उमस भरी गर्मियों में..

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  23. सत्तू का तो मैं भी फैन हूँ। बस ये पता नहीं की ये अशोक मसाले अपनी दिल्ली में कहीं मिलते भी हैं या नहीं ?

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    1. दिल्ली में तो कोई ’सत्येंद्र का सत्तू’ चलता है। वैसे मैंने भी पता करवाया है, एक दो दिन में अशोक ब्रांड का भी पता चल जायेगा।

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