सोमवार, 5 दिसंबर 2011

मटर की घुघुरी कैसे बनी?

इधर  दो चार दिनों से तबीयत नासाज हो जाने से घर पर ही हूँ और मन की करने की आजादी मिली हुयी है ....ब्लॉग से दीगर कुछ पठन पाठन चल रहा है और खाने पीने के आईटमों को भी खुद ट्राई किया जा रहा है ..इन दिनों यहाँ मटर की बहार है मटर की ताज़ी ताज़ी फलियाँ ठेलों और सब्जी की दुकानों में सजी हैं ....इधर मटर की खेत से तुड़ी ताजी फलियाँ छिम्मी कहलाती हैं ....मुझे मटर की घुघुरी (घुघुनी ) बहुत पसंद है -आज खुद बनायी और खाई -अपनी लिखी कविता और अपना बनाया व्यंजन आखिर किसे अच्छा नहीं लगता -सो आज की घुघुरी उदरस्थ तो हुयी ही उसकी एक फोटो फेसबुक पर भी जा पहुँची जहाँ लोगों के मुंह में पानी आता जा रहा है ..लोगों ने पूछा कि कैसे बनेगी तो मैंने वादा भी किया कि आज की पोस्ट का यही विषय रहेगा ...अपने विवेक रस्तोगी जी भी सुबह से ही इस पूर्वांचली नाश्ता विधि का इंतज़ार कर रहे हैं ..उन्हें और तरसाना ठीक नहीं है ...

मैं कोई प्रोफेशनल पाक शास्त्री तो हूँ नहीं ..अपने तरीके से बनाता हूँ और वैसे ही आपको बता भी देता हूँ -आप घर में किसी को  परेशान हैरान न करे, खुद हाथ आजमायें ....एक किलो हरी मटर की फली की इकाई रखते हैं ...कम बेसी मात्रा होने पर उसी हिसाब/अनुपात  से आप अन्य सामग्री घटा बढ़ा सकते हैं -वैसे कोई बड़ी फेहरिस्त नहीं है -एक किलो फली को छील कर दाने अलग कर लें ,एक पाव नया आलू भी लेकर छील कर उसे काट ले ...यहाँ लगे  चित्र की साईज के हिसाब से या थोडा और पतला ....कडाही में बस दो चम्मच सरसों का तेल डालकर गरमाएं और उसमें कटे हुए हरे लहसुन और हरे मिर्च का तड़का देकर मटर के दाने और कटे आलू को डाल कर बस हलके आंच में पकाएं -एक दो बार चलायें ताकि नीचे न लगने पाए ...मुश्किल से दस मिनट में तैयार ...पानी नहीं डालना है ....यह खुद में  जज्ब पानी में पकता है ...   स्वाद के मुताबिक़ नमक डालना मत भूल जाईयेगा ...हरी धनिया की कटी पत्तियों से सजावट भी कर सकते हैं ....लीजिये तैयार है गरमागरम घुघुरी ...घरवाली और बच्चों के साथ मिल बाँट कर  खाईये और आनंद उठाईये .....धर्मपत्नी को भी अपनी पाक विद्या में पारंगत होने पर इम्प्रेस कीजिये..वैसे मेरे पास एक पक्की खबर है कि  कैसे एक पूर्वी भैये ने एक खूबसूरत दिल्ली की माडर्न पंजाबन को यही घुघुरी  खिला खिला कर पटा लिया था और आज पंजाबन उसी पूर्वी भैये के बच्चों की मां है .....मगर बच्चे इस घुघुरी को तरस गए हैं ..अमरीका में बसे हैं जो बिचारे ... 
घुघरी जो मैंने बनायी 

मुझे भी जरुर बताईयेगा कि आपकी घुघुरी कैसी बनी? बल्कि टिप्पणी तब तक के लिए मुल्तवी कर सकते हैं ....आज ही शाम की खरीददारी में लाईये न हरी मटर ......

54 टिप्‍पणियां:

  1. घुघुरी शब्द पहली बार सुना है।

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  2. रसोई में आपके हाथ मँझे हुये लगते हैं।

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  3. आज शाम को ही घुघुरी बनवाते है मटर की ! क्या है न कि श्रीमतीजी अपने रहते हमें अपने केबिन में घुसने नहीं देती हैं.उन्हें हमारी सफाई पर भरोसा नहीं है :-)
    हमें अभी तक जुंडी की घुघुरी सबसे ज्यादा पसंद आई है लेकिन वह भी अब नहीं मिलती. गेहूं और चने की भी खूब खाई है.मटर की कभी खाने को मिली नहीं.हमारे बैसवारे में इसका चलन नहीं है.

    गुरु और चेला दोनों नासाज़ हैं.आप तो घुघुरी खाकर ठीक हो गए ,का पता हमहू ठीक हो जाएँ :-)

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  4. keval vidhi bataa kar kya hoga kabhi apanii paak kala ka namunaa bhi chakhaa dete tab ham isako fallow bhi karate
    yah bataaiye ki matar ki ghughani banane ke baad kadahi va plate kaise saaf huii ?
    akhir rasoi ghar me nishiidh pravesh ke paschat aapne bhabhi ji ki anupasthiti me aapne bistar se uthane ki manahi ke bavjood jo kritya manmana kiya jabki daktar va bhabhi ji dono ne chupchap letane ki salah di thi usake gunaah ko kis vim bar se dho kar chupaaya tha
    isakii foto bhi daale hote aur turra yah ki ise aapne apani bahaduri ka kissa bana dala jyada jyadatii karege to rasoii me talaa lagana padega bhabhi ji ko

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  5. घुघुरी से मैं भी चौंक गयी फिर घुघुनी पर नजर पड़ते ही मुँह में पानी तो आना ही था . अच्छी लगी रेसिपी .

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  6. वाह आप तो पक्के बावर्ची की तरह रसोई प्रयोगशाला में भी सफल रहे :) धन्यवाद इस रेस्पी के लिए

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  7. हरे लहसुन का फंडा समझ नहीं आया है वैसे लाता हूँ फ़ूड कोर्ट से यहाँ NOFRA,COLABA के फ़ूड कोर्ट में वैसे फलियाँ और हरे पत्ते ifraat से आतें हैं प्याल , हरा प्याज भी आता है देखता हूँ हरा लहसुन भी होगा ही .आलू भी लाता हूँ .यह हरकत main भी खूब करता हूँ दोपहर को टमाटर आलू बनाया था आलू माइक्रोवेव करके पोलीथिन में छ :मिनिट .और विशेष आकर्षण में लॉन्ग काली मिर्च करीपत्ता रखा . baaki masaale तो the ही dhaniyaa ,laal mirchi kuti और saabut dono kism kee और .heeng .,haldi .

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  8. आलू थोडा और ज्यादा भुने होते और तडका जीरे का लगता और पकने के बाद हरा लहसुन और हल्का सा चाट मसाला ,नीम्बू डाल कर परोसा जाए तो स्वाद थोडा फर्क हो जायेगा..यहं तो हमें ताजा हरी मटर के दर्शन दुर्लभ है इसलिए पैकेट की मटर से गुज़ारा किया करते हैं .हरा लहसुन तो ज़माना हो गए देखे..

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  9. इसे घुघरी कहते हैं ??
    हमें तो आलू मटर ही पता था.वैसे याद दिलाने का शुक्रिया. बहुत दिन हो गए बनाये आज ही बनाते हैं.

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  10. घर आकर देखा तो श्रीमती जी ब्रेड-पकोडे तल रही हैं ,आज का 'घुघुरी-कार्यक्रम' रोकना पड़ा !

    फिर कभी !

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  11. कमाल है! इस विधि से तो अच्छी-खासी 'घुघुरी' हो जायेगी!

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  12. अभी क्या लेने जायें मटर! मैच देख रहे हैं बिस्तर पर अधलेटे। तब तक तारीफ़ किये देते हैं। तबियत-उबियत चकाचक रखिये।

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  13. लगता है अपने इलाके में ही 'घुघुरी' बोलते हैं। ज्यादातर 'घुँघनी' ही सुनने को मिलता है।

    ब्लॉगरों की पत्नियाँ इस पोस्ट को पढ़ें तो ये कह सकती हैं...एक ये भी तो ब्लॉगर हैं! और एक आप हैं। कभी सोचा भी कि कुछ बनाकर खिलाऊँ और तब उस पर पोस्ट लिखूँ? इसे सुनकर दिल भी छिम्मी के दाने सा जल-भुन जायेगा। यही सोचकर लिखा...
    ..इस विधि से तो अच्छी-खासी घुघरी हो जायेगी!

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  14. हमारे इधर घुघनी कहते हैं जो मटर के अलावा चने को पानी में फुलाकर, उसकी भी बनाई जाती है.. कभी तले हुए चिउड़ा के साथ मिलाकर खाइए.. मज़ा आएगा!! मतलब हमें तो आता है!!

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  15. घुघुरी(घुघुनी) के इस व्यंजन को 'सलोनी' भी कहते हैं शायद ! आज की शाम तो हरीयर मेथी संग गुलज़ार होगी, हां कल सुबह का नाश्ता यही बनने जा रहा है :)

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  16. @संदीप पंवार जी ,शिखा वार्ष्णेय जी , अमृता तन्मय जी ,सलिल जी,देवेन्द्र जी ,सतीश पंचम जी ,
    घुघुरी को ही आलू मटर ,घुघुनी ,सलोनी आदि नामों से जानते हैं -जौनपुर में ज्यादातर इसे घुघुरी ही बोलते हैं -
    यह जाड़ों की एक प्यारी डिश है ....जब इसमें च्यूडा भी मिला दिया जाता है तो यही च्यूडा-मटर बन जाता है ..
    और बिना कुछ मिलाये यह मटर की घुघुनी ही है .....
    बनाने की विधियों में भी जगह जगह का फर्क है -कहीं कहीं जीरे का भी तड़का देते हैं

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  17. @व्यंगाधिराज अरुण प्रकाश जी,
    धन्यभाग आप दिखे तो ... बिना आपके कहाँ लुगाई और लुनाई की बातें हों!
    आईये किसी दिन बना के खिला देते हैं ब्रह्मण !

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  18. @अल्पना जी,
    आपकी डिश भी तराई करेगें और उसका नाम रखगें सलोनी अल्पना :)
    पढ़ कर ही मुंह में पानी आ रहा है !

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  19. @ अपनी लिखी कविता और अपना बनाया व्यंजन आखिर किसे अच्छा नहीं लगता :)

    इस वाक्य में और के बाद इन्सर्ट करें- अपनी देखी "..."

    "..." में जो भी चाहें अपनी सुविधा से भर लें :)

    @ घुघुरी ,
    हरी मटर को लेकर किचन तक जाने का समय किस कमबख्त के पास है :)

    फिर भी अगर किचन में जाना ही पड़े तो आलू पर मेहनत मत कीजिये ! मटर ऐसे ही तलें और थोड़ा सा नमक सह तेज काली मिर्च पावडर डाल कर उदरस्थ करें :)

    इससे आगे अगर आलू पे जोर लगाना ज़रुरी लगे तो फिर अल्पना जी के सुझाव पर ध्यान दें :)

    यदि किचन में रहना भला लगने लगे तो फिर बासमती चावल के साथ एकदम सादा मटर पुलाव बनाने की कोशिश करें :)

    खाने के बाद बच गये मटर घुघुरी को मिक्सी में पीस कर भरवां पराठा बनाये और लहसुन टमाटर की चटनी के साथ सुबह का नाश्ता तैयार करें :)

    विधियां और भी हैं मसलन हलवा बनायें ,सूप बनाये, वेज कबाब बनायें वगैरह वगैरह पर आप फिलहाल घुघुरी के मजे लीजिए :)

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  20. अपना तो किचन से दूर का रिश्ता है, फिर भी अच्छी ही बनी है।

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  21. @अली भाई आपने तो पूरा दस्तरखान जमा दिया मटर के व्यंजनों का -यह हुई न कोई बात!
    हमारी आपकी आदते कितनी मिलती जुलती हैं मैं भी कच्ची मटर खाने में कुख्यात हूँ बचपन से ही ....
    फलियाँ छीलने का काम मुझे नहीं मिलता क्योकि आधी तो उदरस्थ हो जाती हैं ..जबकि मैं फलियाँ सबसे तेज
    छीलता हूँ ...मटर की छिम्मी छीलने का अपुन का जौनपुरी रिकार्ड रहा है ...बाकी तो लगता है मटरगश्ती शब्द
    मटर के खेतों से रसोई तक की यात्रा पूरी करता है और यह हमारा पुराना शगल लगता है :)

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  22. ये तो यही वाली रेसिपी है :)
    http://uwaach.aojha.in/2010/05/1.html?m=1
    अमेरिका में भी खूब आराम से मिलता है ! हम तो बना लेते हैं.

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  23. हम भी कुछ बताना चाहते थे । फिर सोचा , आप सोचेंगे यह डॉक्टर करता क्या है । लेकिन आज आपने रास्ता खोल दिया । तो हमें भी आजमाने के लिए तैयार रहिये ।
    अभी तो यह बताएं कि घुघुरी और आलू मटर की सब्जी में क्या फर्क है ?

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  24. हमारे यहाँ गेंहूँ चने को उबाल कर बनाते हैं उसे घुघुरी कहते हैं..... यह नई घुघुरी जल्द से जल्द बनाकर देखते हैं....

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  25. यह खाया तो है, मगर इस बार सरसों का तेल प्रयोग कर देखते हैं ....
    शुभकामनायें आपको !

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  26. .


    आदरणीय अरविंद मिश्र जी

    नमस्ते !

    हमारे इधर तो गेहूं को उबाल कर , शुद्ध देशी घी और परोसते समय फिर से घी और बूरे ( न उपलब्ध हो तो चीनी ) से तैयार गर्मागर्म मीठे-स्वादिष्ट व्यंजन को 'घूघरी' कहते हैं …

    हमारे घरों में बहुओं के मां बनने के बाद जब कुछ दिन बाद उसका 'माथा धुलाते हैं' , तब 'परिंडे' ( पानी की कुंडी जहां मटकियां रखी जाती है वह स्थान ) में 'जळवा-पूजन' किया जाता है , तब वहां 'घूघरी' का प्रसाद ज़रूर चढ़ाया जाता है ।
    जिसे बच्चे शौक से खाते हैं …

    स्वयं मैं तो अपनी तीन तीन भाभियों , अपनी श्रीमतीजी और अब एक बार अपनी पुत्र-वधू के 'जळवा-पूजन' के अवसर सहित 14-15 बार विशिष्ट अवसरों सहित वैसे भी बीसों दफ़ा यह प्रसाद पा चुका हूं :)


    6-8 घंटे बाद ही आप वाली मटर की घुघुरी भी अवश्य बनवाएंगे … लेकिन , इसमें मिर्ची-हल्दी-धनिया पाउडर आवश्यक नहीं क्या ?

    रोचक पोस्ट के लिए साधुवाद !

    … हां , अब स्वास्थ्य कैसा है ?

    शुभकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  27. पोस्ट पढते पढते मुंह में पानी आ गया..
    घुघरी का ख्याल दिल को कुछ ज्यादा ही भा गया..
    ऑफिस से भाग के जल्दी से घर आ गए..
    पूरी दो प्लेट घुघरी बना के अकेले ही निपटा गए...

    "स्वादिष्ट" पोस्ट....

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  28. बहुत बढ़िया, अब हरी मटर का इंतजार है, अभी तक यहाँ हरी मटर आयी नहीं है।

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  29. @डॉ. दराल,
    यह सब्जी या उसका विकल्प भी नहीं है -यह नाश्ता है और इसमें हल्दी या कोई मसाला नहीं पड़ता....आलू मटर की सब्जी हल्दी और मसाले डाल कर बनती है !

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  30. @आदरणीय राजेन्द्र स्वर्णकार जी ,
    आप लोगों की टिप्पणियाँ देख देख कर रही सही बीमारी भाग खडी हुयी है!
    यहाँ की घुघुरी में हल्दी या दीगर मसाले डालने का रिवाज नहीं है -ऐसे ही खूब मजेदार बनती है -अवश्य ट्राई करें !

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  31. @देवांशु जी,
    असल अर्थों में तो आपने ही इस पोस्ट को चरितार्थ किया -क्या कहने ! कैसा टेस्ट लगा ?

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  32. @अभिषेक जी ,
    बिलकुल यही -'सी-थ्रीफाइव पोटाचियो घूघूरियानों'!

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  33. टेस्ट एक दम धाँसू...सर्दियों में जब भी घर जाता हूँ..माताश्री बनती हैं ये ..अदरख की चाय साथ में हो तो एक दम भौकाल...बना के फोटो लगाया है फेसबुक पे
    https://www.facebook.com/devanshu.nigam

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  34. ...जब अच्छा सस्ता मटर बाज़ार में आने लगता है तब मैं तो अक्सर उसे कच्चा ही, इच्छा भर खाने के लिए खूब सारा ले लेता हूं.... पकाने का इतना माद्दा नहीं है न :)

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  35. @देवांशु निगम,
    फेसबुक पर शेयर करने के लिए शुक्रिया -घुघुरी गोज ग्लोबल !

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  36. इसके ऊपर "धनिया" के हाथों थोड़ी सी हरी धनिया कतरी पडी हो तो और ही आनंद आ जाए ,मन को भी,स्वाद को भी और सुगंध को भी |

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  37. कुछ पंजाबन अपने टच में भी है। देखते हैं ट्राई करके!

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  38. मटर की घुघनी में आलू की मात्र मैं कम डालती हूँ ..बस नाम् मात्र की .. बाकी तो आप एक्सप-एक्सपर्ट हैं ही ... दिल्ली में मटर का वो स्वाद नहीं जो उत्तर प्रदेश में है .. यू पी की बहुत सी चीजों के लिए मैं तो तरस ही जाती हूँ ..:) सबसे ज्यादा जाड़ों में गुड के लिए .

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  39. इसे घुघुरी कहते हैं ? :)
    आलो मटर कहते हैं हम तो इसे | वैसे - तीन बड़े टमाटरों को किसनी पर किस कर, उनको थोड़े तेल ने भूंज कर (अंदाज़ से पानी और नमक मसाले मिला कर) थोड़ी ग्रेवी बनाएं, तो और टेस्टी बनेगी - पर तब शायद यह घुघुरी न कहलाएगी | :)

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  40. @दर्शन जी,
    किसी दिन सब्जी मंडी जाईये इन्ही दिनों और हरा लहसुन देख लीजिये -लहसुन का कम दिनों का पौधा !
    @शिल्पा मेहता जी ,
    हाँ तब तो सब्जी ही हो जायेगी .....

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  41. घुघुरी वाह । मराठी लोग इसी तरह केवल चने की बनाते हैं खास तौर पर बच्चे के नामकरण पर और उसे घुग-या कहते हैं ।मटर की भी बनती है पर उसमें थोडा रसा होता है और उसे उसळ कहते हैं उसमें गरम मसाला और अमचूर भी पडता है । वैसे पत्नी को उस दिन आराम हो गया होगा ।

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  42. तबियत नासाज़ है और पकवानें उडाई जा रहीं हैं। भई वाह! बडे मज़े है नासाज़ी के :)

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  43. बस इस घुघरी में पानी डालकर पकाइए हो गयी आलू-मटर की सब्जी...
    और कोई समझदार भूल से आलू-मटर की सब्जी में पानी डालना भूल जाए तो झेंप छिपाने को कह देता है 'घुघुरी बनायी है.' वाह जी वाह... हम सब जानते हैं.!! :) आप अपनी गलती तो मानने से रहे..

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  44. अरे मैंने भी वही कह दिया जो शिपा जी कह चुकी हैं... बहरहाल मेरी टिप्पणी तो मौलिक है... घुघुरी नहीं है.. मतलब कि मटर-टर्र नहीं है, नक़ल नहीं है.

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  45. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  46. सर बहुत लोगों की जीभ को आपने इस पोस्ट से ललचा दिया |

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  47. मैं बनाऊगी कुछ नही.आपने बनाई है बस काफी है मेरे लिए. आ जाऊं? पर......... नई बनारसी सिल्क की साड़ी जो खुद के पैसे से ना खरीदी हो मैंने उसे पहनकर( न न आप चाहे तो मेचिंग पेटीकोट,ब्लाऊज,चूड़ीयाँ,बिंदियाँ भी साथ गिफ्ट कर सकते हैं ) ही हमारे यहाँ बहन बेटियाँ घुघुरी खाती है.सच्ची.मैं झूssठ नही बोलती.यकीन न हो तो आप सब चीजे लाकर दो देखो फिर मैं घुघुरी खाती हूँ या नही??? संजीव कपूर खाना खजाना जी !
    और कोई है जो घुघुरी बनाने का प्लान कररहा है? सूचित करें.मैं आ रही हूँ हा हा हा
    घुघुरी क्या बने यहाँ तो कुकिंग क्लासेज शुरू हो गई.वाह!

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  48. @इंदु पुरी जी,
    पत्नी जी कह रही हैं इधर वो रिवाज नहीं है अब आप ही बताईये मैं किधर जाऊं ..इधर जाऊं या उधर आऊँ ? :)

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  49. बनारस के मटर पुलाव भी इन दिनों काफी चर्चित रहते हैं.
    धन्यवाद इस जानकारी का, जल्द ही आजमाऊंगा.

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  50. मुह में पानी आ गया आपकी
    पोस्ट पढ़कर......

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  51. वाह बहुत सुन्दर ... मुझे बहुत पसंद है ...

    श्रीमती जी ने अनुरोध पर डाला था ब्लॉग पर ...http://singhanita.wordpress.com/2013/01/11/%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%9F%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%98%E0%A5%81%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A5%80-2/

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