मंगलवार, 22 नवंबर 2011

सनी लियोन के बहाने बदलती भारतीय यौनिकता पर एक बहस(A)..

नोटिस:यह पोस्ट शुचितावादी नैतिकता  आग्रही बन्धु बांधवियों को आपत्तिजनक लग सकती है!अतः वे इसे अपनी जोखिम पर पढ़ें!  लिंक भी आपत्तिजनक हो सकते हैं!पारिवारिक परिवेश में कृपया उद्धृत लिंक को न खोलें! 


 बिग बॉस सीजन पांच की गिरती टी आर पी को संभालने के लिए आयोजकों /निर्माताओं को  कैलिफोर्निया की हार्ड कोर पोर्न स्टार  सनी लियोन को आमंत्रित करने का  फैसला करना पडा है जिसके अपने स्पष्ट निहितार्थ हैं. मजे की बात यह है  कि बिग बॉस के घर में बचे सदस्यों को सनी लियोन के बारे में  पता ही  नहीं है कि वे एक पोर्न स्टार हैं और एक तरह से निर्माताओं ने घर के सदस्यों से  छल किया है ....बिग बॉस में पहले पामेला एंडरसन आ चुकी हैं मगर उनका पोर्न स्टार जैसा  कोई खुला स्टेटस नहीं रहा है हालांकि उनके भी कई अश्लील अवैधानिक चित्र/वीडिओ  अंतर्जाल पर मौजूद हैं ...एक आम  संवेदनशील भारतीय दर्शक को पामेला की 'सुन्दरता ' वीभत्स लग सकती है जबकि लियोन  खूबसूरत हैं और सौन्दर्य के भारतीय प्रतिमानों के अनुकूल भी ..आपके दर्शन सुख के लिए उनका एक सात्विक चित्र नीचे लगा रहा हूँ .. उनकी  आफिसियल वेबसाईट पर भी कहीं कोई दुराव छुपाव नहीं है सब बातें पारदर्शी है बिंदास हैं, खुल्लमखुल्ला हैं ....वे दर्शकों को एक पूर्वावलोकन का आमंत्रण देकर कहती हैं कि अगर आपको और ज्यादा देखना हो तो फिर मेरी वेबसाईट पर पंजीकृत होईये मगर वहां प्रतिदिन के हिसाब से डालरों में भुगतान की व्यवस्था है ...जाहिर है यह सब  सौन्दर्य को, यौन क्रीडा प्रदर्शनों  को भी भरपूर भुना लेने की व्यावसायिक मानसिकता लिए है  ....यौनिकता के व्यवसाय का यह खुला खेल /दुष्चक्र /धंधा  पश्चिम के लिए कोई नया नहीं है मगर भारतीय संदर्भ में स्वच्छन्द यौनिकता का यह आह्वान गले नहीं उतरता ....बिग बॉस के निर्माता /निर्माताओं की यह जुगत उन पर भारी पड़ने वाली है ऐसा मुझे लगता है -दोष सनी लियोन का नहीं है क्योकि वहां तो कोई दुराव छुपाव है ही नहीं, सब कुछ शीशे सा साफ़ है ...मगर बिग बॉस के लोगों की नीयत में स्पष्ट खोट है जिनका साध्य और साधन सब कुछ गन्दी मानसिकता लिए लग रहा है ....

बिग बॉस के घर में घुसते ही वहां पहले से ही मौजूद सदस्य पूजा बेदी ने सहज ही लियोन से पूछ लिया कि उनका प्रोफेसन क्या है तो असमंजस से  लियोन  ने कहा माडलिंग /टी वी शोज ... यहाँ घर के सदस्यों को   यह पता नहीं कि उनका साहचर्य अब किसके साथ है ....यह तो सरासर छल है, आपत्तिजनक है ..गैर कानूनी भले न हो मानवीय संचेतना के विरुद्ध है और इसलिए अनैतिक है ....उन्हें कैसा लगेगा जब यह पता लगेगा कि वे अपने सरीखे  कोई   नए मेहमान नहीं बल्कि एक हार्ड कोर पोर्न  स्टार के साथ समय बिताये हैं? तब क्या  वे खुद को छला हुआ महसूस नहीं करेगें? या फिर वे भी कुछ वैसी ही शख्सियतें रखते हैं?

हाँ दर्शकों को अब लियोन के बारे में सब कुछ पता है -थैंक्स टू मीडिया और अंतर्जाल! उनके भारत आगमन पर मीडिया और नेटवर्क साईटों में सुगबुगाहट शुरू हो गयी ...सवालों के बौछारों में लियोन वैश्या  और पोर्न स्टार के फर्क को समझाती रहीं -झल्ला कर कहा मैं वैश्या नहीं हूँ!पैसे लेकर उन्मुक्त कामक्रीड़ा की संलग्नता के बावजूद वे वैश्या नहीं हैं यह बात भारतीय आडियेंस को कैसे गले उतर सकती है ....मैंने इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए विकीपीडिया के इस पृष्ठ का अध्ययन किया जो पोर्न स्टार की परिभाषा और वैधानिक सावालों का पर्याप्त उत्तर देता है ....पश्चिम में भी खुले व्यभिचार /अश्लीलता को रोकने के कड़े कानून हैं ....और पोर्न स्टार और वैश्या के अन्तर्सम्बन्धों  को बखूबी परिभाषित किया गया है! वहां भी व्यावसायिक अश्लीलता को वैश्यावृत्ति के बराबर ही मानने के  वैधानिक दृष्टांत  हैं ...अगर यौन आमंत्रण तथा यौन क्रिया के लिए भुगतान की शर्त है तो यह वैश्यावृत्ति है और अगर यह सृजनात्मक कार्यों -फिल्म आदि में नग्न देह प्रदर्शन या  यौनक्रिया का  अभिनय प्रदर्शन है तो यह वैश्यावृत्ति नहीं है -ऐसा एक  विभेद कैलीफोर्निया  राज्य के विधायी प्रावधानों के अंतर्गत है ...मगर इन बारीक भेदों का फायदा उठा वहां अश्लीलता का व्यवसाय खूब फल फूल रहा है ....स्पष्ट है लियोन कह भले कुछ लें वे देह व्यापार में ही लिप्त हैं ...मगर न जाने क्यों वे इस बात को भारतीय मीडिया के सामने छुपा रही हैं जबकि अंतर्जाल पर सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा है ...

मुझे भी  ऐसा खुला दैहिक प्रदर्शन ,वासना का खेल पसंद नहीं है ...यह एक व्यसन है एक व्यभिचार है .. ....यह खुलापन  भारतीय मन स्वीकार नहीं कर सकता ...लियोन जहाँ हैं वहीं ठीक हैं -इस तरह उन्हें भारतीय टी वी शो में लाकर दर्शकों में  परोसना एक कुत्सित मानसिकता है ..और निश्चय ही बिग बॉस का यह सीजन बुरी तरह फ्लाप होने वाला है ...क्योकि टी वी एक पारिवारिक परिवेश का अंग है और यहाँ ऐसे शो स्वीकार्य नहीं हो सकते ...जहां उन्मुक्त यौन सबंध की पक्षधर, उसकी एक ब्रैंड अम्बेसडर सामने हो और रियल्टी शो में जम कर भागीदारी कर रही हो ....मगर हाँ भारतीय संदर्भ में लियोन के पदार्पण ने यहाँ की संभ्रमित नारी नारीवादियों का जरुर पुरजोर आह्वान कर दिया है  जिसमें वे नारी उन्मुक्तता आधुनिकता और जीवन जीने, रहन सहन के अधिकार से जुड़े कई प्रश्नों का उत्तर ढूंढ सकती हैं और आश्वस्त हो सकती हैं ....

41 टिप्‍पणियां:

  1. टीआरपी बढ़ाने के लिये नैतिकता में गोता लगाने की क्या आवश्यकता है भला?

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  2. आखिर कब तक अश्लीलता से दर्शक जोडेंगे??कभी तो दर्शकों को अक्ल आएगी.

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  3. दर्शकों को भी तब तक मजा नहीं आयेगा जब तक कि वह खुद ही अपना खुलासा प्रतियोगियों के बीच कर दे। खैर अपन तो आजकल बुद्धुबक्से से काफ़ी दूर हैं।

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  4. अरविन्द जी , इंटरनेट के युग में अब कुछ शेष नहीं बचा है छुपाने को ।
    सैंकड़ों लियोन मात्र एक बटन दूर हैं ।
    लेकिन भारतीय टी वी पर ऐसे खुल्लम खुल्ला इन्हें आमंत्रित करना कहीं न कहें किसी भी गैरतमंद व्यक्ति के लिए उसकी संवेदनाओं पर गहरी चोट है ।
    हम तो बिग बॉस जैसा वहशियाना शो देखते ही नहीं जहाँ जाते ही इन्सान शैतान की तरह व्यवहार करने लगता है ।

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  5. बहुत ही सामयिक और वर्जित विषय को छुआ है,जिसके मात्र पढ़ने से ही हम जैसे भारतीयों के शरीर में स्पंदन होने लगता है ! इसी कमजोरी को ताडकर बिग-बॉस वालों ने इस तरह की योजना बनायीं है.उन्होंने विषय -वस्तु के बजाय विषय की वस्तु को ही सरे-आम हमारे सामने पेश कर दिया है.

    अव्वल तो अपुन की रूचि ऐसे बेहूदा और अश्लील कार्यक्रम देखने में नहीं है,फिर भी ,अगर इस तरह टीवी के माध्यम से एक व्यापक फलक पर इसे परोसा जा रहा है तो हम और हमारे बच्चे इससे कब तक वंचित रह सकेंगे !

    टीवी के कार्यक्रम निर्माताओं ने कोई समाज के भले के लिए ऐसी चीज़ें बनाने का ठेका नहीं लिया है,उनका उद्देश्य महज़ व्यावसायिकता है ! दुःख तो इस बात का है कि 'स्लट-वाक' के समर्थक इस तरह की घटनाओं पर भी नारी-स्वतंत्रता या अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर चिल्ल-पों मचाएंगी !

    और हाँ,
    इस फोटो में आपको भले ही सात्विकता के दर्शन हो रहे हों,मुझे तो यह भी 'टेबलायड-सामग्री' लगती है !

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  6. भारतवर्ष के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने में कितना बढ़ा छेद इस इलेक्ट्रॉनिक मास-मीडिया के कारण हो चुका है यह प्रकरण उसी की बानगी है। हमारा समाज अब इसे शनैः शनै: स्वीकारता जा रहा है।

    पोर्नोग्राफी ऐसी चीज है जो केवल लोकलाज के भरोसे पर वर्जित कही जाती है, वरना ‘सुरक्षित अवसर’ मिले तो कौन नहीं इसका रसास्वादन करना चाहे। इंटरनेट ने वह अवसर सुलभ करा दिया है जिससे बिना किसी दूसरे के जाने इसमें गोता लगाया जा सकता है।

    आजकल अभिभावकों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है कि वे अपने मासूम बच्चों को इससे कैसे दूर रखें। डॉ.दराल के शब्दों में सैकड़ों लियोन मात्र एक बटन दूर हैं; और खतरा यह है कि यह बटन किसी से दूर नहीं है।

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  7. एक बेहद ज़रूरी पोस्ट ..... ऐसे विषयों पर बात ज़रूरी है .... आभार

    सबसे बड़ी बात की टीआरपी के खेल में इनकी कोई सीमायें ही नहीं बची हैं..... दर्शकों को ऐसे कार्यक्रमों का बहिष्कार करना चाहिए ..... ताकि इनकी टीआरपी बढे नहीं बिलकुल ख़त्म हो जाये ...परिणामस्वरूप आगे से कोई चेनल या निर्माता विचार करे ऐसे बेहूदा ढंग से टीआरपी पाने की जुगत लगाने से पहले .....

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  8. यह सीरीयल मुझे शुरू से ही अच्छा नहीं लगा। अंदेशा था कि फ्लाप होगा मगर ये हथकंडे अपनाये जायेंगे..! सोचा न था।

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  9. मैं तो यह सीरियल देखता ही नहीं।

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  10. यत्र टीआरपी पूज्यन्ते.....रमन्ते तत्र लियॉन्हः

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  11. लिंक भी असली ! अच्छा हुआ आपने पहले ही डिस्क्लेमर ठोक दिया नहीं तो कोई कहीं भी खोल दे तो गड़बड़ हो जायेगी !

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  12. @ऐसा एक विभेद कैलीफोर्निया राज्य के विधायी प्रावधानों के अंतर्गत है ...मगर इन बारीक भेदों का फायदा उठा ...

    कमी तो इच्छाशक्ति की ही है, वर्ना इस बारीक भेद का दुरुपयोग इतना आसान नहीं है। कई बार लगता है कि ऐसे बारीक भेद जानबूझकर छोड़े जाते हैं।

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  13. सर बहुत ही दमदार विवेचन किया है आपने |टी० वी० वाले /सीरियल वाले अब कुछ भी कर सकते हैं |किसी हद तक गिर सकते हैं |

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  14. आलेख सार्थक विमर्श की पहल करती है . स्याह का भी सच है सब जानते हैं पर सब पर थोपने से पहले सामाजिक रेखाओं को भी टी. आर . पी . वालों को देखना चाहिए. आखिर हम सुदृढ़ परिवार में हैं जहाँ इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है.

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  15. पैसा कमाने की चाह कुछ भी कराएगी ....
    शुभकामनायें आपको !

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  16. Arvind ji..

    Aaj pahli baar aapke blog ka padaparn kiya hai..aur sarvpratham hi mujhe aisa rahasyodghatan hua..haalanki main ye show nahi dekhtaa par channel badaltr hue kabhi kabhi eske ru-b-ru ho chuka hun..mujhe to ye bewakoofi ka show lagta hai..jaane kahan kahan se logon ko ekatha karke bhanmati ka kunba jod liya hai aur duniya ko utpatang dikha kar nirmata sochte hain ki wo logon ko kheench payenge.

    Ab jab aap rahasyon ko es prakaar ujaagar karne main mahir hain to lagta hai aapke science blog bhi padhne hi padenge..kyonki vigyan to rahasyon ka mahasagar hai..

    Dhanyawad humari jaankari badhane ke liye..

    Deepak Shukla..

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  17. हम तो ये देखते ही नही फिर भी शिखा जी से सहमत ………आखिर कब तक अश्लीलता से दर्शक जोडेंगे??कभी तो दर्शकों को अक्ल आएगी.

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  18. बढ़िया पोस्ट.

    शायद बिगबॉस वालों ने बैलेंस बनाने की कोशिश की है. पिछले हफ़्तों में स्वामी जी थे वहां. ऐसे में चीज़ों को नॉर्मल बनाने के लिए शायद सनी लियोन को ले आये.

    वैसे करीब बीस दिन पहले याहू पर एक वीडियो का लिंक था जिसमें दिखाया गया था एक पुरुष प्रतियोगी एक महिला प्रतियोगी के बारे में ऐसी बातें करता रहा जिनको अगर सत्य माना जाय तो फिर सनी लियोन उस महिला प्रतियोगी के आगे कुछ भी नहीं.

    सबकुछ सब्जेक्टिव है शायद.

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  19. राम राम राम --राधे राधे राधे ---कृष्ण कृष्ण कृष्ण !
    पंडित जी , लिंक्स तो आज ही देखे ।
    काहे धर्म भ्रष्ट कराते हैं भाई जी । :)

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  20. मैं ये बेहूदा सीरियल कभी भी नहीं देखता

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  21. हम ने आपका आदेश नहीं माना ..... और हो गई न गडबड :)

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  22. @चंद्रमौलेश्वर प्रसाद,
    क्या हो गया सर, क्या हो गया? सारी सर वेरी वेरी सारी सर !मगर कहीं भी कोई दोष आपका नहीं सर -अब पुरुरवा और विश्वामित्र का कोई दोष थोड़े ही न था :)

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  23. धन्यवाद बड़े बॉस जी को, उनके कारण हमें भी ऐसी महान भारतीय महिला के बारे में पता चला।

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  24. दर्शकों को जागरूक होने की ज़रूरत है , विचारणीय पोस्ट

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  25. आम दर्शक के पसंद का भरोसा है उन्‍हें.

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  26. आररणीय अरविन्द जी
    बहुत ही सार्थक बहस छेडी है आपने परन्तु श्री चन्द्रमौलेश्वर प्रसाद जी की के टिप्पणी के जबाब में आपकी टिप्पणी को ही उद्धृत करना चाहूंगा

    अब पुरुरवा और विश्वामित्र का कोई दोष थोड़े ही न था
    मनुष्य पृकृति की मूलभूत सिद्वांतों के आगे विवश होता है

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  27. @ अरविन्द जी ,
    यौन नैतिकता एक महती विषय है पर इसपे चर्चा बिग बॉस की वजह से करना पड़े यह डूब मरने की बात है ! वह एक विशुद्ध व्यावसायिक आयोजन है और अन्ततः वेश्यावृत्ति भी एक व्यवसाय ही है तो फिर व्यवसायों के नंगपन में नैतिकता को खोजना कितना उचित है ?

    निज हित में कानूनी बारीकियों का लाभ अमेरिकन्स भी उठाते हैं और हम भी , दुनिया के सारे समाजों में यही होता है कि नियंत्रण की व्यवस्था को चुनौती दिए बगैर स्वयं का स्वार्थ कैसे सिद्ध किया जाये !

    अगर आपको बिग बॉस देखने में कोई आपत्ति नहीं है तो लियोन की मौजूदगी से क्या फ़र्क पड़ता है ,उसे पालकी में बिठा कर लाते वक़्त पौरुष के आल्हाद / उमंग का जो ड्रामा रचा गया क्या सच में वो ड्रामा ही है या फिर हममें से ज्यादातर मर्द 'काम' को लेकर इतने ही उल्लसित होते हैं ? निश्चय ही यह स्व विवेचना का विषय है !

    पता नहीं कि लियोन शौक से इस व्यवसाय में है या उसकी कोई मजबूरी है ,पर यह बात अचंभित करती है कि वह अपने व्यवसाय को अभिनय और कला की श्रेणी में डालती है ! भारतीय दर्शकों के सम्मुख खुद के परिचय को वो कितने ग्रेसफुल तरीके से प्रस्तुत करती है ! बिग बॉस में उसकी हिस्सेदारी उसका वाणिज्यिक कर्म है सो वह मेरी हिट लिस्ट में नहीं है ! बिग बॉस मूलतः पश्चिम की भोंडी नक़ल है पर वे दर्शक कौन हैं जिन पर बिग बॉस इतना भरोसा कर सकता है कि लियोन को लाने से उसकी टीआरपी बढ़ने वाली है आर्थिक हित सधने वाले हैं निश्चय ही ये दर्शक जिन्हें बिग बॉस पहचानता है मेरी हिट लिस्ट में हैं क्योंकि वे यौन नैतिकता बनाम भारतीय मर्द की बहस में पाखंड के प्रतीक हैं उन्हें अपनी स्त्रियों और देहव्यापार में लिप्त स्त्रियों को समय समय पर अपनी रूचि के अनुसार वापरने में जो आनंद आता है वे ही भारतीय पुरुष प्रश्नाधीन माने जायें !

    बिग बॉस में लियोन की आमद मुझे भारतीय शादियों / उत्सवों / आयोजनों में बुलाई गई तवाइफों से भिन्न नहीं लगती ! दोनों ही जगहों पर हम देहव्यापार में लिप्त स्त्रियों के एक विशिष्ट चयन से आनंदित होने का यत्न करते हैं !

    अब प्रश्न यह है कि शादियों में तवाइफों और बिग बॉस में लियोन की उपस्थति में उनके अर्थोपार्जन और मर्दों के आनंद का साम्य है कि नहीं ! निसंदेह शादियों में भी देहव्यापार लीन स्त्रियों को प्रस्तुत करने वाले कुछ दल्ले भी होते होंगे जिनके आर्थिक हित उन्हें दोनों पक्षों में समन्वय कराने /यथावांछित परोसने की प्रेरणा देते होंगे ! कल्पना कीजिये कि दर्शक एक बारात ,लियोन एक नर्तकी और बिग बाज़ार एक शातिर दल्ला है जिसने अपने ग्राहकों की अभिरुचि और लियोन की व्यावसायिकता अथवा मजबूरी को बखूबी पहचाना है !


    ( टाइप करते करते हांफ गया हूं पर बात खत्म होते नहीं दिखती अगर संभव हुआ तो फिर से आउंगा वर्ना इसे ही मेरी प्रतिक्रिया मान लीजियेगा )

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  28. @फिलहाल एक छोटी सी टिप्पणी कर एक अभियान पर निकल रहा हूँ ..वापस आने चर्चा आगे बढ़ायी जायेगी ....माडरेशन आन है भाई लोग मौका ताड़ ब्लू फिल्मों/वीडिओ का लिंक भेजने लगे थे -

    अली भाई किसी भी कार्य बर्ताव के लिए कोई हेतु होता है -अब आपको यह हेतु डूब मरने जैसी बात की और ले जाती है यह तो हैरानी की बात है ..बाकी आगे ....

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  29. @ किसी भी कार्य बर्ताव के लिए कोई हेतु होता है -अब आपको यह हेतु डूब मरने जैसी बात की और ले जाती है यह तो हैरानी की बात है ....मेरी समझ से अली साब ने इस चर्चा को करने के लिए नहीं,बल्कि 'बिग-बॉस' जैसे भोंडे कार्यक्रम इस चर्चा के हेतु बनें,इस पर डूब मरने जैसी स्थिति का आकलन किया है.
    बाकी ,अली साब के अधिकतर निष्कर्ष ठीक ही लगते हैं !

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  30. बिग बौस के घर की खबरें तो इसी ब्लॉग से ही ज्यादा सटीक मिलती हैं. अपने यहाँ इन साइट्स के विजिटर्स की गिनती किसी पश्चिमी देश से कम नहीं होगी, मगर नैतिकता का आवरण भी है. विजय आनंद के सुझावों के हश्र की याद तो होगी ही.

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  31. हर तरह के लोगों के लिए हर परकार के प्रोग्राम हैं.... टीवी पर.


    बाकि नैतिकता और शुद्धतावादी वगैरह वगैरह ... ये शब्द आज के बाजारवाद में मायने नहीं रखते.

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  32. भाई साहब नग्नता -वाद एक फाशन स्टेटमेंट सा चल पड़ा है इस या उस मिस नैतिकता पृष्ठभूमी में खिसक रही है .किसे रोकियेगा .फिल्मों में तमाम गीतों में मैथुनी मुद्राओं का ही जोर रहता है .संकेत ज्यादा डेमेजिंग होकर लुभाते ललचाते हैं .बहरसूरत बिग बोस अपने आप में एक विकृति है केम्प कल्चर का सामाजिकरण हैं .लुच्चाई को लड़ाई का रूप देने का उपक्रम है .

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  33. @ अरविन्द जी ,
    मैंने कहा ना कि यौन नैतिकता एक महती विषय है इसलिए उसे अपने आप में हेतु होना चाहिए ! हमें इस पर चर्चा करने के लिए बिग बॉस की शरण में जाने की आवश्यकता नहीं है बहरहाल उस वणिक को मालूम है कि उसके दर्शकों को क्या प्रिय है :)

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  34. पंडित जी!पोस्ट पढ़ी और पोस्ट के बराबर टिप्पणी भी!! बचा कहाँ कुछ कहने को!!

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  35. कल्पना कीजिये कि दर्शक एक बारात ,लियोन एक नर्तकी और बिग बाज़ार एक शातिर दल्ला है जिसने अपने ग्राहकों की अभिरुचि और लियोन की व्यावसायिकता अथवा मजबूरी को बखूबी पहचाना है !
    ...भयानक कल्पना है।

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  36. आभार आप सभी सुधी जनों का इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करने का ..
    निष्कर्षतः मनुष्य -होमो सेपिएन्स के निजी एवं सामाजिक व्यवहार अलग होते हैं और जीने के मानदंड भी ..और यह हर देशकाल में सामयिक और स्थानिक बदलावों के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहता है ....सनी लियोन की निजता और उनसे आनंदित होने वालों की निजता पर यहाँ प्रश्न चिह्न नहीं है मगर देह व्यापार के एक आईकन को सार्वजनिक मंच पर अभिनंदित करना ज़ाहिर हैं भृकुटियों में संकुचन लाएगा!
    कुछ लोगों को आपत्ति है मैंने यहाँ पोर्न लिंक दिए हैं -मैंने केवल सनी लियोन आफिसियल वेबसाईट का लिंक जानबूझ कर दिया है ...क्योकि जिस शख्स पर पूरी पोस्ट है उसे और परिप्रेक्ष्यों को समझने में आत्मसात करने में वह मुझे जरुरी लगा और मैं दो चेहरे रखने की कोई कोशिश नहीं करता -मेरा चेहरा इतना घिनौना भी नहीं है कि ऐसी कोई नापाक कोशिश की जाय ....आप सभी को पुनः धन्यवाद आभार !

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  37. .
    .
    .
    भाग (A) पढ़ा, B व C भी पढ़ने के बाद एकसाथ ही कुछ कहना सही होगा... :)


    ...

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  38. टी वी एक पारिवारिक परिवेश का अंग है और यहाँ ऐसे शो स्वीकार्य नहीं हो सकते ...जहां उन्मुक्त यौन सबंध की पक्षधर, उसकी एक ब्रैंड अम्बेसडर सामने हो और रियल्टी शो में जम कर भागीदारी कर रही हो
    सत्य. यह एक कुत्सित प्रयास है.

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  39. यौन शिक्षा के प्रस्तुतीकरण पर बहस आज पूरे भारत में हो रही है लेकिन टीवी इस मामले में कुछ ज्यादा ही आगे चल रहा है युवाओं और वृद्धों के सन्दर्भ में इसे किसी प्रकार से स्वीकार कर सकते हैं लेकिन जब कोमल मन वाले बच्चों के जीवन की आती है तो इस प्रकार का कृत्य किसी भयानक खिलवाड़ से कम नहीं है

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