शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

भोपाल यात्रा और लौटकर पर्ल परिणय वर्ष का अनुभव -आह्लाद!

भोपाल की यथा प्रस्तावित यात्रा मिनट टू मिनट वैसी ही बीती जैसी संकल्पित थी ...हाँ रेल की लेट लतीफी ने सुबह के आरम्भिक कार्यक्रम में मेरी भागीदारी थोड़ी विलंबित अवश्य करा दी ...रेल के साथ तो जैसे मेरी  पुरानी अनबन है ...ऐसी कोई रेल नहीं जिसमें बैठा मैं होऊँ और वह हो लेट नहीं ..लौटते वक्त फेसबुक पर टिपटिपाया मैंने ....जाते वक्त कामायनी एक्सप्रेस से और लौटते वक्त वाया इटारसी, महानगरी एक्सप्रेस से ... ...ये दोनों ही वाराणसी और मुम्बई के बीच की फेमस ट्रेने हैं मगर इतनी दूरी की ट्रेन होने के बावजूद भी इनमें आज तक पैंट्री -रसोईं यान नहीं है ..इन ट्रेनों के बारे में यात्रियों के अनुभव बड़े कटु हैं -गर्मी के दिनों में स्टेशनों के लम्बे अंतरालों के बीच बिना पानी के यात्री तडप उठते हैं -इन दोनों ट्रेनों में लगातार मांग के बावजूद भी आज तक पैंट्री की व्यवस्था नहीं हुयी है ...मैं खुद भी जाते और आते वक्त ढंग की चाय पीने को तरस गया ....एक और गट फीलिंग हुयी कि लालू के बाद शायद ट्रेनों की सामान्य साफ़ सफाई व्यवस्था भी इस रूट पर प्रभावित हुयी है -टू  ऐ सी कोच के टायलेट में टिशू पेपर तक नहीं और लिक्विड सोप डिस्पेंसर भी खाली ....किसका डिपार्टमेंट है यह ? निश्चित ही अपने ज्ञान दत्त जी और प्रवीण पाण्डेय जी का तो नहीं ...और रेल के हर मामले के लिए उनकी भी क्या जिम्मेदारी -अपने काम को वे दुरुस्त रखते हैं पूरे रेल का ठेका तो उन्होंने लिया नहीं ..हाँ ममता जी के पास जरूर है इसका ठेका मगर वे ब्लॉग तो पढ़ती नहीं और किसी से पढवाती भी नहीं होंगी -ब्लॉग जैसे अनुत्पादक चीज से इन बड़े लोगों का भला क्या लेना देना? 

भोपाल की आईसेक्ट नाम की संस्था पिछले दो दशकों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित एक पत्रिका निकाल   रही है, नाम है इलेक्ट्रानिकी आपके लिए ..मैं इसमें लिखता रहा  हूँ इसलिए पत्रिका के दो सौवें अंक के लोकार्पण पर मुझे और देश के कई प्रसिद्द विज्ञानं संचारकों को इस पत्रिका के सम्पादक और वन मैंन  शो आईसेक्ट संस्था के श्री संतोष चौबे जी ने आमंत्रित किया था इस अवसर पर भविष्य की दुनियां परिवाद में शिरकत के लिए ...भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन से मैं पहले अपनी मित्र के यहाँ गया ..वहां फ्रेश हो,नाश्ता पानी और  सज धज कर कार्यक्रम  के वेन्यू स्कोप कैम्पस को निकलने  को तैयार हो गया ..मित्र ने कहा कि चेहरा रुखा रुखा सा लग रहा है क्रीम लगा लीजिये,.." मेरा चेहरा स्थायी रूप से ऐसा ही है और क्रीम मैं कभी नहीं लगाता " के संक्षिप्त उत्तर से उनके चेहरे पर विस्मय को उभारते हुए मैं निकल पडा . पत्रिका का लोकार्पण कार्यक्रम भव्य था ,भोजन दिव्य था और परिवाद बुद्धिगम्य -यहाँ पूरी रिपोर्ट है ...रवि रतलामी जी के गृह आमंत्रण को मैं स्वीकार नहीं कर सका क्योकि मेरा पहले से कार्यक्रम तयशुदा और सार्वजनिक हो चुका था ...मैंने उनसे क्षमा मांग ली....

सायंकाल परिवाद के समापन पर भोजपुर के  मंदिरों का भ्रमण आयोजित था मगर मैं वहां न जाकर तयशुदा कार्यक्रम के हिसाब से सुब्रमणियन साहब के यहाँ पत्नी शोक पर संवेदना व्यक्त करने गया ...वे बैंक के एक उच्च अधिकारी होने के बावजूद प्राचीन भारतीय इतिहास ,सिक्कों ,शिलालेखों ,पुरातत्व के शौकिया विद्वान् रहे हैं -ऐसे लोगों से मिलना मुझे बहुत आत्मीय अनुभव दे जाता है -कोई और अवसर होता तो उनके अर्जित ज्ञान से भी लाभान्वित होता मगर फिर भी विन्ध्य पर्वत मालाओं के स्थान पर कभी समुद्र ठांठे मारता था इसके प्रमाण स्वरुप इन्ही स्थलों से उनके जुटाए समुद्री शेल्स -शंखों के फासिल्स हमने देखे और उन्होंने मुझे माहाभारत काल के भारत पर पंडित माधवराव सप्रे द्वारा अनूदित अद्भुत पुस्तक हिन्दी महाभारत मीमांसा की प्रति भेट की ...कर्मकांडों के लोकाचार को निभाते हुए मैंने उनके बहुत आग्रह के बाद भी कुछ खाया नहीं ,बस चाय पी और हाँ थोड़ी देर में ही हमें सोमेश सक्सेना जी ने भी ज्वाईन कर लिया जो मेरी विज्ञान कहानियों  के एक पुराने   पाठक और प्रशंसक रहे हैं और ब्लॉगजगत में अब उनकी धमाकेदार इंट्री हो चुकी है ....वे बहुत सुदर्शन ,मितभाषी और मोहक व्यक्तित्व के (कुमार ) स्वामी हैं अपना तखल्लुस वे अब यही कर देगें ऐसी इल्तिजा है ...बहुत कम बात हो पायी उनसे मगर लगा ऐसे व्यक्ति से तो अहर्निश अनन्तकाल तक बतियाते रह सकते हैं ...मेरे अगले कार्यक्रम का समय हो रहा था इसलिए मैंने भारी मन से दोनों जने से विदा  ली ....

 भोपाल में पुरानी यादों का एक जखीरा ...बजरिये ग्रामोफोन 
सौजन्य:मास्टर कार्तिकेय जैन  

अगले तयशुदा कार्यक्रम के हिसाब से मुझे एक वैलेंटाईन भोज में हिस्सा लेना था और शेष शाम वहां सुरुचिपूर्ण भोजन और पुरानी  यादों को शेयर करते हुए ,ग्रामोफोन पर गाने सुनते हुये बीता... ग्रामोफोन पर गाने सुनना एक अद्भुत सा सुखद काल विपर्यय  (अनाक्रोनिज्म ) और पुरसकूं माहौल सृजित करता है ....एक विलक्षण और दुर्लभ होता ...अनुभव ....अगले दिन मित्र की परिवहन सुविधा सौजन्य से इटारसी आकर महानगरी एक्सप्रेस पकड़कर वापस बनारस आकर फिर दुनियादारी में तल्लीन हो गया हूँ ......
 पुनश्च:
डॉ.दराल साहब के स्नेहादेश पर आज अपनी परिणय त्रिदशाब्दि   -मुक्ता परिणय वर्ष (पर्ल एनिवेर्सरी ) की यह इन्द्रधनुषी छवि यहाँ लगा रहा हूँ आप सभी आदरणीय अग्रजों के आशीष और प्रिय अनुजों की शुभकामनाओं के लिए ....



परिणय त्रिदशाब्दि -चित्र परिचय 
बाएं से -सबसे छोटी बहन ज्योत्स्ना,मैं ,पत्नी संध्या ,अनुज मनोज की पत्नी डॉ.छाया मिश्र ,अनुज डॉ मनोज और मेरे बहनोई, दिल्ली प्रवासी इंजीनियर  दीपक मिश्र जी 
यह हमारे लिए परम आह्लादकारी रहा कि आज सभी इस मौके पर अपने स्नेह और शुभकामना के लिए इकट्ठे हुए ..(चित्र सौजन्य :प्रियेषा मिश्र } केक भी आया और गुलदस्ते भी ...


54 टिप्‍पणियां:

  1. खूब व्यस्त रहा आपका यह संक्षित भोपाल भ्रमण ! शुभकामनायें आपको !

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  2. हाँ काफी व्यस्त शेड्यूल है.... सच ! शुभकामनाएं !

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  3. लिखते ही देख पाने का (टिप्पणी)सौभाग्य प्राप्त हुआ :) आभार

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  4. व्यस्त शेड्यूल ...ग्रामोफोन .....और फिर दुनियादारी में तल्लीन ....बहुत रोचक रही रिपोर्ट ....

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  5. ट्रेन की देरी के बावजूद सारे कार्यक्रम समय से निपट गए. अभी थोड़े दिनों पहले मुझे ऐसे ट्रेन से चेन्नई जाना पड़ा था जिसमे पेंट्री कार नहीं है और वो भी संयोग से बनारस से चलकर रामेश्वरम जाती है . वातानुकूलित -२ के डब्बे में कोई चार्जिंग पॉइंट नहीं . अच्छी लगी विस्तृत रिपोर्ट .

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  6. वर्षों पहले जिस लेखक की कहानियाँ पढ़कर मैं रोमांचित होता था और जिसके जैसा लिखने के सपनें देखा करता था उसी लेखक से इतने सालों बाद मिलना आपने आप में एक दिव्य अनुभव है। :)

    आपसे और सुब्रमणियन जी से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। आप दोनों ही सहज और सरल हृदय इंसान हैं। पर कुछ मौके की नज़ाकत और कुछ मेरा संकोची स्वभाव जो आप दोनों से खुलकर बात नहीं कर पाया। फिर भी ये मुलाकात यादगार रहेगी।

    आपने मेरे लिए जो शब्द प्रयुक्त किए हैं उनमे से मितभाषी को छोड़कर बाकी सब पर विनम्रतापूर्वक आपत्ति प्रकट कर रहा हूँ। जो सम्मान और स्नेह आपने मुझे दिया उसके लिए आपका आभारी हूँ।

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  7. .
    .
    .
    कितना कुछ कर लेते हैं आप वह भी इतने सीमित समय में...

    पर इतनी रूखाई तो समझ नहीं आई... इस तरह दिल नहीं तोड़ते... चेहरे पर चमक सभी को अच्छी लगती है !


    ...

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  8. भोपाल यात्रा की अच्छी रपट ...

    वैसे एक ज़माने में पुरुषों की चेहरे की रुखाई ही आकर्षित करती थी :) ..अब तो सब चौकलेटी चेहरे पसंद करते हैं ..

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  9. .....रिपोर्ट तो बढ़िया रही !

    ....पर अंतिम पैराग्राफ से ऐसा लग रहा है कि रिपोर्ट अचानक खत्म हो गयी| ......हो सकता है हमारा अनुमान गलत हो .....लेकिन वैलेंटाइन नाम से हम कुछ और पढ़ने की आकांक्षा पाल बैठे थे सो ..... ...शायद ?

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  10. छोटी सी ट्रिप में काफी कुछ कर लिया आपने ..बढ़िया रही रिपोर्ट.

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  11. भारतीय रेल की यात्रा और मजेदार !
    लालू जी होते तो कम से कम सत्तू तो मिल ही जाता ।

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  12. रिपोर्ट जोरदार रही, आप भोपाल पधारे और हमको खबर भी नही?:(

    रामराम.

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  13. वैवाहिक वर्षगाँठ पर आप को और भाभी को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएँ।

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  14. शादी की सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाये !

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  15. वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें अरविन्द जी ।
    इस अवसर एक पोस्ट तो होनी चाहिए थी , गत वर्ष की तरह ।

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  16. अपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनायें।

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  17. अरविन्द जी ।
    वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनायें
    आपका जीवन
    सुख, शान्ति,
    स्वास्थ्य
    एवं समृद्धि से परिपूर्ण हो।

    इस अवसर पर एक वृक्ष लगायें।
    इस अवसर को यादगार बनायें॥

    पृथ्वी के शोभाधायक, मानवता के संरक्षक, पालक, पोषक एवं संवर्द्धक वृक्षों का जीवन आज संकटापन्न है। वृक्ष मानवता के लिये प्रकृति प्रदत्त एक अमूल्य उपहार हैं। कृपया अपने वैवाहिक वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर एक वृक्ष लगाकर प्रकृति-संरक्षण के इस महायज्ञ में सहभागी बनें।

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  18. पंडित जी! रेल से तो अपना भी पुराना नाता है.. हम दोनों मित्रों के मध्य कई कॉमन बातों के साथ यह भी कॉमन है कि हमारे पिताजी रेल सेवा में थे.. लालू जी के न होने का पता मुझे राजधानी एक्सप्रेस के 2एसी कोच के शौचालय से लगा जहाँ नई दिल्ली स्टेशन से ही (जहाँ से ट्रेन शुरू होती है)पानी नहीं था और टॉय्लेट चाय के प्यालों से चोक थे!
    सोमेश जी लकी हैं, देखें हमें कब आपके दअर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है!!

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  19. बहुत सुंदर विवरण जी भोपाल यात्रा का, यह ग्रामो फ़ोन बहुत सुंदर लगा, धन्यवाद

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  20. सचमुच छवि तो इन्द्रधनुषी लग रही है ।
    अति सुन्दर परिवार मिलन , इस शुभ अवसर पर ।
    पुन: बधाई ।

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  21. बढ़िया यात्रा. ट्रेन टाइम पर होती तो कुछ बात होती :) नोर्मल बात भी कोई बात है. फोटो बढ़िया है.

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  22. वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनायें।

    यात्रा की बढ़िया रिपोर्टिंग रही।

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  23. वाह वाह !
    सपरिवार बधाई और शुभकामनाएं सर जी !

    .....पर पता नहीं क्यूं आप इस बार कुछ संकोच कर्म से बधें हुए दिख रहे हैं ......इस पोस्ट पर ?

    ........या फिर आज मेरे मन में कुछ ज्यादा उठापटक चल रही है ?
    शुभरात्रि !

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  24. रेल के बारे में आपकी समस्या को हम अपना मान लेते हैं और अपने अधिकार क्षेत्र में सुधारने का यत्न भी करते हैं।

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  25. * आदरणीय अरविंद जी *
    * आदरणीया संध्या भाभीजी *

    सादर सस्नेहाभिवादन !

    ~*~शुभविवाह की वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !~*~

    ♥ जीवन में खिलता रहे , बारह मास बसंत !♥
    ख़ुशियों का सुख-हर्ष का , कभी न आए अंत !!


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    तीन दिन पहले प्रणय दिवस भी तो था
    एक और मंगलकामना का अवसर …
    प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !

    ♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !♥
    बसंत ॠतु की भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  26. कुछ हाल 'कुमार स्‍वामी' से पहले ही मिल चुका था, बाकी यहां पढ़ लिया.

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  27. ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    शुभविवाह की वर्षगांठ पर ढेरों हार्दिक शुभकामनाये !
    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

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  28. आदरणीय अरविन्द जी, पर्ल एनिवेर्सरी के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
    regards

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  29. विवाह की वर्षगाँठ की आपको हार्दिक शुभकामनायें।

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  30. वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनाये . .

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  31. वैवाहिक वर्षगाँठ की बहुत-बहुत शुभकामनाये ...

    मगर ...
    इस बार सिर्फ एक पंक्ति में ??...हम तो पूरी पोस्ट का इन्तजार कर रहे थे ...आखिर तो पर्ल परिणय वर्ष था !!

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  32. अपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनायें।

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  33. मजा आया पढ़ कर. फोटो बहुत पसंद आई पहली भी ,दूसरी भी.केक का एक पीस मुझे कूरिएर करने की कृपा करें.

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  34. आपको वैवाहिक वर्षगाँठ की बहुत-बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं

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  35. आपकी भोपाल यात्रा अंततः सुखद ही रही ! दिल में तरलता हो तो चेहरे का रूखापन मायने नहीं रखता :)

    पर्ल परिणय वर्ष में इतना संक्षिप्त आयोजन देख कर जी बैठा जा रहा है जबकि हमारी शुभकामनानुसार स्वर्ण /प्लेटिनम परिणय वर्ष और उसके बाद के कई वर्ष अभी आना शेष हैं :)

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  36. aapki rail yatra se judi pareshaniyo ko dekh mujhe bhi apni nagpur-pune ki yatra yaad aa gayi jise bhukhe pyase hamne tay ki aur uspar 12 ghante ke yaatra 24 me poori ki ,tab laga janta ke dwara ,janta ke liye banaye gaye adhikariyon se kafi suvidhaye pradaan ho rahi hai ,yahi to bhaiya prajatantra hai ,apni bhool ko jhelne ka ,us yaatra ki taklife ubhar aai is lekh ko padh ,bhartiye rail ki bhi apni alag hi pahchan hai tabhi to sahitya rach gaye ,maja aa gaya ,hamare ghar me aaj bhi ye gramophone rakkha hai sach ye anmol vastu ho gayi hai .tasvir me sabo se milkar khushi hui .

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  37. अच्छी रिपोर्ट .भोपाल यात्रा अंततः सुखद ही रही.
    वैवाहिक वर्षगाँठ की बहुत-बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं .

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  38. @मीनू जी ,
    अब कूरियर से नहीं ,मित्र को तो अपने हाथों से खिलाना चहिये -
    सब्र करिए न थोडा -सब्र का फल मीठा होता है न !

    @वाणी जी ,
    इस बार बस इतने से ही संतोष करिए प्लीज -कारण हम बता देगें !

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  39. अरे भाई साहब, आज के दिन तो ब्लाग को ब्लाक किया होता और भाभी जी के साथ वैलेन्टाईन जताया होता :)

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  40. वैवाहिक वर्षगाँठ की शुभकामनायें।

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  41. दशाब्दियाँ शताब्दियों में बदलें!! और मुक्ता प्लैटिनमोत्तर धातु में परिवर्तित हो यही शुभकामनाएँ!!

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  42. बड़ा व्यस्त रहा आपका कार्यक्रम तो. क्रीम नहीं लगाने के पीछे क्या कहानी है? मैं भे नहीं लगता वो इसलिए की मन नहीं करता...
    आपके रिपोर्ट भे देखी समर्पण वाली....अच्छा लगा.
    प्रणाम

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  43. आपकी परिणय त्रिदशाब्दि पर हार्दिक शुभकामनाएं!

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  44. चलो इसी बहाने भाभी जी की तस्वीर भी देख ली। वैवाहिक वर्ष्गाँठ पर आप दोनो को बधाई और हार्दिक शुभकामनायें।

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  45. कमाल है! इतनी बढ़िया यात्रा। इतना बढ़िया ट्रेवलॉग। और गरियाने को सिर्फ रेलवे! :)

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  46. शादी के सालगिरह की शुभकामनायें।

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  47. उस दिन फ़ोन पर बतियाये थे। पता होता तो बधाई भी दे देते!

    बहरहाल अब देर से ही सही शुभकामनायें ग्रहण की जायें। और यह पोस्ट भी देखी जाये जो आपकी किताब के बारे में है एक पाठक के नजरिये से
    http://hindini.com/fursatiya/archives/1859

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  48. वर्णन बड़ा अच्छा रहा...
    देर से सही पर वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं आपको...

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  49. परिणय वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। पोस्ट पहले भी देखी थी लेकिन इतने झटके में कि इस पर ध्यान ही नहीं गया। देर से आने का अफसोस है। आपने भी छोटे में निपटा दिया। तश्वीर बहुत अच्छी है।
    भोपाल यात्रा की रपट सही है। रेलवे की खिंचाई अच्छी लगी। दरअसल दूसरे की खिंचाई हमेशा अच्छी लगती है।
    अनूप जी काम के लगते हैं। पोस्ट लिखते हैं और बता भी देते हैं।

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