मकर संक्रांति का पुण्य काल है ,आईये कुछ ज्ञान ध्यान की बात हो जाय -कुछ कथा वार्ता हो जाय.गोस्वामी तुलसीदास जी राम कथा के उदगम और उसके महात्म्य की बात करते हुए बालकाण्ड में जो लिखते हैं आईये आपको सुनाते हैं =जब तक मन लगे सुनिए नहीं तो जो रुचे वही कीजिये ...मैं तो इन दिनों 'मानस' रस में ही सराबोर हो रहा हूँ .अल्पना जी की दी गयी टिप्स के अनुसार प्रवचन यहाँ से डाउनलोड भी किया जा सकता है!
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
पंडित जी,
जवाब देंहटाएंप्रणाम!
कथा सुंदर पढ़ते हैं।
राम कथा सुनी.
जवाब देंहटाएंसरल शब्दों में अर्थ भी समझा.
बहुत अच्छी प्रस्तुति .
आभार.
हम भी साराबोर हो लिये।
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक पोस्ट और धर्म की बातें ही मन को शांति प्रदान करती हैं यदि इसका सही इस्तेमाल किया जाए.
जवाब देंहटाएंमैं आपसे पूछने वाली थी कि आप हैं कहाँ इस समय? तब तक ये पोस्ट आ गयी. अभी ठीक से बज नहीं रहा. बाद में सुनूंगी.
जवाब देंहटाएंलोहड़ी, मकर संक्रान्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
जवाब देंहटाएंकथा फ़िर कभी सुनेगे जी आप को सामने बिठा कर, याद रखे
benami ki tippani ko mahatva de ya na de ...lekin maanas main dube hue hain aap ,is se achhi baat kya hogi .jab koi scientist ..aap jaisa ...maanas main dube ..kya baat hai....maanas main man aur as dono dub jaate hain ,dhanya hain aap ......yehi kaamna hai ki aap dube rahe aap
जवाब देंहटाएंसुनने की इच्छा थी, मगर शायद सर्वर डाउन होने की वजह से ठीक से सुन नहीं पा रहा. कथा पोस्ट भी होती तो कम-से-कम पढ़ ही लेता.
जवाब देंहटाएंपुण्य काल में मानस रसपान करवाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार पंडितजी। मकर संक्रांति पर्व पर शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंअभिषेक ,
जवाब देंहटाएंश्रवण रस का आनंन्द पठन से कई गुना अधिक होता है -जुगाड़ लगाईये !
मुक्ति ,
कभी कभार शुभाकांक्षियों का कुशल क्षेम भी जान पूछ लेंना एक श्रेष्ठ सामजिक कार्य कर्तव्य है जो हमें मनुष्य होने का अहसास कराता रहता है !
हमारे भौतिक पड़ोस, इर्द-गिर्द बज रहे लाउड स्पीकर हमें यहीं पर्याप्त धर्म-लाभ करा देने पर उतारू हैं.
जवाब देंहटाएंथोड़ा ही सही पर आपका आना अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंhum 'missing plus in' nahi kar pate so sun nahi sake....koi bat nahi....
जवाब देंहटाएंaap aa gaye balak ke liye yahi khushi
ki bat hai......
pranam.
बहुत अच्छी प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंआभार.
श्रवण सुख प्राप्त किया. आभार. जैसे क्षेत्रीयता के अनुरूप कई रामायण हैं वैसे एक मुस्लिम लामायन भी है. जी हाँ "लामायन" यह केरल के मुस्लिम परिवारों में प्रचलित है.
जवाब देंहटाएं*Abhishek ji yahan se download kar ke aap offline bhi sun sakte hain.
जवाब देंहटाएं[128 min kee clip hai ]
yeh hai link -
http://www.divshare.com/download/13776200-728
*isee link ko hyperlink kar ke Arvind ji download ka option readers ko post mein hi de skate hain.
आपकी मीठी आवाज में कथा सुनने में आनंद आ गया.....
जवाब देंहटाएंआभार
पता चला आप शारीरिक कष्ट में हैं ।
जवाब देंहटाएंजल्द स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनायें ।
अच्छी लगी वार्ता पंडितजी। एक वार्ता और है देखिए इसे और मजा लीजिए आप भी :-
जवाब देंहटाएंhttp://killerjhapata.blogspot.com/2011/01/blog-post_15.html
ही ही।
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं अरविंद मिश्र जी॥
जवाब देंहटाएंआज आपने हमारा पण्डित जी कहना सार्थक कर दिया! आप यथाशीघ्र स्वस्थ हों यही प्रार्थना है प्रभु से!!
जवाब देंहटाएं@शुक्रिया अल्पना जी -आप टेक्नो सावी हैं!
जवाब देंहटाएंडॉ दाराल जी ,
डाक्टर दराल साहब अब इस कारण से थोड़े ही मानस पारायण कर रहा हूँ :)
बहुत आभार !
कहीं ये सेवानिवृत्ति के बाद के लिए रिहर्सल तो नहीं है :)
जवाब देंहटाएंअच्छे स्वास्थ्य के शुभकामनायें !
@ Alpana ji,
जवाब देंहटाएंYeh upyogi link uplabdh karane ka dhanyavad.
सुबह सुबह रामकथा का श्रवण अच्छा लगा ...
जवाब देंहटाएंविज्ञानं कथा लेखक का ऐसा सुमधुर मानस वचन वाकई अद्भुत है ...जल्दी -जल्दी पढने के कारण हम इस तरह नहीं पढ़ पाते हैं ...डाउन लोड कर लिया है ..
उपयोगी पोस्ट ...
बहुत आभार ...
टिप्पणियों से पता चला की आप अस्वस्थ रहे हैं ...
शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें !
आभार .... मानस पाठ के श्रवण से अच्छा क्या हो सकता है.....
जवाब देंहटाएंbahut sundar....
जवाब देंहटाएंaanand aa gayaa....
Jai Ram