दूर से कुछ ऐसी दिखी सब्जी मंडी
कभी कभार शौकिया या अभिजात्य प्रवृत्ति जो भी कह लीजिये आप मैं ख़ुद सब्जी लेने पदयात्रा पर निकलता हूँ -दस मिनट के वाक पर नाटी इमली चौराहे पर सब्जी मंडी है -यह वही नाटी इमली है जहाँ विश्व प्रसिद्ध भरतमिलाप होता है ! सब्जी लेने जब वहाँ पंहुचा तो एक ख़ास बात पर ध्यान गया -शाम के धुंधलके में बिजली गायब होने के बावजूद भी सब्जी मंडी दूधिया रोशनी में नहाई लग रही थी ! पचास की संख्या में ठेलों पर सी ऍफ़एल बल्ब लहलहा रहे थे -मगर वे बिजली से नही बल्कि प्रत्येक ठेलों पर स्थापित डिजिटल सी ऍफ़ एल इनवेर्टर से जुड़े थे ! केवल एक कोने में अभी भी पुराने एसिटेलीन लैंप की रोशनी भी दिखी ! मैं उस ठेले के पास जाकर पूंछ बैठा कि उसने सी ऍफ़ एल बल्ब वाली नयी प्रौद्योगिकी का सहारा क्यों नही लिया तो उसने उत्साहित होकर कहा कि अगले दो तीन रोज में वह भी डिजिटल सी ऍफ़ एल इनवेर्टर खरीद लेगा -मैंने बिटिया से झट से फोटो लेने को कहा -कौन जाने अगली बार यहाँ आगमन पर बीते दिनों का स्मारक यह एकमात्र लैंप दिखे या न दिखे !
और यह रहा जीवन की अंतिम रोशनी देता एसीटेलींन का चिराग
प्रौद्योगिकी की गति बहुत तेज होती है ! अचानक ही एक सस्ती और सुविधानजनक प्रौद्योगिकी आंधी की तरह आती है और पुराने कितने व्यवसायों को पलक झपकते धराशायी कर देती है ! एच एम् वी रेकार्ड्स की याद भी अब उन्हें होगी जो जीवन के पाँचवे दशक में होगें -आज वह नदारद है -कैसेट्स आए चले गए -सी डी का जमाना चल रहा है -पेन ड्राईव अब जोर मार रही है -महज कुछ दशको में ही कितने व्यवसाय बंद गए ! यह सब तीव्रगामी प्रौद्योगिकी के बदौलत !
और यह है सी ऍफ़ एल लैंप की लहलाती रोशनी की खरीददारी
मैं इन्ही सोचों में डूबा था -साधारण से मिट्टी के दिए से ,मोमबत्ती ,गैस लैम्पों और अब सी ऍफ़ एल रोशनी तक के सफर के पीछे कई व्यवसायों की उजड़ चुकी दुनिया के अंधेरे भी व्यथित कर रहे थे -बिटिया ने खरीददारी के साथ कुछ मोब फोटो भी उतार लिए थे और हम वापस लौट चले थे ! एक ब्लॉग पोस्ट की सामग्री मिल चुकी थी !
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डिजिटल कैमरे की एक खासियत यह है कि इसे टाइमर लगाकर और फ्लैश बंद करके किसी स्थान पर रखकर छोड़ दें जहां सही फोकस होता हो, तो यह अंधेरे में बल्ब और खासकर सीएफएल का फोटो इतना साफ लेगा कि लगेगा ही नहीं कि रात में खींचा गया है। वैसे बिना स्टैण्ड के हाथ से खींचे गए फोटो काफी साफ हैं लेकिन अगली बार आप इसे टाइमर लगाकर रखकर देख सकते हैं। अच्छे परिणाम आएंगे। मैं पहले कोशिश कर चुका हूं। इसलिए बता रहा हूं। सब्जी मण्डी और प्रौ़द्योगिकी का चिंतन ताजा कोण लगा।
जवाब देंहटाएंई बात तो सौ टका सच कहे हैं मिसर जी ..एगो ब्लॉगर ..हमेशा ब्लोग्गारे रहता है ..चलते फिरते, सोते जागते ..बकिया जानकारी बहुते उम्दा दिए ..मजा आ गया पोस्ट पढ़ कर
जवाब देंहटाएंचचा का दिया ज्ञान असर ला रहा है। जारी रहिए।
जवाब देंहटाएंविश्वनाथ गली भी कैमरे के साथ घूम आइए। कई लेखों का मसाला मिल जाएगा।
रोचक! तकनीक का बहुत सही उपयोग। गांवों में भी शायद इस्तेमाल हो रहा हो।
जवाब देंहटाएंयह कितने किलोग्राम का है। वेबसाइट पर भी पता नहीं चला।
जवाब देंहटाएंशायद अगला कदम सूर्य ऊर्जा से जलने वाला लैंप हो।
@उन्मुक्त जी यह बहुत हैडी है -ढेड दो किलो का होगा !
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
150 के हाथ में 1.5 ;)
जवाब देंहटाएंतीव्रगामी प्रौद्योगिकी को रोज सुबह शाम नमस्ते करते हैं.
जवाब देंहटाएंसी ऍफ़ एल की दूधिया रोशनी में सामान्य किस्म के फ़ल-सब्जियाँ भी बढ़िया नजर आते हैं. प्रतिस्पर्धा में टिकना है तो नयी प्रौद्योगिकी से परिचय बढ़ाना ही होगा.
जवाब देंहटाएं"प्रौद्योगिकी" का "द्य" बारहा में कैसे टाइप किया जाये, इसके लिये हेल्प फ़ाइल खोलने की सोची थी. फ़िर कॉपी-पेस्ट की पुरानी तकनीक याद आई. आपके शीर्षक से टीप कर आगे बढ़ लिये. नतीजा ये कि कुछ नया सीखने से वंचित रह गये. ब्लॉग पर ताला-वाला लगाइये और राइट-क्लिक डिसेबल कीजिये. हमारा बहुत नुकसान हो रहा है. :-)
बहुत रोचक विषय और अलग तरह की प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंई मेल से मिली टिप्पणी !
जवाब देंहटाएं"वाह खरीदारी के साथ ब्लॉग की सामग्री का भी चयन !"
अभिषेक मिश्र
@मित्र भूत-प्रेत विनाशक !
जवाब देंहटाएंकाहें को धर्मसंकट में डाल रहे हैं !
बढ़िया है, अच्छा लेख
जवाब देंहटाएं---
आनंद बक्षी
प्रौद्योगिकी तो चहुँ ओर है जी.. आपने तो कैमरे से झट से तस्वीर खींच ली.. फिर मार्केट में रहने के लिए वक़्त से साथ चलना इच पडेंगा..
जवाब देंहटाएंइस ज्ञान माय पोस्ट से हम अभिभूत हो गए जी..ऊपर से सिद्दार्थ की टिपण्णी ने एक नया इन्वेस्टिगेशन कर दिया..हमारे लिए..
जवाब देंहटाएंचलत-फ़िरत मोबाइल ब्लागिग का सक्रमण प्रयाग से काशी पहुंच ही गया।
जवाब देंहटाएं@ Ghosht buster द्य लिखने के लिये बाराहा में dy लिखें।
नई तकनीक हमेशा पुरानी तकनीक की कब्र खोदती है।
जवाब देंहटाएंअच्छा आलेख ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और रोचक पोस्ट है! आपने बड़े सुंदर रूप से प्रस्तुत किया है! अच्छी जानकारी मिली!
जवाब देंहटाएंबढिया है जी खरीददारी और ब्लोगिंग एक साथ .
जवाब देंहटाएंपंकज
Aapke bahane hamne bhi ghoom liya.
जवाब देंहटाएंवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को प्रगति पथ पर ले जाएं।
प्रौद्योगिकी की गति बहुत तेज होती है ! अचानक ही एक सस्ती और सुविधानजनक प्रौद्योगिकी आंधी की तरह आती है और पुराने कितने व्यवसायों को पलक झपकते धराशायी कर देती है..
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने ....आपके माध्यम से आज बहुत सी नयी जानकारियाँ मिलीं ......!!
पलक झपकते ही सब कुछ बदल जा रहा है.....
जवाब देंहटाएंप्रौद्योगिकी की गति बहुत तेज होती है !
जवाब देंहटाएंयही कारण है की आप भी इतनी आसानी से अँधेरे में आधी डूबी सब्जी मंडी की तस्वीरें ले पाए और तुंरत upload भी कर सके. नहीं तो पहले कैमरे से फोटो खींचो -रील ख़तम होने का इंतज़ार करो और फिर धुलवाने जाओ...
पहले आप ये बताएं: ब्लॉग्गिंग ने क्युरियस बनाया या क्युरियस थे इसलिए ब्लोगर हुए :)
जवाब देंहटाएं@अभिषेक जी ,क्युरियस थे इसलिए ब्लोगर हुए!
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