रायशुमारी का सांख्यिकीय नतीजा -७६ प्रतिशत का कहना है कि जी हाँ हमें पाक के आतंकी ठिकानों पर हमला कर देना चाहिए ,केवल २३ प्रतिशत इसके पक्ष में नहीं हैं उनकी अपनी अपनी आशंकाएं हैं ! यह एक प्रतिनिधि सर्वेक्षण कहा जायेगा क्योकि इस ब्लॉग पर टिप्पणीकर्ता रैंडम रूप से आए हैं -यह जनमत संग्रह दरसल भारत के मूड को प्रगट करता है .भारत पर आतंकी आक्रमण के फौरन बाद जिस सदमे / सकते की स्थिति में हम थे अब उससे उबर रहे हैं और सबसे अच्छी बात यह कि हम अब आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के प्रति और दृढ़ प्रतिज्ञ हैं ! मुम्बई के गेट वे आफ इंडिया पर हो रहे अहर्निश जन प्रदर्शनों ने हमारे संकल्प को पूरी मजबूती के साथ दुनियाके सामने रखा है । हम अब शायद पहले से भी कहीं बहुत अधिक एक राष्ट्र के रूप में एकजुट हो गए हैं ! इस संदेश को भारतीय संसद ने ही नहीं पूरी दुनिया ने सही तरीके से ले लिया है -हम अब कुछ भी नानसेंस बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं .अगर पाकिस्तान अब भी नही चेत्तता और आतंकी गतिविधियों पर पूर्ण विराम नहीं लगाता तो एक सबक सिखाने वाला युद्ध निश्चित है -इसे हमारे देश के मध्यमार्गी (प्र )बुद्ध जन भी अब रोक नहीं पायेंगे !
आज पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत जर्जर है और उसे अपनी खस्ता हालत के मद्देनजर सदबुद्धि दिखानी होगी .उसे वांछित आतंकियों को सौंपना ही होगा -इससे कम कुछ भी स्वीकार्य नही है .पर जो दिख रहा है वह यह कि अभी भी वह अपनी हेकडी से बाज नही आ रहा -अभी भी वह आतंकी घटनाओं में पाकिस्तानियों के होने का प्रमाण माँगता जा रहा है जबकि पकडे आतंकी का पिता चिल्ला चिला कर उसका बाप होने का दावा कर रहा है और पाकिस्तान का मीडिया भी इसकी पुष्टि कर रहा है -क्या केवल भारत द्वारा एक पूरी ताकत से किया आक्रमण ही प्रमाण की कमीं को पूरा कर सकेगा ? ज़रा रायशुमारी में प्राप्त टिप्पणियों पर गौर तो करें -संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि अब हमारे सब्र का बाँध टूंट चुका है और हम अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे .और भारत में भी यदि किसी ने भी बुद्धि विवेक छोड़ कर आचरण अपनाया तो उसकी खैर नहीं है -वह चाहे हमारे नपुंसक छद्म धर्म निरपेक्षी हों या देश की मुख्य धारा और राष्ट्रीय भावना से वंचित अन्य धर्मावलम्बी ! यहाँ धर्म की कोई बात ही नही है -यहाँ मात्र एक संप्रभुता संपन्न देश जिसकी आबादी लगभग सवा अरब है के मान प्रतिष्टा की बात है ! और हमने अब तय कर लिया है कि किसी भी उद्दंडता का हम मुँहतोड़ जवाब देंगे ! हमारी मंशा से लोग परिचित हो जांय और किसी भी तरह के मुगालते में न रहें -आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमारी लडाई अब निर्णायक दौर में है .
आज सबसे बडा दायित्व मुसलमान भाईयों पर आ गया है -मैं जानता हूँ कि हमारे अनेक मुसलमान भाई असंदिग्ध रूप से अपने देश के साथ हैं पर सभी मुसलामानों के बारे में ऐसा विश्वास यहाँ के बहुसंख्यकों को नहीं है ,यह एक यथार्थ है जीससेमुंह नही मोडा जा सकता -आम ख़ास मुसलमान भाईयों को भी जाने अनजाने भी ऐसे किसी भी सदिग्ध आचरण से बचना होगा ,अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी जिससे कोई ग़लत संकेत उनके बहुसंख्यक भाईयों में जाय .यह उनके लिए भी एक अग्नि परीक्षा का समय है । हमारे यहाँ संदेह के चलते कई कई अनर्थ हो चुके हैं -यहाँ तक कि लोक कथाओं में हनुमान को अपना वक्ष दोफाड़ कर दिखाना पडा है कि वहां सीता राम ही बसते हैं -आज इतनी कठिन परीक्षा तो कोई दे नही सकता ,इसलिए पूरी जिम्मेदारी और संयम की जरूरत है .हाँ बहुसंख्यकों को भी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी मिश्रित परम्परा के अनुरूप मुसलमान भाईयों के सम्मान में कोई कमी नही आने देनी चाहिए .और बिला वजह और हर बात पर उन पर शक करने भी किसी भी तरह जायज नहीं है -मौके की नजाकत वे भी समझ रहें हैं और वे किसी भी चूक का मौका निश्चित रूप से नही देंगे !
मैं तो बहुत चाहता था कि रायशुमारी की कुछ चुनिन्दा प्रतिक्रियाओं को यहाँ पुनः उद्धृत करुँ पर ब्लॉग की प्रवृत्ति और मौजूदा कलेवर के अनुरूप यह ठीक नही होगा -हाँ आगे हम चुनिन्दा प्रतिक्रियाओं को सम्मिलित करते हुए एक विवेचना अवश्य करेंगे !
फिलहाल एक बानगी के तौर पर अब तक प्राप्त अन्तिम प्रतिक्रया टिप्पणी यहाँ जस का तस् उद्धृत कर रहा हूँ -
दुश्मन देश स्थित आतंक के अड्डों पर हमले के लिए इजरायल जैसी राजनैतिक ईच्छा-शक्ति और प्रतिबधता चाहिए जो बिना किसी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की परवाह किए अपने देश हित में कार्यवाही करता है.जिन यहूदियों को हिटलर ने नेस्तनाबूद कर दिया , जिनको एक सूखे बंजर का टुकडा रहने के लिए मिला, आज वो कौम कृषि यन्त्र और खासकर सिंचाई यंत्रो में विश्व में अग्रणी है !
उन पर एक गोली चलाओ -- जवाब में वो आप पर पुरी मैगजीन खाली कर देंगे ! स्पस्ट रूप से जब हमें इसी महाद्वीप में रहना है तो इजरायल वाली नीति ही कारगर होगी.. जैसे को तैसा ....
-मीनू खरे
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
अब देर किस बात की जब सारे सवूत मिल गये , ओर पाकिस्तान मान भी गया, ओर फ़िर अकड भी रहा है, तो क ही रास्ता है या तो वो हमारे अपराधी हमे दें, वरना कोई धमकी नही.... बस एक्संन.. जीयो तो शान से मरो तो शान से.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सही है - आंख के बदले आंख नहीं, आंख के बदले दोनो आंख की पॉलिसी होनी चाहिये। पर यह जरूर हो कि हम दोनो आंखें निकाल पायें।
जवाब देंहटाएंयह जोश अगर कायम रहे तो सरकार कुछ करने का उद्यम करेगी। अन्यथा खानापूरी हो कर रह जायेगी।
कम से कम काम तो अफजल को फांसी के जेश्चर से होना चाहिये था।
यदि हम युद्ध कर पायें और निभा पायें !!!!!
जवाब देंहटाएंतो यह होना ही चाहिए !!!!
पर गरमागरम हथोडे की चोट ज्यादा बेहतर रहती है!!!
इस मामले मे मैं पूरी तरह आ. पान्डेय जी से पुरी तरह सहमत हुं अक्षरश !
जवाब देंहटाएंराम राम !
क्या केवल पी ओ के में ही आतंकवादी हैं. मैं नहीं मानता.
जवाब देंहटाएंकराची में एक सब्जी बेचने वाला आतंकवादी हो सकता है. एक दूकान वाला, एक रिक्शा वाला कोई भी, एक डॉक्टर, इंजिनियर, प्रोफेसर, वकील... कोई भी !
अगर पी ओ के साफ़ करें तो ऐसे कैम्प खड़े करने में कितनी देर लगेगी?
मैं बहुत ज्यादा समर्थन करता हूँ ऐसे युद्ध का. पर इसके साथ ये दो लेख पढिये...
ये करने की बहुत जरुरत है:
http://www.rediff.com/money/2008/dec/10mumterror-8-things-india-inc-govt-must-do-against-pakistan.htm
http://www.rediff.com/money/2008/dec/11mumterror-12-steps-to-shock-and-awe-pak-economy.htm
अभिषेक जी की बात एकदम सही है । पाकिस्तान की सीमा पर ही समस्या नहीं है । जडें तो अंदर तक फ़ैली हैं । वैसे भी युद्ध होगा , तो भारत को दो मोर्चों परएक साथ सामना करना होगा । हमारे अपने देश के भीतर भी कई छोटे - बडॆ पाकिस्तान पनप गये हैं और ना जाने मौलाना मसूद अज़हर मौजूद हैं । पहले इनका सफ़ाया ज़रुरी है । क्मज़ोर इच्छाशक्ति वाले नेतृत्व के साथ युद्ध लडना अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने के सिवाय कुछ नहीं ।
जवाब देंहटाएंकाश, इस रायशुमारी से नेतागण भी कुछ सीखें।
जवाब देंहटाएंआपके प्रोत्साहन के लिये हार्दिक आभार। आगे भी इसी तरह के शोधपरक लेख आपको और देखने के लिये मिलेगें। आपका ब्लॉग का भी मेरे लिए अध्य्यन और रूचि का विषय है, जिसके परिणाम आपको जल्द ही देखने को मिलेगें।
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