न न यह कोई कविता नहीं है .. बस आज विवाह के
सकुशल बत्तीस साल पूरे हो गए हैं तो यह बसन्त बत्तीसी उसी के उपलक्ष्य में
है . बत्तीसी सही सलामत है ,दन्त नख क्षत क्षमता भी उसी परम शक्ति की
कृपा से दुरुस्त है :-) -रात से ही कितने छुट्टा विचार दिमाग में उछल कूद
कर रहे हैं -सोचा इस बासंती अवसर पर आपसे साझा कर लूं।बात बत्तीसी से शुरू
हुई है तो जाहिर है कथा भी शुरू होगी जीवन के उदन्त काल से जब हम उदन्त
मार्तंड हुआ करते थे। छुट्टा जीवन था...वे दिन भी क्या दिन थे -दूध के
दांत वाली सहज मुस्कान के दिन! फिर हम बंधन में बध गए माह फरवरी 18 ,वर्ष
1981..इलाहाबादी दिन पूरे होने को आये थे......स्वच्छन्दता के दुधिया
दांतों पर बन आयी . हम बाण भट्ट बनते बनते रह गए -बस छुट्टापन के नाम
पर केवल छुट्टा विचार ही रह गए कितनी ही कसक फसक लिए ....मनुष्य का मानो यह
स्वभाव ही है जब वह स्वछन्द होता है तो कहीं बंधना चाहता है और जब बंधा
होता है तो छूटना ...अब मेरी इस बात का कम से कम आज तो कोई निहितार्थ न
निकाला जाय! कल की बात और है :-)
हम तो जनम जनम के स्वच्छन्दतावादी है ,
छुट्टा ख़याल, छुट्टा जीवन के हिमायती -मगर मेरे युवा और चिर युवा मित्र
उलाहना देते हैं कि खुद तो गुड खाए और हमें मना कर रहे हैं .अब हम उन्हें
कैसे समझाएं कि भैया अनुभव की बात बिना गुड खाए कैसे की जा सकती है -अरे
मुझे मुझ जैसा कोई गुरु समय से मिला गया होता तो हम उसके अनुभव से
लाभान्वित न हो गए होते? ..सभी तो यही चाहते भये जब हम फंसे तो ये बच्चू
कैसे छूट जाएँ . अरे युवा मित्रों, छुट्टा जीवन के आह्लाद का आनंद देखना हो
तो छुट्टे गाय बैलों को तनिक देखो -कितने हृष्ट पुष्ट नज़र आते हैं उनकी
तनिक मरियल से दिखने वाले बैलों और गायों से तुलना करो! दूर नहीं जाना यहीं फेसबुक पर ही देखो! अरे बुद्धू अब भी
नहीं समझे तो निरे वो ही हो ...बाकी बातें हम आगे भी कर सकते हैं आज तो
गाँठ का दिन है -आज तो बंधने का पर्व है -स्वाधीनता की बाक़ी बातें कल कर
लेगें .और मित्रगण चाहेगें तो टिप्पणियों में खुला विमर्श भी!
बहरहाल हम अपनी और इनकी बात कर रहे थे ....शुक्रगुजार हैं इनके कि इनके ही बस कि बात है बिना शरद के आत़प को सहे बत्तीस परिणय बसंत आज पूरे हुए ....अब तो आभार ब्लॉगवुड कि अक्ल की दाढ़ें भी निकल आईं पिछले पाँच वर्षों में ही -अब आगे के जीवन के बारे में आपकी शुभेच्छाओं की कामना है! कई मित्र मित्राणियों के चेहरे याद आ रहे हैं आज -उम्मीद है उनकी शुभकामनाओं का संबल आगे के जीवन के लिए जरुर मिलेगा .......
बहरहाल हम अपनी और इनकी बात कर रहे थे ....शुक्रगुजार हैं इनके कि इनके ही बस कि बात है बिना शरद के आत़प को सहे बत्तीस परिणय बसंत आज पूरे हुए ....अब तो आभार ब्लॉगवुड कि अक्ल की दाढ़ें भी निकल आईं पिछले पाँच वर्षों में ही -अब आगे के जीवन के बारे में आपकी शुभेच्छाओं की कामना है! कई मित्र मित्राणियों के चेहरे याद आ रहे हैं आज -उम्मीद है उनकी शुभकामनाओं का संबल आगे के जीवन के लिए जरुर मिलेगा .......
bahut shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंगुरु और गुरुमाता को प्रणाम !
जवाब देंहटाएं.
.
आपके दाम्पत्य-जीवन में वसंत के अलावा कोई हवा न घुसे,ऐसी कामना है !
सत्य ही! वसंत ही वसंत की आकांक्षा।
हटाएंमेरा भी प्रणाम और हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई..... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएं@ हम तो जनम जनम के स्वच्छन्दतावादी है , छुट्टा ख़याल, छुट्टा जीवन के हिमायती -मगर मेरे युवा और चिर युवा मित्र उलाहना देते हैं कि खुद तो गुड खाए और हमें मना कर रहे हैं .
जवाब देंहटाएंउछल कूद तो खूबै करते
मगर न कोई, पायी है ,
इस सुंदर बगिया में भैये
भाभी जी ही, लायीं हैं !
केवल वे ही साथ निभाएं, फिर भी आगी लागी है
आओ छींटें मारे रंग के , बुरा ना मानो होली है !
आप दोनों को हार्दिक शुभकामनायें !
हटाएंप्रणाम सर जी!
जवाब देंहटाएंबत्तीसी पढकर तो चालीसा पढने की इच्छा उत्कट हो गई है सर जी! खैर अभी बत्तीसी की ही शुभकामनाऐं स्वीकार करें! चालीसा की शुभकामनाऐं अभी आपकी धरोहर के रूप में सहेज कर अपने पास ही रख ले रहें है। चालीसा सुनाईयेगा और ले जाईयेगा।
पुन: सादर प्रणाम!
हार्दिक शुभकामनाएँ, चेन्नई से...
जवाब देंहटाएंविवाह की वर्षगांठ पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएँ .
जवाब देंहटाएंवर्षगाँठ की शुभकामनायें. नख दन्त की बात तो आपने कर दी है पर मैं ये जोड़ देता की कलम की धार भी बिलकुल सलामत है. आपकी लेखनी बहुत अच्छी लगी है.
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से भी हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंविवाह के ३२ वें वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएँ,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: बसंती रंग छा गया
३२ वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर आप दोनों को हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंप्रसन्न रहें. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंहमारी ओर से भी हार्दिक शुभकामनायेँ!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई सर!
जवाब देंहटाएंसादर
डॉ साहब आप दोनों को वैवाहिक वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई । हम आप दोनों के सुंदर,स्वस्थ,सुखद,समृद्ध उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना करते हैं।
जवाब देंहटाएंयादों के झरोखे से -61 वर्ष (भाग-3 )---विजय राजबली माथुर
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंहम भी आज ही के दिन परिणय बंधन में हम भी बँधे थे, बस २० साल जूनियर हैं ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई पहुँचे, ढेरों शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं.
.
बधाईयाँ !
...
बधाई और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबत्तीसी, दन्त, नख क्षमता चिरकाल तक सलामत रहे। :)
३२ वी शादी की सालगिरह पर हार्दिक शुभकामनाएं और आशीर्वाद |
जवाब देंहटाएंआशा
विवाह की वर्षगांठ की बहुत शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंपिछले वर्ष की फोटो ही चिपका दी , पूरे एक वर्ष में कोई नयी फोटो नहीं खिंचवाई :)
एनी वेज़ संध्या भाभी बहुत खूबसूरत लग रही है , फूलों के जैसी ही !
बत्तीसी सलामत रहे रागात्मकता भी अन्दर बाहर की .सेहत भी शीर्ष पर रहे .भाई साहब इस मिथ में कोई जान है -बत्तीस दांत वाले की भखा (बद्दुआ )फलती है ?आप भी छोटों को आशीष देवें .
जवाब देंहटाएंबसंत बत्तीसी ओर बत्तीसी बची रहने की भी बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंशादी की वर्षगाँठ आप दोनों को मुबारक ...
आप ऐसे ही प्रसन्न बने रहें, हम साधकों को संबल मिलेगा।
जवाब देंहटाएंसभी मित्रों का कोटिशः आभार
जवाब देंहटाएंविवाह की वर्ष गाँठ पर इतना सुन्दर चिटठा :) बहुत अच्छा लगा पढ़ कर , बहुत ख़ुशी हुई ।
जवाब देंहटाएंआप दोनों ही को बहुत बहुत बहुत बधाईयाँ और शुभाकांक्षाएं ।
:)
ऐसे ही अनेक बसंत आपके जीवन में महकते रहे ।
जवाब देंहटाएंअ नेकानेक बधाई और शुभकामनाये ।
बसंत बना रहे जीवन में फरवरी सा .शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .
जवाब देंहटाएंरोशन तुम्ही से दुनिया ,रौनक हो तुम जहां की सलामत रहो ....वासंती मन लिए रहो 24X7x365
जवाब देंहटाएंहम साहित्यकार खुली किताब की तरह होते हैं । हमारी लेखनी हमारी प्रौढता और हमारा कच्चा चिट्ठा सब कुछ बयॉ कर देती है । आपको सगिरिजा कोटिशः बधाई ।
जवाब देंहटाएं