शनिवार, 5 मई 2012

मुए 'फीड' ने बड़ा दुःख दीना


विगत दिनों से एक अजीब से असमंजस और उहापोह की स्थिति में रहा -एक तकनीकी समस्या ने दुखी कर दिया .हुआ यह कि मैंने वक्ष सुदर्शनाओं वाली विगत पोस्ट के बाद एक हलके हास्य की पोस्ट लंगोट महात्म्य पर भी लिखी थी ,मगर वह प्रकाशित होने के कई घंटों बाद भी जब संकलको पर नहीं दिखी तो यह असहज सा लगा .मैंने अपने ब्लॉगर सेटिंग में जाकर जब फीड बर्नर में उसकी स्थति चेक की तो पता चला वह अपडेट ही नहीं हुयी है -फीड अपडेट न होने के बारे में एच टी एम ल का कोई दोष बताया गया.मैंने लाख कोशिश की मगर कोई फायदा नहीं हुयी ..बहुत कुछ पढ़ा,देखा सुना समझा मगर नतीजा सिफर ...कारण यह है कि मैं खुद कम्प्यूटर की भाषा से बेखबर हूँ -एच टी एम एल पल्ले नहीं पड़ता ...ब्लॉग लिखने और ई मेल पढ़ लिख लेने भर का अर्थ यह नहीं है कि हम  कम्यूटर को भी साध सकते हैं...हलांकि कम्प्यूटर तकनीक विशेषज्ञ तमाम यूजर फ्रेंडली अप्लिकेशन्स मुझ जैसे कम्प्यूटर अज्ञानी के लिए आये दिन जारी कर रहे हैं मगर फिर भी बिना बेसिक्स की समझ के हम कई सामान्य सी समस्याओं को हल नहीं कर सकते ....गूगल का फीड बर्नर बार बार फीड को वैलीडेट करने का आप्शन सुझाता मगर जब मैं जब यह करता तो तो इस अप्लिकेशन का जवाब होता कि एच टी ऍम एल की गड़बड़ी दुरुस्त किये बिना फीड अपडेट नहीं हो सकती ..और मामला यहाँ तक आकर टाय टाय फिस हो जाता ..

मैं इसी असहजता और खुद पर खीजने में समय जाया कर रहा था कि ब्लॉग जगत के केतु संतोष त्रिवेदी जी का उलाहना ..."ये लंगोट वन्गोट  जैसी पोस्ट न डाला करो -कोई पढ़ नहीं रहा है ..ऐसे विषयों पर किसी की रूचि नहीं .." जबकि पहला कमेन्ट ब्लॉग जगत -दिग्गज अनूप शुक्ल जी कर चुके थे जो एक सेलेक्टिव पाठक हैं ..जाहिर है बात कुछ और थी ...और मैं यह पहले तो आत्मग्लानि में ही डूब गया कि देखो इस ब्लॉग की भी क्या गति दुर्गति हो गयी ..पाठकों ने अस्वीकार कर दिया ब्लॉग को ....फिर सोचता, हो सकता है लोग विषय को देखकर टिप्पणी  देने से बंच रहे हो और फिर टिप्पणी से पोस्ट की गुणवत्ता का कोई लेना देना नहीं है -ऐसा ब्लॉग विद्वान गण सिद्ध कर चुके हैं मगर टीस तो उभर ही रही थी और फिर संतोष जी का गर्वोन्मक्त उदगार कि ऐसे  विषयों पर न लिखो --सारे जहाँ में खुद को इस नाचीज का चेला कहते फिरते हैं मगर यहाँ कान काटने को उद्यत दिखे... क्या समय आ गया है अब चेले ही गुरु का अंगूठा क्या हर अंग प्रत्यंग काट डालने पर उतारू हैं....समय और जरुरत के मुताबिक़:) 

किस्सा कोताह यह कि मुझे मन मसोस कर रहना पड़ा ..कुछ ने सुझाया कि लाल बुझक्कड़ से सम्पर्क करो मामला सलटा लो ...मगर अब मुझे यह गंवारा नहीं ..गूगल दादा काफी है .इनसे मिला तो कहने लगे कि तुमने जरुर कहीं और से खासकर माईक्रोसाफ्ट वर्ड्स पर पोस्ट लिख कर फिर वहां से कट पेस्ट किया है ब्लॉगर बक्से में -अरे हाँ यही तो किया था मैंने ...अन्तर्यामी गूगल बाबा जान गए थे ...उन्होंने आगे के लिए चेताया कि ब्लॉगर पर पोस्ट सीधे वही लिखने से ये पोस्ट अपडेट की समस्या नहीं आती .मगर जब से मैंने ब्लॉगर सुविधाओं को अपडेट किया है मुझे हिन्दी लिप्यंतरण का आप्शन "''  दिखता ही नहीं ...तो कहीं से पोस्ट लिख कर वहां पेस्ट करना  पड़ता है ....अभी तो गूगल इंडिक ट्रांसलेशन से यह पोस्ट लिख रहा हूँ .....

मैंने थक हार कर आखिर समस्या की जड़ लंगोट को ही हटा दिया -यानी उस पोस्ट को जो इतना लहक कर मैंने लिखी थी ... मगर जो मेरे मित्र और सुधी पाठकों को दिखी तक नहीं उसकी बलि देनी पडी और यह कृत्य करके मैंने एक टेस्ट पोस्ट लिखी कि मित्रों मेरा ब्लॉग नए पोस्ट फीड अपडेट नहीं कर रहा है इसलिए यह टेस्ट पोस्ट डाल रहा हूँ ..और चमत्कार हो गया -मित्रों के कमेन्ट आने लगे कि पोस्ट दिख रही है -कलेजे का बोझ मानो उतर गया ....अंगरेजी कहावत याद आयी व्हेन गोइंग गेट्स टफ देन टफ गेट्स गोइंग ....

मेरी अपील है कि जानकार मित्र अपनी टिप्पणी में आर एस एस फीड और एटम  फीड के बारे में पाठकों को जरुर बताएं और हाँ वह लंगोट पोस्ट भी पोस्ट करेगें दुबारा मगर यहाँ तनिक मामला कंट्रोल में आ जाय तब ....

37 टिप्‍पणियां:

  1. गूगल बाबा कब बहक जायें, भाग्य का खेल है।

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  2. हा हा हा हा हा ई माट साब का ही साप लगा है लंगोट को ...आ गूगल बबा के बाप के पास भी अईसन इंतज़ाम नय है कि लंगोट का फ़ीड ले सकें , आपहु तो एक के बाद एक एडिसन छापे जा रहे हैं ..अरे गूगल का करेजा जरके खाक हो गया होगा ...सब ओकरे किया धरा है ..

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    लिंक आपका है यहीं, मगर आपको खोजना पड़ेगा!
    इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  4. महाराज,आपके ब्लॉग की इधर 'फीड' गायब हो रही थी और मैं अनजाने में ही गुरु-कम-मित्र के कोप का 'फीड' बन गया था.सच में जब उस रोज़ उस पर कमेन्ट भी कम आ रहे थे और मैंने आपको सुझाया था कि रीडर पर इसकी फीड नहीं आई है और अलग से सलाह दे डाली थी कि इस तरह लंगोट और चड्ढी के पीछे क्यों पड़े हो,तो आप एकदम से कुपित हो गए थे .मैं यह सोच रहा था कि क्या दोस्ती के नाते इत्ता भी नहीं कह सकते,फैसला तो आप को ही लेना है.बाद में आपको मैंने के बार फोनियाया और उसी उहापोह में 'जुगनू बन जलता हूँ' रचा.उसमें भी आप हमें मणिकर्णिका घाट का पता दे रहे थे.फिर भी मैंने आपसी -प्रेम को मरने के लिए नहीं छोड़ा और आपको फोनियते रहे,आपने भी सहजता से बात करी .इस तरह मेरा लंगोट उतरते-उतरते बचा और अब आपकी फीड और पोस्ट भी सलामत है.इस दरमियान अली साब ने बड़ा संबल दिया !

    मुझे कई बार तकनीकी-समस्या आती है तो प्रवीण त्रिवेदी जी को याद कर लेता हूँ और वे सब लाइव-सोलूशन दे देते हैं.
    आप हमारे गुरु रहे हैं,हमेशा रहेंगे और बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि आपकी 'किरपा' चालू रहे !

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  5. फ़ायरफ़ॉक्स का इस्तेमाल करें । उसमे हिंदी लिखने की सुविधा भी है और प्रकाशित होने में कोई दिक्कत नहीं होती । जब आप किसी और माध्यम में पोस्ट लिख कर पेस्ट करते हैं तो गूगल स्वीकार नहीं करता ।
    लंगोट वाली पोस्ट को दोबारा लिखना पड़ सकता है ।

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  6. उलझन में उलझे बिना उलझन नहीं सुलझती

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  7. ये तो गजब की समस्या है। मैं भी माईक्रोसाफ्ट वर्ड्स पर पोस्ट लिख कर फिर वहां से कट पेस्ट करता हूं।

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  8. @ जानकार मित्र अपनी टिप्पणी में आर एस एस फीड और एटम फीड के बारे में पाठकों को जरुर बताएं :-

    भाई हम मित्र तो हैं पर फीड के मामले में जानकार नहीं , टिप्पणी भी दे रहे हैं ! जब खुदई को पता नहीं तो पाठकों को क्या बतायें :)

    अब आपने कहा है तो कुछ तो कही डालें :)

    प्रिय पाठकों ,
    ऐसे तकनीकी और झेलाऊ मामलों में संजीव तिवारी ,प्रवीण त्रिवेदी और पाबला जी का नाम याद है मुझे तो बस ! ...और हां एक / दो लखनऊ वालों का नाम भी सुना सुना सा लग रहा है लेकिन याद नहीं आ रहा :)

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  9. @मनोज जी ,
    ऐसा ही देवेन्द्र पाण्डेय ,बेचैन आत्मा भी करते हैं ....
    मगर जो फीड बर्नर की चेतावनी है मैंने बता दी ....
    मेरे साथ भी ये मुश्किल पहली बार हुयी है !

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  10. https://www.google.co.in/search?q=feed+not+updated&ie=utf-8&oe=utf-8&aq=t&rls=org.mozilla:en-US:official&client=firefox-a#hl=en&client=firefox-a&hs=wB5&rls=org.mozilla:en-US%3Aofficial&sclient=psy-ab&q=feed+not+updated+blogspot+&oq=feed+not+updated+blogspot+&aq=f&aqi=&aql=&gs_l=serp.3...11836.16298.0.16878.10.10.0.0.0.0.311.2049.0j8j1j1.10.0...0.0.i3W9VSI1hxs&pbx=1&bav=on.2,or.r_gc.r_pw.r_cp.r_qf.,cf.osb&fp=34dacc5f4c0d6849&biw=1280&bih=642

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  11. :) ... चलिए अच्छा हुआ कमेंट्स आने लग गए ... बधाई स्वीकारें .. :)

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  12. इस समस्या का स्थाई हल तो यह है कि हिंदी में टाइप करना सीखा जाय। ब्लॉगिंग करते-करते स्पीड भी तेज हो जायेगी। कोई मुश्किल काम नहीं है। 15 दिन के अभ्यास से सब दुरूस्त हो जायेगा।

    @संतोष जी...

    आजकल कृपा खुद चालू हो गई है। करने या पाने वाले को कुछ करना ही नहीं पड़ता। :)

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  13. यदि आप वर्ड आदि पर लिख कर ब्लॉगर एडिटर पर पेस्ट करके पोस्ट लिखने से यह होता है तो ध्यान दीजिए कि आप जब पेस्ट कर चुके तो पूरी सामग्री को सेलेक्ट (ctrl+A) कर ब्लॉगर एडिटर में T (remove formatting) ओप्शन को क्लिकिया दिया करें!

    बस्स .....!


    उसके बाद इसी ब्लॉगर एडिटर के माध्यम से थोड़ी बहुत जो जैसा एडिटिंग करना चाहें तो कर लें !

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  14. संतोष त्रिवेदी जैसा दोस्त हर किसी को मिले.....
    शुभकामनायें ....

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  15. RSS Feed and Atom feed both are in XML Language. They are in XML Language, so they should follow the rules on that language. In all computer languages there are few keywords/letters which have defined meaning, you can not use them in other context. If you use them otherwise the XML can not be read by the reader software/application.

    The problem is with MS Word, it uses the same XML Keywords for its own formatting purpose. If you type in Word and Paste in Blogger, it will get posted, but when the content will go to RSS/ATOM Feed, it will corrupt it.

    The same happened with your feed, the two post which were compiled in Word corrupted the feed. One solution : If use phonetic, use Live Writer and Baraha. If you use Inscript, use default Hindi Keyboard of MS Windows. For long term I will suggest to use Inscript, as it is standard, scientific and supported every where(iPhone, iPad, Mac, Windows, Linux)

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  16. अरविन्द जी बहुत पहले शुरू में एक बार यह मुश्किल आयी थी। इसके लिये पहले पोस्ट को अंग्रेजी के शीर्षक में प्रकाशित करता हूं और उसके बाद में पोस्ट का शीर्षक हिन्दी में कर देता हूं। इसके अतिरक्त कुछ और सावधानियां।

    मैं उबुन्टू पर काम करता हूं और सारी टाईपिंग लिब्रे ऑफिस में। उसके बाद उसे पोस्ट पर डालने से पहले उसे टेक्स्ड एडिटर पर ले जाकर उसकी फॉरमऑटिंग समाप्त कर पोस्ट करता हू,

    पॉरमैटिंग समाप्त करने का दूसरा तरीका है कि उसे compose mode पर नही ब्लकि HTML mode पर पोस्ट करत हूं।

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  17. समस्या सुलझी और आम पाठकों के ज्ञान में बढ़ोतरी हुई ...शुभकामनायें !

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  18. @आजकल कृपा खुद चालू हो गई है। करने या पाने वाले को कुछ करना ही नहीं पड़ता। :)

    देवेन्द्र जी,इधर तो हमने सुना है कि 'किरपा' चालू होने का किराया ढाई हज़ार रुपये है,किराया बंद,किरपा बंद !

    @संतोष त्रिवेदी जैसा दोस्त हर किसी को मिले.....

    सतीश जी,यह 'केतु' जिसे मिला हुआ है,वे ही अपनी जान बचाने में लगे हैं.
    आपके स्नेह का आभार !

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  19. जब आपकी तथाकथित पोस्ट नहीं दिखी तो हमने संतोष त्रिवेदी जी पूछा कि मिसिरजी का लंगोट किधर गया। वे बोले-ढीला था उतर गया।( या इसी तरह की कोई बात)।

    नेट पर हिंदी लिखने के न जाने कित्ते तरीके लोग प्रयोग में लाते हैं। कट-पेस्टिया तरीका इस्पीड कम करता है। हम तो बारहा प्रयोग करते हैं। कुछ भले लोग आईएमई का प्रयोग करते हैं।

    बाकी शास्त्रीजी बहुत सुन्दर प्रस्तुति कह ही चुके हैं। और क्या कहा जाये। :)

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  20. और ये फ़ीड शब्द ’मुआ’नहीं ’मुई’ है। जबरियन लिंग परिवर्तन का प्रयास अच्छी बात नहीं है।

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  21. हम तो वर्षों से विन्डोज लाईव राईटर का उपयोग कर रहे हैं, वहीं फ़ोटू वीडियो सब चेप दो और फ़िर पब्लिश कर दो, फ़ायदा यह है कि लिखते समय ऑनलाईन रहने की जरूरत नहीं है, और आपके सारे ब्लॉग पोस्ट का एक बैकअप आपके कंप्यूटर पर भी रह जाता है।

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  22. प्रवीण जी ,
    आशीष जी
    उन्मुक्त जी
    तकनीकी ज्ञानवर्धन के लिए बहुत आभार..कितना कुछ जानना सीखना है
    आशीष जी -एच टी एम् एल और एक्स ऍम अल का अंतर क्या है ?

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  23. अनूप जी
    आभार ,ये ढ़ीले लंगोट शास्त्री कौन हैं :)
    बाकी तो मैंने न मुई लिखा न मुआ लिखा मुए लिखा है ..
    मुझे लगता है यह भी स्वीकार्य है .आप और संतोष जी व्याकरण की लंगोट
    मत बाँध लिया करिए हरवक्त! :)

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  24. @अनाम : एक जानकारी भरे लिंक के अहैतुकी मदद के लिए आभार!

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  25. लाल बुझक्कड़ का जवाब:
    (ये मेरे पास ईमेल से आया था आपके पास भेजने के लिए, तो यहाँ कॉपी पेस्ट कर चिपका रहा हूं-)
    आराम से एमएस वर्ड में लिखें, मगर पोस्ट करने के लिए पहले मैटर को कॉपी कर लें, और नोटपैड खोल कर वहाँ पेस्ट कर लें. और सुनिश्चित होने के लिए वहाँ कोई एक अक्षर लिखें, और मिटा दें.
    अब नोटपैड से मैटर कॉपी करें और ब्लॉग एडीटर विंडो में कॉपी करें.
    आइंदा आपको इस तरह की कोई समस्या नहीं आएगी.

    और हाँ, वो लंगोट वाली पोस्ट में इस टिप को बेखटके आजमा सकते हैं - यानी रीठेल या रीपोस्ट कर सकते हैं.

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  26. भाई साहब किसी दिन सभी कुछ तो चौपट होगा हम जैसे कम्पू अनाड़ियों का तब हाथ पे हाथ धरे बैठे होंगें .अकसर एक तकनीकी साथी की ज़रुरत दरकार रहती है उम्र के साथ की बोर्ड पर ऊंगली भी कहीं की कहीं पड़ती हैं ऐसे में कहाँ क्या गडबड हुई पता नहीं चलता .एक बात और है हम कुछ कामों को करना ही नहीं चाहते यह मेरे साथ बहुत ज्यादा है .मुझे इनकम टेक्स रिटर्न भरना नहीं आता मैं सीखना भी नहीं चाहता डर लगा रहता है मैं गलती कर जाऊंगा .यह टास्क भीति है .कुछ ख़ास चीज़ों से हम छिटकते हैं .

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  27. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  28. HTML is hyper text markup language which uses XML Standard. All HTML Pages are XML documents, but vice versa is not true.

    XML(Extensible Mark up Language) is a standard which can be used for multiple purposes, such as HTML, WebSevices as well as data records.

    Example I can write a student record in following XML Format
    <Student>
    <Name> Ashish </Name>
    <Roll_No> 1212</Roll_No>
    <Subjects>
    <Subject_Main> Physics </Subject_Main>
    <Subject_Opt> Biology </Subject_Opt>
    </Subjects>
    </Student>

    In this example I have used a new XML Format which describes Student. In the same way XML can be used extended anything. HTML, RSS, ATOM is some industry wide examples.

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  29. सब माया है ( गूगल बाबा की ) ..जैसी उनकी इच्छा. कुछ बातों पर मनुष्य का बस कहाँ चलता है..

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  30. कुल मिलाकर समस्या यह हुई कि जब आप रिच टेक्स्ट एडिटर जैसे वर्ड आदि पर लिखते हैं तो वह कुछ ना कुछ अपनी फार्मेटिंग को प्रयोग करता है !


    अब मामला यह कि इस फोर्मेटिंग को कैसे हटाया जाए !

    पहला तरीका : सबसे पहले तो पेस्ट करने के बाद पूरे मैटर सेलेक्ट कर ब्लॉगर एडिटर T (remove formatting) दबा दें तो प्री डिफाइंड फोर्मटिंग हट जायेगी !


    दूसरा तरीका : फारमैटिंग समाप्त करने का दूसरा तरीका है कि उसे compose mode पर नही ब्लकि HTML mode पर पोस्ट करें। जैसा कि उन्मुक्त जी ने बताया!



    तीसरा तरीका : लाल बुझक्कड़ का जवाब वाया रवि जी कि पूरे मैटर को नोटपैड जैसे गरीब टेक्स्ट एडिटर में चिपकाकर फिर उसे वहाँ से कॉपी करके ब्लॉगर एडिटर पर पेस्ट कर दें !


    चौथा तरीका : वह कुछ भी जो उस फोर्मेटिंग को साफ़ कर दे :) यह तरीका जब आप खोज लें तो खुद जाने ..... तब तक तीन तरीकों से काम चलायें !

    जय जय !

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  31. @रतलामी जी ,
    बहुत आभार ,मगर यह तरीका तो बिलकुल भी लाल बुझक्कड़ी का नहीं है ,यह आपकी विनोदप्रियता है जो इसे लाल बुझक्कड़ के नाम पे ठेल रहे हैं ...

    @प्रवीण जी,
    कानक्लूड करने के लिए बहुत आभार ...आपने निरंतर स्वाध्याय से तकनीकी ज्ञान को अर्जित किया है और उसे उतरोत्तर अपडेट करते रहते हैं ....आप लालबुझक्कड़ नहीं हैं और आप पर हमेशा भरोसा किया जा सकता है ...

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  32. निरंतर स्वाध्याय के साथ साथ वर्चुअल दुनिया के तकनीकी अनुजों और वरिष्ठों से !

    हैट्स ऑफ टू देम

    इतना जोड़ना जरूरी था सर :)

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  33. @आप विनम्रता के भी प्रतिमूर्ति हैं -अब मुझे यह जोड़ना पड़ रहा है !

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  34. कुछ ख़ास अनुभवों से रु-ब-रु करवाने के लिए और अपने खजाने की रक्षा के प्रति सजग करने के लिए आभार...

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