मुझे बड़ा ताज्जुब सा हुआ जब एक मोहतरमा ने मुझसे चैट के दौरान अचानक पूंछ लिया, " ...जैसे अदाकारा ,.शायरा वैसे ब्लागरा/चिट्ठाकारा क्यों नहीं ?" मैं अचकचा गया! अंगरेजी शब्दों का हिन्दीकरण और उनके लिंग परिवर्तन के औचित्य और अनौचित्य पर ब्लागजगत में काफी बहस भी हो चुकी है! मैंने कहा कि यह कुछ अच्छा नहीं लग रहा है ,अनकुस सा लगता है कुछ! उन्होंने तपाक से उत्तर दिया बल्कि प्रश्न पूंछ लिया या यूं कहिये कि प्रश्नात्मक उत्तर सामने धर दिया कि कवि हैं तो कवयित्री भी हैं ,शायर हैं तो शायरा भी हैं ,अदाकार हैं तो अदाकारा भी हैं तो जब ब्लॉगर हैं तो फिर ब्लागरा क्यों नहीं ? मैंने कहा कि बहुत करके मैं चिट्ठाकारा शब्द तो स्वीकार कर सकता हूँ मगर ब्लागरा तो गले नहीं उतर रहा -उन्होंने मेरे सौन्दर्य बोध को ललकार दिया -कहा जरा ध्यान केन्द्रित करके तो देखिये कितना सुघड़ शब्द है -ब्लागरा -पूरी शायरा सी नजाकत नफासत लिए हुए ! अब मैं अप्रस्त्तुत असहाय सा उनका तर्क सुनता रहा -पहली बार अपने वैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर जोर का रोना आया -काश थोड़ी संस्कृत पढी होती ,थोडा भाषा विज्ञान जाना होता और किसी वैयाकरण से दीक्षा ली होती तो आज एक "ब्लागरा" से मुंह की न खानी पड़ती! वे तो चली गयीं मगर मन को उद्विग्न छोड़ दिया !
अब डूबते को तो तिनके का ही सहारा होता है मगर मैंने गिरिजेश भाई को फोन मिलाया -इन दिनों उनके शब्द और शब्दार्थ ज्ञान से कईयों की कंपकपी छूट रही है ! मैंने उनके सामने सारा प्रसंग और संदर्भ रख दिया -वे ठठाकर हँस ही तो पड़े ,बोले कि इस समस्या को सार्वजनिक रूप से लाईये तभी कुछ कहना ठीक रहेगा और फिर ठिठोलियों में लग गए! लगे घाघरा का उद्धरण देने! मतलब उनसे अब उम्मीद खत्म थी ! इस मुद्दे पर फिर जीशान से बात की -उनकी उर्दू की जानकारी ठीक ठाक है ! मैंने उनसे पूंछा कि क्यों जीशान भाई शायरा या अदाकारा की ही तर्ज पर क्या ब्लागरा उपयुक्त शब्द है और हम इसका व्यवहार नेट पर शुरू कर दें -उनकी तुरत फुरत राय थी, नहीं पोयटेस या ऐक्ट्रेस की तरह ब्लाग्रेस कहना ज्यादा मुफीद होगा मगर फिर तुरत ही पलट गए ! कहा कि इससे तो मिस्ट्रेस की बू आ रही है लिहाजा ब्लाग्रेस भी ठीक नहीं ! बहरहाल यहाँ से भी निराशा भी मिली ! दुर्भाग्य कि कोई संस्कृत वाला या वाली से सम्पर्क ही नहीं हो पाया(लगता है अब नंबर लेकर रखना होगा )! एक ब्लागजगत में हैं भी तो उन्हें विद्वानों से फुरसत ही नहीं रहती -हम संस्कृत हीनो के लिए उनके पास समय कहाँ ? और भी कोई हैं तो उनसे फिलहाल इतनी छूट नहीं ली जा सकती !
तो अब यह विषय खुली चर्चा के लिए रख रहा हूँ -इस ब्लागमानस में तो नीर क्षीर निर्णय हो ही जायेगा . न जाने क्यूं मुझे ब्लागरा शब्द से अचानक ही इतना नेह क्यूं हो गया है -कई उदित और उदीयमान नारी ब्लागरों के नाम के आगे पीछे इसे जोड़कर देखने पर कुछ के साथ तो यह खूब फब भी रहा है ! शायरा शायरा सा कुछ! भले ही व्याकरण के लिहाज से यह गलत हो मगर एक काव्यमय सौन्दर्य तो इसमें निश्चित तौर पर है -विश्वास न हो तो मेरी टेक्नीक इस्तेमाल कर देख लें! अगर हम आगे किसी महिला ब्लॉगर का तआर्रुफ़ करते वक्त यह कहेगें कि लीजिये मिलिए मोहतरमा से.... ये हैं एक मशहूर ब्लागरा ......तो कितना अच्छा लगेगा! हैं ना ? फिर ब्लॉगर शब्द नपुंसक लिंग ही क्यों बना रहे ? आज के दौर में चारो ओर विशिष्ट से दिखने की चाह में महिला ब्लागर अगर ब्लागरा का संबोधन स्वीकार कर लें तो हर्ज ही क्या है ?
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
-
Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
'ब्लोगरा' हिंग्रेजी, हिंगलिश टाइप का शब्द लग रहा है मुझे तो. कहीं चिठेरा-चिठेरी पढ़ा था. मुझे तो वही जम रहा है. बाकी लोग बताएंगे ही तब देखने आता हूँ :)
जवाब देंहटाएंएक नया शब्द मिला तो मैं तुकबन्दी जोड़ने लगा। आप ऊ हो सार्वजनिक कर दिए !
जवाब देंहटाएंवैसे शब्द है बड़ा लिरिकल। 100% स्वीकारने योग्य। इस पर कविताई देखते हैं कौन कवि/कवियत्री पहले करता/ती है!
ब्लॉगरा को पहला मत दर्ज हो।
भाषा लोकानुगामिनी होती है और व्याकरण तथा भाषा-विज्ञान उसके पीछे चलते हैं. वैसे तो यह शब्द व्याकरण-सम्मत नहीं है,परन्तु यदि ब्लॉगरा शब्द लोकप्रिय हो जाये तो स्वीकार्य है. इस पर मतदान करा लीजिये ठीक रहेगा. वैसे मुझे तो ब्लॉगर शब्द ही अधिक ठीक लगता है.
जवाब देंहटाएंलगता है तिनके को भी ले डूबेंगे :) गिरिजेश भाई...ज़रा सम्भल के>>.
जवाब देंहटाएंब्लॉगरा को पहला मत दर्ज हो...
जवाब देंहटाएंमतदान से जो निर्णय सामने आए स्वीकार्य है .. पर महिला डॉक्टर के लिए अभी तक डॉक्टरा शब्द का प्रयोग नहीं हुआ !!
जवाब देंहटाएंडाक्टरनी जी
हटाएंबहुत अच्छा शब्द है. ब्लागरा! सभी ब्लागरा और ब्लागराओं को मेरा प्रणाम स्वीकार हो. अच्छा है.
जवाब देंहटाएंअरविंद जी.. मोहतरमा का सवाल वाजिब है.. मैं तो उनके हक में हूं... मेरी राय में तो इसकी शुरुआत हमें ब्लॉग से करनी चाहिए...
जवाब देंहटाएंअजी बहुत आसान है जेसे डाकटर की बीबी डाकट्रनी. मास्टर की जोरु मास्टरनी, वेसे ही ब्लांगिरनी....:)
जवाब देंहटाएंअजी हमे नही पता क्या कहे हम तो सीधा नाम ले लेते है, अभी तो ओर महानुवभव आये गे वही सुझाये इसे
आपका क्या मतलब है ?
हटाएंब्लोगर की पत्नी ब्लोगारा
कर तो रही थीं चैट तो ब्लोगारा क्यों हुईं भला? हाँ चैटकारा (चटकारा नहीं) कहलायें तो कोई बात बने. वैसे आप अगली बार चैटरूम में जाएँ तो हमारी तरफ से इतना ज़रूर पूछ लें कि ब्रह्मपुत्र नदी है कि नदा?
जवाब देंहटाएंअंग्रेजी शब्द का ऐसा पुच्छल हिन्दीकरण...
जवाब देंहटाएंइन्तजार करते हैं शब्द ज्ञानी क्या कहते हैं..
@जी संगीता जी ,सच मगर डाक्टर साहिबा वहां भी तो कहते हैं !
जवाब देंहटाएं@गुनीजन ,अब तक जो संबोधन आ चुके हैं वे है -ब्लाग्रेस ,ब्लागरिनी,ब्लागरा और चिठेरी
जवाब देंहटाएंइतनी सारी मोहतरमाओं से चैटिंग करेंगे तो ऐसे मुश्किल सवाल आते रहेंगे ...:)
जवाब देंहटाएंहमारे लिए तो ब्लॉगर संबोधन भी ठीक नहीं है ...साधारण गृहिणी ही चलेगा ...!!
मेरा मत चिट्ठाकारा को ! लोक-प्रचलित हो जाय तो सही लगता है यह !
जवाब देंहटाएंवैसे और भी प्रश्न निकलेंगे अब - चिट्ठी लिखने वालों/वाली के लिये चिट्ठीकार/चिट्ठीकारा (चिट्ठियाँ भी तो लिखी जा रही हैं अब? टिप्पणी करने वाली के लिये टिप्पणीकारा (ठीक लगता है)? और सबसे बढ़कर ब्लॉग-मॉडरेटर / ब्लॉग-मॉडरेटरा ?
सब ही प्रचलित कर डालिये । अंग्रेजी को भी समझ में आये कि किसी कीमत पर हम उसे अंग्रेजी नहीं रहने देंगे, हिन्दी का ठेठ-जामा पहना ही देंगे ।
आधुनिक या पुरातनपंथी होने का झगड़ा देख पा रहा हूं मैं तो इसमें.
जवाब देंहटाएंनवीन समाज लिंगभेदात्मक शब्दों से छुटकारा पाने के लिये प्रयास कर रहा है. कभी एक्ट्रेस शब्द प्रचलन में था, लेकिन अब स्त्री और पुरुष दोनों के लिये सिर्फ़ एक्टर ही कहा जाता है. बार-बार नारी के लिये अलग शब्द गढ़ने की क्या जरूरत है? केवल उसके काम से उसकी पहचान नहीं हो सकती क्या?
आपने जिन शब्दों को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया है (शायरा, अदाकारा) मैं तो उनसे भी पिंड छुड़ाने का पक्षधर हूं.
सुनने में भी ब्लॉगरा एक बेहूदा सा शब्द लगता है.
जवाब देंहटाएंब्लॉग्रेस-टाईग्रेस
जवाब देंहटाएंब्लॉगरनी-जादूगरनी
चिट्ठाकारा-अदाकारा
चिठेरी-कबूतरी
ब्लॉगनेत्री-अभिनेत्री
ब्लॉगरित्री-कवियत्री
ब्लॉगमोहिनी-मनमोहिनी
ब्लॉगरा-शायरा
ब्लॉगिषी-विदुषी
ब्लॉगराईन-पंड़िताईन
सम्भावनाएँ और भी हैं ... :-)
संभलिएगा!! अभी आपने पूछा जाने वाला है कि ज़ेंडर बायस्ड होने की क्यों सोच रहे? संविधान में तो सभी को समान दर्जा दिया गया है।
बी एस पाबला
@हा हा बस बस यही तो .....मोहतरमा को माकूल जवाब मिल गया जो मैं नहीं दे पाया ! शुक्रिया मित्र भूत भंजक ! भाड़ में जाय इसे जुडी नफासत ! हाऊ अन रोमांटिक न !
जवाब देंहटाएं@वाह क्या बात है पाबला जी आपने तो समा बांध दी मगर मेरी ब्लॉग -जगतमोहिनी कहाँ गयी ?
जवाब देंहटाएं@ अरविन्द जी
जवाब देंहटाएंऐसा लगता है कि ब्लॉग-जगतमोहिनी किसी भूत लेखक के सहारे किसी रचना में व्यस्त हैं
बी एस पाबला
सब कुछ लोकप्रियता पर निर्भर करेगा जो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अच्छा लगे शायद इस चर्चा के बाजार में वही ठहराव बन सकता है..
जवाब देंहटाएंमुझे ब्लॉगरा तो अजीब लगता है पर ब्लॉगारा ज्यादा जंचता है।
जवाब देंहटाएंजब सर्वसम्मति से फाइनल हो जाए तो ईमेल से सूचित कर दीजिएगा, मैं अपने CV में तदनुसार परिवर्तन कर लूँगी.हा हा हा.
जवाब देंहटाएं@वाह, जीनियस ,सही स्पिरिट में तो आपने ही लिया है मीनू जी ,शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंबाकी जाने क्यूं लोग बाग़ सेंटी-सीरियस हो गए हैं -अब उन्मुक्त जी ने तो इसे इतना सटीक बना दिया की
ब्लागारा शायद चल ही न पड़े और इसमें भूत भंजक भाई को वो शायरा वाला बेहूदापन भी शायद न लगे !
हा हा
@ तिनका
जवाब देंहटाएंडूबते हुए तिनके का पसन्दीदा गाना है: "डूबा डूबा रहता हूँ आँखों में तेरी ....." :)
____________________
एक संशोधन मेरी टिप्पणी में - 'कवियत्री' नहीं 'कवयित्री' होता है।
____________________
प्रचलन में एक ही शब्द रहे तो ठीक है लेकिन साहित्य , विशेषकर कविताई में इस नए शब्द का बहुत स्कोप बनता है।
लेखिका शब्द तो अभी भी प्रचलन में है ही।
शब्दों के लिंगोच्छेदन का मैं भी समर्थक हूँ। दो रूप होने से अनावश्यक श्रम तो बढ़ता ही है - बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों के वासी विशेष कठिनाई महसूस करते हैं; कभी कभी हास्यास्पद और बेहूदी स्थितियाँ भी पैदा हो जाती हैं - जैसे आज अपने देश में 'राष्ट्रपति' शब्द को लैंगिक जामा पहनाने की कोई जिद करे !
भाषा को सरलता की तरफ बढ़ना ही चाहिए।
@ तिनका
जवाब देंहटाएंडूबते हुए तिनके का पसन्दीदा गाना है: "डूबा डूबा रहता हूँ आँखों में तेरी ....." :)
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एक संशोधन मेरी टिप्पणी में - 'कवियत्री' नहीं 'कवयित्री' होता है।
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प्रचलन में एक ही शब्द रहे तो ठीक है लेकिन साहित्य , विशेषकर कविताई में इस नए शब्द का बहुत स्कोप बनता है।
लेखिका शब्द तो अभी भी प्रचलन में है ही।
शब्दों के लिंगोच्छेदन का मैं भी समर्थक हूँ। दो रूप होने से अनावश्यक श्रम तो बढ़ता ही है - बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों के वासी विशेष कठिनाई महसूस करते हैं; कभी कभी हास्यास्पद और बेहूदी स्थितियाँ भी पैदा हो जाती हैं - जैसे आज अपने देश में 'राष्ट्रपति' शब्द को लैंगिक जामा पहनाने की कोई जिद करे !
भाषा को सरलता की तरफ बढ़ना ही चाहिए।
पाबला जी ने तो बड़े सारे विकल्प दे डाले!पढ़कर ही हँसी आ रही है..!
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक!
लेकिन अगर गंभीरता से देखा जाए तो ..
एक ही शब्द' ब्लॉगर' ठीक है..चाहे वो बच्चे के लिए हो या बड़े के लिए---स्त्री के लिए या पुरुष के लिए...
संबोधनो/भाषा को इतना जटील क्यूँ बनाना?
@गिरिजेश जी लिंगोच्छेदन नहीं लिंगान्वेषण करिए ,कोई कह रहा था आप शिव भक्त भी हैं!
जवाब देंहटाएं@स्मार्ट जी ,यह तो आप भी जानते हैं की ब्रह्मपुत्र महानद है और चटकारा कहिये न -अब मेरी वो महिला चैट मित्र चटकारा हुईं ! क्यों ? अब हम चटखारे से चटकारा मित्र से चैट करेगें !
अरविन्द जी, स्त्री हो या पुरुष, डॉक्टर को डॉक्टर ही बोला जाता है। अब साहिब या साहिबा लगाना तो आपकी श्रधा है। इसी तरह ब्लोगर्स को संबोधित करना चाहिए।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , कभी मैं भे सोचता हूँ की दोस्त, मित्र , फ्रेंड (सखा, सहेली अलग बात है,जिसका पुल्लिंग नहीं बना )का स्त्रीलिंग क्यों नहीं बना ?
जवाब देंहटाएंडॉक्टर साहब,
जवाब देंहटाएंजहां तक मैं जानता हूं अदाकारा, शायरा जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल गलत है...महिलाएं भी अदाकार और शायर ही होती हैं....प्रचलन में शिक्षिका, अध्यापिका भी कह दिया जाता है, वो भी गलत है...महिला विधायक को अगर विधायिका कहा जाए तो उसका बिल्कुल अलग ही मतलब है...बाकी अजित वडनेरकर जी की बात को इस विषय पर अंतिम माना जाना चाहिए...
जय हिंद...
ब्लागर शब्द तो सीधे सीधे अंग्रेजी का है वह हिन्दी, उर्दू या हिन्दुस्तानी में आयातित ही रहेगा। इस का हिन्दुस्तानी संस्कार करने पर यह शब्द ब्लागीर बनता है जो अभी अधिक प्रचलन में नहीं। मेरे अलावा शायद ही कोई और हो जो इस का उपयोग करता हो। अब इस का स्त्रीलिंग बनाया जा सकता है। वह होगा ब्लागीरा। मेरे विचार से इस से सुंदर शब्द कोई और नहीं हो सकता।
जवाब देंहटाएंवैसे हिन्दी में नपुंसकलिंग या द्विलिंगी शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है। जैसे में हिन्दी में अदालती आवेदन लिखते समय प्रार्थी ही लिखता हूँ प्रार्थिनी शब्द अटकता है। क्यों कि लिंग का पता तो करती है/करता है शब्दों से अनायास ही लग जाता है। यह प्रयोग खूब धड़ल्ले से किया है और चल रहा है।
हमारे एक वकील साहब की पत्नी डाक्टर हैं। पिछले दिनों उन्हें किसी मित्र ने डाक्टर कह कर संबोधित किया तो मैं ने पूछा भाभी से मिलोगे तो क्या उसे वकीलानी कहोगे?
जवाब देंहटाएंसवाल उत्तम था लेकिन एक विनोद बन कर रह गया।
baba ye kahan aakar fans gaye.........badi jordar vishay par charcha chal rahi hai, ise to antarrashtriya goshthi ka vishay hona chahiye tabhi shayad koi nirnay ho paye........jab nirnay nikal aaye to bataiyega.......intzaar rahega.
जवाब देंहटाएंब्लागर और चिट्ठाकार शब्द उभयलिंगी घोषित किये जाये।
जवाब देंहटाएंऔर चिट्ठाकार / चिट्ठाकारा पर ये छोड़ दिया जाय कि वे उभयलिंगी बने रहना चाहते हैं या अपने अपने जेंडर में सम्मानित महसूस करेंगे...
हटाएंAisi do char post aa gayi to fir charchit hone se koyi rok nahi paayega.
जवाब देंहटाएं--------
2009 के श्रेष्ठ ब्लागर्स सम्मान!
अंग्रेज़ी का तिलिस्म तोड़ने की माया।
सब को आगरा भेजने का पुख्ता इन्तजाम है! :)
जवाब देंहटाएंआपकी चटकारा मित्र ने और कुछ नही तो शांत पडे माहोल मे ताजगी तो घोल ही दी है.
जवाब देंहटाएंमैं अपना मत रिजर्व रखता हूं अगर टाई होजाये तो हमारे मत से फ़ैसला कर लिजियेगा.
ऊपर अनुराग शर्माजी (स्मार्ट इंडियन) ने पूछा है ब्रहम्पुत्र नदी है या नदा?
तो यह न नदी है और ना नदा है...यह शुद्ध रुप से नद है. यानि ब्रहमपुत्र को पुरुष संज्ञा माना गया है. एक मात्र नद.
रामराम.
कतई सनसनीखेज बहस है! संभवत: 2009 की सबसे सार्थक में से एक..।
जवाब देंहटाएंसाह्ब, अंग्रेजों ने दो सौ साल तक हमारी मातृभाषा हिन्दी के साथ जो अत्याचार किया, उसका बदला हमने साठ साल में ही पूरा निकाल लिया..
प्रखर देशभक्त पश्चिम के जाटों की भाषा देख लीजिये.. अगर लेडियों ने खा लिया हो तो जेन्टों को परोस दो..
गिरिजेश भैया से पूरी सहमति.. दे मारो यह ब्लॉगरा भी ससुरे अंग्रेजीदां फिरंगियों के मुंह पर..।
ज्ञान जी, हमारा भी रिजर्वेशन करा दीजिये..!
वैसे एक बात और.. वायसराय की पत्नी/ या लेडि वायसराय को वायसरीन कहते थे.. फ़्रेंच शब्द है।
जवाब देंहटाएंब्लॉगरीन कैसा रहेगा..? उर्दू का भी टच आ रहा है..
मज़ाक नहीं कर रहा.. सच्ची में राय दीजिये।
स्त्री सेज पर सोती हैं सेजा पर नहीं
जवाब देंहटाएंनारी चिता पर जलती हैं चिति पर नहीं
हुमायूं का मकबरा पर मुमताज का मकबरी कभी पढ़ा नहीं बाकी आप इतने ज्ञाता हैं मै क्या कहूँ और
ब्लॉगर का लैंगिककरण कर के ही रहेगे
वर्ना नायिका भेद कैसे करेगे का वृतांत कैसे लिखेगे आप जो चाहे कहले ब्लॉगर ब्लॉगर ही रहेगा
मुझे तो यह बहस ही बेमाने लग रही है.....
जवाब देंहटाएं'ब्लागर' शब्द ही सही है....
कोई महिला डाक्टर को 'डाक्टरा' कहेगा भला या फिर महिला इंजिनियर को 'इन्जिनियारा'...फिर ये बहस क्यूँ... ???
मिसिर जी आप तो आशिकों की वाट लगा देंगे ! आपके कहे पर चलेंगे तो फिर मजनूं 'हरजाई' के बदले 'हरजाया' हुआ करेंगे ?
जवाब देंहटाएंऐसा ही....... और भी.... बहुत कुछ ?
कुछ सुझाव तो सचमुच अच्छॆ हैं...खासकर पाबला जी के।
जवाब देंहटाएंवुअक्तिगत रूप से मुझे तो ब्लौगरा में कहीं कोई कविताई झलक नहीं मिल रही है। चिठेरा=चिठेरी तो है ही पहले से।
@दिनेशराय जी ,
जवाब देंहटाएंब्लागीरा से तो जंगल बुक के एक पात्र बगीरा जैसा कुछ बोध हो रहा है !
ऊँहूँ नहीं चलेगा !
@दिनेशराय जी ,
जवाब देंहटाएंब्लागीरा से तो जंगल बुक के एक पात्र बगीरा जैसा कुछ बोध हो रहा है !
ऊँहूँ नहीं चलेगा !
@ब्लागरीन हाजरीन जैसा सुन्दर शब्द है -शुक्रिया कार्तिकेय !
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंलगातार पढने आता रहता हूँ ..
बे-टीपे चला जाता हूँ ..
यहाँ के बुद्धि के पैनापे के सामने नतमस्तक हूँ ..
देव जी की बात सोच रहा हूँ , गंभीरता से !
nam me kya rakha hai ?
जवाब देंहटाएं"aise bhi bate hoti hai aur aise bhi bate hoti hai "
is par itni bhas kyo?
अंग्रेजीदां फिरंगियों के मुंह पर दे मरने की बात चल
जवाब देंहटाएंरही है तो एक बात और भी कहना चाहूँगा ...
... उन्हीं अंग्रेजों ने हमारे जाने कितने शब्द हू-ब-हू लिया है
आक्सफोर्ड डिक्सनरी में प्रतिवर्ष बढ़ते शब्दों को इस दृष्टि से देखा जा
सकता है ..
और '' आत्मसातीकरण '' में वे भी पीछे नहीं ..
विषया की गंभीरता को एक तरफ रखा जाए तो...
जवाब देंहटाएंयहाँ आई कई टिप्पणियों से मनोरंजन अवश्य हुआ है--
सब से उल्लेखनीय टिप्पणी -ज्ञान जी की है...
हा !हा !हा!
[No surprise..agar yah post kal kisi akhbaar ki surkhi ban jaye!]
आजकल के हिसाब से जिसे जो अच्छा लगे वही शब्द प्रयोग कर सकता है। वैसे भी आजकल हिन्दी ब्लोगों में बहुत से नये नये शब्द पढ़ने के लिये मिल जाते हैं, नये नये प्रयोग हो रहे हैं, अंग्रेजी शब्दों का हिन्दीकरण हो रहा है, हिन्दी में अनेक सरल शब्द होने के बावजूद उन शब्दों के लिये अंग्रेजी शब्द ही प्रयोग किये जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंमुझे याद आ रहा है कि बहुत पहले एक स्कूल के प्रिंसिपल ने एक विद्यार्थी से कहा था, "यदि हम "स्ट्रिक्टता" से पेश आयेंगे तो तुम "निश्चितली" रेस्टिगेट हो जाओगे।"
यह एक अंग्रेजी शब्द है। यह उभय लिंग है। आप लोगों की पूरी मशक्कत उभय लिंग को पुलिंग या स्त्रीलिंग बनाने की है। जैसे कोई हिजड़ा साड़ी पहन कर गली में निकले तो गली के बच्चे उसे हिजड़ी-हिजड़ी कह कर पुकारने लगते हैं वैसे ही अटपटा महसूस कर रहा हूँ ब्लागर को ब्लागरा पढ़कर.....
जवाब देंहटाएंयथा-प्रस्तावित
जवाब देंहटाएं"अनुमोदित"
आदेश की स्वच्छ प्रतियां हस्ताक्षरार्थ प्रस्तुत हों
सही/
वाह क्या जोरदार चर्चा चल रही है यहाँ तो :) यूँ लग रहा है की परिवार में जैसे किसी नवजात का नामकरण हो रहा है और नाम का समाधान न हो पा रहा हो :) रोचक रही कई टिप्पणियाँ ..ब्लागर ही रहने दो जी सबको ..कहीं तो स्त्री पुरुष का मसला न हो :)
जवाब देंहटाएंकिसी भी पद का इस तरह से लिंग के आधार पर वर्गीकरण नहीं होना चाहिए। नहीं, देश की पहली महिला राष्ट्रपति को भी इसी तर्ज़ पर राष्ट्रपत्नी कहा जाना चाहिए था।
जवाब देंहटाएंहो सकता है कि कुछ नाम चूक जाऊं, मगर जिससे मेरा मनोरंजन हुआ उसके बारे में बताता चलूं..
जवाब देंहटाएंपाबला जी, ज्ञान जी, कार्तिकेय, घोस्ट बस्टर, इत्यादी..
सबसे अधिक मनोरंजन करके शीर्ष पर आने वाले हैं.....पाबला जी और ज्ञान जी.. ;-)
वैसे हम भी एक नाम सुझा ही देते हैं... "ब्लौगर साहिबा"
ज्ञान जी से - एक बर्थ मेरे लिये भी!!! प्लीज..
मुन्नाभाई! ने आपको याद कियेला है. स्त्रीलिग अणी पुस्त्रीलिग पर चर्चा करने का है. मिश्राजी टेशन काहेकू लेने का ? मुन्नाभाई के पास आने का और हलका होके जाने का
जवाब देंहटाएंभाई अरविन्द मिश्र जी!
जवाब देंहटाएं....जैसे अदाकारा ,शायरा वैसे ब्लागरा/चिट्ठाकारा क्यों नहीं?
आपका लेखन तो सटीक है।
मगर मेरी समझ से बाहर है।
आप अपने को मिश्रा लिखते हैं
तो कभी-कभी भ्रम हो जाता है कि
आप कही महिला तो नही हैं।
जैसे अदाकारा ,शायरा
स्त्रीलिंग में
प्रयोग होता है वैसे ही
चिट्ठाकारा लिखना उचित ही लगता है।
मगर ब्लॉगरा लिखना उचित नही होगा।
कल को आप डॉक्टर का डॉक्टरा,
वकील का वकीला, प्रोफेसर का प्रोफेसरा,
एक्टर का एक्टरा, लीडर का लीडरा,
प्रिंसिपल का प्रिंसिपला, क्लर्क का क्लर्का
और टीचर का टीचरा मत लिख देना।
बाकी आप खुद ही "समझदारा" हैं।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी की टिप्पणी बहुत रोचक लगी!
जवाब देंहटाएंदेशनामा पर लगी पोस्ट
"पुरुष नर्स को नर्सा क्यों नहीं कहते...खुशदीप"
पर किया गया यह कमेंट भी
अवलोकन करने योग्य है -
'अदा' said...
खुशदीप जी,
आप भी किस चक्कर में पड़े हैं...
'अदाकारा' 'शायरा' ये सभी उर्दू शब्द हैं.....
लेकिन 'ब्लोग्गर' अंग्रेजी का शब्द है ...अंगेरजी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है...
टीचर..
डाक्टर..
इंजिनियर
प्रोफ़ेसर
नर्स
लेक्चरार
डायरेक्टर
ये सभी अंग्रेजी के शब्द हैं....
'ब्लॉगर' भी इसी श्रेणी का शब्द है लैंगीकरण या लिंगोच्छेदन या लिंगान्वेषण में ये आ ही नहीं सकता....इसलिए ये बहस का मुद्दा ही नहीं है.... समाप्त.
December 25, 2009 2:12 AM
अरविन्द भाई ,
जवाब देंहटाएंआपने तो घनघोर ' वैज्ञानिक ' और ' व्याकरणीय ' मनोरंजन करा दिया . आलेख तो क्या टिप्पणियां भी ' सोने में सपना ' बन गयीं मिलीं .( सोने को क्रिया रूप में लें ) .खैर .......ब्लोगर ,चिट्ठाकार वगैरह पुल्लिंगी ,स्त्रीलिंगी हैं की नहीं पता नहीं पर चिट्ठाकारी ,ब्लागरी तो स्त्रीलिंगी हैं न ? तो मैं बस इसी से संतुष्ट हूँ.........पुरुष हूँ न !
वैसे ' नपुंशक लिंगियों ' का घोर विरोध आ जाना चाहिए था अबतक ,पर वे न जाने कहाँ तालियाँ बजा रहे हैं.
वैसे गंभीर टिप्पणी ' नारी ' ब्लॉग पर दे आया हूँ .पढ़ लीजियेगा .
@ ज्ञान जी मैं तो ' आगरा रिटर्न ' हूँ . मुझे रीबुक मत करवाईयेगा . कभी गया तो था भला चंगा घूमने .......पर ताजमहल देख ' पाल ले एक रोग नादाँ......' की श्रेणी में पहुँच गया . फिर पूरी दुनियां ढूंढ खंगाल डाली इलाज न करा पाया . औरों की भी बुकिंग मत करियेगा .......खतरनाक जगह हैआगरा :) .
RAJ SINH जी!
जवाब देंहटाएंचिट्ठाकारी ,ब्लागरी न ही पुर्लिंग हैं
और न हीस्त्रीलिंग!
चिट्ठाकारी ,ब्लागरी तो
नपुंसकलिंग हैं जी!
प्रकृति भाव मे आप " ब्लारी " कह सकते है
जवाब देंहटाएंयह शब्द ब्लो करने का एह्सास देता है
अदभुद एहसास है ये हवा की तरह बहने का , वास्तव मे हम अपने विचारो के साथ इस ब्लाग दुनिया मे बहना ही तो चाहते है , बिना किसी बन्धन के , बिना किसी सीमाओ के ,बस निज के साथ ........... महिलाओ के सन्दर्भ मे यह नारी शब्द का भी परिचायक रहेगा , छोटा भी है तो प्रयोग करने मे भी आसान होगा ... एक गरिमायुक्त नाम .......ब्लारी .......
कुछ शब्द उभयलिंगी भी होते हैं उन्हें ज्यूँ का त्यूँ ही ग्रहण करना चाहिए.
जवाब देंहटाएंजैसे कलाकार... वैसे ही ब्लोगर