tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post6539596251391227000..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: ....जैसे अदाकारा ,शायरा वैसे ब्लागरा/चिट्ठाकारा क्यों नहीं?Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger68125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-7457467725770966572013-07-09T21:41:53.261+05:302013-07-09T21:41:53.261+05:30और चिट्ठाकार / चिट्ठाकारा पर ये छोड़ दिया जाय कि वे...और चिट्ठाकार / चिट्ठाकारा पर ये छोड़ दिया जाय कि वे उभयलिंगी बने रहना चाहते हैं या अपने अपने जेंडर में सम्मानित महसूस करेंगे...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14590571608732740442013-07-09T21:26:39.200+05:302013-07-09T21:26:39.200+05:30आपका क्या मतलब है ?
ब्लोगर की पत्नी ब्लोगारा आपका क्या मतलब है ?<br /><br />ब्लोगर की पत्नी ब्लोगारा Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-35816302932974628022013-07-09T21:24:52.536+05:302013-07-09T21:24:52.536+05:30डाक्टरनी जीडाक्टरनी जीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18356165329657617392011-10-02T22:06:29.445+05:302011-10-02T22:06:29.445+05:30कुछ शब्द उभयलिंगी भी होते हैं उन्हें ज्यूँ का त्यू...कुछ शब्द उभयलिंगी भी होते हैं उन्हें ज्यूँ का त्यूँ ही ग्रहण करना चाहिए. <br />जैसे कलाकार... वैसे ही ब्लोगरप्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-1788519661193265602009-12-31T16:08:56.639+05:302009-12-31T16:08:56.639+05:30प्रकृति भाव मे आप " ब्लारी " कह सकते है
...प्रकृति भाव मे आप " ब्लारी " कह सकते है<br />यह शब्द ब्लो करने का एह्सास देता है <br />अदभुद एहसास है ये हवा की तरह बहने का , वास्तव मे हम अपने विचारो के साथ इस ब्लाग दुनिया मे बहना ही तो चाहते है , बिना किसी बन्धन के , बिना किसी सीमाओ के ,बस निज के साथ ........... महिलाओ के सन्दर्भ मे यह नारी शब्द का भी परिचायक रहेगा , छोटा भी है तो प्रयोग करने मे भी आसान होगा ... एक गरिमायुक्त नाम .......ब्लारी .......Satyendra Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16364242673453872751noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70788692207086426942009-12-30T13:38:57.624+05:302009-12-30T13:38:57.624+05:30RAJ SINH जी!
चिट्ठाकारी ,ब्लागरी न ही पुर्लिंग हैं...RAJ SINH जी!<br />चिट्ठाकारी ,ब्लागरी न ही पुर्लिंग हैं <br />और न हीस्त्रीलिंग!<br />चिट्ठाकारी ,ब्लागरी तो <br />नपुंसकलिंग हैं जी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73880239788099328972009-12-30T12:09:50.365+05:302009-12-30T12:09:50.365+05:30अरविन्द भाई ,
आपने तो घनघोर ' वैज्ञानिक ' ...अरविन्द भाई ,<br />आपने तो घनघोर ' वैज्ञानिक ' और ' व्याकरणीय ' मनोरंजन करा दिया . आलेख तो क्या टिप्पणियां भी ' सोने में सपना ' बन गयीं मिलीं .( सोने को क्रिया रूप में लें ) .खैर .......ब्लोगर ,चिट्ठाकार वगैरह पुल्लिंगी ,स्त्रीलिंगी हैं की नहीं पता नहीं पर चिट्ठाकारी ,ब्लागरी तो स्त्रीलिंगी हैं न ? तो मैं बस इसी से संतुष्ट हूँ.........पुरुष हूँ न !<br />वैसे ' नपुंशक लिंगियों ' का घोर विरोध आ जाना चाहिए था अबतक ,पर वे न जाने कहाँ तालियाँ बजा रहे हैं.<br />वैसे गंभीर टिप्पणी ' नारी ' ब्लॉग पर दे आया हूँ .पढ़ लीजियेगा .<br />@ ज्ञान जी मैं तो ' आगरा रिटर्न ' हूँ . मुझे रीबुक मत करवाईयेगा . कभी गया तो था भला चंगा घूमने .......पर ताजमहल देख ' पाल ले एक रोग नादाँ......' की श्रेणी में पहुँच गया . फिर पूरी दुनियां ढूंढ खंगाल डाली इलाज न करा पाया . औरों की भी बुकिंग मत करियेगा .......खतरनाक जगह हैआगरा :) .RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82510060304399182009-12-29T21:56:38.642+05:302009-12-29T21:56:38.642+05:30डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी की टिप्पणी बहुत रोच...डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी की टिप्पणी बहुत रोचक लगी! <br /><br />देशनामा पर लगी पोस्ट <br /><a href="http://deshnama.blogspot.com/2009/12/blog-post_25.html" rel="nofollow">"पुरुष नर्स को नर्सा क्यों नहीं कहते...खुशदीप"</a> <br />पर किया गया यह कमेंट भी <br />अवलोकन करने योग्य है -<br /><br /><a href="http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557" rel="nofollow">'अदा'</a> said...<br /><br /> खुशदीप जी,<br /> आप भी किस चक्कर में पड़े हैं...<br /> 'अदाकारा' 'शायरा' ये सभी उर्दू शब्द हैं.....<br /> लेकिन 'ब्लोग्गर' अंग्रेजी का शब्द है ...अंगेरजी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है...<br /> टीचर..<br /> डाक्टर..<br /> इंजिनियर<br /> प्रोफ़ेसर<br /> नर्स<br /> लेक्चरार<br /> डायरेक्टर<br /><br /> ये सभी अंग्रेजी के शब्द हैं....<br /> 'ब्लॉगर' भी इसी श्रेणी का शब्द है लैंगीकरण या लिंगोच्छेदन या लिंगान्वेषण में ये आ ही नहीं सकता....इसलिए ये बहस का मुद्दा ही नहीं है.... समाप्त.<br /> December 25, 2009 2:12 AMरावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36972107727329995382009-12-29T19:42:51.595+05:302009-12-29T19:42:51.595+05:30भाई अरविन्द मिश्र जी!
....जैसे अदाकारा ,शायरा वैसे...भाई अरविन्द मिश्र जी!<br />....जैसे अदाकारा ,शायरा वैसे ब्लागरा/चिट्ठाकारा क्यों नहीं?<br /><br />आपका लेखन तो सटीक है। <br />मगर मेरी समझ से बाहर है।<br />आप अपने को मिश्रा लिखते हैं <br />तो कभी-कभी भ्रम हो जाता है कि <br />आप कही महिला तो नही हैं।<br />जैसे अदाकारा ,शायरा <br />स्त्रीलिंग में <br />प्रयोग होता है वैसे ही <br />चिट्ठाकारा लिखना उचित ही लगता है।<br />मगर ब्लॉगरा लिखना उचित नही होगा।<br />कल को आप डॉक्टर का डॉक्टरा, <br />वकील का वकीला, प्रोफेसर का प्रोफेसरा,<br />एक्टर का एक्टरा, लीडर का लीडरा,<br />प्रिंसिपल का प्रिंसिपला, क्लर्क का क्लर्का <br />और टीचर का टीचरा मत लिख देना।<br />बाकी आप खुद ही "समझदारा" हैं।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54723384983059817822009-12-26T01:13:48.822+05:302009-12-26T01:13:48.822+05:30मुन्नाभाई! ने आपको याद कियेला है. स्त्रीलिग अणी पु...मुन्नाभाई! ने आपको याद कियेला है. स्त्रीलिग अणी पुस्त्रीलिग पर चर्चा करने का है. मिश्राजी टेशन काहेकू लेने का ? मुन्नाभाई के पास आने का और हलका होके जाने काब्लाग चर्चा "मुन्ना भाई" कीhttp://blogchurchaa.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-24743047884884772892009-12-26T00:41:50.555+05:302009-12-26T00:41:50.555+05:30हो सकता है कि कुछ नाम चूक जाऊं, मगर जिससे मेरा मनो...हो सकता है कि कुछ नाम चूक जाऊं, मगर जिससे मेरा मनोरंजन हुआ उसके बारे में बताता चलूं..<br /><br />पाबला जी, ज्ञान जी, कार्तिकेय, घोस्ट बस्टर, इत्यादी..<br /><br />सबसे अधिक मनोरंजन करके शीर्ष पर आने वाले हैं.....पाबला जी और ज्ञान जी.. ;-)<br /><br />वैसे हम भी एक नाम सुझा ही देते हैं... <b>"ब्लौगर साहिबा"</b><br /><br />ज्ञान जी से - एक बर्थ मेरे लिये भी!!! प्लीज..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74610029914513842342009-12-25T16:03:20.304+05:302009-12-25T16:03:20.304+05:30किसी भी पद का इस तरह से लिंग के आधार पर वर्गीकरण न...किसी भी पद का इस तरह से लिंग के आधार पर वर्गीकरण नहीं होना चाहिए। नहीं, देश की पहली महिला राष्ट्रपति को भी इसी तर्ज़ पर राष्ट्रपत्नी कहा जाना चाहिए था।Diptihttps://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-30222699527194026682009-12-25T10:38:15.773+05:302009-12-25T10:38:15.773+05:30वाह क्या जोरदार चर्चा चल रही है यहाँ तो :) यूँ लग ...वाह क्या जोरदार चर्चा चल रही है यहाँ तो :) यूँ लग रहा है की परिवार में जैसे किसी नवजात का नामकरण हो रहा है और नाम का समाधान न हो पा रहा हो :) रोचक रही कई टिप्पणियाँ ..ब्लागर ही रहने दो जी सबको ..कहीं तो स्त्री पुरुष का मसला न हो :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76190668096007380522009-12-25T09:34:15.721+05:302009-12-25T09:34:15.721+05:30यथा-प्रस्तावित
"अनुमोदित"
आदेश की स्वच्छ...यथा-प्रस्तावित<br />"अनुमोदित"<br />आदेश की स्वच्छ प्रतियां हस्ताक्षरार्थ प्रस्तुत हों<br /> सही/बाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70613119575272698652009-12-25T08:54:38.579+05:302009-12-25T08:54:38.579+05:30यह एक अंग्रेजी शब्द है। यह उभय लिंग है। आप लोगों क...यह एक अंग्रेजी शब्द है। यह उभय लिंग है। आप लोगों की पूरी मशक्कत उभय लिंग को पुलिंग या स्त्रीलिंग बनाने की है। जैसे कोई हिजड़ा साड़ी पहन कर गली में निकले तो गली के बच्चे उसे हिजड़ी-हिजड़ी कह कर पुकारने लगते हैं वैसे ही अटपटा महसूस कर रहा हूँ ब्लागर को ब्लागरा पढ़कर.....देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18683762524482476262009-12-25T08:49:39.778+05:302009-12-25T08:49:39.778+05:30आजकल के हिसाब से जिसे जो अच्छा लगे वही शब्द प्रयोग...आजकल के हिसाब से जिसे जो अच्छा लगे वही शब्द प्रयोग कर सकता है। वैसे भी आजकल हिन्दी ब्लोगों में बहुत से नये नये शब्द पढ़ने के लिये मिल जाते हैं, नये नये प्रयोग हो रहे हैं, अंग्रेजी शब्दों का हिन्दीकरण हो रहा है, हिन्दी में अनेक सरल शब्द होने के बावजूद उन शब्दों के लिये अंग्रेजी शब्द ही प्रयोग किये जा रहे हैं।<br /><br />मुझे याद आ रहा है कि बहुत पहले एक स्कूल के प्रिंसिपल ने एक विद्यार्थी से कहा था, <b>"यदि हम "स्ट्रिक्टता" से पेश आयेंगे तो तुम "निश्चितली" रेस्टिगेट हो जाओगे।"</b>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-87281862655734279872009-12-25T02:21:53.048+05:302009-12-25T02:21:53.048+05:30विषया की गंभीरता को एक तरफ रखा जाए तो...
यहाँ आई ...विषया की गंभीरता को एक तरफ रखा जाए तो...<br />यहाँ आई कई टिप्पणियों से मनोरंजन अवश्य हुआ है--<br />सब से उल्लेखनीय टिप्पणी -ज्ञान जी की है...<br /><br />हा !हा !हा!<br /><br />[No surprise..agar yah post kal kisi akhbaar ki surkhi ban jaye!]Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2174854943118139012009-12-24T23:48:01.717+05:302009-12-24T23:48:01.717+05:30अंग्रेजीदां फिरंगियों के मुंह पर दे मरने की बात चल...अंग्रेजीदां फिरंगियों के मुंह पर दे मरने की बात चल <br />रही है तो एक बात और भी कहना चाहूँगा ...<br />... उन्हीं अंग्रेजों ने हमारे जाने कितने शब्द हू-ब-हू लिया है <br />आक्सफोर्ड डिक्सनरी में प्रतिवर्ष बढ़ते शब्दों को इस दृष्टि से देखा जा <br />सकता है .. <br />और '' आत्मसातीकरण '' में वे भी पीछे नहीं ..Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54544055297642087202009-12-24T21:24:58.884+05:302009-12-24T21:24:58.884+05:30nam me kya rakha hai ?
"aise bhi bate hoti ha...nam me kya rakha hai ?<br />"aise bhi bate hoti hai aur aise bhi bate hoti hai "<br />is par itni bhas kyo?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-1317059859466903792009-12-24T19:35:39.037+05:302009-12-24T19:35:39.037+05:30वाह !
लगातार पढने आता रहता हूँ ..
बे-टीपे चला जाता...वाह !<br />लगातार पढने आता रहता हूँ ..<br />बे-टीपे चला जाता हूँ ..<br />यहाँ के बुद्धि के पैनापे के सामने नतमस्तक हूँ ..<br />देव जी की बात सोच रहा हूँ , गंभीरता से !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38970761888965343242009-12-24T18:41:21.721+05:302009-12-24T18:41:21.721+05:30@ब्लागरीन हाजरीन जैसा सुन्दर शब्द है -शुक्रिया का...@ब्लागरीन हाजरीन जैसा सुन्दर शब्द है -शुक्रिया कार्तिकेय !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-10754100337880490512009-12-24T18:38:59.795+05:302009-12-24T18:38:59.795+05:30@दिनेशराय जी ,
ब्लागीरा से तो जंगल बुक के एक पात्र...@दिनेशराय जी ,<br />ब्लागीरा से तो जंगल बुक के एक पात्र बगीरा जैसा कुछ बोध हो रहा है !<br />ऊँहूँ नहीं चलेगा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29064996184364862212009-12-24T18:38:54.655+05:302009-12-24T18:38:54.655+05:30@दिनेशराय जी ,
ब्लागीरा से तो जंगल बुक के एक पात्र...@दिनेशराय जी ,<br />ब्लागीरा से तो जंगल बुक के एक पात्र बगीरा जैसा कुछ बोध हो रहा है !<br />ऊँहूँ नहीं चलेगा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-32125601931571122652009-12-24T18:11:07.179+05:302009-12-24T18:11:07.179+05:30कुछ सुझाव तो सचमुच अच्छॆ हैं...खासकर पाबला जी के। ...कुछ सुझाव तो सचमुच अच्छॆ हैं...खासकर पाबला जी के। <br /><br />वुअक्तिगत रूप से मुझे तो ब्लौगरा में कहीं कोई कविताई झलक नहीं मिल रही है। चिठेरा=चिठेरी तो है ही पहले से।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84151405974851985942009-12-24T18:09:50.794+05:302009-12-24T18:09:50.794+05:30मिसिर जी आप तो आशिकों की वाट लगा देंगे ! आपके कहे...मिसिर जी आप तो आशिकों की वाट लगा देंगे ! आपके कहे पर चलेंगे तो फिर मजनूं 'हरजाई' के बदले 'हरजाया' हुआ करेंगे ? <br />ऐसा ही....... और भी.... बहुत कुछ ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.com