इस शाश्वत से बनते जा रहे सवाल से आप भी दो चार हुए बिना नहीं रहे होंगे कि कहीं पर निमंत्रित हैं और भारी असमंजस यह कि आखिर उपहार कौन सा ले जायं? किसी का बर्थ डे है तो किसी की रिंग सेरेमनी और किसी का व्याह तो किसी की एनीवर्सरी -बड़ी उहापोह की स्थति हो जाती है उपहारों के चयन को लेकर... अब जैसे कल ही मुझे अपने एक मित्र विनोद कुमार जायसवाल जी का निमंत्रण मिला, उनके बेटे समन्वय (वे मायिनार्टीज डिपार्टमेंट देखते हैं तो यह नाम अच्छा ही हुआ न!) के पहले जन्मोत्सव में शरीक होने का -सुबह से ही उधेड़बुन शुरू हो गयी -आखिर कौन सा उपहार ले जाना उचित होगा -वैसे इन दिनों लिफाफे में बस रूपये डाल के दे देने का रिवाज जोर पकड़ रहा है -जो देने वाले को उपहार के चयन और उसकी कल्पनाशीलता के झंझट से तो मुक्त रखता ही है ,कई आतिथेय (होस्ट ) भी नगद धनराशि के ही मुन्तजिर होते हैं और नगद नारायण का अपने तरीके /आवश्यकता के मुताबिक़ इस्तेमाल कर लेते हैं ....अब होशियार कहिये या मूढ़ कुछ लोग यही युक्ति अपना कर जिम्मेदारी से फारिग हो लेते हैं ....पैसा फेको और फूटो! मगर मुझे तो यह बहुत फूहड़ अरुचिकर सा विकल्प लगता है ...
मुझ जैसे जगत गति से कुछ अलग थलग पड़े लोगों की समस्या अलग है जो हर वक्त वेवक्त अपनी करने की ठान लेते हैं ....कुछ कल्पनाशील.... कुछ सुरुचिपूर्ण ....कुछ अलग सा ...कुछ मूर्खतापूर्ण ....अब श्रीमती जी से विचार विमर्श शुरू हुआ कि आखिर फर्स्ट बर्थ डे गिफ्ट ली क्या जाय ...गहन विमर्श होता रहा -कपडे का सेट ले जाईये .".हूँ ".....यही ठीक रहेगा ....कोई खिलौना भी ले सकते हैं ..."हाँ "....देखिये इन दिनों चांदी का सिक्का कितने का है ?.... "हाँ यह ठीक रहेगा "मैं श्रीमती जी के एक एक सुझाव पर विचार मग्न हो जा रहा था -तभी मुझे वो कविता याद आ गयी सहसा -ठुमकि चालत रामचंद्र बाजत पैजनियाँ....अच्छा चांदी की करधन या पैजनी कैसी रहेगी? "आपको मालूम भी है सोने चांदी का दाम" -इन दिनों आसमान पर है भाव -कोई पैजनी या करधन ही कम से कम दो ढाई हजार से कम की नहीं मिलगी ..मेरा दिल बैठ गया ...चलो एक चांदी का गिलास देखते हैं ...."वो भी काफी महंगा होगा....बहरहाल निर्णय यह हुआ कि किसी गिफ्ट सेंटर/दुकान पर ही चल कर गिफ्ट आईडियाज और च्वायस को अंजाम दिया जाय ...
घुसते ही लगा कि किसी शादी -व्याह के पंडाल में आ गए
गिफ्ट का चयन /चुनाव करने का सबसे उपयुक्त स्थल एक अच्छी सी वैविध्यपूर्ण दुकान ही है जो केवल गिफ्ट्स की ही हो ....और मैंने चयन किया -एक आईटम जो मेरे हिसाब से थोड़ी नवीनता लिए ,मेरी रूचि के अनुकूल (अब बच्चे और माता पिता को कैसा लगा होगा ये तो वही जानें ) और मेरी जेब के हिसाब से भी ठीक ....आप भी देखें और मेरे चयन पर टिप्पणी करें ताकि मैं आश्वस्त हो लूं कि मेरा चयन इतना बुरा भी नहीं .. :)
समन्वय के पैरेंट्स ने काटा पहले बर्थ डे का केक
पहली बर्थ डे पार्टी का भी कहना ही क्या था -पंडाल में घुसते ही लगा कि किसी शादी के पंडाल में आ गये हैं ....लेकिन तभी होस्ट के करीबी और मेरे भी निकट के एक मित्र जनाब अजय कुमार कैसर ने लपककर मुझे आत्मीयता से रिसीव किया और फिर खान पान का जो सिलसिला शुरू हुआ तो रात ग्यारह बजे तक चलता रहा -मैंने पहले भी जिक्र किया है कि अब ये आउटडोर समारोह अपने खान पान की सुरुचिपूर्णता में पांच सितारा होटलों की प्रतीति कर रहे हैं -मीनू तो इतना विषद और रसमय कि क्या छोड़ें क्या खायं वाला डिलेमा आ उपस्थित होता है ...बनारस की लस्सी की धूम है इन दिनों ..शुरुआत तो उसी से हुयी ....फिर फ्रेश फ्रूट ,किसिम किसिम के चायनीज व्यंजन ,टिक्की गोलगप्पा चाट ...सभी कुछ तो ....फ्रूट में अब विदेशी फलों की आमद भी काफी दिख रही है -मैंने लाल रंग के बड़े बड़े अंगूर देखे जो अपने यहाँ के अंगूरों की तुलना में चार गुना बड़े थे-बताया गया जापानी अंगूर हैं ...मगर बेहद मीठे -खट्टे तो कदापि नहीं ..अब इवेंट मैनेजमेंट का रंग यहाँ भी खूब दिखने लगा है -एक एक सेलेक्टेड और क्वालिटी कंट्रोल्ड आईटम ..जिनके स्वाद का तो बस कहना ही क्या? आईसक्रीम कम्पोजिट फ्लेवर -कई तरह के आईसक्रीम का मिक्स थी -और ऊपर से एक छतरी लगाकर गार्निश की गयी थी ...लाजवाब!
यहीं सजनेवाली है फ्रेश फ्रूट की तश्तरियां
खर्च ? अब बेटे का पहला बर्थ डे ..मां बाप के उमंग और उछाह की कोई सीमा थोड़े ही रहती है -कोई जरुरी है हर जगहं टुच्चे सवाल किये ही जायं?
मित्र ने की लपक कर की मेरी आगवानी
हमने बर्थ डे केक के कटने पर समन्वय को खूब आशीष दिया ..और भव्य सुरुचिपूर्ण भोजन पर जायसवाल दम्पत्ति को धन्यवाद देकर हाल के बाहर हो लिए ...
गिफ्ट के संबंध में आपकी सोच वाकई कल्पनाशील और सुरुचिपूर्ण है. समन्वय को भी बधाई.
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से किताब देनी चाहिये। एक साल का तो उस छाप की किताब।
जवाब देंहटाएंवैसे मेरी सलाह मानियेगा मत। मेरी पत्नीजी भी नहीं मानतीं और गिफ्ट देने का निर्णय वही करती हैं। :)
अरविन्द जी , गिफ्ट देने में एक परेशानी है कि अक्सर हम जैसे समझदार और भी अनेक निकल आते हैं । इसलिए एक ही किस्म के कई गिफ्ट इक्कट्ठे हो जाते हैं ।
जवाब देंहटाएंइसलिए लिफाफा ही सबसे बढ़िया विकल्प है । आजकल सब यही चाहते भी हैं ।
बाकि खाने की तो क्या कहें --३० आइटम्स खाने के बाद पता चलता है कि अभी तो ४० और बाकि हैं । :)
गिफ्ट तो अच्छा है लेकिन एक साल के बच्चे के लिए कितना उपयोगी होगा नहीं कहा जा सकता ... नवजात शिशु के लिए ज्यादा उपयोगिता लगती है .
जवाब देंहटाएंपार्टी का वर्णन बहुत बढ़िया किया है
हम्म एक साल के बच्चे के लिए थोडा मिसफिट लग रहा है गिफ्ट. पर खूबसूरत लग रहा है.अब बढ़िया पैकिंग का ही जमाना है.दे दिया सो दे दिया ज्यादा क्या सोचना पार्टी तो शानदार मिल ही गई.
जवाब देंहटाएंएक वर्ष के बालक के लिए किसी गिफ्ट का क्या महत्व हो सकता है इसलिए मेरी राय में तो लिफाफा ही बेहतर विकल्प है. कम से कम कोई तो खुश होगा.
जवाब देंहटाएंअच्छा वर्णन....मजेदार....भोजन तो पक्के से डटकर हुआ होगा.....
जवाब देंहटाएंसमुचित उपहार है, पार्टी तो दमदार रही।
जवाब देंहटाएंइस तनाव से गुजरने का अपना सुख है.
जवाब देंहटाएंजो भी हो पार्टी तो अच्छी रही....... वैसे गिफ्ट कोई भी ले जाये हमेशा मन में संशय बना ही रहता है.... कि अच्छा है या नहीं.... पसंद आएगा या नहीं.....
जवाब देंहटाएंअच्छा उपहार लगा, हमेशा कुछ नया ही देना चाहिये क्यूँकि बाजार में काफ़ी लोगों की नजरें कमजोर ही रहती हैं, और नई चीजें अपने तरीके से देखने वाले बाजार में बहुत ही कम लोग हैं।
जवाब देंहटाएंवाह शानदार पार्टी थी, हमें तो सालों हो गये कोई शादी या ऐसे समारोह में गये हुए। :( आप सौभाग्यशाली हैं जो अपने शहर में रहते हैं और ऐसे उत्सवों का आनंद लेते हैं।
लिफ़ाफ़ा ही अच्छा हे, हमारे यहां तो पुछ लेते हे कि आप को बच्चे के लिये हम कोन सी चीज तोहफ़े मे दे, ओर अगर कोई मंहगी चीज हो तो कई लोग मिल कर खरीद लेते हे, ताकि मां बाओ के काम आ सके, कोन कहता हे भारत मे गरीबी हे.....
जवाब देंहटाएंपोस्ट पढ़कर हमारे दिमाग में तो टुच्चा वाला सवाल ही आया :) जोंसंस बेबी केयर के गिफ्ट पैक भी आते हैं. हम शायद वो सजेस्ट करते.
जवाब देंहटाएंपँडित जी, अभिषेक ओझा से एक डिग्री अधिक टुच्चई दिखाते हुये, मेरे मन में एक व्यवहारिक ख्याल आता है कि आजकल लोग उपहार का चयन मेज़बान के ओहदे के हिसाब से करते हैं । कुछेक दर टुच्चे लोग ऎसे चयन में भाभी जी पर अपने को सुरुचिपूर्ण साबित करने के फ़िराक में बाज़ार मथ डालते हैं, आउट-ऑफ़ बज़ॅट हुये सो अलग !
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से उपहार का आपका चयन उचित है, अब विमर्श की क्या आवश्यकता ?
यदि जायसवाल जी को ब्लॉग दिखाना हो तो बात अलग है !
:)
जवाब देंहटाएं:-)
स्माइली लगाना भूल गया था !
@शिखा जी
जवाब देंहटाएंइस गिफ्ट पैक में निम्न सामग्री है -क्या यह एक साल के बच्चे के इस्तेमाल में नहीं आ सकती ?
Gentle baby shampoo 200ml
Baby cream 50ml
Diaper rash cream 20g
Moisturizing baby soap 115g
Baby lotion 200ml
Baby powder 200g
Gentle baby wipes 72s.
उपहार तो अच्छा है ...
जवाब देंहटाएंचयन करने में मुश्किल इसलिए होती है की कहीं उपहार में दी गयी चीजें उनके पास पहले से मौजूद हूँ या किसी और ने भी दे दी हो ...इस कशमकश से बचने के लिए लोग लिफाफे पकड़ा देते हैं , ये भी ठीक ही है मगर कोई उपयोगी वस्तु या सामान बहुत समय तक देने वाले की याद दिलाता है ...
वाक़ई बड़ा मुश्किल सवाल होता है.
जवाब देंहटाएंहमें तो भोज चर्चा अच्छी लगी :-) , समन्वय को शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंडॉक्टर साहब, सब से अच्छा है इस झंझट से मुक्ति रोकड देकर हो सकती है। अब यह होस्ट पर है कि वह इसका उपयोग कैसे करे। अक्सर तो गिफ़्ट में या तो बेकार की चीज़ें आती हैं या डुप्लिकेट हो जाती हैं जैसे, घडियां, गुडिये, खिलौने आदि। मैं तो लिफ़ाफ़ा देकर छुटकारा पाता हूं जी :)
जवाब देंहटाएंसब से बढिया गिफ्ट। वैसे गिफ्ट कुछ भी हो आशीर्वाद जरूरी होता है जो निश्चित ही आपने दिया होगा। बडे होने पर उसे पता चलेगा कि कौन सा गिफ्ट अच्छा है। उपयोगी गिफ्ट है निश्चिन्त रहिये। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएं"गिफ़्ट" और "रिटर्न गिफ़्ट" के समन्वय पर निर्भर करता है अगले वर्ष दिया जाने वाला गिफ़्ट ।
जवाब देंहटाएंकिसिम किसिम के गिफ्ट
जवाब देंहटाएंजन्म दिन के लिए तो ठीक है उपहार लेकिन जब रोज-रोज शादी-विवाह के निमंत्रण पर जाना हो तो लिफाफा ही व्यवहारिक/सरल है।
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मैं तो कहूँगा कि किसी को भी उपहार में कैश ही सर्वोत्तम है...
छोटे से बच्चे के जन्मदिन पर इतना भव्य आयोजन ? हम सबको सोचना होगा कि ऐसा ही चलता रहा तो देखा देखी स्वयं भी ऐसा ही करने के लिये येन केन प्रकारेण धनोपार्जन का दबाव बढ़ेगा हम सभी पर... अब हर कोई खानदानी-पुराना रईस तो होगा नहीं...
...
आपने तो मिश्राजी !हमें भी सहभागी ,उपभोक्ता बना दिया जन्म दिन का .बदलते परिवेश और तौर तरीकों का .अब अवसर कोई भी क्यों न हो टौर(धसक ,रूतबा )सबमें यकसां दिखता है .मृत्यु पर्व (अंतिम संस्कार आयोजन भी नए रूपाकारों में आ सकता है ।).
जवाब देंहटाएंसुरुचि भाव में होती है जिन्स में नहीं .अगला भी तो आपको भाव दे .जैसा तौफा वैसे भाव ,अनुभाव ,विभाव ।
बहर -सूरत आपका चयन उपयोगी रहा .आजकल एक आइटम है जिसकी खपत नवजात के मामले में अधिकतम होती है .सदर बाज़ार से लेके पैकिट(आजकल गिफ्ट पेक ) बनवा रख लो .रोज़ रोज़ का झंझट खत्म .
सुरुचि पूर्ण व्यवहार -परक लेखन के लिए बधाई .
घर में जब गृह-मंत्री हों तो आप बाहर की राय क्यों ले रहें हैं? साफ़ है..आपकी चलती होगी ..बधाई ...वैसे आज की पार्टी का सही विवरण पढ़ना अच्छा लगा. दिखावा-दिखावा-....
जवाब देंहटाएंगिफ्ट तो गिफ्ट है पर उसका चयन वाकई दुरूह कार्य है... माना कहीं और देना है तो पत्नी की सलाह लेकर कार्य सम्पन्न हो सकता है (ज्यादातर पत्नियां रेडिमेड सलाह युक्त होती हैं) ... पर मैं क्या करूँ मुझे किसी खास अवसर के लिये पत्नी को ही गिफ्ट देना है, सलाह देगा क्या कोई????
जवाब देंहटाएंपार्टी का वर्णन बहुत बढ़िया| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंयह सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है.. गिफ्ट का चुनाव करना... पर आपने तो अच्छा चुनाव किया.. उपयोगी और सुन्दर भी..
जवाब देंहटाएंbahut achha
जवाब देंहटाएंbahu pasan aaya
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