अभी उसी ही दिन तो कौस्तुभ उर्फ़ मिकी ने बिग बास में एक विचित्र से कुशन नुमा मोढ़े पर बैठे हुए खली द महाबली की ओर इशारा करके कहा कि पापा यह बीन बैग खरीद लीजिये न -यह बैठने में बड़ा ही आरामदायक होता है ... मैं उस विचित्र सी संरचना को लेकर जिज्ञासु हो उठा ....क्या कहते हैं इसे ...?
"बीन बैग"
"यह कैसा नाम,इसे बीन बैग क्यों कहते हैं ?"
"इसमें बीन भरी होती है "
"मतलब ,इसमें राजमा या सेम आदि के दाने भरे होते हैं ?"
"हाँ ..शायद ....पता नहीं .."
"धत ,क्या फ़ालतू बात करते हो -नेट पर सर्च करो .." फिर जो जवाब आया उसे मैं आपसे यहाँ भी बांटना चाहता हूँ ...
बीन बैग एक पोर्टेबल सोफा है जिसे आप अपनी सुविधानुसार किसी भी तरह का आकार प्रकार दे सकते हैं ,वजन में फूल की तरह हल्का ,बस विक्रम वैताल स्टाईल में कंधे पर टांग लीजिये और जहां भी चाहिए धर दीजिये और पसर जाईये ...इसमें जो कथित "बीन" है वह दरअसल इसे ठोस आधार देने के लिए इसमें भरा जाने वाला कृत्रिम बीन-सेम या राजमा के बीज जैसी पी वी सी या पालीस्टिरीन पेलेट होती हैं जो बेहद हल्की होती हैं! वैसे तो बीन बैग्स के बड़े उपयोग है मगर हम यहाँ इसके बैठने के कुर्सीनुमा ,सोफे के रूपों की चर्चा कर रहे हैं .हो सकता है कि इस तरह के बैग नुमा मोढ़े के आदि स्वरुप में सचमुच सेम या अन्य बीन की फलियाँ ही स्थायित्व के लिए कभी भरी गयी हों मगर अपने अपने हल्के फुल्के रूप ये पाली यूरीथीन फोम जैसे हल्के पदार्थ के बीन -बीज/दाने नुमा संरचनाओं से भरी हुई १९६० -७० के दशक में अवतरित हुईं -मगर ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुईं ...और लम्बे अरसे के बाद फिर १९९० के दशक और फिर अब जाकर तो इनका तेजी से क्रेज बढ़ा है .
हमने धनतेरस पर इस बार बीन बैग्स का एक जोड़ा लिया है ..आप अपने शहर में या फिर आन लाईन भी मंगा सकते हैं ...हमें तो यह स्पेंसर शो रूम में प्रमोशनल आईटम सेल्स के बतौर १४०० रुपये में जोड़ा ही मिल गया है मगर इस साईज का केवल एक ही बैग १४००-१५०० का बाजारों में उपलब्ध है ...थोडा महंगा तो है मगर सच्ची है बहुत ही आरामदायक ..मेरी पूरी सिफारिश है इसके लिए -प्रोडक्ट संतुष्टि का पूरा वायदा है इसमें ...
कल बीन बैग्स आये नहीं कि माँ बेटी उसी पर विराजमान हो बिग बास देखने बैठ गयीं ....उनका कहना है कि बीन बैग्स पर बैठ कर बिग बास देखने का मजा ही कुछ और है!
जीवन शैली और खानपान
इसमें एक भी छेद हो गया तो सम्हाल नहीं पाओगे ...दीपावली की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएं:-)
सतीश भाई इसमें हवा नहीं भरी होती -फार योर काइंड इन्फो :) दीपावली की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंयह स्वयं को किसी भी आकार में ढाल लेती है। छेद होने से बीन्स बाहर आने लगते हैं, प्रेसर के साथ।
जवाब देंहटाएं३ महीने भी चल जाये तो समझिएगा पैसे बसूल हो गए ! एक बार बाल्स बाहर आने के बाद समेटना भारी हो जाता है !
जवाब देंहटाएंहां आप अगर इसपर न बैठें तो शायद कुछ अधिक समय चल जाए :-))
यदि मौज लेने वाले अंदाज में कहूं तो इस तरह के 1400 में खाली बीन बैग लेने की बजाय असली मटर भरी बोरी के उपर बैठकर बीग बॉस देखना और ज्यादा मजा दे सकता है।
जवाब देंहटाएंबैठे बैठे मन किया तो बोरी में एकाध छेद कर के उसी में से निकाल निकाल कर मटर या चना जो भी हो टूँघते हुए, दांतों से कुटकुटाते हुए टीवी देखा जा सकता है :)
वैसे, ये इस तरह के बीन बैग की असली खूबी इनका हल्का होना ही है। आरामदेह तो खैर है ही।
सब्जेक्ट काफी अलग अलग ला रहे हैं आजकल आप पोस्टों में...और सभी रोचक। कभी शैलेष भारती के रूप में अलहदा विषय तो कभी नीलकंठ के रूप में तो कभी बीन बैग के रूप में। बहूत खूब।
gyanvardhan karne ko sukriya.....
जवाब देंहटाएंpranam.
एक अलग रोचक विषय, बेहद अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंहम ने कल कोई खरीददारी नहीं की। हाँ घर में जितना कागज और गत्ता रद्दी था उसे बेच जरूर दिया है।
जवाब देंहटाएंबीन बैग की रिपोर्ट अगली दीवाली पर देखेंगे।
अरविंद जी,
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली...
सोच रहा हूं, आप किसी कंपनी के सेल्स प्रमोशन हैड या एड गुरु होते तो क्या गजब ढाते...बैठे-ठाले हमें भी बीन बैग लेने को ललचा दिया है...बच्चों ने ये पोस्ट देख ली तो वो बीन बजाना अलग शुरू कर देंगे...देखा अंकल के घर पर आ गए, लेकिन हमारे पापा को हमारा ख्याल हो तब न...
जय हिंद...
अच्छी है...बीन बैग की रिपोर्ट..:) दीपावली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंहाँ बेटियों के यहाँ देखा है। मज़ेदार है। आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंहमें तो इतना ही पता था कि बाबा जी की पोटली है, जो बिग बॉस ने बैठने के लिये दे रखी है :)
जवाब देंहटाएंजानकारी बढिया लगी, आभार
प्रणाम
बीन बैग्स भी खूब रहे , हैं तो सुन्दर और जब इन पर बैठ कर बिग बॉस देखना हो तो फिर बात ही क्या ....और अब शायद ब्लोगर्स बिग बॉस में भी ये नज़र आ जाएँ....हा हा
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
regards
अच्छी जानकारी ...१४०० रूपये जोड़ा इस विज्ञापन के लिए तो नहीं मिल गया ....बाकी को दुगने में फंसा रहे हैं :):)
जवाब देंहटाएंya..itz a nice home accessory widely used in metropolitan cities ..i have two of them also... nice post....
जवाब देंहटाएंसुनहरी यादें :-३ ...
@क्या सतीश भाई ,अब हम खली से भी बली हो गये क्या जो धड़ल्ले से इसका लाभ-आनंद उठा रहे हैं !
जवाब देंहटाएंमुझे इसके बारे में पता नहीं था… सिर्फ़ सुना था…
जवाब देंहटाएंजानकारी हेतु धन्यवाद
हमने भी इसका भरपूर उपयोग किया है, कुछ चर्शःओं पहले बैंगलोर में एक आईटी कंपनी में तो मीटिंग रुम में इन्हीं बीन्स बैग का उपयोग होता था, हमें भी तभी इसके कम्फ़र्ट का पता चला था।
जवाब देंहटाएंभूलसुधार-
जवाब देंहटाएंचर्शःओं = वर्षों
बीन बैग्स के बारे में अच्छी जानकारी भरी पोस्ट.
जवाब देंहटाएंआपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
इस प्रोडक्ट से मुलाक़ात एक रहीस के घर पर सन १९९१ में हुई थी. उस समय आनंद उठाया था. वह चमड़े की थी पर मजबूत लगी. दीपावली की शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबच्चे मिं.बीन देख रहे हैं, मुझे सहवाग की बैटिंग का लुत्फ़ लेना है (डेढ़ सौ बन चुके हैं)। श्रीमती जी बार-बार सोफ़े का कवर और कुशन ठीक करते हुए झिड़कती जा रहीं हैं। ठीक से नहीं बैठ सकते!!!
जवाब देंहटाएंकाश यह बीन बैग घर में होता। वर्धा में तो मिलेगा भी नहीं...।
मैं इसे 'टशन वाली श्रेणी 'में रखती हूँ ..आराम की नहीं..[माफ़ी चाहूंगी]....थोडा अधिक वज़न वाला बैठेगा तो उसके लिए उठना थोडा मुश्किल होता है..बाकि पसंद अपनी अपनी..
जवाब देंहटाएं६ महीने बाद बताईयेगा...
इसमें कोई शक नहीं कि यह बीन बैग बेहद आरामदायक होते हैं।
जवाब देंहटाएंवैसे, सतीश पंचम जी की 'मटर बोरी' भी आनंद दे गई :-)
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जवाब देंहटाएंअरे मित्र तो डरा रहे हैं आपको :)
जवाब देंहटाएंइसकी उम्र तो आपसे ही जानी जायेगी पर कलर के मामले में आपसे चर्चा करना है मुझे ज़रा याद रखियेगा !
बीन बैग्स पुराण पर जानकारी बहुत पसंद आई :) दिवाली की बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंधन तेरस पर बीन्स बेग ! अरविन्द जी , आपने तो हमें भी मांफ कर दिया ।
जवाब देंहटाएंखैर कुछ दिन तो मज़े लीजिये । फिर देखा जायेगा ।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंदेखिये कितने इनोवेटिव बीन बैग्स बन गए यहीं पर :) मुझे पंचमजी वाला पसंद आया. पंचर हो गया तो साइकिल वाला पक्के रिपेयर कर देगा, नहीं तो मोची तो कर ही देगा. बाकी आप बिग बॉस के बे वाले फैन लगते हैं.
जवाब देंहटाएंलो जी आप तो लुटा गय्र फ़ोकट में, ताऊ प्रोडक्ट्स के बीन बैग्स हम आपको एक हजार में दो जोडा भिजवा देते और ऊपर से पूरे चालीस दिन की गारंटी भी.:) पर अब कुछ नही हो सकता.
जवाब देंहटाएंआपको परिवार एवं इष्ट स्नेहीजनों सहित दीपावली की घणी रामराम.
रामराम
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जवाब देंहटाएंआपको, आपके परिवार और सभी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
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दो दिन मे इस का भुत उतर जायेगा, एक तो यह जगह बहुत घेरता हे, दुसरा हम जेसो को बेठने मे मजा आये या ना आये ऊठने मे किसे पकडोगे? बाबा कुर्सी ओर सोफ़ा ही ठीक हे, भारत मे यह गंदा भी जल्द हो जायेगा, वेसे बहुत सस्ता हे, हमारे यहां बहुत मंहगा था, अब नही
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाए
जवाब देंहटाएंअसली माल तो भुल ही गया:)
इन पर कूदने में बड़ा मज़ा आता है....आपको दिवाली की शुभकामनायें... सादर
जवाब देंहटाएंजी लिस्ट पूरी कब होगी
जवाब देंहटाएं“नन्हें दीपों की माला से स्वर्ण रश्मियों का विस्तार -
बिना भेद के स्वर्ण रश्मियां आया बांटन ये त्यौहार !
निश्छल निर्मल पावन मन ,में भाव जगाती दीपशिखाएं ,
बिना भेद अरु राग-द्वेष के सबके मन करती उजियार !!
“हैप्पी दीवाली-सुकुमार गीतकार राकेश खण्डेलवाल
सही सेल्समेन हो आप भी ...क्या बेचा है बीन बेग को :) मन ललचा रहा है पर फिर सोच रहे हैं कि सतीश पंचम जी की सलाह पर सरसों या मटर का एक बोरा भरकर बैठेंगे इस बार जब गाँव जायेंगे !
जवाब देंहटाएं...इसमें बैठकर बीन बजाने का मजा ही कुछ और है।
जवाब देंहटाएं...शुभ दीपावली।
Rajeev ke pas bhee hai aise been bag.
जवाब देंहटाएंmajedar hain baithane ke liye aur aaramdeh bhee. Is naee kharidaree par badhaee.
बिनबैग पर सोने का मज़ा चिन्मयी बहुत अच्छे से लेती थी ....आपको बधाई
जवाब देंहटाएंदीपावली कि हार्दिक शुभकामनाये
सर बिग बॉस खत्म हो जाने के बाद बकिया सीरीयलवा सब भी इहे फ़ुग्गा सोफ़ा सेट पर ही देखना है ..सो नहीं बताए ...चलिए आप कहते हैं तो टराई किया जाएगा
जवाब देंहटाएंkuch na kich naya sochane chahiye .
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं !
आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
जवाब देंहटाएंमैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ
Innovative post!दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंमिश्र जी,
जवाब देंहटाएंआपको, परिजनों एवम मित्रों को दीवावली मंगलमय हो!
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंहां आरामदायक तो होते हैं ये बीन्बैग्स...
जवाब देंहटाएंदीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं१४००/- में एक जोडी?
जवाब देंहटाएंआप धन्य हुए।
यहाँ बेंगळूरु में एक दुकान में पूछने पर एक की कीमत का २०००/- थी।
पर चमडे की थी, rexin की नहीं।
दूकानदार ने इस export quality का बताया था और दो साल की गारंटी देने के लिए तैयार था।
रिश्तेदारों के घर इसका अनुभव किया था।
बैठने में अवश्य आरामदायक था और नींद भी आने लगी पुर उठना मुश्किल हो गया।
क्या पीठ के लिए यह अच्छा है?।
दिन में इस पर बहुत देर तक बैठने से क्या कोई हानी हो सकती है?
यदि कोई इस पर प्रकाश डाल सके, तो अच्छा होगा।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
पहले साबुन अब बीन बैग ??......का बात है डाक्टर साहब ?.....कोई सेल्स एजेंसी ?
जवाब देंहटाएंही !!! ही!!!
आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं ! हम भी किसी आफर में ही लेने की सोचेंगे
.....वैसे फ्री सैम्पल का ज़माना चला गया का ?????
@विश्वनाथ जी ,चमड़े के बीन बैग्स सचमुच बड़े महंगे हैं .बैठने के पहले पीठ के सपोर्ट के लिए आप सिरा खींच कर बना सकते हैं जो कि बहुत आरामदायक होता है ...जहां तक उठने की बात है बगल में किसी सपोर्ट का ख़याल रखकर इसे रखा जा जा सकता है -कुल मिलाकर यह एक नायाब चीज है ,तभी लोग इतना पैसा खर्च कर रहे हैं -यह विलासिता कम एक जरुरी उत्पाद लग रहा है ....
जवाब देंहटाएंप्रवीन भाई ,मनुष्य को अपनी अन्तर्निहित क्षमताओं का परीक्षण करते रहना चाहिए -न जाने जीवन में कब कौन सा दुर्दिन घेर ले :)
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की शुभकामनाएं !सोचिये ज़रा आप बीन बैग्स पर बैठ बच्चों को पढ़ाएं !एक आर्डर दीजिये ना ..बच्चों से चंदा ले लीजिये :) :)
शुकर करो कि इस में बीन नहीं भरे हैं ... ना जाने कितने सांप ‘हिस्स’ करने लगते :)
जवाब देंहटाएंहमारे घर में भी दो हैं ... पर दानों के साथ साथ इनमे हवा भी भरी होती है ... जो बहुत जरूरी होती है ....
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएं@मिश्र जी
जवाब देंहटाएंये बीन बेग रिपोर्ट अच्छी लगी :)
लेकिन मैं "हवा" वाले मामले में कन्फ्यूज हूँ, इसमें हवा होती है या नहीं ? :)
कहीं ऐसा तो नहीं दो टाइप के आते हों
हवा वाला और बिना हवा वाला :)
@गौरव ,इसमें हवा अगर है भी तो बहुत कम ..नामिनल !
जवाब देंहटाएंअरे ये पोस्ट कैसे छूट गयी ... बहुत मज़ा आया पढ़ कर ... खास कर आपके और आपके बता के बीच बात चीत ... हमारे बीन बैग भी कहीं कहीं से उधड़ गए हैं .. नए लेने की तैयारी है. . :))... बेहद आरामदायक होते हैं ... और कभी कभी आलस्य का दलदल भी .. हाहाहा ... एक बात की चेतावनी दे देती हूँ ... अगर कभी खोलेंगे तो संभल कर ... इनके बीन्स समेटना बेहद खतरनाक काम हैं ... हाहाहा...
जवाब देंहटाएं@मिश्र जी
जवाब देंहटाएंअब मामला पूरी तरह समझ में आया ... आभार
रोचक और आपके लेखन अनुरूप पोस्ट, ये मिलेगा कहाँ ?
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