गुरुवार, 23 अप्रैल 2009

गाँव आया और वोट दिया !


मतदान के दूसरे चरण में यानि आज २३ अप्रैल ०९ को जौनपुर जिले में अपने पैतृक निवास जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ५६ पर स्थित है के बूथ संख्या ११७ मिडिल स्कूल चूड़ामणिपुर के लिए मैं कल ही रात बनारस से सार्वजनिक परिवहन का उपभोग कर वोट देने आया .मन में क्षोभ था कि बनारस जैसी बुद्धिजीवियों की नगरी में महज ४४ प्रतिशत लोगों ने मतदान किया .विश्वविख्यात शिक्षा के केन्द्र बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के परिसर में ही बने मतदान केन्द्र पर भी केवल १८ फीसदी लोगों -प्रोफेसरों ने मतदान किया जहाँ एक आदरणीय ब्लॉगर अफलातून जी भी रहते हैं ।
इन स्थितियों से उपजे क्षोभ ने मुझे आत्मपीडा भी सहकर वोट देने को वह भी एक सामान्य मतदाता के रूप मे मजबूर कर दिया .लिहाजा मैं भयंकर चिलचिलाती धूप में अप्रैल माह की इस बार की रिकार्ड तोड़ गर्मीं ४५ डि. से. में और वह भी बस द्वारा बनारस से चला और बुद्धत्त्व को प्राप्त होते होते ७५ किमी की यात्रा ४ घंटे में पूरी कर निवास पर पहुँच ही आया और आज सुबह मतदान स्थल पर पहुँच कर पहला मतदान किया .उससे मिलने वाले अनिर्वचनीय आनंद की एक झलक आप मेरे चेहरे पर आए आत्ममुग्धता के भाव से पा सकते हैं ।

बेटे और बेटी का इम्तहान होने से वे और उनकी माँ मेरे साथ नही आ सके पर यहाँ मेरी माता जी और अनुज मनोज मिश्र तथा उनकी पत्नी डॉ छाया मिश्र ने मेरे अनंतर अपने वोट डाले .मैंने तो एक राष्ट्रीय पार्टी के पक्ष में मतदान किया है मगर परिवार के दूसरे लोगों ने किस के पक्ष में मतदान किया यह मुझे नही मालूम है -मतदान की गोपनीयता बरकरार है और इस गोपनीयता का सम्मान भी किया जाना चाहिए .मतदान से लौट कर आने पर मनोज के सौजन्य से उनके ही लैपटाप पर आप तक यह रिपोर्ट प्रेषित कर रहा हूँ .मेरी फोटो भतीजी स्वस्तिका ने उतारी है .

वह मेरे बगल मे बैठ कर मेरे साथ ही आपसे भी अनुरोध कर रही है कि कृपया आप सभी भी मतदान कर केन्द्र में एक स्थायी सरकार के गठन का मार्ग अवश्य प्रशस्त करें ,प्लीज !

25 टिप्‍पणियां:

  1. काश जितनी मेहनत आपने वोट देने में की है उतनी ही वोट लेने वाले भी कर ले..

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  2. बहुत बहुत बधाई सफल मतदान कर पाने हेतु.

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  3. मतदान के लिये इतनी कड़ी मेहनत पर आपको धन्यवाद व मुबारकबाद.

    काश हर हिन्दुस्तानी इसी तरह सोचे.

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  4. मतदान के प्रति इतनी सजगता काश हर एक नागरिक के मन में आ पाती । चित्र में निश्चित ही एक तोष-पूर्ण आनन्द झलक रहा है । यह चित्र मतदान स्थल के पास ही खींचा गया होता तो शायद आपकी सजगता का एक जीवंत दस्तावेज होता ।
    धन्यवाद ।

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  5. अच्छा लगा आप जैसे नागरिको की इस देश को जरुरत है

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  6. सर जी आपकी चिंता वाजिब है, पर आपको यकीन दिलाते हैं कि ३० अप्रेल को मतदान शुरु होते ही ताऊ और ताई वोट डालने जायेंगें. एवम आपकी तरह सबको मोटिवेट भी करेंगे.

    रामराम.

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  7. बहुत खूब! आपकी इस पोस्ट को मैं आज के सबसे बढ़िया "प्रेरक प्रसंग" की उपाधि दे रहा हूँ! अब जिसे वोट दिया है, उसकी गतिविधियों का भी ध्यान रखना होगा, कहीं जीतने के बाद उनके दर्शन भी दुर्लभ न हो जायें!

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  8. बीएचयु जैसे कैम्पस की तरह पूरे हिंदुस्तान का तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग बड़ी-बड़ी बाते करने में आगे रहते हैं वोट डालने में नहीं. (वैसे कई लोगों का यात्रा पर रहना और अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर रहना भी एक कारण है प्रोक्सी या डाक द्वारा वोटिंग की व्यवस्था हो तो ज्यादा मतदान हो पायेगा) आपने अनुकरणीय उदहारण सेट किया है.

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  9. मतदान अधिकार के साथ ही साथ कर्तब्‍य भी है .. पालन करना ही चाहिए .. आपका और स्वस्तिका का अनुरोध मैने पोस्‍ट को पढे बिना पूरा किया .. वोट डालने के बाद पोस्‍ट पढ रही हूं।

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  10. बधाई हो। आपने बहुत अच्‍छा कार्य किया। इसी बहाने गांव भ्रमण भी हो गया।

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  11. आपने अपने हिस्से का कार्य पूरा किया-आप साधुवाद के हकदार हो गये. अब पाँच साल घर बैठ कर तमाशा देखिये और फिर झोला डंगर टांगे वोट देने निकल लिजियेगा. अभी से शुभकामनाऐं दिये देता हूँ.

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  12. आपने एक पुनीत कार्य किया है। लोकतंत्र, देश और हमारी तरफ से आपका आभार। आशा है आपसे बहुत लोग प्रेरणा लेंगे।...प्रोफेसरों की बस्‍ती में अठारह प्रतिशत मतदान..अरे मिश्र जी ये तो सभी अफलातून हैं..सिर्फ गाल बजाते हैं।

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  13. एसी कमरों में बैठ बौद्धिक बहस छेड़ने वालों को आपके इस कदम से प्रेरणा लेनी चाहिये.

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  14. आप को बधाई कि आप ने वोट दिया। यह एक ऐसा सवाल है जिस के जवाबों में से एक चुनना है। और मुझे दिए गए सवालों में एक भी सही नहीं।

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  15. मैने भी सामान्य मतदाता के रूप में मतदान किया। काफी रोचक था। उसमें मेरे बतौर आम आदमी कुछ खटराग थे। अन्त में मुझसे बोट दिला चुनाव के लोगों ने जान छुड़ाई। हड़बड़ी में मेरे उंगली में स्याही लगाना भूल गये। :)

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  16. बहुत अच्छा. यदि हर भारतीय ऐसे ही सोचने लगे, तो फिर हमारा लोक तंत्र मजबूत कैसे नहीं बनेगा!

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  17. फ़ोटॊ चकाचक आई। वोट डालने की बधाई!

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  18. हूँ, वोट देना प्रत्‍येक नागरिक का कर्तव्‍य है।

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  19. is desh me ek jagurukta ki pahal honi chahiye aur wo sambhav kab honga ye sochne ka prashna hai .. matdaan ek bahut badi prakriya hai .. lekin iska sahi uttaradhikari kya wakai koi hai ..


    vijay
    http://poemsofvijay.blogspot.com

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  20. वह मेरे बगल मे बैठ कर मेरे साथ ही आपसे भी अनुरोध कर रही है कि कृपया आप सभी भी मतदान कर केन्द्र में एक स्थायी सरकार के गठन का मार्ग अवश्य प्रशस्त करें ,प्लीज !


    जी अरविन्द जी हमने आपकी बात मान ली है और वोट भी डाल दी है......!!

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  21. कुश की बातों से सहम्त हूँ।
    तस्वीर की आत्म-मुग्धता सचमुच दर्शनीय है

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  22. बहुत बहुत शुक्रिया आपकी टिपण्णी के लिए!
    वोट देना तो हर नागरिक का कर्तव्य है! बहुत बहुत बधाई हो कि आपको वोट देने का मौका मिला! मैंने तो तिन साल पहले वोट दिया था फिर तो अवसर ही नहीं मिला! बहुत सुंदर लिखा है आपने!

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