राग यमन की युगलबंदी
पहले ही मैं पूरी विनम्रता से कह दूं कि यह एक पारिवारिक किस्म की पोस्ट है और अगर कोई इसे आत्म प्रचार/प्रशस्ति का प्रयास मानता है तो वह तनिक भी गलत नहीं है-मैं यह काम किसी भी प्रकार के घने या झीने परदे -शब्दाडम्बर के करना चाहता हूँ ....ब्लागिंग में परिवार को सम्मलित न किया जाय ऐसी कोई ब्लॉग आचार संहिता भी प्रख्यापित नहीं है. तो फिर इस काम को खुले तौर पर आपसे साझा करने के बजाय क्यों कोई अनावश्यक भूमिका बांधी जाय! माँ बेटे की संगत
बेटे कौस्तुभ प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से तबला वादन में आरम्भिक ग्रेड के डिग्री होल्डर है .इन्होने २००३ का पूरा वर्ष वहां के गुरुओं से तबला वादन सीखा और इसके पहले कि उनका हुनर परवान चढ़े हमारा ट्रांसफर बनारस हो गया -शायद यह एक तरह का छुपा हुआ वरदान था -अब संगीत और बनारस का रिश्ता ऐसा कि हमें ज्यादा ढूंढना भी नहीं पडा हमारे बगल के ही मोहल्ले कबीरचौरा में प्रख्यात तबला वादक स्वर्गीय पंडित गुदई महराज के प्रपौत्र उस्ताद मंगला प्रसाद जी ने कौस्तुभ को शागिर्द के रूप में स्वीकार कर लिया ...उन्ही दिनों मेरे टेक्सास निवासी चाचा और कभी नासा में वैज्ञानिक रहे डॉ. सरोज कुमार मिश्र यहाँ आये हुए थे उन्होंने श्रीमती जी को प्रेरित किया सितार वादन के लिए -पहले तो ये बड़ी घबरायीं ,लेकिन स्नातक स्तर तक इन्होने भी गायन में संगीत की शिक्षा ली हैं इसलिए सितार वादन की चुनौती स्वीकार कर लिया .....चाचा जी ने एक सितार इन्हें बतौर उपहार सौंपा और विदेश वापस हो लिए...
श्रीमती जी के सितार गुरु बने श्री ध्रुव मिश्र जी ..अब माँ बेटे अभ्यास में जुट गए ..बेटी प्रियेषा कौमुदी ने कत्थक का भी रियाज आरम्भ किया मगर वह कई कारणों से आगे नहीं बढ़ पाया ....इसी दौरान मेरे दो ट्रांसफर फिर हो गए और परिवार को भी असुविधा हुयी मगर इनका अभ्यास किसी तरह चलता रहा ....हाँ अनियमित होने लग गया ...विगत वर्षों से संगीत साधना पर मानों ग्रहण सा लगा रहा ....
.मैंने देखा है एक मध्यवर्गीय परिवार में रोजाना ऐसे विघ्न विप्लव होते रहते हैं कि कला साधना /संगीत साधना सहज नहीं रह पाती ....हर रोज कोई न कोई विपदा ,हस्तक्षेप जिसके चलते माँ बेटे की संगीत की संगत प्रभावित होने लगी ...इसी बीच श्रीमती जी को विटामिन डी की ऐसी अत्यधिक कमी हुयी कि उनका चलना फिरना दूभर हो गया -एक तरह छः महीने से भी अधिक समय के लिए उनकी दिनचर्या बेड पर ही सिमट कर रह गयी ....सितार से दूरी बढ़ती ही चली गयी ..
संगीत को समर्पित इस पोस्ट पर मैं अगर स्वर्गीय पिताश्री डॉ. राजेन्द्र मिश्र को याद न करूं तो यह मेरी कृतघ्नता होगी -संगीत का संस्कार तो उन्ही से मिला -वे हारमोनियम के वादन में पारंगत थे और अपनी अन्य विशेषताओं के साथ ही क्षेत्र के ख्यात हारमोनियम वादक के रूप में जाने जाते रहे .....मुझे तो न जाने क्यूं कुदरत ने इस हुनर से विरक्त ही कर रखा है ..हाँ एक श्रोता और कभी कभार कुछ गुनगुना लेने की छोटी हैसियत/विरासत मेरे हाथ भी आई लगती है मगर यह तो काफी नाकाफी है ....
कई दौर चल चुके हैं मुझे क्यों न हो शिकायत
मेरे हाथ मेरे साकी अब तक न जाम आया!
नोट:वीडियो की खराब क्वालिटी के लिए दुःख /खेद है
आप कविता लिख कर गीत रचें बस। सुरमयी, गीतमयी, आनन्दमयी परिवार।
जवाब देंहटाएंमां बेटे की शानदार जुगलबंदी है ।
जवाब देंहटाएंघर में सरस्वती का वास है आपके ।
हम तो खुद संगीत के उपासक हैं । बस कुछ आता नहीं ।
बच्चों ने भी एक गिटार खरीद कर कोने में रखा हुआ है ।
आज तो दिल खुश हो गया और बड़ी याद आयी बीते दिनों की . इसे यदि आप हम सब से ना बांटते तो दुःख होता. आज कि शाम संगीतमय हो गयी. धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंवाह तबियत बाग बाग हो गयी मिश्रजी, गुदई महाराज का नाम पढते ही पहले तो पूरा विडियो देखा सुना तब जाके पोस्ट पढ पाये, बडभागी है आपका परिवार, जो सभी सदस्य किसी ना किसी रूप में सरस्वती की उपासना में लीन हैं, बहुत शुभकामनएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आपके परिवार के एक और नए रूप को जानने का मौका मिला. सौभाग्य ही कहूँगा इसे.
जवाब देंहटाएंवाह, आनंदम् आनंदम्।
जवाब देंहटाएंवैसे ये बात तो है कि कला साधना में दुनियावी चीजों के अलावा भांति भांति के विघ्न आते रहते हैं। कभी योग्य गुरू नहीं मिलता तो कभी आगे सिखने की इच्छायें ही नहीं टिकती। इन सबके बावजूद जारी रहना बड़ी बात है।
इस वीडियो से ख्याल आया - "आंसू भरी हैं ये जीवन की राहें" गीत राग यमन पर ही आधारित है !
जवाब देंहटाएंयह हर एक की किस्मत में नहीं, आपके परिवार को सरस्वती साधना विरासत में मिली है !
जवाब देंहटाएंआज इस लेख के जरिये आपके परिवार की यह विशेषताएं भी जान कर बहुत अच्छा लगा !
कृपया बधाई स्वीकार करें !
. और ज़िन्दगी फिर पुराने ढर्रे पर वापस लौटने लगी तो सावन की एक शाम संगीत के नाम हो ही गयी ..माँ बेटे सितार और तबले की की युगलबंदी पर जमे ....और खूब जमें.
जवाब देंहटाएंहु त अच्छा लगा .. मां बेटे की शानदार जुगलबंदी !!
बहुत बढ़िया .....माँ बेटे की जुगलबंदी..... शुभकामनायें दोनों को....
जवाब देंहटाएंआपके संगीतमयी परिवार के बारे में जानना आनन्दमयी रहा.दोनों को स्नेह सम्बल ही नहीं ढेरों शुभकामनाएँ भी..
जवाब देंहटाएंकभी हमने भी उस्ताद गुलाम दस्तग़ीर ख़ान की शार्गिदी में सितार पर यमन राग सीखा था लेकिन बाधाएँ इधर भी थीं...
संगीतमय वातावरण में निवास करते है क्या किस्मत है , बधाई ......
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट के साथ हमारी टिप्पणी जुगलबंदी.
जवाब देंहटाएं@मैंने देखा है एक मध्यवर्गीय परिवार में रोजाना ऐसे विघ्न विप्लव होते रहते हैं कि कला साधना /संगीत साधना सहज नहीं रह पाती...
जवाब देंहटाएंआपने इन लिखित स्वरों की झंकार के आगे तो संध्या भाभी के सितार वादन की खनक भी कम ही लग रही है ...
क्या बात है ...
परिवार में यह आनंद ऐसे ही घुलता रहे , बढ़ता रहे ...
बहुत शुभकामनायें !
aapne apne parivar ki is uplabddhi me hame shaamil kar ek tarah se hame bhi apne parivar me shamil kiya ha...isme koi prashasti-gaan jaisi baat nahin hai.
जवाब देंहटाएंjeevan ka vastavik aanand sangeet me hi racha-basaa hai,magar isko bhog paana sabke naseeb me nahi hai.aap banaras me rah nahi rahe hain balki banaras ko jee rahe hain ! bete kaustubh aur aapki shrimati ji ka sangeet-shram prashansniya hai !
परिवार का संगीत प्रेम जानकर अच्छा लगा। काश, ईश्वर मुझे संगीत प्रेम से न वंचित रखता।
जवाब देंहटाएं(१)
जवाब देंहटाएंसंस्कृतिकर्मलीन / संगीतनैपुण्योत्सुक / वाद्यअभ्यासरत / आल्हाद्कारीदृश्य प्रस्तुतकर्ता परिजनद्वय के लिए परमानान्दित दर्शक / श्रोता परिवार की ओर से कोटि कोटि नमन ! साधुवाद !
(२)
सेवकीय स्थानांतरणजन्य कष्ट प्राप्त अभिभावक को सेवीवर्गीय अभिभावक की हार्दिक शुभकामनाएं !
आनन्द आ गया। बहुत-बहुत धन्यवाद इसे साझा करने के लिये।
जवाब देंहटाएंसंगीत और सरस्वती की जुगलबंदी से सराबोर है आपका घर-परिवार...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
आदरणीय अरविंद जी
जवाब देंहटाएंसादर सस्नेहाभिवादन !
आदरणीया भाभीजी को सादर प्रणाम !
"सावन में सितार- तबले की जुगलबंदी!"
ने आज की भोर सुहानी करदी ( ये और बात है कि बिजली महारानी की कोप-दृष्टि से कमेंट अब भेज पा रहा हूं )
डाउनलोड करके सुना-देखा … तबले की थाप और सितार की झन्कार के साथ ही पार्श्व से अरी ए री आली पिया बिना… की स्वर लहरी कानों में गूंजती महसूस होने लगी …
पूरा परिवार कलाओं के प्रति रुचि , समझ और समर्पण के साथ साधनारत हो वह घर निस्संदेह स्वर्ग ही है !
मन से मंगलकामनाएं स्वतः ही निसृत हो रही हैं
भविष्य में कुछ और संगीतमयी प्रविष्टियों की आस बंध गई है :)
रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
-राजेन्द्र स्वर्णकार
kya baat hai!!!
जवाब देंहटाएंवाह जानकर आनंद आ गया। माँ सरस्वती की असीम कृपा है आपके परिवार पर।
जवाब देंहटाएंजहां संगीत, कला और साहित्य का संगम हो वह घर तो स्वयम् तीर्थ है।
शुक्रिया भाई जान यहाँ भी आपको तवज्जो मिल जाए तो --अगर परिवार में संगीत है ,तो संबंधों में भी रागात्मकता ,लय ताल और समस्वरता रहती है .आप इतने मीठी रोटी से क्यों हैं आज जाना .कौस्तुभ -कौमुदी और समादर्नीय प्रात :स्मरणीय पिता श्री मिश्र जी जो विरासत छोड़ गए उसे माँ -बेटा -बेटी की त्रिवेणी आगे बढ़ाएगी .इसी आशीष और प्रार्थना के साथ .
जवाब देंहटाएंhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Thursday, August 11, 2011
Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स "
आदरणीय अरविन्द जी,
जवाब देंहटाएंमैंने भी अपने कोलिज जीवन में कबीर चौरा में प्रसिद्ध तबलावादक 'पंडित गुदई महाराज जी' के सुपुत्र 'पंडित कुमारलाल मिश्र जी' का साक्षात्कार लिया था जिसे 'दैनिक हिन्दुस्तान' में कला-समीक्षा पृष्ठ पर आधे पृष्ठ का स्थान मिला था.. उनके पुत्रों से भी मुलाक़ात हुई थी... लेकिन तब 'कौस्तुभ' जी काफी छोटे रहे होंगे.. बात १९९४-९५ की है.......... इस पोस्ट को पढ़कर मेरा मन "नाचे मन मोरा मगन तिक धा धिकी धिकी" कर रहा है.
वाह !
जवाब देंहटाएंगुनगुनाना ,गुनगुने बने रहना ही तो असल बात है और फिर एक अच्छे श्रोता की कमी को आप पूरा करतें हैं .वीडियो आखिर खुल ही गया .अच्छी जुगल बंदी थी .
जवाब देंहटाएं.http://veerubhai1947.blogspot.com/
बुधवार, १० अगस्त २०११
सरकारी चिंता
वाह बहुत खूब ....बहुत शानदार जुगलबंदी ...यह नयी बात जानने को मिली आज आपके कहे से ...
जवाब देंहटाएंऐसी पोस्ट तो बहुत पहले ही आ जानी चाहिए थी..
जवाब देंहटाएंआप खुशनसीब हैं कि सहज ही इतने संगीतमय वातावरण का आनंद उठने का मौका पा लेते हैं.
आपका सारा परिवार संगीतमय हो गया है, यह प्रसन्नता की बात है और आपने इनका परिचय ब्लाग परिवार से करा दिया जिसके लिए धन्यवाद शायद औपचारिकता होगी इस परिवार में। संगीत की संपदा इसी तरह बढ़ती रहे, यही कामना है॥
जवाब देंहटाएंमुझे तो बहुत अच्छा लगा परिजनों के साथ बैठकर संगीत सभा का.. पंडित सामता प्रसाद मिश्र जी को साक्षात सुनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, इसलिए उनसे जुडी कोइ भी कड़ी मेरे लिए सौभाग्य है!!
जवाब देंहटाएंआप सभी गुन पारखी गुनी जनों की शुभकामना मैंने नव साक्षरों को दे दी है ....और आपका खुद भी कृतज्ञ हूँ -आपने सच्चे ह्रदय से आशेष दिए हैं ..अभिभूत हूँ!
जवाब देंहटाएंइसमें सलिल भाई,प्रतुल जी,राजेन्द्र जी ,मीनाक्षी जी खुद संगीत कार /प्रेमी हैं -
आप सभी के स्नेह संबल से ही भारतीय क्लासिक संगीत आज भी जीवंत है!
पिता श्री डॉ .राजेन्द्र मिश्र जी ,का ज़िक्र करके आपने हमें पूरा बनारस घराना ,जो ठुमरी और दादरा ,कजरी का घर है ,राजन मिश्र ,साजन मिश्र जी की याद दिला दी .शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी आपकी मौजूदगी अपेक्षित है -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_9034.हटमल
Friday, August 12, 2011
रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
बृहस्पतिवार, ११ अगस्त २०११
Early morning smokers have higher cancer रिस्क.
अहा,आनंद आ गया.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई जान .संगीत परिवारी सांझा करने के लिए ........निरंतर रियाज़ संगीत की जान
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी आपकी मौजूदगी अपेक्षित है -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_9034.हटमल
Friday, August 12, 2011
रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
बृहस्पतिवार, ११ अगस्त २०११
Early morning smokers have higher cancer रिस्क.
वाह! बहुत ही अच्छी लगी यह जुगलबंदी.
जवाब देंहटाएं-आप को भी अब ऐसे मधुर माहोल में थोडा बहुत गाना -गुनगुनाना सीखना/आना अपेक्षित है.
..
मुझे तो विधिवत संगीत सिखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ...लेकिन जो संगीत सीखते हैं उन्हें सुनकर -देख कर अच्छा लगता है.
-
बहुत सुन्दर सारगर्भित
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
बहुत अच्छा लगा आपकी ये पोस्ट पढ़कर और विडियो देखकर । बधाई और शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया... सुबह सुबह खुबसूरत जुगलबंदी सुनकर...
जवाब देंहटाएंसादर...
नमस्ते भाईजान !नै पोस्ट का कब तक इंतज़ार करवाईयेगा .?.
जवाब देंहटाएंhttp://www.blogger.com/post-edit.g?blogID=232721397822804248&postID=५९१०७८२०२६८३८३४०६२१
HypnoBirthing: Relax while giving birth?
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .(कबीरा खडा बाज़ार में ...........)
Links to this post at Friday, August 12, 2011
Is navankyrit hote gaayak ko mera aashish.
जवाब देंहटाएंKeep it up. Good luck
सरस्वती की विशेष कृपा और उपरवाले का अनमोल उपहार है | आपसबों को हार्दिक शुभकामना |
जवाब देंहटाएं