अब गाँव कैलाश गौतम की मशहूर रचना' गाँव गया था गाँव से भागा 'से कुछ अलग रूख अपना रहे हैं यानी आकर्षण उत्पन्न कर रहे हैं -अब जैसे दूर संचार की क्रान्ति ही ले लीजिये .मैं अपने पैतृक गाँव दीवाली मनाने के लिए आया -मेरा गाँव राष्ट्रीय राजमार्ग ५६ पर जौनपुर शहर से १७ किलोमीटर दूर लखनऊ की दिशा में है .मेरे अनुज डॉ मनोज मिश्रा ने लैपटाप एक वर्ष पहले खरीदा था ,मगर केवल wll पर इन्टरनेट की सुविधा जो कि बहुत धीमी थी के चलते ब्लाग लेखन में पदार्पित नहीं हुए थे -कल ही यानी ठीक दीपावली के दिन ही बी एस एन एल ने यह सुविधा भी यहाँ मुहैया करा दी और हम लोगों की दीपावली मानों जग गयी -दीपावली पर एक ब्लॉगर को इससे बढ़कर क्या सौगात चाहिए -मैं यह पोस्ट अनुज के ही लैपटाप से ब्राडबैंड के जरिये कर रहा हूँ -हर हुनर वाले दीवाली के दिन अपने हुनर को आजमाते है -जगाते हैं और गाव में आकर भी मैंने अपनी ब्लाग्जीविता को जगा लिया है और फूल कर कुप्पा होरहा हूँ -अब भाई मनोज के चिट्ठाजगत में लाने की तैयारी शुरू हो गयी है -उनके भी ब्लॉग को आपका स्नेह मिलेगा -अभी तो नामकरण की चर्चा चल रही है -एक नाम पर विचार चल रहा है -मा पलायनम ! यह कैसा रहेगा ? अरे यह तो माईक्रो पोस्ट होनी थी ..अतः विराम !
आपको सपरिवार दीपोत्सव की शुभ कामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। यही प्रभू से प्रार्थना है।
जवाब देंहटाएंसही है। गांव के बड़े बैंड में जाने की बधाई!
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की शुभ कामनाएं....
जवाब देंहटाएंयह जान कर बड़ी खुसी हुई की आपके पैतृक गाँव में विस्तारित बाजा ( ब्राड बैंड ) आ गया है ! इसीलिए हमको ताजुब हूवा की आपने परसों पहुँचने का कहा था और सुबह हमारे जागने के पहले आपकी टिपणी कहाँ से आ गई ? अच्छा हुआ आपने राज खोल दिया वरना हम समझते कुछ उल्लू महाराज की करामात है ! :)
जवाब देंहटाएंअनुज का अग्रिम स्वागत है ! नाम भी सुंदर लग रहा है ! शुभकामनाएं !
दीपावली पर बहुत बहुत शुभ कामनाएँ।
जवाब देंहटाएंअनुज भी ब्लागरी में आ रहे हैं उन का जरूर स्वागत होगा।
यह तो अच्छा है ...बधाई .नाम भी ब्लॉग का पसंद आया .
जवाब देंहटाएंवाह! मनोज जी को भी ब्लॉगरोग से संक्रमित करिये! त्वरित!
जवाब देंहटाएंमनोज के चिट्ठे का पता यह है जो अभी ब्लॉग संग्राहकों में पंजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रहा है
जवाब देंहटाएंhttp://manjulmanoj.blogspot.com/
शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबीएसएनएल को धन्यवाद, आपको बधाई और मनोज जी का हार्दिक स्वागत.
जवाब देंहटाएंजे बात । ब्रॉडबैन्ड आने के बाद अब गांव ग्लोबल विलेज हो गया है । जय हो । दीपोत्सव की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको भी बधाई भाई मनोज तक यह वायरस फैलाने के लिए..गांव गांव में छा जायेगा ब्लॉगजगत.
जवाब देंहटाएंhttp://manjulmanoj.blogspot.com/
नोट कर लिया. अनेक शुभकामनाऐं.
दीपावली मंगलमय हो
जवाब देंहटाएंBroad Band se posting per Badhayee ...
बहुत बहुत बधाई हो आप को ब्राडबैंड की, चलिये अब दिल खोल कर लिखे.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
साथ मे दिपावली की शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई ब्राड बैंड की ! अच्छा है अब मैं भी वहा रहूंगा तो एक दो पोस्ट लिख लिया करूंगा !
जवाब देंहटाएंवो समय दूर नहीं है, जब गॉंव-गॉंव बजेगा ब्राड-बैण्ड।
जवाब देंहटाएंलेट हो गया आने में इसलिए यहॉ मैं नये साल का ही मुबारकबाद सबसे पहले दे देता हूँ।
baht sudar, lekin bhai thora sa let huaa hame pahunchne me maaph kare..
जवाब देंहटाएंभाई साहब को भी ले आइये जल्दी से !
जवाब देंहटाएंभाई वाह बीएसएनएल ने वाकई कमाल किया है ....
जवाब देंहटाएंचलो अच्छा हुआ भाई। हमने कुछ कारणवश यह पोस्ट देर से पढ़ी। हमने तो पिछली वाली पोस्ट भी नहीं पढ़ी थी। लेकिन सौरभ पंडित जी ने पढ़ ली थी और हमें अक्षरशः सुना दी थी। अब मनोज जी के ब्लाग पर जा रहा हूं। वैसे गांव का नाम लिख देते तो अच्छा होता। सिंगरामऊ के पास ही होगा।
जवाब देंहटाएंआपने उल्लू के बारे में कई जानकारियां दीं। उसके लिए धन्यवाद। उल्लू के लिए अपनी एक परिभाषा है। जिस दिन से गृहलक्ष्मी सवारी करने के लिए आजाती है, उस दिन से पुरुष उल्लू हो जाता है। उसके पहले सहज भाव से उल्लू का पट्ठा होता है।
जवाब देंहटाएंगाँव तक ब्राडबैण्ड की पहुंच एक शुभ संकेत है। इसी बहाने मनोज जी का ब्लॉग तो शुरू हुआ।
जवाब देंहटाएंमा पलायनम !
जवाब देंहटाएंबधाई!
शुभकामनाएं !
मनोज जी आयें ब्लाग जगत में, उन का स्वागत है.
जवाब देंहटाएंब्रौड बेन्ड से एक ख्याल दिल में आया, इंटरनेट की बेन्ड तो ब्रौड हो गई पर मानव सोच की बेन्ड संकुचित हो गई.
बहुत शुभ चिन्ह है यह.
जवाब देंहटाएंThis was a really great contest and hopefully I can attend the next one.
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