Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
शोक में,
जवाब देंहटाएंसाथ हैं
पर हम
कितने बेबस हैं ?
बेबस ना होँ अपने अपने सरकारी सचिव से मिलेँ और उन से अपना रोष व्यक्त करेँ -
जवाब देंहटाएं- लावण्या
दो ही रास्ते हैं -
जवाब देंहटाएं१. शोक करते रहो और मरते रहो
२. विद्रोह करो और जिंदा रहो
च्वाइस आपकी?
राजा अगर नपुंसक हो तो उसकी प्रजा का यही हश्र होता है, प्रजा को अगर जिंदा रहना है तो उसे ऐसे नपुंसक राजा और उसकी नपुंसक सेना दोनों के खिलाफ विद्रोह कर उन्हें गद्दी से हटा देना चाहिये।
yae chitr lagaa kar ham apni ek juttaa ka parichay dae rahey haen , yae shok haen aakrosh haen , ham ek jut hogey tabhie badal sakeyae
जवाब देंहटाएंpehlae ek juttaa dikyaae
हार्दिक श्रद्धांजली मेरे उन शहीद भाईयो के लिये जो हमारी ओर हमारे देश की आबरु की रक्षा करते शहीद हो गये।लेकिन मन मै नफ़रत ओर गुस्सा अपनी निकाम्मी सरकार के लिये
जवाब देंहटाएंआतंक को खत्म करने के लिये राष्ट्रीय चैतन्यता और एकता की जरुरत है!
जवाब देंहटाएंईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .
जवाब देंहटाएंक्या शोक का हमारे जीवन और दर्शन में कोई स्थान है? ऐसे में हमारी संस्कृति पीछे मुड़ कर न देखने की हिदायत देती है।
जवाब देंहटाएं" आज शायद सभी भारतीय नागरिक की ऑंखें नम होंगी और इसी असमंजस की स्थति भी, हर कोई आज अपने को लाचार बेबस महसूस कर रहा है और रो रहा है अपनी इस बदहाली पर ..."ईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .
जवाब देंहटाएंअपनी एक जुटता का परिचय दे रहा हैं हिन्दी ब्लॉग समाज । आप भी इस चित्र को डाले और अपने आक्रोश को व्यक्त करे । ये चित्र हमारे शोक का नहीं हमारे आक्रोश का प्रतीक हैं । आप भी साथ दे । जितने ब्लॉग पर हो सके इस चित्र को लगाए । ये चित्र हमारी कमजोरी का नहीं , हमारे विलाप का नहीं हमारे क्रोध और आक्रोश का प्रतीक हैं । आईये अपने तिरंगे को भी याद करे और याद रखे की देश हमारा हैं ।
जवाब देंहटाएंशोक में,साथ हैं हम
जवाब देंहटाएंtake care