मित्रों ,मैंने यह रायशुमारी केवल आपकी भावनाओं को मुखर करने और आपके सलाह मशवरे के लिए की है .चूंकि इसके लिए जो गजेट ब्लॉग के हाशिये पर है उसमें केवल हां या ना का ही आप्शन है अतः यह सहायक पोस्ट भी इसलिए कि ब्लॉग दुनिया कुछ और भी तफसील से कहना चाहे तो कह सके ताकि एक जनमत बन सके और हमारे आका जो पता नहीं इस समय क्या कर रहे हैं जन भावनाओं से परिचित हो सकें ।
मेरा तो दृढ मत है कि अब तक भारतीय वायुसेना को यह आर्डर मिल जाने चाहिए थे कि वह पाक अधिकृत आतंकी ठिकानों पर बेलौस पूरी शक्ति के साथ आक्रमण कर दे -पर हमारा नेतृत्व फिर नपुंसकता ,क्लैव्यता की राह पकड़ रहा है -हमारे ऊपर आक्रमण हुए कई दिन बीत रहे -आखिर इन सत्ता भोगियों को स्पष्ट राजनीतिक निर्णय लेने में क्या अड़चन आ रही है?
पूरा देश इस समय अपमान की घूँट पिए ,कुछ न कर पाने के आक्रोश में डूबा है -क्या जन भावनाएं हमारे ही चुने हुए नेताओं की समझ में नहीं आतीं .आज याद आ रही है इंदिरा जी की जिन्होंने ऐसे ही मौकों पर तुंरत सटीक निर्णय लिए और अपने देश के शौर्य और प्रतिष्ठा को पूरी दुनिया में बनाए रखा .एक काबिल बाप की काबिल बेटी तो थी हीं वे और उससे बढ़ कर एक लौह महिला ,प्रधानमंत्री भी थीं ! आखिर हमारा वर्तमान नेतृत्व क्यों उनसे कुछ सीख नही लेता ! क्या हमारे प्रधान मंत्री सचमुच ही वही है जो वे दीखते हैं ? यानी ब्रिह्न्नला ? वे आखिर कर क्या रहे हैं ?क्या उन्होंने इस मसले पर फौरन राष्ट्रपति से बात की ? और हमारी श्रद्धेय राष्ट्रपति जी क्या कर रही है ?? मुझे एक नागरिक होने के नाते यह जानने का हक़ है -मगर मुझे कुछ पता नहीं चल रहा है ? क्या आपको पता है ? क्या वे अभी भी अपनी रोजाना की दिनचर्या में ही व्यस्त हैं ? यदि हम राजनीतिक -सरकारी निर्णय में किन्ही कारणों से हो रही देर की बात को इग्नोर भी कर दे तो क्या राष्ट्रपति जी की भी ऐसी ही कोई विवशता है जो यह राष्ट कभी समझ पायेगा ? क्या हमारे राष्ट्रपति जी ने सेना अध्यक्षों को बुलाकर उनसे सलाह मशविरा किया ? और यदि हाँ तो फिर देर क्यों ? क्यों अमूल्य समय गवायाँ जा रहा है ? यह निर्णायक क्षण है -सरकार को जन भावनाओं के अनुरूप कार्यवाही से क्या रोक रहा है ? पूरा देश साथ है -टक टकी बांधे दिल्ली की ओर ताक रहा है -निर्णय में विलंब क्यों ? क्या अमेरिका और ब्रिटेन हमारा युद्ध लडेंगे ? क्या हम आज इतने वेवश और शक्ति हीन हैं -हम शक्ति और तकनालोजी के मामले में पूरी दुनिया में अग्रपंक्ति में आज खड़े हैं .हम इतना दीन हीन क्यों दिख रहे हैं ? हे सोनिया ,हे मनमोहन अगर तुम्हे अपनी लाज ,देश की लाज और अपनी डूबती पार्टी की लुटिया बचानी है तो सामने आकर हमारा नेतृत्व करो नहीं तो दिल्ली को खाली करो ! समय बहुत कम है. कूटनीतिक गतिविधियाँ शुरू हो चुकी हैं -और देरी तुम्हे एक सही निर्णय से रोक देगी और तुम सब इतिहास से सबक न लेने की भूलों की फेहरिस्त में एक और इजाफा कर खुद कालातीत हो जाओगे !
पता तो चले कि देर क्यों हो रही है -क्या इसलिए कि पाकिस्तान जवाबी हमला कर देगा ? क्या इसलिए कि यह युद्ध नाभकीय हो जायेगा ? कि इसलिए कि मुस्लिम वोट बैंक खिसक जायेगा ? ऐसा कौन सा मुस्लिम है जो अपने देश पर हुए हमले के परिताप को सह पा रहा है -यह तुम्हारे नपुंसक सलाहकारों की गलत् राय है -पूरा देश साथ है !
इस समय न हम हिन्दू है ना मुसलमान ,न सिख ना ईसाई -हम एक राष्ट्र है -यह पूरा राष्ट्र अपील कर रहा है मरो या करो !
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
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de se...
9 वर्ष पहले