जब सुना कि अकेले ईद के ही दिन बाडीगार्ड ने कई करोड़ का व्यवसाय कर लिया तो दबंग अभिनेता की इस नयी फिल्म में सहज ही रूचि हो आयी ..घरवाली भी इस अभिनेता की फैन हैं ...सो कल देख ही आयी फिल्म...और बेहद निराश हुआ ....बड़ी बोर फिल्म है ....केवल सलमान खान के फैन बिरादरी की जेबें खाली करने के शुद्ध व्यावसायिक मनोवृत्ति का ही परिणाम है बाडीगार्ड!
मैं इस फिल्म को यहाँ समीक्षा के योग्य ही नहीं पा रहा था किन्तु केवल और केवल इस उद्येश्य से कि मेरे मित्र ब्लॉगर बन्धु कहीं अपनी जेबें और समय इस पर खाली न कर आयें यह आगाह पोस्ट है -समीक्षा नहीं! बगल के आडी की कोई और फिल्म भले ही चुन लें जो इससे बेहतर ही होगी ...इस फिल्म के मार धाड़ के सीन भी ज्यादा रोमांचित नहीं करते .....
कहानी पिटी पिटायी है -फिल्म के ख़तम होते होते निर्देशक की कुछ मेहनत जरुर दिखी है लेकिन तब तक पूरी फिल्म ग्रिप से फिसल चुकी थी ....कहीं कोई तर्क नहीं, कहीं कोई तारतम्य नहीं ..फंतासी ही बनानी थी तो भैये फिर काहें को एक सुबक सुबक कथा ठूंसा ....?और वह भी हास्यास्पद ..झोल दर झोल .... हीरोइन करीना अपनी ताजगी खो चुकी हैं ,हाँ शुरुआती आईटम सांग -डांस में कैटरीना कैफ का जलवा जरुर दिखा मगर फिर वे फिल्म में कहीं नहीं दिखीं .....तो एक यह आशा की एक किरण भी लुप्त हो रही ...
मत कीजियेगा पैसा बर्बाद -इसलिए ही यह आगाह पोस्ट!
एकाध स्टार कहें तो दे दूं!
हम तो कर चुके पैसा बर्बाद. आप की जैसी अपनी भी राए है.
जवाब देंहटाएंचलिए हम भी बच लिए .... धन्यवाद
जवाब देंहटाएं:) हम तो वैसे ही नहीं देखने वाले थे.
जवाब देंहटाएंघरवाली भी
जवाब देंहटाएंयहाँ "भी" शब्द का इस्तमाल किया हैं आप ने । यानी क़ोई बाहरवाली हैं जिसको सलमान पसंद हैं ।
@वाह क्या पकड़ा है ,सचमुच कोई और "भी " है !:)
जवाब देंहटाएंsahi kahaa bhaiye....katai waahiyaat film hai....
जवाब देंहटाएंअभी तक तो नहीं सोचा था, लेकिन अब देखना ही पड़ेगा कि कितनी बोर है.
जवाब देंहटाएंमैं तो वैसी भी हकीम "सुलेमान" से दूर ही रहता हूँ!!
जवाब देंहटाएंहम तो बड़ी उम्मीद लगाये बैठे थे, दबंग जैसी।
जवाब देंहटाएंआभार. वैसे पता नहीं कब पिछली फिल्म देखी थी और सिनेमा हॉल में तो ...
जवाब देंहटाएंयह फिल्म तो बिल्कुल नहीं देखेंगे.
घुघूती बासूती
प्रीव्यू देखकर कुछ अंदाजा तो हो ही गया था कि फिल्म सिर्फ सलमान के फेन्स ko फुसलाकर लाने के लिए बनाई गई है.
जवाब देंहटाएंहमको तो इत्ता पता है कि ई फिलम के हिट होय मा आपौ का थोड़ा हाथ है.कल आप दिखे हैं और ऊ सौ करोड़ कै बिजनेस कइ लिहा.पइसा खूब आय रहा है,यही से तो मतलब है !
जवाब देंहटाएंहूं...तो कोई और भी है? फ़िर तो पैसे वसूल हो गये मिश्रजी.:)
जवाब देंहटाएंरामराम
हूं...तो कोई और भी है? फ़िर तो पैसे वसूल हो गये मिश्रजी.:)
जवाब देंहटाएंरामराम
फिर एक बोर फिल्म देख आए !
जवाब देंहटाएंलेकिन इस बार हम कोई तजुर्बा नहीं करेंगे ।
आभार सचेत करने के लिए ।
अच्छा हुआ...नहीं देखेंगे।
जवाब देंहटाएंआप आम ब्लागर के पैसे के पर्सगार्ड हैं। उनके पैसे की सुरक्षा के लिये पोस्ट तक की बाजी लगा देते हैं। जय हो!
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए आभार
जवाब देंहटाएंमत कीजियेगा पैसा बर्बाद -इसलिए ही यह आगाह पोस्ट!
जवाब देंहटाएंएकाध स्टार कहें तो दे दूं!
दे दो ! भाई साहब !इतनी भी कृपणता किस काम की .
Thursday, September 8, 2011
तिहाड़ कर्मियों के लिए री -ओरिएंटेशन प्रोग्रेम .
बुधवार, ७ सितम्बर २०११
किस्मत वालों को मिलती है "तिहाड़".
अच्छा किया बता दिया॥ वैसे भी, हम फिल्म देखने नहीं न जाते :)
जवाब देंहटाएंयह फिल्म एक ख़ास वर्ग के लिए है....और उस वर्ग को खूब पसंद आ रही है.
जवाब देंहटाएंयहाँ के अखबार में....एक ऑटोवाले से एक फिल्म समीक्षक का वार्तालाप छपा है.....जिसमे ऑटोवाला रास्ते भर मुग्ध होकर इस फिल्म का मय दृश्य वर्णन करता गया...और तिबारा देखने की बात कही.
अब सबकी पसंद एक जैसी नहीं हो सकती.
सलमान ने वैसे भी सिर्फ़ मनोरंजन की ठान ली है, और इस आधार पर एक फिक्स दर्शक वर्ग भी बना लिया है. अब उस स्तर का मनोरंजन कितनों के अनुकूल रह पाता है, यह अलग बात है.
जवाब देंहटाएं@रश्मि जी,
जवाब देंहटाएंयह समीक्षा ब्लागरों को मुखातिब है! क्या आपका आशय है कि यहाँ...... ? :)
बहुत उम्मीद लेकर बैठे थे देखने...काश! आप पहले लिख देते तो समय बचता....कतई पसंद नहीं आई...जाने कैसे ऐसा बिजनेस कर रही है.
जवाब देंहटाएं@समीर जी,
जवाब देंहटाएंलिख तो हम पहले ही चुके थे अब देर से आप यहाँ आयें तो मेरी गलती कहाँ ?:)
आपका आगाह सर-आँखों पर ..
जवाब देंहटाएंवैसे भी फिल्मों में कोई ख़ास रूचि नहीं है. आपने आगाह कर दिया, आभार.
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