जब भी मेरे मोबाईल फोन का रिंग टोन बजता है बाब मार्ली का गाया हुआ अद्भुत विस्मयपूर्ण और श्रद्धाभाव से परिपूर्ण गीत सुनायी पड़ता है....जब यह रिंग टोन पहली बार बेटे ने सुनाया था तो मुझे कुछ पल के लिए नए जमाने के लड़कों की रूचि पर क्षोभ हुआ था मगर जब मैंने एक दो बार इसे सुना तो इसके प्रति समर्पित होता गया ...और ऐसा लगभग सभी मेरे मित्रों के साथ हुआ जिन्होंने मेरे साथ ही इस अद्भुत गीत को अब अपने मोबाईल का रिंग टोन बना लिया है....
बाब मार्ली(6 फरवरी 1945 – ११ मई 1981) ) पर विकीपीडिया पर पर्याप्त जानकारी है ...फिर भी बताता चलूँ कि जमैकावासी बाब मार्ली अश्वेत गायकों में एक जानी मानी शख्सियत रहे और बाबा भोलेनाथ के प्रति उनके मन में ख़ास अनुराग था ...वे नेपाल में तो विष्णु के अवतार तक माने गए ...जो वीडिओ यहाँ है उस पर कुछ विवाद है कि उसे बाब के बजाय किसी और ने गाया है ....मगर ऐसी दावेदारियां मशहूर कृतियों के साथ तो होती रहती है ..मैं जब बाब का जीवन चरित पढ़ रहा था तो यह बात मुझे इस महान गायक के प्रति संवेदित कर गयी कि बहुत अल्पकाल में ही और कैंसर से घोर वेदना और एकाकीपन में इनकी मौत हुई .
इस समय बनारस में बाबा भोले नाथ का ही जलवा चहुँ और है ...सावन (श्रावण ) में बाबा के दर्शन का बड़ा पुण्य माना गया है और खासकर सभी सोमवारों को -सोम अर्थात चन्द्रमा जो शिव के सर पर सुशोभित हैं -तो शिव और चंद्रमा का यह संयोग प्रत्येक सोमवार को ख़ास लाभकारी समझा गया ...ऐसे में बाब मार्ली का का यह गीत और भी अर्थपूर्ण हो उठता है ...आप भी सुने ..पहली बार अच्छा न लगे तो दुबारा तिबारा सुने ..सहसा आपको लगेगा कि आप की रूचि इस अद्भुत गीत में बढ़ती जा रही है -विश्वास न हो तो आजमा कर देखें -आप भी इसे अपना रिंग टोन बनाना चाहेगें!
विदेशी गायक का शिव के प्रति प्रेम अभिभूत कर रहा है , मगर रिंग टोन !!
जवाब देंहटाएंपसंद अपनी -अपनी !
भक्तिभाव से परिपूर्ण मन से निकला स्वर, अद्भुत।
जवाब देंहटाएंकृति पर विवाद और कैंसर से मृत्यु ...
जवाब देंहटाएंकैसा संयोग है, देखिये यहाँ -http://www.hindustantimes.com/The-mystery-of-Rohan-Rathore/Article1-666703.aspx ...
बच्चों से दोस्ती करने के बड़े फायदे हैं अन्यथा आपको बाब मार्ली के बारे में शायद ही पता चलता, हमने तो अधिकतर जिंदगी एस डी बर्मन सुनते हुए ही काट ली.....
जवाब देंहटाएंबहरहाल हमें आपके द्वारा पता चला ...आभार आपका !
Hmm...badiya post hai .. jaankaari miliili
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअपने भावों की अभिव्यक्ति का अपना अंदाज है, हम अक्सर एक झटके में ही किसी को नकार देते हैं; मगर जैसा कि आपने कहा दो-तीन बार सुन लें तो समझ बनने ही लगती है.
जवाब देंहटाएंयुवाओं की रुचियों और व्यवहार को भी अक्सर नकारात्मक नजरिये से ले लिया जाता है. उनकी फेवरेट लिस्ट में बाबा सहगल से लेकर पं. रविशंकर भी मिलेंगे. यह विविधता पिछली पीढ़ी के किसी व्यक्ति में एक साथ मिलना कठिन है.
युवाओं के प्रति इसी सोच को मैंने अपने ब्लॉग 'धरोहर' की नई पोस्ट - "देल्ही बेली की कॉपी - पेस्ट नहीं है युवा पीढ़ी" में भी व्यक्त किया है.
सावन की शुभकामनाएं.
पहली बात तो यह आवाज़ बॉब मार्ली की नहीं लग रही.
जवाब देंहटाएंदूसरी यह कि गायन पर वाद्य हावी हैं. असर डालने में प्रभावी नहीं.
बीटल्स का 'Across the Universe - जय गुरुदेव' सुनिए. शानदार गीत!
जवाब देंहटाएंhttp://www.youtube.com/watch?v=SQ_G9ETE21U
किसी विदेशी के द्वारा गाया बम भोले पहले बार सुना आपका और आपके बेटे दोनों का आभार ..
जवाब देंहटाएंबाब मार्ली के गेटअप से उत्तर प्रदेश के एक जाने माने हिन्दी ब्लागर की प्रतीति होती है ! इसके अलावा दोनों के भक्तिभाव में एकरूपता तो खैर है ही !
जवाब देंहटाएंgrooveshark.कामपर भी गया .यह गीत नहीं किला .लेकिन स्थाई ही धड़कन बनके दिल में उतर गया ,हिमोग्लोबिन में मिल गया .दिल्ली जाकर भतीजे की मदद लूंगा वह दीवाना है विदेशी संगीत का .स्थाई की मुर्कियाँ गज़ब की हैं .जो टिपण्णी कार- इतर राय रखतें हैं वह भी सहीं हैं संगीत व्यक्तिगत रुचि का सौदा है जो संगीत अच्छा नहीं लगता वह शोर लगता है और जो अच्छा उस का उच्चतर स्वर भी आह्लादित तरंगित करता है .
जवाब देंहटाएंसंगीत का अद्भुत मिश्रण है ।
जवाब देंहटाएंअद्भुत शैली ..
जवाब देंहटाएंहर हर महादेव!!
जवाब देंहटाएंमुझे तो मनोज मिश्र का बालम मोर गदेलवा पसन्द आता है।
जवाब देंहटाएंसंगीत के बारे में यह बात सच है कि कुछ गाने पहले पहल सुनने में अच्छे नहीं लगते लेकिन एक दो बार सुनने के बाद सुरूर चढ़ने लगता है।
जवाब देंहटाएंसुंदर स्वर.... सच में मन को छूता है...
जवाब देंहटाएंहर हर महादेव, जय शिव ओंकारा
जवाब देंहटाएंजहाँ शिव का नाम वहीं बस जाते हैं हम रम जाते हैं हम ।
Jai bhole shankar.
जवाब देंहटाएंVideshi dhartee ke is shankar bhakt ke baare me maine pahli baar jana.
Nayi jankaari ke liye dhanyawad.bam bam bhole.
निशांत जी आपके दिए लिंक का गीत मुझे तो सिरे से पल्ले नहीं पडा -संगीत की आपकी अभिरूचि बहुत परिष्कृत और अभिजात्य लगती है -हम तो लौकिक भोंडेपन से ही मजा निकाल लेते हैं !
जवाब देंहटाएं@वाणी जी ,
जवाब देंहटाएंबिलकुल मिलता जुलता मामला है
किसी गीत को बार बार सुनने से आसक्ति हो ही जाती है. पहले से पूर्वाग्रह बन गया हो तो कुछ मुश्किल है.
जवाब देंहटाएंबर्फिंग गीत संगीत के पर नोंच रही है कल से लगें हुएँ हैं सुन नहीं पा रहें हैं पूरा गीत .अच्छी पोस्ट ..कृपया यहाँ भी - http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_04.html
जवाब देंहटाएंमधुर है , कर्णप्रिय भी . सुनने योग्य वर्ना आज कानफोरू संगीत या रिंगटोन से अच्छा साईलेंट मोड ठीक है .
जवाब देंहटाएंमधुर स्वर है.......पर रिंगटोन तो सबकी अपनी पसंद की होती है...बल्कि व्यक्तित्व की एक झलक भी दे जाती है...
जवाब देंहटाएंये वाली रिंग टोन तो अभी सुननी है। लेकिन आपके मोबाइल की रिंग टोन रोबीली आवाज में दिनकर की कविता होनी चाहिये- जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनके भी अपराध
जवाब देंहटाएंया फ़िर:
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो!
अनूठापन आकर्षित कर रहा है, सुनते हुए लगता है कोई एकांत साधना, गुह्य कर्मकाण्ड हो रहा है, जिसकी पृष्ठभूमि का गीत हो यह.
जवाब देंहटाएंरिंग टोन सुनी। अनूठी है लेकिन एक अजब सा थकाथका पन महसूस हुआ इसमें। आप तो किसी धाकड़ शंकर भक्त की आवाज में शंकरजी के मोबाइल की रिंग टोन लगवा लीजिये-
जवाब देंहटाएंडमऽडमऽडमऽ निनाद ,डमऽडमऽडमऽ वयम,
चिकाड़ चारु ताण्डवम्,तनों-तुन: शिव:शिवम्।
आप भी सुने ..पहली बार अच्छा न लगे तो दुबारा तिबारा सुने ..सहसा आपको लगेगा कि आप की रूचि इस अद्भुत गीत में बढ़ती जा रही है -विश्वास न हो तो आजमा कर देखें -आप भी इसे अपना रिंग टोन बनाना चाहेगें!
जवाब देंहटाएंaapke blog par bahut dino aana hua ,hum bachpan se hi bhakt hai prabhu ke ,abhi mahakaal ke darshan bhi karke laute hai ,sab devo ke dev hai hamare mahadev ,har har mahadev ki jai .geet pahli baar me hi bha gaya ,phir sunoongi ,dhanyabaad .
सावन के सोमवार की छटा तो हम जब गाँव में रहते थे,तभी देखने को मिलती थी.पास में शंकर जी का पुराना मंदिर और हर सोमवार मेला....खूब आनंद आता था.अब लगता है,सारी दिनचर्या ही बदल गयी है!
जवाब देंहटाएंपहली बार बॉब मार्ली की धुन सुनी...संगीत की भाषा 'ग्लोबल' है !
क्लिप को सुनकर टिप्पणी लिखेंगे.
जवाब देंहटाएंभाई साहब आपका शुक्रिया प्रोत्साहन के लिए ,चौतरफा हमें प्रोजेक्ट करने के लिए .आप हमारे जूम लेंस हैं .अगली पोस्ट का इंतज़ार है आपकी .
जवाब देंहटाएंबफरिंग ने आज पिंड छोड़ दिया ,गीत छा गया मन पर कोई इंडियन गाता ,इतना रस न आता ........http://sb.samwaad.com/
जवाब देंहटाएंhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
अभी सुनती हूं, फिर बताती हूं :)
जवाब देंहटाएंअब सुना बाब मारली साहब को ..लेकन ईमानदारी से कहूँ तो.पहली बार में तो पसंद नहीं आई . दोबारा सुनने की इच्छा नहीं .
जवाब देंहटाएं--------
शिव नाम सुनते ही भक्ति भाव मन में भर जाएँ ऐसा कुछ हो तो लगे स्तुति है.
मेरी पसंद के शिव भजन सुनने हों तो इन्हें सुनिये -शिव महिमा --नाम की -पूरी सी डी सुनिए ..अनुराधा पोडवाल की आवाज़ में ...हे शम्भु बाबा मेरे भोले नाथ..तीनो लोक में तू ही तू ...बहुत ही सुन्दर भजन है.
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रिंग टोन सामान्य फोन जैसी ही रहे तो बेहतर लगती है ..उसके अतिरिक्त गाने वाने -डायलोग आदि तो मुझे कुछ नहीं सही लगता.
.बाकि पसंद अपनी -अपनी!
http://www.youtube.com/watch?v=GfLBJZR8rs0
जवाब देंहटाएंhey shmbhu baba mere bhole naath...suneyee agar nahin suna hai to..
ये मेरे मनपसंद गायकों में से एक है .. आपकी इस पोस्ट ने मन प्रसन्न कर दिया ...
जवाब देंहटाएंआभार
विजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_06.html शुक्रिया भाई साहब .http://veerubhai1947.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंशुक्रवार, ५ अगस्त २०११
Erectile dysfunction? Try losing weight .
शुरू का हिस्सा सुनकर लगा कि हमारे गाने भी पाइरेट होने लगे क्या ... फिर धीरे धीरे बाब की स्वा सुनाई दिया तो पता चला...
जवाब देंहटाएंदो बार सुन चुके...अभी भी बज रहा है...
जवाब देंहटाएंभक्तिभाव से परिपूर्ण कर गया आपका आलेख,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सुन ली रिंग-टोन. अच्छी है, लेकिन इनके गायन से जोश ग़ायब है.
जवाब देंहटाएंवन्दना जी जोश की जरुरत हर जगह नहीं होती कही कहीं होश में रहकर अख्खड़ पने का आनंद लिया जाता है । ये भी कुछ वैसा ही है।
हटाएंसर जी अगर इस संगीत का पूरा या कहो अद्भभुत आनद लेना हो तो पहले थोड़ी मात्रा में बाबा जी की बूटी जरुर लें । तब देखिये ये संगीत आत्मा की किस गहराई में उतरता है। बम भोले
जवाब देंहटाएंयह बॉब मार्ले नहीं हैं। अधिक संभावना है कि कोई नेपाली या बिहारी गायक "बन" कर बना रहा है। मार्ले का अरसे से मुरीद हूँ।
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