मतदान का दूसरा चरण भी पूरा हो गया -आज गाँव से वोट डालकर लौटा हूँ ! गाँव में पहुच सायास वोट डालने के अपने अभियान और इस के पीछे के हेतु की चर्चा कल ही कर चुका हूँ ! आप कई ब्लागर मित्रों के बहुत ही प्रोत्साहन भरे विचार भी जानने को मिले ! खुशी की बात है कि हम निरर्थक बौद्धिक मीमांसा में न पड़ कर इस स्थापना में लगे है कि वोट देना लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है -बुद्धिजीवियों की सबसे बड़ी खामी यही है कि वे तटस्थ होकर बिना समरांगण में आए बौद्धिक जुगाली कर रहे होते हैं ओर देश की तकदीर पर ढार ढार आंसू बहाते रहते है, वोट तक भी देने को घर के बाहर नहीं निकल पाते ! नतीजा यह रहता है कि बी एच यू जैसे विश्व प्रसिद्द विद्या के प्रतिष्ठान में भी परिसर के भीतर ही मतदान बूथ होने के बावजूद बमुश्किल १८ फीसदी मतदान हो पाता है !
मैंने कल जिस मतदान स्थल पर जाकर अपना पहला मत डाला और लोगों को अपने अनुज मनोज मिश्र के साथ निरंतर उत्प्रेरित किया तो ४५ डिग्री के तापक्रम के बावजूद भी लोगों ने बढ़ चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया !जौनपुर जिले का औसत मतदान का आंकडा भले ही ४५ के पास सिमट गया ( फिर वही ढांक के तीन पात !),अपने गाँव के बूथ पर हम लोग ६२ फीसदी के मतदान के आंकडे तक पहुच गए ! १०५० मतदाताओं में ३२३ पुरुषों ने और सुखद आश्चर्य कि ३२२ महिला मतदाताओं ने मतदान का रिकार्ड स्थापित कर दिया ! महिलाओं का उत्साह प्रशंसनीय रहा ! गाँव के पुरूष और महिला के अनुपात १०० /८९ के लिहाज से तो महिलाओं ने मतदान में आनुपातिक बढ़त हासिल कर ली ! मेरा गाँव पहुंचना सार्थक रहा !
इतने उत्साहपूर्ण मतदान के बाद यह सहज ही था कि शाम को चौपालं बैठे-मुझसे मिल कर बातचीत करने को ,बनारस के चुनाव परिणामों पर जहाँ से मुरली मनोहर जोशी जी अपनी तकदीर आजमा रहे हैं पर वार्ता के लिए लोग उत्सुक थे ! विचार मंथन की प्रस्तावना शुरू हुई !
थोड़ा अवधी बोली भी जरा झेलिये तो -
" भैया ई बात त तय बा कि यहि दाईं (मतलब इस बार ) ब्राहमण लोग मायावती के साथे पिछली दाईं के मुकाबले नाई बाटें ! "
" का बोलत हया यार ,तब केकरे साथ हैन बताव ?"
" बी जे पी के साथ और केकरे साथ "
"जौनपुर में त कांग्रेस आपन कौनों उम्मीद्वारै नाय खडा केहेस इंहीं के नाते बी जे पी यहि दायं बढिया लड़त बाटे !"
"मुसलमान भी यहिं दायं मुलायम का साथ छोडिन देहेन -ऊ कल्याण वाला मामला रहा न ! "
"हाँ लागत ब अब मुसलमान लोग मायावती के साथ जुड़े जात बाटें ! "
हाँ भइया देखात त इहै बा ! "
साधारण से ग्रामीणों की इन बातों को सुन कर मैं उनकी तुलना तथाकथित राजनैतिक पंडितों ,मीडिया विशषज्ञों के बौद्धिक विवेचनों से करने में लग कर कहीं खो सा गया और नजरे अंधियारी रात के आसमान पर उठ गयीं ! उधर चर्चा में तेजी आती गयी और मैं सप्तर्षि मंडल के सातों तारों -पुलह, क्रतु ,पुलस्य ,अत्रि ,अंगिरस ,वशिष्ठ, मारीच की ओर ध्यान लगाते हुए ध्रुव तारे तक पहुच गया और फिर पुलत्स्य से दक्षिण की ओर एक सीधी रेखा में थोड़ी दूर व्योम विहार करते हुए सिंह राशि में जा पहुचा जो सर के ठीक ऊपर विराजमान दिखी .उधर पोलिटिक्स की चर्चा जोर पकड़ती गयी और मैं व्योम विहार का लुत्फ़ उठाता रहा ! मैंने पुलह से दक्षिण पश्चिम दिशा में एक लम्बी सीधी रेखा पर मृग नक्षत्र के दर्शन भी किए ! कहते हैं गरमी में यही मृग नक्षत्र धरती को तपाता है -मतलब यह गरमी में बहुत प्रामिनेंट दिखता है ! कभी साईब्लाग में आपको व्योम विहार पर साथ ले चलूँगा ! गाँव में और वह भी अंधियारी रात में आकाश दर्शन का भला क्या कहना ! बस मौजा ही मौजा !
मेरा व्योम विहार और उधर पालिटिक्स की बातें अपने उरूज पर थी कि अचानक उद्घोषणा हुई कि अहरा ( इन्डियन बार्बिक्यू ) पर खाना तैयार है -और सब दाल बाटी चोखे पर टूट पड़े -दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद यह स्वाभाविक ही था !
नीद भी बस बिस्तर पर आते ही लग गयी मगर मेरी आँखें ४ बजे सुबह ही खुल गयीं -गत्यात्मक ज्योतिष की एक घोषणा का सत्यापन जो करना था ! मतलब एक और व्योम विहार ! जिसकी चर्चा अब कल !
* सप्तर्षि मंडल को ही उरसा मेजर या बिग डिपर भी कहते हैं जिसे इस समय आकाश में सहज ही देखा जा सकता है ! आप लिंक के सहारे दिए गए वीडियो से इसे सहज ही आसमान में ढूंढ सकते हैं !
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
इस प्रविष्टि के कंटेण्ट के लिये, इसकी प्रस्तुति के लिये कमेंट कर रहा हूँ ।
जवाब देंहटाएंराजनीति की चर्चा में आप व्योम-विहार करते रहे, राजनीति से तटस्थ । साहित्य की किसी अवधारणा/प्रवृत्ति से जोड़ना चाह रहा था इस प्रविष्टि की लेखन शैली को । पर समझ में नहीं आया ।
अवधी की मनोहारिता का तो क्या कहना ? अवधी में राजनीति के संवाद और फिर अचानक यू टर्न लेकर सप्तर्षि-मण्डल का परिचय !
ढीला नहीं हुआ है प्रविष्टि का तनाव तब भी ।
४५ डिग्री तापमान में भी मतदान में लोगो ने चढ़ बढ़ कर वोट डाली है इससे स्पस्ट हो जाता है कि लोग मतदान करने के लिए दिनोदिन जागरुक हो रहे है . आपके स्मरण बढ़िया लगे . धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंइस समय मिडिया प्लेयर Minimised करके विदेसिया फिल्म का गाना देख रहा हूँ - बोल हैं -
जवाब देंहटाएंलेई बदरवा से कजरवा तईं लगाईले गोरिया
तईं लगाई ले गोरिया
तईं लगाई ले गोरिया...... :)
महिलाओं की वोटिंग की उत्सुकता देख गाने का मन हो रहा है -
दई मशीनिया के बटनीया तू दबाई ले गोरिया :)
बधाई हो आपको वोट डालने की वर्ना बीएचयू के पोलिंग बूथ का हाल तो आप बता ही चुके हैं।
जवाब देंहटाएंहमें तो लगता है की इस बार बुजुर्गों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है. साधारणतया हर चुनाव में पार्टियों के द्वारा पर्चियां बांटी जाती हैं जिसमे वोटिंग बूथ का नाम, मत दाता क्रमांक आदि रहता है. इस बार वैसा नहीं हुआ फिर भी हमने लोगों को एक बूथ से दूसरे बूथ जाकर अपने नाम ढूँढ़ते देखा. हम स्वयं तीन जगह गए थे. संकेत अछे हैं.
जवाब देंहटाएंयदि अवधी को हिंदी में अनुवादित कर दें तो जरा मैं भी थोड़ा लुत्फ उठा लेता वोटरों की चर्चा का! मतदान का प्रयोग करने के लिये साधुवाद!
जवाब देंहटाएंअप्रासंगिक टिप्पणी के लिए क्षमा याचना के साथ
जवाब देंहटाएंआप जौनपुर में कहाँ के रहने वाले हैं ?
हम भी ३० को बटन दबायेंगे, और सतीश पंचम जी की स्टाईल मे गायेंगे - दई मशीनिया के बटनीया तू दबाई ले गोरिया :)
जवाब देंहटाएंरामराम.
अनिल जी ,
जवाब देंहटाएंयह तो बहुत सरल है बस धीरे धीरे पढना था -बहरहाल यह रही हिन्दी में प्रस्तुति -
" भैया ई बात त तय बा कि यहि दाईं (मतलब इस बार ) ब्राहमण लोग मायावती के साथे पिछली दाईं के मुकाबले नाई बाटें ! "
(इस बार ब्राह्मण मायावती के साथ पिछली बार की तरह नही हैं ! )
" का बोलत हया यार ,तब केकरे साथ हैन बताव ?"
( क्या कह रहे हो ? फिर किसके साथ?)
" बी जे पी के साथ और केकरे साथ "
(बी जे पी के साथ और किसके साथ )
"जौनपुर में त कांग्रेस आपन कौनों उम्मीद्वारै नाय खडा केहेस इंहीं के नाते बी जे पी यहि दायं बढिया लड़त बाटे !"
( इस बार चूंकि कांग्रेस ने जौनपुर से कोई उम्मीदवार नही खडा किया इसलिए बी जे पी अच्छी लडाई में है)
"मुसलमान भी यहिं दायं मुलायम का साथ छोडिन देहेन -ऊ कल्याण वाला मामला रहा न ! "
मुसलमान भी इस बार मुलायम का साथ छोड़ दिए -कल्याण के कारण !
"हाँ लागत ब अब मुसलमान लोग मायावती के साथ जुड़े जात बाटें ! "
लगता है अब मुसलमान मायावती के साथ जुडेंगें
हाँ भइया देखात त इहै बा ! "
लग तो यही रहा है !
ग्रामीणों के आकलन का मुकाबला प्रायोजित सर्वेक्षण कभी नहीं कर सकते. आपके साथ 'व्योम विहार' की प्रतीक्षा रहेगी.
जवाब देंहटाएंबहुत अटकल चलत बा। हमके त लागतबा कि कौनो उलटफेर होये। अब देखी कौन करवट बैठे ऊंट!
जवाब देंहटाएंआपके गांव में बोली जानेवाली अवधी और बनारस की भोजपुरी में मुझे लगता है ज्यादा फर्क नहीं है।
जवाब देंहटाएंमतदान, चौपाल में राजनीति-चर्चा, व्योम विहार और दाल बाटी चोखा का आनंद। बहुत खूब...आनंद ही आनंद।
वोट देकर तो आपने अच्छा काम किया ही, उससे ज़्यादा बढिया काम आपने किया अपने ग्रमीणों से संवाद स्थापित करके. वोट तो वही देते हैं और हवा का रुख तय करने पहुंच जाते हैं हम. श्री शिवकुमार मिश्र के शब्दों में कहें तो पहुंचा-पिसान करने. क्या ख़ाक सच्चाई पता चलेगी?
जवाब देंहटाएं'गाँव में और वह भी अंधियारी रात में आकाश दर्शन का भला क्या कहना !' ये लाइन मैं बखूबी समझ सकता हूँ. वो व्योम तो भूल ही जाता हूँ हर बार घर से आने के बाद जब भी ऊपर सर उठाओ तो सड़क की बिजली बत्ती दिखती है. कभी बालकनी से ऊपर देख भी लिया तो बिजली बत्ती के बीच वो आसमान कहाँ दीख पाता है.
जवाब देंहटाएंऔर बचपन में रोज ध्रुव तारा ढूँढना... जैसे आसमान में हवाई जहाज या हैलिकोप्टर की आवाज सुनते ही अनायस आँखे ऊपर देखने लगती है (इस पर समीरजी की एक मजेदार पोस्ट है) उसी तरह अब भी गाँव जाता हूँ तो अनायास ही आँखें ध्रुव तारे को सप्तर्षि से लाइन खिचती हुई ढूंढ़ लेती हैं. इस पोस्ट में तो आपने हमारे दिल की बातें लिख दी हैं !
देश के इस हिस्से में तो कुछ जान ही नहीं पा रहा उस तरफ़ की चुनावी सरगर्मी...
जवाब देंहटाएंबहरहाल आपकी श्रद्धा और निष्ठा के आगे नत-मस्तक हूँ
अरविन्द जी, अनुवाद के लिए धन्यवाद. अधिकांश वोटर जात-पात और धर्म के हिसाब से वोट डालते रहेंगे तो राजनेताओं की "फूट डालो और राज करो" की नीति चलती रहेगी.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी मेरे ब्लॉग पर भी आपको निमंत्रण है www.guide2india.org
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