बनारस : फिर से अमन चैन वापस !
आज सुबह से ही मुझे ईष्ट मित्रों ,सगे सम्बन्धियों के देश विदेश से फोन आ रहे हैं -यह जानने के लिए की बनारस में क्या हुआ है ? दरअसल बनारस में होली के रंग में थोडा भंग पड़ गया -
टाईम्स आफ इंडिया का यह समाचार शीर्षक देखिये -"Two killed: several hurt in police firing " और अमर उजाला का यह शीर्षक -"शुक्र है पूरे शहर में आग नहीं लगी " अमर उजाला आगे लिखता है कि 'होली के उमंग में बुधवार को लोग रंगों से सराबोर हो रहे थे कि बजरडीहा स्थित एक उपासना स्थल पर रंग के छीटे पड़ जाने से माहौल बिगड़ गया । उत्तेजित भीड़ पथराव करने लगी .कई पुलिस कर्मीं लुहूलुहान हो गये। पुलिस को फायरिंग करनी पड़ गयी -अंततः काशी की धरती को अपने ही दो बेटों के रक्त से स्नानं करना पडा ! हालात को देखते हुए क्षेत्र में १२ घंटे का कर्फ्यू लगा दिया ! ........"
बहरहाल अब स्थिति पूरी तरह सामान्य है और सबसे राहत की बात है कि अफवाहों पर भी विराम लग गया है जिससे कल तक पूरा शहर त्रस्त था ! आज शहर में महामहिम राष्ट्रपति जी भी आयी हुयी हैं जो बी एच यूं में दीक्षांत समारोह में भाग लेंगीं और कल बाबा विश्वनाथ जी के दर्शन पूजन के उपरांत वापस जायेंगीं ! इस तरह जिला प्रशासन के समक्ष दुहरी चुनौती थी -साम्प्रदायिक तनाव से शहर को मुक्त रखना और महामहिम की उपस्थिति में शान्ति व्यवस्था को बनाए रखना ! जिला प्रशासन की प्रशंसा करनी होगी कि अपनी सूझ बूझ से उसने फौरी तौर पर स्थति को नियंत्रित किया ! यहाँ के जिलाधिकारी श्री ऐ के उपाध्याय आई .ए .एस . ने अपनी सूझ बूझ और त्वरित कार्यवाही ,गणमान्य लोगों से मुलाकात ,वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ नगर का गहन भ्रमण करके यथाशीघ्र स्थिति को सामान्य बनाने में प्रशंसनीय भूमिका निभायी !
हम लोगों की होली की छुट्टियां सहसा रद्द हो गयीं -मोबाईल फोन घनघना उठे -ऐसा भी हुआ कि पिचकारी का आधा रंग पिचकारी में ही रह गया और हम सब मौके की नजाकत को भांप कर अपने नियुक्ति स्थानों पर दौड़ पडे ।४८ घंटे से ऊपर बीत गएँ हैं -रात दिन चक्रमण करते गुजरा है -मैं जिस जगह था वह भी अति संवेदनशील रहा -जब तब यह ख़बर आती रही यहाँ वह हो गया वहां यह हो गया पर जाकर देखने पर सब अफवाह ही साबित हुआ !
अफवाहों से माहौल और खराब होता है .यह भी बताता चलूँ कि जिस बात /ख़बर की पुष्टि न हो सके वह अफवाह है !
तो अब सब यहाँ ठीक से है .बाबा की नगरी में पूरी तरह से अमन चैन कायम है ! आप निश्चिंत हो लें और हाँ मैं भी बिल्कुल ठीक से हूँ मगर ड्यूटी से अभी भी मुक्त नहीं -यह आप लोगों का स्नेह है जो बीच बीच में ब्लागजगत में खींच ला रहा है ! इसी के जरिये लोगों को ओके रिपोर्ट भी तो देनी थी ना ?
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
चलिये, आपकी पोस्ट राहत दे रही है। बाकी चुनाव का समय आ रहा है - दंगे की रोटी सेकने वाले यत्न कर रहे होंगे!
जवाब देंहटाएंओके ।
जवाब देंहटाएंअच्छी खासी रिपोर्टिंग तो आप कर ही लेते हैं..........अमन चैन की जानकारी ब्लॉग के माध्यम से देने के लिए शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंप्राइमरी का मास्टर
फतेहपुर
अब तो यही लगता है कि काश! धर्म और धार्मिक स्थल न ही होते तो अच्छा था. पर सवाल यह भी है कि जब तक हमारे देश में ऐसे बेवकूफों की बड़ी तादाद है जो बात-बेबात क्षुद्र स्वार्थी तत्वों की चाल को समझे बग़ैर ही अपनी जान देने पर आमादा रहते हैं, तब तक दंगों के लिए बहानों की क्या कमी है! धर्म और धर्मस्थल ख़त्म कर दें, ये जाति के नाम पर लड़ा लेंगे और हम-आप ऐसे समझदार हैं कि लड़ लेंगे. यह सोचे जाने की बात है कि संकटमोचन जैसे ऐतिहासिक महत्व के धर्मस्थल पर बम विस्फोट से जिस बनारस का अमन-चैन नहीं बिगड़ा उस बनारस का अमन-चैन मामूली रंगों के छींटे पड़ने से कैसे बिगड़ गया? आख़िर कौन लोग हैं इसे बिगाड़्ने के पीछे? अगर वास्तव में देश में सरकार जैसी कोई चीज़ है तो यह सब अब तक सामने आ जाना चाहिए था.
जवाब देंहटाएंअमन चैन की जानकारी देने के लिए धन्यवाद ... उम्मीद करती हूं ... अब जल्द ही ड्यूटी से छुट्टी मिल जाएगी।
जवाब देंहटाएंबाबा ख्याल रखा. आभार.
जवाब देंहटाएं@जिस बात /ख़बर की पुष्टि न हो सके वह अफवाह है !
जवाब देंहटाएंतो अब सब यहाँ ठीक से है"
तो क्या सब ठीक है? :)
अमनो चैन ही कायम रहे -
जवाब देंहटाएंयही कामना है
- लावण्या
राहत की बात है कि मामला आम होने से रोक दिया गया, अफवाहों पर रोक लगाने में कामयाबी मिली। वरना उत्तेजित समूह के लिए वे पेट्रोल में चिन्गारी का काम करती हैं। अमन में आप के योगदान की सूचना से गर्वित भी हुआ।
जवाब देंहटाएंअफवाह, जब भी कोई ऎसी खबर सुने पहले सोचे कि क्या ऎसा हो सकता है ? कभी भी सुनी सुनाई बात पर विश्चाश ना करे, यही शिक्षादेती है आप की यह पोस्ट, धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंअफवाह फ़ेला कर ओर बेकसुर लोगो की लाशो पर अपनी वोटो की रोटी सेकने वालो से बचो, मत सुनो ऎसी बेसिर पेर की अफवाह
इष्ट देव सांकृत्यायन से काफी हद तक सहमत हूँ. धर्म के नाम पर खून-खराबा करने वाले बिला-वजह भड़क उठने वाले धर्म और धार्मिक स्थल धर्म का नहीं बल्कि सिर्फ अधर्म और अज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं. अमन चैन बनाए रखने के लिए काशी-वासियों को धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअफवाहें फैलाने वाले ... देश के दुश्मन!
अच्छा! रिपोर्टिंग का शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंये भी एक कारण है जिसकी वजह से त्योहारो का रंग फीका पड़ता जा रहा है.. लोग त्योहार मनाने से भी डरने लगे है अब तो.. अफवाहॉ की वजह से ही जोधपुर में कुछ महीने पहले ही भीषण दुर्घटना हुई है.. जिसके दाग जोधपुर की माटी शायद ही कभी छुड़ा पाए..
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा जान के सब ठीक ठाक है वहां शुक्रिया
जवाब देंहटाएंतिल का ताड़ बनाने वालों से निपटने के लिए आम नागरिकों को भी जागरूक होने की जरुरत है.
जवाब देंहटाएंआपकी ओके रिपोर्ट पढने के बाद पता चला की कुछ हुआ भी था. दुःख हुआ की आपको इतना कष्ट झेलना पड़ा पर ख़ुशी है की सब कुशल-मंगल है. आपने बहुत बढ़िया काम किया अफ्वाओं को शांत करने का. आप सचमुच हर किस्म का काम बखूबी कर लेते हैं और देश की सेवा में तत्पर रहते हैं. सबके लिए एक मिसाल !
जवाब देंहटाएंनेता लोगों के चुनावी हथकण्डे हैं . बेचारी गरीब जनता पिसती है. शुक्रिया आपका इस जानकारी के लिये.
जवाब देंहटाएंरामराम.
जान कर अच्छा लगा कि सब अमन चैन बहाल हो गया है।
जवाब देंहटाएंजब तक जिम्मेदार लोग मौजूद हैं, अमन चैन कायम रहेगा, यही विश्वास है।
जवाब देंहटाएंaap ki 'OK report 'abhi padhi...aisee koi khabar yahan nahin suni..
जवाब देंहटाएंachcha hai chain- aman barkaraar rahna chaheeye.