शुक्रवार, 21 अगस्त 2009

पद्मभूषण डॉ कामिल बुल्के -प्रेरक व्यक्तित्व को नमन !

अवतरण -1 सितम्बर 1909, राम्स्कपेल्ले , बेल्जियम ;अवसान -17 अगस्त 1982, नयी दिल्ली

अब तक के जीवन में जिन चंद लोगों के प्रति मैं गहरे श्रद्धावनत हुआ हूँ उसमें पद्मभूषण डॉ कामिल बुल्के भी हैं -एक प्रातः स्मरणीय महाविभूति और विश्व मानव ! वे जन्में तो बेल्जियम में थे मगर ४१ वर्ष की उम्र में भारत आकर यहीं के होकर रह गए -नागरिकता ग्रहण की ! संस्कृत -हिन्दी महज सीखी ही नही इसमें पारंगत भी हुए ! इनके जिस एक अवदान के प्रति मैं उनका चिर ऋणी हूँ वह है उनका रचा अंगरेजी हिन्दी शब्द कोष जो किसी भी भारतीय हिन्दी विद के रचे शब्दकोष से ज्यादा प्रमाणिक है ! यह एक प्रयोगकर्ता का उद्घोष है किसी भाषाविशारद का नहीं !

जब भी अंगरेजी से हिन्दी में अनूदित किसी भी शब्द पर विवाद उत्पन्न होता है कामिल बुल्के याद आ जाते हैं ! उनका दिया शब्द ही प्रामाणिक होता है ! मुझे याद है कि करीब बीस वर्ष पहले तक अंगरेजी के शब्द टाईगर को एक बहु प्रचलित हिन्दी डिक्शनरी की भयंकर भूल के कारण लोग हिन्दी में चीता जान बैठे थे -यहाँ तक कि उस काल के "बुजुर्ग " पत्रकार तमिल टाईगर्स को तमिल चीते कह बैठे और वह हिन्दी पत्रकारिता में इसी अर्थ में रूढ़ हो गया है -जबकि आज कोई भी जानकार व्यक्ति यह जानता है कि टाईगर और चीता अलग अलग प्राणी हैं -कामिल बुल्के को कोई संशय नही है -उनकी डिक्शनरी में टायगर का मतलब है व्याघ्र ,यानी बाघ ! और चीता का अर्थ चीता ही है ! काश हिन्दी के कई बुजुर्ग पत्रकार बुल्के की डिक्शनरी खोल लिए होते तो तमिल चीते का तर्जुमा होने का अनर्थ तो नही होता -तब लिखा जाता तमिल व्याघ्र !

मुझे आज बेहद खुशी हुयी जब अपने ब्लॉग जगत में उत्तरी अमेरिका की त्रैमासिक पत्रिका ''हिंदी चेतना'' के नए अंक के कामिल- बुल्के जन्मशती के उपलक्ष्य में प्रकशित होने की सूचना मिली है ! मैंने पत्रिका डाउन लोड कर ली है और पढ़ रहा हूँ ,सोचा आपको भी अवगत करा दूँ -आप यहाँ से इसे डाउनलोड कर सकते हैं !


यह बुल्के जी का जन्म शताब्दी वर्ष है ! हिन्दी ब्लागजगत भी उनसे प्रेरणा ले सकता है -एक विदेशी होकर ,वह भी अधेड़ उम्र में किस ललक और प्रेरणा से उन्होंने भारतीय भाषायें सीखी और उनमें निष्णात हो गए ! आज हम भारत में ही जन्म लेकर हिन्दी के प्रति अक्सर नाक भौ सिकोड़ते हैं और ब्लॉग जगत में भी स्तरीय हिन्दी के विरोधी कम नही है जिसके पीछे ख़ुद उनका आलस्य ही है !

मेरी एक गुजारिश है -आप ख़ुद नही तो अपने बच्चों के लिए कामिल बुल्के की अंगरेजी -हिन्दी डिक्शनरी खरीद कर इस महान विभूति की जन्म शती पर उन्हें भेट करें ! यह हमारी एक सच्ची श्रद्धांजलि भारत और हिन्दी के अनन्य प्रेमी इस महामानव के प्रति होगी -मेरी अपनी प्रति तो जीर्ण शीर्ण सी हो रही है -आज ही मैं एक नई प्रति खरीद लूँगा ! क्या आपसे भी ऐसी ही उम्मीद रखूँ ?

17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी जानकारी दी आपने। बाघ को चीता कह दिया गया।

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  2. मेरी एक गुजारिश है -आप ख़ुद नही तो अपने बच्चों के लिए कामिल बुल्के की अंगरेजी -हिन्दी डिक्शनरी खरीद कर इस महान विभूति की जन्म शती पर उन्हें भेट करें !
    " आपका अनुग्रह सर माथे पर....हम जरुर इस डिक्शनरी को खरीदेंगे . बुल्के जी के बारे में जानकारी और पत्रिका के लिंक के लिए भी आभार"

    regards

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  3. पद्मभूषण डॉ कामिल बुल्के को मेरा भी नमन!

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  4. I have been referring this dictionary since my student days. But I need to buy knew copy, its now detriorating

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  5. बहुत अच्छी बात बताई आपने साहब

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  6. हम सभी का नमन स्वीकार करें

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  7. कभी ये प्रश्न हमें भी परेशान किया था, "लिबरेशन टाइगर्स" हिन्दी में "मुक्ति चीते" कैसे हो गये. फ़िर बार-बार पढ़ते-पढ़ते आदत में आ गया. आज आपके लेख से ही पता चला कि ये गड़बड़ किसी प्रसिद्ध शब्द्कोश की फ़ैलाई हुई है.

    पांच मोटी डिक्शनरी पहले से ही हैं. ऑक्सफ़ोर्ड और कॉलिंस की इंग्लिश-टु-इंग्लिश, साहनी की इंग्लिश-टु-इंग्लिश-टु-हिन्दी, अमर विशाल हिन्दी शब्द्कोश हिन्दी-से-हिन्दी तथा राजपाल प्रकाशन से डॉ. हरदेव बाहरी की हिन्दी-टु-इंग्लिश.

    पीसी पर बैठे होते हैं तो ज्यादातर "वर्ड वेब" सॉफ़्ट्वेयर युक्ति की ही मदद ले लेते हैं. पर आपने अनुशंसा की है तो डॉ. बुल्के की भी जरूर खरीदेंगे.

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  8. बहुत बढिया जानकारी दी आपने. आभार आपका.

    रामराम.

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  9. एक ऋषि के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए धन्यवाद।

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  10. बहुत अच्छी जानकारी है शुभकामनायें

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  11. इतनी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आभार। सचमुच मुझे कामिल साहब के बारे में इतना कुछ पहली बार पता चला।

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  12. सारे महान पुरुष ऋषि क्यों होते हैं....................... कभी इस पर भी एक लेख दें.

    बढ़िया जानकारी मुहैया करने का आभार.

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  13. मानस की चर्चा नहीं की आपने. वो कई वर्षों तक सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची से जुड़े रहे. मैंने बारहवीं की पढाई वही से की तो उनके बारे में जानता हूँ.

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  14. फादर कामिल बुल्के तो नित्य के साथी हैं हमारे। उनके शब्दकोश के बगैर पोस्ट ठेलना ही कठिन। आखिर सोचने में कई शब्द अंग्रेजी के होते हैं। वह सब लिखें तो हिन्दी वाले जात बाहर कर दें!

    श्रद्धांजलि।

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  15. पद्मभूषण डॉ कामिल बुल्के को नमन.इनके बारेमें आप सेही जानकारी मिली.
    आप ने कहा है तो जरुर उस पुस्तक को पाने का प्रयास करेंगे.
    आभार

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  16. shukria.sabzimandi is very touching and i will buy Mr. kamil's dictionary.thanx.

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