यह करीब ३० वर्ष पहले की बात है मैं तब बी बी सी का नियमित श्रोता था -किसी कार्यक्रम में एक पाठक ने भारत से पूंछा था कि क्या इंग्लैंड में रक्षाबन्धन जैसा कोई त्यौहार मनाया जाता है तो कार्यक्रम की प्रस्तोता ममता गुप्ता का जवाब यूँ था -
हाँ मिलता जुलता एक त्यौहार सा यहाँ भी मनाया जाता है मगर वह भाई बहन के बीच के प्रेम का ही प्रतीक न होकर व्यापक स्तर पर लोगों के बीच प्रेम का प्रतीक होता है -नाम है वैलेनटाईन डे ! मुझे आश्चर्य हुआ कि भारत में कार्ड व्यवसायिओं ने यही कोई डेढ़ दशक पहले पवित्र प्रेम के इजहार वाले इस त्यौहार का एक संकीर्ण स्वरुप भारत में लांच किया जो अपने विकृत व्यावसायिक रूप में महज युवाओं के बीच के प्रेम इजहार का बायस बन गया ,आप किसी भी को वैलेनटाईन डे की शुभकामनाएं दे सकते हैं ।
मगर ध्यान रहे कि अपनी वैलेनटाईन उसी को बनाएं जो आपके दिलों पर राज करती /करता हो !
तो आप सभी को इस विदेशी प्रेम दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं -हमारा असली मदनोत्सव भी आने वाला है ।
उसकी भी अग्रिम शुभकामनायें ! सररर ......(उसकी शुभकामना में यह उच्चारण जरूरी है -इसके बारे में आगे बताएँगे ! अभी जल्दी है मैंने अपने वैलेनटाईन से कुछ वायदे किए हैं आज के लिए इसलिए निकलता हूँ ! )
Alarma sobre creciente riesgo de cyber ataque por parte del Estado Islámico
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Un creciente grupo de hacktivistas está ayudando Estado Islámico difundir
su mensaje al atacar las organizaciones de medios y sitios web, una empresa
de se...
9 वर्ष पहले
बल्टियान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सही बात बताई है. हमारे यहां पश्चिम की कई अनुकरणिय बातों को मार्केटिंग वालों ने विकृत कर दिया है.
रामराम.
यही बार मैने अपनी पिछली चर्चा के दौरान की थी कि भारत में इसे इलु-इलु टाईप के रूप में मार्केट किया है जबकि ये उन सब के लिये है जिन्हें आप प्यार करते हैं।
जवाब देंहटाएंआप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ। इस प्रेम दिवस की। वैसे तो फागुन का पूरा महिना ही प्रेम मास है। यह प्रद्युम्न मास है। इस में सभी जीवों-निर्जीवों पर काम का प्रभाव रहता है।
जवाब देंहटाएंमैंने तो अहले सुबह ही अपने सभी मित्रो को और घरवालों को प्रेम दिवस कि शुभकानाएं दे चूका हूँ..
जवाब देंहटाएंअभी नेट पर बैठा हूँ तो आप लोगों को भी प्रेम दिवस कि शुभकामनाएं देता चलूँ.. :)
प्रेम प्रदर्शन की वस्तु नही है, पाश्चत बयार में भारतीय पागल हो रहे है। आखिर पैसा कमाते ही है खर्च करने के लिये तो करो।
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं...आपको. :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लेख. आपको भी प्रेम दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएं"बहुत सुंदर और सार्थक आलेख....आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ। "
जवाब देंहटाएंRegards
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जवाब देंहटाएंभारत तक आते आते हर विलायती विचार कण्टामिनेट हो जाता है!
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंlove....prem.....ye shabad chcarcha ka vishay nahi...ise mahsoos kro.....ruh mai utaaro....
जवाब देंहटाएंhappy velentine
प्रकृति ने हमें केवल प्रेम के लिए यहाँ भेजा है. इसे किसी दायरे में नहीं बाधा जा सकता है. बस इसे सही तरीके से परिभाषित करने की आवश्यकता है. ***वैलेंटाइन डे की आप सभी को बहुत-बहुत बधाइयाँ***
जवाब देंहटाएं-----------------------------------
'युवा' ब्लॉग पर आपकी अनुपम अभिव्यक्तियों का स्वागत है !!!
दोनों पर्व प्रेम करने का संदेश देते है . प्यार बंटते चलो बस प्यार बांटते चलो संत वेलेंटाइन भी प्यार प्रेम बांटा करते थे ..... बहुत आपका तुलात्मक लेख अच्छा लगा .बधाई .
जवाब देंहटाएंआपको भी इस प्रेम-दिवस की शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंमेरे लिये तो हर एक नयी सुबह प्रेम का नया दिवस ले कर आती है, अब मै किसी दिवस को प्रेम दिवस के रुप मे मनाऊ, वेसे आप की जानकारी के लिये बताना चहुंगा, कि मेने इन ३० वर्षो मे य्रुरोप ओर यहां के लोगो को बहुत नजदीक से देखा है, यह किसी भी विदेशी त्योहार को कभी नही मनाते, हां अगर किसी विदेशी के मेहमान है उस दिन तो यह उस त्योहार को उस के संग मना कर वही छोड आयेगे, हमारी तरह से बहाने वाजी कर के अपनी बात नही मनवायेगे,
जवाब देंहटाएंफ़िर इन का प्रेमी तो हर महीने बदलता है. एक महिला के पांच बच्चे है, पांचो के बाप अलग अलग है, इस लिये इन्हे एक दिन प्यार करने के लिये रखना पढता है ताकि उस दिन एक नया साथी तलाश कर सके
प्यार तो जानबर भी करते है, ओर हम से ज्यादा करते है, वो प्यार ही क्या जो जाहिर किया जाये, जो जताया जाये, वो प्यार नही एक दिखावा है, ओर यह दिखावा मै नही करता.
धन्यवाद
प्रेम की जय हो
जवाब देंहटाएंयही तो गडबडझाला है. इसे उस व्यापक रूप में मार्केट नहीं किया जा सकता था न!
जवाब देंहटाएंsahi kaha aapne...prem diwas ki aapko bahit bahut subhkaamnaayen...
जवाब देंहटाएंआपकी तुलनात्मक टिप्प्णी अदभुत है।
जवाब देंहटाएंमैं भी बीबीसी लन्दन का पुराना श्रोता रहा हूं, पर संयोग से वह प्रश्नोत्तर नहीं सुन सका था। दोनों की तुलना आश्चर्यजनक है।
जवाब देंहटाएंमदनोत्सव की अग्रिम बधाई।