आज अल्लसुबह ज्ञान जी ने नववर्ष संकल्प लेने की सुधि दिलाकर सहसा ही भय का संचार किया कि अरे मैंने भी तो नव वर्ष का सकल्प लेना है( यह मैंने वाली स्टाईल व्याकरणीय दृष्टि से ग़लत है इस पर ध्यान दें ! )और समय कितने तेजी से बीत रहा है ! तो मैं भी क्यूं न फटाफट कुछ संकल्पों को यहाँ गिना दूँ (जो वस्तुतः मैंने ले रखे हैं ) -ताकि सनद रहे और जावाबदेही (ख़ुद के प्रति ) भी तय हो सके .पहले तो यह स्वीकारोक्ति कि अभी दशक डेढ़ दशक पहले तक मुझे भी नववर्ष सकल्प लेने देने की कोई जानकारी या प्रतिबद्धता नही थी ! दरअसल यह पश्चिम और अंगरेजी संस्कृति का अनुष्ठान है .हम मौन संकल्प लेने के अभ्यस्त रहे हैं और वहाँ इसे शोर शराबे के साथ लेने का रिवाज है .अब चूंकि मैं भी मध्यमार्गी बनता जा रहा हूँ अतः थोड़े मौन और थोड़ी मुखरता के साथ अपने ये नववर्ष संकल्प आपसे साझा करता हूँ , प्लीज ध्यान दें ,मैं गंभीर हूँ -
तो ये रहे मेरे नववर्ष संकल्प और यथावश्यक संक्षिप्त व्याख्या -
१-साईब्लाग पर अभी भी लंबित पुरूष पर्यवेक्षण यात्रा को पूरी करना जो पिछले वर्ष का ही एक संकल्प था लेकिन "ओबियस "कारणों से पूरा न हो सका ।
२-इस ब्लॉग पर चिट्ठाकार चर्चा में कम से कम दो दर्जन विख्यात /कुख्यात चिट्ठाकारों की खबर लेना -यह ख़ुद को भी चर्चा में बनाए रखने का एक आजमूदा नुस्खा है और बेशर्मी की सीमा तक आत्मप्रचार का जरिया भी .कौन अपने को व्यतीत /विस्थापित हुआ देखना चाहता है ? पर मैं जानता हूँ कि मेरा यह क्यूट सा ,प्यारा प्यारा सा मासूम चिट्ठाजगत मेरी इस धृष्टता की नोटिस नही लेगा .इससे मुझे एक फायदा यह भी होगा कि नए और नामचीन दोनों किस्म के चिट्ठाकार मेरे अदब में रहेंगे .कौन इस नश्वर जग में प्रशंसा नही पाना चाहता ? पर इसी आम मनोवृत्ति की आड़ लेकर मैं लोगों कीअपने नजरिये से खिंचाई का मौका भी नही छोडूंगा -संदेश -अपना आचरण संयमित रखें !
५-नारी ब्लागों के प्रति सहिष्णुता बरतूंगा और उनकी विजिट करूंगा और पूर्वाग्रहों को त्याग कर टिप्पणियाँ भी करूंगा ।
६-चार्ल्स डार्विन जिनकी यह (२००९) द्विशती है पर एक श्रृंखला साईब्लाग पर करूंगा ।
७-साईंस ब्लागर्स असोशियेसन की एक मीट वर्षांत तक करा सकूंगा ।
८-विज्ञान कथा के अपने नये संग्रह को प्रकाशित करूंगा और कुछ कहानियां अपने इस विषयक ब्लॉग पर पोस्ट करूंगा ।
९-कुछ पुराने प्रेम प्रसंगों की याद करूंगा और उनके पुनर्जीवित होने की संभावनाओं की टोह लूंगा और कुछ नए संभावनाओं का भी उत्खनन करूंगा -यह मैं बार बार कहता हूँ कि जीवन को सहज बनाए रखने के लिए कुछ रागात्मकता और मोहबद्ध्ता बेहद जरूरी है -आप माने या न मानें ! मेरी इस बात को मेरे कुछ पुरूष मित्र तो थोड़े ना नुकर के बाद मान भी लेते हैं (कितने सहिष्णु हैं वे !) पर महिलायें बहुत कंजर्वेटिव(बोले तो असहिष्णु ) हैं- इस बात /मामले में . काश मैं भी अपने कुछ नामचीन मित्रों की भांति विदेश जीवन जी रहा होता तो तस्वेदानिया फिल्म के क्षणों को भी जीने का सहज ही सौभाग्य मिल जाता !
१०-ब्लागिंग की गतिविधि को थोड़ा संयमित करूंगा ताकि जीवन के दूसरे पहलुओं के साथ न्याय कर सकूं ।
११-तस्लीम पर पहेलियाँ बुझाता रहूँगा !
यह ग्यारह की संख्या शुभ है और ज्यादा भी क्यों इन्हे पूरा भी तो करना है .
आप सभी को नववर्ष मंगलमय हो !
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