tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post8790429741294830340..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: पगड़ी वाले के सलाम का सबबArvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-86514767774305293972013-08-30T08:59:37.172+05:302013-08-30T08:59:37.172+05:30" असारे काव्य संसारे कविरेव प्रजापति: ।"..." असारे काव्य संसारे कविरेव प्रजापति: ।" शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77859619631032652702012-06-23T13:59:18.402+05:302012-06-23T13:59:18.402+05:30ब्लॉग सरदार और विज्ञान सरकार की जय!ब्लॉग सरदार और विज्ञान सरकार की जय!ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-90029879278747740252012-06-23T09:19:17.554+05:302012-06-23T09:19:17.554+05:30इस पोस्ट पर निगाह तब पड़ी जब अगले सलाम का वक्त हो ...इस पोस्ट पर निगाह तब पड़ी जब अगले सलाम का वक्त हो गया<br /><br />बस यूं ही स्नेह बनाए रखिएगाBS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84782859280502022792012-06-21T17:53:04.689+05:302012-06-21T17:53:04.689+05:30मेरे पास एक किताब है जिसके लेखक संत कवि तुलसी के घ...मेरे पास एक किताब है जिसके लेखक संत कवि तुलसी के घोर विरोधी लगते हैं..उन्होंने उनके द्वारा लिया गया सन्दर्भ सामग्री को सिलसिलेवार रूप से व्याख्यायित किया है..जम कर उनकी आलोचना की है..आपके ब्लॉग के सही अर्थ का बार-बार उपयोग भी किया है..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-9892664491026232112012-06-21T13:48:14.049+05:302012-06-21T13:48:14.049+05:30कुछ अन्यत्र से भी ,इधर उधर की सब तरफ की ,सबकी खबर ...कुछ अन्यत्र से भी ,इधर उधर की सब तरफ की ,सबकी खबर ले सबको खबर दे.वाह क्या बात है अरविन्द भाई साहब आपकी शुभ कामनाएं नसीब हुईं . शुक्रिया .इस उम्र में जहां ज़रुरत होती है चल देते हैं .बेटी गत दिनों से अस्वस्थ चल रही है .दिश्क में प्रोब्लम है .एक बुजुर्ग की गुंजाइश वहां हमेशा बनी रहती है .हम थोड़ा बहुत रसोई में भी सक्रीय हो लेतें हैं .दोनों धेवते ६+और ४+हमसे खासे जुड़ें हैं .एक यूनिवर्स में दिलचस्पी रखता है .दूसरा पढने का बेहद शौक़ीन है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76336591308264631902012-06-21T09:11:21.875+05:302012-06-21T09:11:21.875+05:30@ अरविन्द जी ,
अनूप जी के कहने से क्या होता है :)
...@ अरविन्द जी ,<br />अनूप जी के कहने से क्या होता है :)<br /><br />अपन अ़ब भी आपके ब्लाग को विज्ञान का पहला ब्लाग लिख सकते हैं ! लिखिये वर्ड प्रेस पर मृत और अनियमित 'ज्ञान विज्ञान' ब्लाग की तुलना में विज्ञान का 'पहला नियमित ब्लाग साईब्लाग है' :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-7564892550363186582012-06-21T05:25:08.113+05:302012-06-21T05:25:08.113+05:30क्वचिदन्यतोअपि ...नाम अच्छा है और उच्चारण में भी ...क्वचिदन्यतोअपि ...नाम अच्छा है और उच्चारण में भी सुविधाजनक है ! अर्थ तो आप कई बार बता चुके हैं !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14583715941907221682012-06-21T05:16:11.359+05:302012-06-21T05:16:11.359+05:30@अनूप शुक्ल,
आपके क्लेश को देखते हुए मैंने 'पह...@अनूप शुक्ल,<br />आपके क्लेश को देखते हुए मैंने 'पहला ' शब्द हटा लिया है .... :) <br />वैसे इंगित ज्ञान विज्ञान ब्लॉग अब नियमित नहीं रह गया है ,वर्डप्रेस पर डिलीट भी हो गया है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-24974388350815798742012-06-21T03:55:55.664+05:302012-06-21T03:55:55.664+05:30:) चलिए हमारी जिज्ञासा भी दूर हुई.....:) चलिए हमारी जिज्ञासा भी दूर हुई..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8205229474190007092012-06-20T22:46:43.434+05:302012-06-20T22:46:43.434+05:30* पाबला सही मायनों में संकटमोचक हैं।
** साइंस जगत ...* पाबला सही मायनों में संकटमोचक हैं।<br />** साइंस जगत और ब्लॉग जगत के प्रति आपका योगदान सच में सराहनीय है।<br />*** नाम में क्या रखा है -- हमने तो अपना ही नाम दे दिया अपने ब्लॉग को।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76113589569222003442012-06-20T21:58:35.282+05:302012-06-20T21:58:35.282+05:30Badee hee sahajtase aapne ye aalekh likha hai!Badee hee sahajtase aapne ye aalekh likha hai!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26381647594792865142012-06-20T19:54:36.653+05:302012-06-20T19:54:36.653+05:30@ Arvind Mishra , संतोष त्रिवेदी, केवल खुरपेचिया ...@ Arvind Mishra , संतोष त्रिवेदी, केवल खुरपेचिया तक सीमित रहकर आप तमाम उन साथियों की अवलेहना करेंगे जिन्होंने और भी इसी घराने के नाम दिये हैं।<br /><br />बाकी <b>साईब्लाग को विज्ञान संचार का पहला नियमित हिन्दी का ब्लॉग बना</b> ये जो जानकारी तो सही कर लें। जरूरी थोड़ी है कि अच्छा बताने के लिये पहला भी बना जाये। :)अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76747938140738522842012-06-20T16:51:06.611+05:302012-06-20T16:51:06.611+05:30बात छोटी नहीं है बहुत गहरी है। कई बार मैंने भी सोच...बात छोटी नहीं है बहुत गहरी है। कई बार मैंने भी सोचा लेकिन पूछने का साहस नहीं कर पाया। इसलिए ही कहते हैं जो डूब गया वो पार हो गया तथा..sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29542815521835668972012-06-20T15:55:22.900+05:302012-06-20T15:55:22.900+05:30अनूप जी के ब्लॉग के लिए वैसे 'खुरपेंचिया' ...अनूप जी के ब्लॉग के लिए वैसे 'खुरपेंचिया' एक सटीक विकल्प है और 'फुरसतिया' से भी मारक असर है इसमें !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-89939045685570550332012-06-20T15:51:27.321+05:302012-06-20T15:51:27.321+05:30इस बहाने आपके ब्लॉग के शीर्षक का अर्थ जान गए ...इस बहाने आपके ब्लॉग के शीर्षक का अर्थ जान गए ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12762088645632029582012-06-20T12:29:41.632+05:302012-06-20T12:29:41.632+05:30:-):-)संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-527850888786329692012-06-20T12:28:20.886+05:302012-06-20T12:28:20.886+05:30अर्थ तो पता चल गया , अब एक दिन आपसे इसका सही उच्चा...अर्थ तो पता चल गया , अब एक दिन आपसे इसका सही उच्चारण भी सुनना है . <br />अली फुरसतिया को बढ़िया काम दे दिया है . :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68288251721040477542012-06-20T12:03:38.173+05:302012-06-20T12:03:38.173+05:30@अनूप शुक्ल
आपके लिए भी एक नया शीर्षक ब्लॉग शुरू ...@अनूप शुक्ल <br />आपके लिए भी एक नया शीर्षक ब्लॉग शुरू करने का सुझाव प्राप्त हुआ है -<br />1खुरपेचिया फ़ुरसतिया <br />२ फुरसतिया खुरपेचिया <br />मुझे भी यह मजेदार लग रहा है :)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70270279435883272942012-06-20T11:36:45.717+05:302012-06-20T11:36:45.717+05:30ब्लॉग का शीर्षक ही उसका प्रवेश द्वार होता है ....ब्लॉग का शीर्षक ही उसका प्रवेश द्वार होता है .इसका आकर्षक होना ही पाठक को ललचाता है और ब्लॉग खोलने को आमंत्रित करता है शीर्षक की अमुचित व्याख्या की है आपने इसे समुचित भी सिद्ध किया है . . अच्छी प्रस्तुति .कृपया यहाँ भी पधारें -<br /><br /><br />बुधवार, 20 जून 2012<br />क्या गड़बड़ है साहब चीनी में<br />क्या गड़बड़ है साहब चीनी में <br />http://veerubhai1947.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-34849708682817601622012-06-20T11:10:46.117+05:302012-06-20T11:10:46.117+05:30पाबला जी को साधुवाद...
उनके बहाने सही, आज आपके ब्...पाबला जी को साधुवाद...<br /><br />उनके बहाने सही, आज आपके ब्लॉग नाम का अर्थ मालूम हुआ.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77167565910528057742012-06-20T09:15:08.530+05:302012-06-20T09:15:08.530+05:30ब्लॉग सरदार और अरविन्द मिश्र...
यह पोस्ट जबरदस्त र...ब्लॉग सरदार और अरविन्द मिश्र...<br />यह पोस्ट जबरदस्त रहेगी ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78561056498919811212012-06-20T09:00:37.078+05:302012-06-20T09:00:37.078+05:30डंके की चोट पर।:)डंके की चोट पर।:)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23502227265439692542012-06-20T08:53:32.323+05:302012-06-20T08:53:32.323+05:30यही मस्ती भरा और सानंद माहौल छाया रहे..यही मस्ती भरा और सानंद माहौल छाया रहे..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83686164801283838692012-06-20T08:42:53.141+05:302012-06-20T08:42:53.141+05:30कई बार शीर्षक हमें भी दिक्कत पेश करते हैं.अब अली स...कई बार शीर्षक हमें भी दिक्कत पेश करते हैं.अब अली साहब का 'उम्मतें' ही मेरे पल्ले नहिं पड़ता,जबकि दो-तीन बार इसका मतलब उनसे पूछ चुका हूँ.उनसे हमने गुज़ारिश भी की थी कि इस नाम के नीचे ही इसका मतलब भी लिख दें,पर अभी तक प्रतीक्षित है.<br /><br />पाबला जी भले आदमी हैं.जल्दी फ़ोन-लाइन में आते नहिं हैं.हमसे बातें तो अच्छी करते हैं पर जां छुडाने की जल्दी में भी रहते हैं.मुझे लगता है कि उनसे मीठी-मीठी बातें की जांय पर वे मोबाइल और लैंड लाइन दोनों पर व्यस्त हो जाते हैं.<br /><br />...आपने तो शीर्षक को उसके नीचे परिभाषित भी किया हुआ है.<br /><br />अली साब की सलाह पर ध्यान मत देना,अनूप जी को रस मिल रहा है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26379418685241520612012-06-20T08:01:06.798+05:302012-06-20T08:01:06.798+05:30अली साहब जरा सम्हलकर, इत्ते भारी सुझाव? अरविन्द जी...अली साहब जरा सम्हलकर, इत्ते भारी सुझाव? अरविन्द जी के पगडी नहीं है ः)<br />लगे हाथ एक सुझाव हमारा भी....<br />ओले, कुछ भी कहीं से भी.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.com