tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post8162438054775510870..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: एक फेसबुकिया परिचर्चाArvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-72412207057287857102012-05-18T21:36:07.187+05:302012-05-18T21:36:07.187+05:30मुझे तो लगता है सब चार दिन की चाँदनी और फिर अंधेरी...मुझे तो लगता है सब चार दिन की चाँदनी और फिर अंधेरी रात जैसी बातें हैं।Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2119951759179890932012-05-18T14:41:00.263+05:302012-05-18T14:41:00.263+05:30:)
ik muskurahat tair gyee:):)<br />ik muskurahat tair gyee:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-21850776354948223202012-05-18T12:54:09.937+05:302012-05-18T12:54:09.937+05:30बेहतरीन प्रस्तुति।बेहतरीन प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29984859191133746312012-05-17T19:30:53.191+05:302012-05-17T19:30:53.191+05:30कल 18/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल (व...<i><b> कल 18/05/2012 को आपकी यह पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .<br />धन्यवाद! </b></i>Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-69567503126336995702012-03-27T22:59:31.021+05:302012-03-27T22:59:31.021+05:30वाकई मौजा ही मौजा... :-)वाकई मौजा ही मौजा... :-)अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18586368110233381162012-03-24T05:52:55.901+05:302012-03-24T05:52:55.901+05:30हमारी श्रीमती जी बहुधा बच्चों को छोड़कर जाती हैं, ...हमारी श्रीमती जी बहुधा बच्चों को छोड़कर जाती हैं, हमारा कार्य बहुत बढ़ जाता है तब।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83506589890954379042012-03-23T18:18:45.941+05:302012-03-23T18:18:45.941+05:30वियोग की सात्विक आंच ही संयोग का श्रृंगार करती है ...वियोग की सात्विक आंच ही संयोग का श्रृंगार करती है .बीती न बिताई रैना ,बिरहा की जाई रैना ,जागी हुई अंखियों को रास न आई रैना ...<br /><br />कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br /><br />बुधवार, 21 मार्च 2012<br />गेस्ट आइटम : छंदोबद्ध रचना :दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-862266627054468932012-03-23T13:14:29.563+05:302012-03-23T13:14:29.563+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक श...बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47643065070515972742012-03-23T09:56:29.146+05:302012-03-23T09:56:29.146+05:30short remissions enhance the love , long absence k...short remissions enhance the love , long absence kills it .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-34155168019555481622012-03-23T09:52:52.324+05:302012-03-23T09:52:52.324+05:30इस पोस्ट में पड़ोसन पर कुछ ज्यादा ही ध्यान केन्द्र...इस पोस्ट में पड़ोसन पर कुछ ज्यादा ही ध्यान केन्द्रित है . <br />यह न भूलें की पडोसी की पत्नी भी मायके जा सकती है :)<br /><br />वैसे अली जी ने सारे पतियों की पोल खोल कर रख दी . <br />हालाँकि P का मतलब ??डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-20589731543619525422012-03-23T09:44:03.239+05:302012-03-23T09:44:03.239+05:30हाय ...बड़े दुखी रहते हैं सब पत्नी के साथ रहने से....हाय ...बड़े दुखी रहते हैं सब पत्नी के साथ रहने से..... पर ये ख़ुशी लम्बी तो नहीं टिक सकती..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74631017945569277442012-03-23T09:03:47.230+05:302012-03-23T09:03:47.230+05:30गृहिणी के घर से लम्बे समय तक बाहर रहने पर लोग बाग़...<b>गृहिणी के घर से लम्बे समय तक बाहर रहने पर लोग बाग़ सबसे पहले यही पूछ लेते हैं कि भई खाना पानी कैसे हो रहा है</b><br />ये सवाल तो नमस्कारी-नमस्कारा टाइप सवाल हैं! ऐसे जैसे सचिन से पूछा जाये कि आप सन्यास कब ले रहे हैं। :)अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-17954904461754024452012-03-23T08:27:40.290+05:302012-03-23T08:27:40.290+05:30@क्षितिजा,
हे, फिर कहाँ अभी अभी तो आये हो :)
@राज...@क्षितिजा,<br />हे, फिर कहाँ अभी अभी तो आये हो :) <br />@राजेन्द्र जी ,<br />घोड़े बोले तो हुसेन के घोड़े याद आये .. :) <br />@परम संतोष जी ,पति वियोग भी होता है क्या कुछ ? <br />@दिनेश जी ,हाँ कोई शक ? <br />@राहुल जी ,बड़ी गूढ़ बात कह दी है :) <br />@अली भाई .<br />कभी तो इतना विश्लेषणात्मक न हुआ करिए :) <br />दुखता है ...और मुक्ति की टिप्पणी ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41148758360297161432012-03-23T08:22:21.037+05:302012-03-23T08:22:21.037+05:30@काजल कुमार:...हम्म ...
@मनोज कुमार :अच्छा लगा आपन...@काजल कुमार:...हम्म ...<br />@मनोज कुमार :अच्छा लगा आपने सतरों के बीच के अलिखे को भी पढ़ा :) <br />@मुक्ति: यह कैसी प्रतिक्रिया ...किसी का प्रतिनिधित्व ? <br />@सलिल बाबू : इधर अभी चान्द का चानस नहीं रे बाबू ..फोटो देख इत्तिला कर लो न !<br />@सतीश जी ,इन दिनों बस शुभकामनायें देते फिर रहो मित्रवर? काहें ? सब कुशल मंगल तो है ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68740205559928325432012-03-23T08:13:59.113+05:302012-03-23T08:13:59.113+05:30अरविन्द जी ,
पता नहीं यह परिचर्चा किनके लिए है...
...अरविन्द जी ,<br />पता नहीं यह परिचर्चा किनके लिए है...<br />(1)<br />वे जिनके एक पत्नी और पड़ोस में आत्मीयता भरी संभावनायें हैं !<br />(2)<br />वे जिनकी पत्नी भाटिया जी जैसा वैकल्पिक सालीय प्रावधान करके जायें !<br />(3)<br />वे जो पत्नी के रहते,बाहर मुंह मारते फिरते हैं और अब घर में मुंह मारने की संभावनायें प्रबल हैं !<br />(4)<br />वे जिन्होंने एक और पत्नी किसी और घर में भी रखी हुई हैं !<br />(5)<br />वे जिन्हें अपनी बुढौती पे आख़िरी चांस लेने का अवसर दिखाई दे ,मतलब दिया बुझने से पहले के अवसर !<br />(6)<br />वे जो पत्नी से प्रतिदिन पिटते पिटते थक चुके हों और जिन्हें कुछ क्षण दैहिक आराम चाहिए !<br />(7)<br />वे जो पड़ोसी पति की पत्नी के मायके जाने वाले दिनों का बदला पड़ोसी से चुकाना चाहते हों !<br /><br /><br />पर वे क्या करें जिनके एकाधिक पत्नियां हों :)<br /><br />और वे...<br /><br />जिनकी पत्निया स्वयं ही मायके वाले , पड़ोस / स्कूल / कालेज के दिनों वाली आत्मीयताओं को पुनः जीना चाहती हों :)<br /><br />फिलहाल मुक्ति जी की टिप्पणी से सहमति :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33505780182876224112012-03-23T07:42:06.818+05:302012-03-23T07:42:06.818+05:30कभी पाबन्दियों से छुट के भी दम घुटने लगता है दरो-द...कभी पाबन्दियों से छुट के भी दम घुटने लगता है दरो-दीवार हो जिनमें वही ज़िन्दाँ नहीं होता.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58855684442087548242012-03-23T07:35:35.249+05:302012-03-23T07:35:35.249+05:30एक रोचक परिचर्चा ..अंतर्बोध का खिलंदरा सम्प्रेषण.....एक रोचक परिचर्चा ..अंतर्बोध का खिलंदरा सम्प्रेषण..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41592492492781804912012-03-23T06:42:31.640+05:302012-03-23T06:42:31.640+05:30जय हो आप की!
पत्नी के मायके जाने से आजादी मिलती है...जय हो आप की!<br />पत्नी के मायके जाने से आजादी मिलती है. अर्थात पत्नी कैद का सृजन करती है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66311374165359858912012-03-23T06:16:17.558+05:302012-03-23T06:16:17.558+05:30एक तरह से तो हम यही कह सकते हैं कि आप पत्नी-वियोग ...एक तरह से तो हम यही कह सकते हैं कि आप पत्नी-वियोग से पीड़ित हैं.चाहे फेसबुक हो या ब्लॉगर हो,आप उन्हीं को लेकर चर्चा में व्यस्त हैं.यह उनकी याद ही है जो फेसबुक में पकवान और ब्लॉगिंग में चर्चा-परिचर्चा आयोजित हो रही है.<br /><br />रही बात पत्नी के मायके जाने की,तो वह क्षणिक आनंद की अनुभूति होती है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81099565108576099742012-03-23T01:13:36.854+05:302012-03-23T01:13:36.854+05:30.
हुंअ ........
तो मौज मस्ती चालू है अभी ...
लू....<br /><br /><br />हुंअ ........<br />तो मौज मस्ती चालू है अभी ... <br />लूट लीजिए दो दिन आप भी <br /><br />फिर वही मैदान वही घोड़े हैं <br /><br /><b>~*~नव संवत्सर की बधाइयां !~*~<br /> शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70570212866979926972012-03-23T00:14:43.325+05:302012-03-23T00:14:43.325+05:30main bhi kaafi samaye ke liye ja rahi hoon mayke ....main bhi kaafi samaye ke liye ja rahi hoon mayke ... :)Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8491533963311777872012-03-22T22:52:15.306+05:302012-03-22T22:52:15.306+05:30शुभकामनायें आपको भाई जी :-))शुभकामनायें आपको भाई जी :-))Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-55125720560227405052012-03-22T22:06:18.350+05:302012-03-22T22:06:18.350+05:30पंडित जी! चार दिन की चांदनी है फिर तो चाँद पर चांद...पंडित जी! चार दिन की चांदनी है फिर तो चाँद पर चांदनी बरसेगी!!<br />परिचर्चा में आनंद ही आनद है..!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78657200424737104642012-03-22T22:05:25.113+05:302012-03-22T22:05:25.113+05:30हे हे ! ऊपर गलत स्माइली चिपक गई थी, इसलिए कमेन्ट म...हे हे ! ऊपर गलत स्माइली चिपक गई थी, इसलिए कमेन्ट मिटाना पड़ा. इस पोस्ट पर मेरी प्रतिक्रिया :Pmuktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48491643647977018212012-03-22T21:59:24.457+05:302012-03-22T21:59:24.457+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.com