tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post5843037110450096870..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: रेल यात्रियों के लिए एक आपबीती बनाम कैटिल क्लास के संस्मरण !Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-63449627088681667452009-11-19T18:21:12.869+05:302009-11-19T18:21:12.869+05:30॒ अरविन्द जी
भैया ,हम हिन्दी साहित्य के नहीं हैं ...॒ अरविन्द जी<br /><br />भैया ,हम हिन्दी साहित्य के नहीं हैं न ! और कहावत भी तो है -<br />"टू इर्र इज ह्यूमन "<br /><br /><br />एंड<br /><br />"टू टर्र इज मैंढक" :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-61564515336610458842009-11-19T17:40:55.755+05:302009-11-19T17:40:55.755+05:30रोचक यात्रा रही आपकी यह भी हर जगह एक रोचक कहानी बन...रोचक यात्रा रही आपकी यह भी हर जगह एक रोचक कहानी बन जाती है आपके साथ ..अजब गजब सी :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74676666001830341712009-11-19T13:59:51.146+05:302009-11-19T13:59:51.146+05:30@पंडित "वत्स" जी ,
अब कन्या राशि पर क्य...@पंडित "वत्स" जी ,<br />अब कन्या राशि पर क्या कुछ हो रहा है भला आपसे कुछ छुपा है क्या?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-6860174197520764882009-11-19T13:57:26.718+05:302009-11-19T13:57:26.718+05:30@बहुत आभार गौतम जी ,अशुद्धियों की इन्गिति के लिए !...@बहुत आभार गौतम जी ,अशुद्धियों की इन्गिति के लिए !<br />उन्हें सुधार लिया गया है !<br />भैया ,हम हिन्दी साहित्य के नहीं हैं न ! और कहावत भी तो है -<br />"टू इर्र इज ह्यूमन "Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-13559105359102178182009-11-19T13:28:56.822+05:302009-11-19T13:28:56.822+05:30रोचक यात्रा-संस्मरण के संग संग्रहणीय नसीहतें...अगल...रोचक यात्रा-संस्मरण के संग संग्रहणीय नसीहतें...अगली कड़ी के इंतजार में।<br /><br />हाँ, मिश्र जी अगर टंकण-त्रुटि करें तो ज्यादा अखरता है। "पूछना" के "पू" पर यत्र-तत्र बिंदु या अर्धचंद्र बिन्दु विचलित करता है मन को।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74484532388880671782009-11-19T12:03:19.724+05:302009-11-19T12:03:19.724+05:30सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि रामभरोसे ही सब कुछ...सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि रामभरोसे ही सब कुछ चल रहा है, चाहे वह रेलवे विभाग हो अथवा यह देश।<br />------------------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">11वाँ राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन।</a><br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">गूगल की बेवफाई की कोई तो वजह होगी?</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11147381867041137952009-11-19T11:50:07.666+05:302009-11-19T11:50:07.666+05:30आगे क्या होगा रामा रे,
आगे क्या होगा मौला रे...
...आगे क्या होगा रामा रे, <br /><br />आगे क्या होगा मौला रे...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83104627056530626882009-11-19T09:51:45.944+05:302009-11-19T09:51:45.944+05:30वृंतात की प्रस्तुति जानदार है । अभी बाकी है..उसी क...वृंतात की प्रस्तुति जानदार है । अभी बाकी है..उसी की प्रतीक्षा में । हमें तो वहाँ के अनुभव भी सुनाइये, और जो उल्लिखित प्रस्तुत हुआ-उसके विवरण भी दीजिये । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-5900829971212515672009-11-19T08:57:16.947+05:302009-11-19T08:57:16.947+05:30हाहा हा हा हा हा हा वर्ष ऋतू बड़ी महंगी पड़ी ये तो...हाहा हा हा हा हा हा वर्ष ऋतू बड़ी महंगी पड़ी ये तो <br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11823988619624427212009-11-19T08:26:29.171+05:302009-11-19T08:26:29.171+05:30जहाँ जाईं घग्घोरानी ऊहा बरसे पत्थर पानी !
कही कुछ...जहाँ जाईं घग्घोरानी ऊहा बरसे पत्थर पानी ! <br />कही कुछ अशरीरी शक्तियां तो साथ नहीं रही ...!!<br /><br />यात्रा वृतांत रोचक मोड़ पर आकर रुक गया ...अगली कड़ी का इन्जार रहेगा ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-88500108770149890412009-11-19T08:03:17.949+05:302009-11-19T08:03:17.949+05:30@मिसिरजी, हमने तो एक बात कही। आप उसको मन में मती ध...@मिसिरजी, हमने तो एक बात कही। आप उसको मन में मती धारण करिये। लिंक सुधार करके बड़ा अच्छा किया आपने। बाकी आप लाभान्वित मती होइये। अनुरोध है कि आगे का किस्सा सुनाइये। मन थोड़ा खुश रखा कीजिये। थोड़ा हंस-मुस्करा लिया करिये। कोई नुकसान थोड़ी हो जायेगा।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39103279661296472462009-11-19T07:44:47.523+05:302009-11-19T07:44:47.523+05:30बहुत रोचक मोड़ पर छोड़ा है अपने यात्रा वृतांत को ....बहुत रोचक मोड़ पर छोड़ा है अपने यात्रा वृतांत को .....<br /><br />जहाँ जाईं घग्घोरानी ऊहा बरसे पत्थर पानी ! मगर इस बार तो मिसेज साथ न थीं तो फिर मैं घग्घोरानी का चरित्र आरोपण किस पर करुँ ? ...<br /><br />चरित्र आरोपण करना ही है तो कुछ अशरीरी शक्तियों पर ही कर लें ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46160596463725515432009-11-19T07:39:00.605+05:302009-11-19T07:39:00.605+05:30@अनूप जी ,
"लगता है आप भी मुंह में चांदी का च...@अनूप जी ,<br />"लगता है आप भी मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा लिये थे"<br />ताज्जुब, कैसे जाने आप !<br />अभी वृत्तांत बाकी है ,आपका एक्सपर्ट कमेन्ट<br />बाद में आता तो ज्यादा लाभान्वित होता<br />लिंक सुधार लिया ,आभार !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23307934869125549402009-11-19T07:18:06.571+05:302009-11-19T07:18:06.571+05:30सुंदर रेलबोध.... एकदम व्यंग्य कविता जैसा... साधुवा...सुंदर रेलबोध.... एकदम व्यंग्य कविता जैसा... साधुवाद......... मगर ये व्यग्रता बढ़ा कर अच्छा नहीं किया...योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47702249257025648032009-11-19T06:57:55.220+05:302009-11-19T06:57:55.220+05:30इसका अर्थ यह हुआ कि रेल की अक्षमता के बावजूद लौटा ...इसका अर्थ यह हुआ कि रेल की अक्षमता के बावजूद लौटा जा सकता है।<br />हनुमान न होते तो राम का काम अंगद से भी चल ही जाता! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12853355112470000372009-11-19T03:14:30.297+05:302009-11-19T03:14:30.297+05:30हम तो अपनी हंसी नहीं रोक पाए ;)हम तो अपनी हंसी नहीं रोक पाए ;)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83939236358853671912009-11-19T02:13:44.524+05:302009-11-19T02:13:44.524+05:30रेलवे विभाग जिन्दा बादरेलवे विभाग जिन्दा बादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-92170529306540615252009-11-19T01:43:07.011+05:302009-11-19T01:43:07.011+05:30आगे का इंतजार कर रहे हैं.
रामराम.आगे का इंतजार कर रहे हैं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-32715788408855321172009-11-19T00:24:50.591+05:302009-11-19T00:24:50.591+05:30सालों हो गये रेल यात्रा किये हुये।रेल से दूर ही रह...सालों हो गये रेल यात्रा किये हुये।रेल से दूर ही रह्ते हैं महाराज अपन तो।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36953643576548429452009-11-19T00:22:18.375+05:302009-11-19T00:22:18.375+05:30ab aage ka intezaar hai.....ab aage ka intezaar hai.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82992702094933107412009-11-19T00:19:47.487+05:302009-11-19T00:19:47.487+05:30मिसिरजी, बुरा न मानें तो एक बात कहें। वैसे बुरा मा...मिसिरजी, बुरा न मानें तो एक बात कहें। वैसे बुरा मान ही लीजियेगा अच्छा रहेगा।मैंने देखा है आप हर यात्रा से लौटते हैं तो हलकान च परेशान होकर। कभी किसी बात से कभी किसी बात से। आपकी छवि हमारे मन में एक बहादुर व्यक्ति की थी। जरा -जरा सी परेशानियों आप बतासे की तरह गल जाते हैं। ई अच्छी बात नहीं है। लगता है आप भी मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा लिये थे और जरा सा परेशानी मिलते ही आप त्रस्त हो जाते है और की-बोर्ड मिलते ही उलट देते हैं।<br /><br />न न हमसे ई सब मत कहियेगा कि कष्ट झेलो तब पता चले। हम बहुत झेले हैं यात्रायें और हर यात्रा पर आनन्दित हुये हैं बावजूद तमाम चिरकुट कष्टों के। तीन महीने तो सड़क पर रहे! पुलिया/कुलिया/सड़क/ढ़ाबे/थाना/होटल/मोटल कहां नहीं सोये।<br /><br />आदरणीय मिसिर जी आपसे ई सब कोई नहीं कहेगा और सब आपके कष्टों से आह आह करते हुये निकल लेंगे लेकिन हम आपसे सच बताना चाह रहे हैं कि आप कष्टों से इतना आतंकित होते हैं कि हमें लगता है कि ये कैसा छुई-मुई वैज्ञानिक है। कहीं मच्छर इनको रुला देते हैं और कहीं यात्रायें।<br /><br />और जिस लिंक की बात किये ऊ त ठीक से लगाइये।<br /><br />थोड़ा मौज-मजे से रहा करिये।कोई जलजला थोड़ी आ जायेगा। आयेगा भी तो हम हैं न! देख लेंगे। आप थोड़ा सा मुस्करा दीजिये। सच में क्य़ूट लगेंगे।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42195745032804527662009-11-18T23:55:03.587+05:302009-11-18T23:55:03.587+05:30पढ़ते हुए तो सब रोचक ही जान पड़ता है तात....पढ़ते हुए तो सब रोचक ही जान पड़ता है तात....Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79984865161478753432009-11-18T23:23:14.756+05:302009-11-18T23:23:14.756+05:30पहले इलाहाबाद ब्लागर सम्मेलन जहाँ बाकी सब लोगों का...पहले इलाहाबाद ब्लागर सम्मेलन जहाँ बाकी सब लोगों का समय मजे से कटा लेकिन आपको सारी रात मच्छर परेशान करते रहे,ओर तो ओर सुबह सुबह बैड टी भी नहीं मिली......ओर अब ये विज्ञान सम्मेलन की यात्रा जहाँ कभी तो बारिश से परेशानी, कभी रेलगाडी लेट तो कभी कोई ओर परेशानी....<br />आपको नहीं लगता कि कहीं कुछ गडबड है.....मिश्रा जी, हमारी मानिए तो आप किन्ही पंडित जी को अपनी कुण्डली वुण्डली दिखवा लीजिए....क्या पता कहीं कोई राहू-केतु ही आपको परेशान करने में लगा हो :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54622744423209853772009-11-18T23:08:46.286+05:302009-11-18T23:08:46.286+05:30कारवां गुज़र गया गुबार देखते रहे :)कारवां गुज़र गया गुबार देखते रहे :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81438165581468378402009-11-18T23:02:49.184+05:302009-11-18T23:02:49.184+05:30बड़े रोचक मोड़ पर आ कर रुकी पोस्ट की गाड़ी...अगली पोस...बड़े रोचक मोड़ पर आ कर रुकी पोस्ट की गाड़ी...अगली पोस्ट की गाड़ी कब आवेगी..जरा टाईम टेबल छाप देते महाराज!! आप तो रेलवे नहिये न हैं!!<br /><br />वरना पता चले कि हम कहीं और मौसम का आनन्द लेते रह जायें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com