tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post3721652961270207055..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: बच्चों को नहीं यहाँ प्रौढ़ों को यौन शिक्षा की जरुरत है!Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-1427951375003114202012-04-17T08:40:00.958+05:302012-04-17T08:40:00.958+05:30jaruri shiksha ke abhav mein yuva varg mein vikrat...jaruri shiksha ke abhav mein yuva varg mein vikrat mansiktayen janm le rahi hai aur iske udaharan to har jagah mil hi jate hai..sarthak lekhMonika Jainhttps://www.blogger.com/profile/18206634037142003083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-45247678681135770372012-04-17T08:07:13.558+05:302012-04-17T08:07:13.558+05:30आगे की कथा का इंतजार है। :)आगे की कथा का इंतजार है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-862690275172039242012-04-16T19:44:51.053+05:302012-04-16T19:44:51.053+05:30आपकी पोस्ट को ब्लॉगर्स मीट वीकली 39 में देखा जा रह...आपकी पोस्ट को ब्लॉगर्स मीट वीकली 39 में देखा जा रहा है।<br />सूचनार्थ लिंक प्रेषित है<br />http://hbfint.blogspot.com/2012/04/39-nirmal-baba-ki-tisri-aankh.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48036363513294932132012-04-16T11:54:19.299+05:302012-04-16T11:54:19.299+05:30इन दिनों दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों के टीवी पर एक व...इन दिनों दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों के टीवी पर एक विज्ञापन दिखाया जा रहा है जिसमें बताया गया है कि लगभग 53 प्रतिशत बच्चे यौन-उत्पीड़न का शिकार होते हैं। अब यह चाहे बच्चियों की अनभिज्ञता का परिणाम हो,कमज़ोरी का हो या कि बड़ों की यौन-कुंठा का,मगर समस्या तो है। युवतियों ने भी कई सर्वेक्षणों में कहा है कि उन्हें युवाओं से ज्यादा डर बुजुर्गों से रहता है जो बेटा-बेटा कहकर भीड़-भाड़ वाली जगह में कंधे पर हाथ रख देते हैं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18705735855538306712012-04-16T07:31:57.343+05:302012-04-16T07:31:57.343+05:30मासूमों को यौन शोषण से बचाने की अपील के साथ तो ठीक...मासूमों को यौन शोषण से बचाने की अपील के साथ तो ठीक है , वरना तो दुनिया में इससे अधिक गहन विमर्श के कई कार्य है . ये प्रौढ़ कभी फुर्सत के लम्हे किसी टी बी अथवा कैंसर चिकित्सालय , वृद्धाश्रम या अनाथालय में गुजार कर देखें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-17139560733327845082012-04-15T22:27:33.636+05:302012-04-15T22:27:33.636+05:30डॉ .दाराल इससे पहले के प्रकृति आपको कुछ सीखने बूझन...डॉ .दाराल इससे पहले के प्रकृति आपको कुछ सीखने बूझने का मौक़ा दे 'पोर्न 'बीच में आजाता है .एमएमएस आ जातें हैं .औरत को एक जींस की तरह परोसना उसका वस्तुकरण करते चलना उसे यौन चिन्ह और उसके यौनांगों को चिन्हित करते चलना जिस वक्त की देन है उस वक्त में बालकों को इसके निहित खतरे आज नहीं बताये जायेंगे तब कब बतलाये जायेंगे . दोश्त के घर का खाना ,पूरी तवज्जो मिलना पूरे वक्त पढ़ना और लिखना ऊर्जित रखता है .एक ड्रिंक का भी दस्तूर रहता है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42055609329420101432012-04-15T21:22:14.540+05:302012-04-15T21:22:14.540+05:30वीरूभाई नें सच कहा-"आंकडें गवाह हैं -आलमी स्त...वीरूभाई नें सच कहा-"आंकडें गवाह हैं -आलमी स्तर पर नाबालिगों के यौन शोषण के पीछे अपनों का ही ,बहुत परिचित लोगों का ही हाथ होता है .इनसे बचा कैसे जाए ?"<br />बात भी सही है बच्चों किशोरों के लैगिक शोषण में निकट सम्बंधी, परिचित और कई बार तो शिक्षकों का हाथ उजागर होता है और यौन शिक्षा का दारोमदार भी इन पर निर्भर है।<br />प्रोफेसनल काउंसलिंग सर्वांग निरापद और यथेष्ठ सफल हो जरूरी नहीं।<br />आपके अगले अंक की आतुरता से प्रतीक्षा है, क्या निदान प्रस्तावित करते है?सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-25274916829948126652012-04-15T20:25:11.418+05:302012-04-15T20:25:11.418+05:30प्रकृति ही सबसे बड़ी गुरु है जो स्वयं सब सिखा देती...प्रकृति ही सबसे बड़ी गुरु है जो स्वयं सब सिखा देती है ।<br />लेकिन आधुनिक विकास के साथ पनपते अनेक रोगों से सम्बंधित ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है ।<br />वैसे यौन शिक्षा बड़ा कठिन विषय है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38021820895059580032012-04-15T17:22:53.633+05:302012-04-15T17:22:53.633+05:30अरविंद जी, सत्य वचन...
दो साल पहले इसी मुद्दे...अरविंद जी, सत्य वचन...<br /><br />दो साल पहले इसी मुद्दे पर बड़ा हिचकते हुए ये लेख लिखा था- <a href="http://www.deshnama.com/2010/03/blog-post_27.html" rel="nofollow">बच्चे आप से कुछ बोल्ड पूछें, तो क्या जवाब दें</a> <br /><br />@Rahul Singhji<br />मास्टर्स-जानसन की तरह किशोरावस्था में भारत के ही डा प्रकाश कोठारी के लेख पढ़ने से दिमाग की बहुत सी बंद खिड़कियां खुली थीं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-37979938269861980372012-04-15T15:02:19.792+05:302012-04-15T15:02:19.792+05:30बहुत कुछ जो बाकी है ..निस्संदेह सार्थक होगा..रोचक ...बहुत कुछ जो बाकी है ..निस्संदेह सार्थक होगा..रोचक भी..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-69852262588362864122012-04-15T14:24:15.714+05:302012-04-15T14:24:15.714+05:30जहां जहां नासमझी है, वहां वहां शिक्षा की जरूरत है।...जहां जहां नासमझी है, वहां वहां शिक्षा की जरूरत है। <br /><br />बच्चों को शिक्षा दिये जाने पर भड़कना भी गलत है। प्रौढ़ों को इस बात के लिए शिक्षित तो किया ही जाना चाहिए कि यौन शिक्षा जरूरी है। यदि हम अपने बच्चों को सही शिक्षा नहीं दे पा रहे, अनाप शनाप ग्रंथी भरे चले जा रहे हैं तो स्कूल में गुरूजी को बताना ही पड़ेगा कि सही बात है क्या ? अब गुरूजी को ही सही बात नहीं मालूम तो सबसे पहले उनको ही शिक्षित किये जाने की जरूरत है। सभी स्तर से शिक्षित करने और शिक्षित होने की आवश्यकता है। इन सबके बीच एक मूल प्रश्न है कि वास्तव में सही है क्या? सही की खोज करते वक्त हमे अपने सामाजिक परिवेश को भी नहीं भूलना चाहिए। हमारे राष्ट्र की जनता दोहरी शिक्षा ग्रहण करती है। एक तरफ वे संपन्न लोग हैं जो अपने बच्चों को महंगे साधन संपन्न इंगलिश स्कूलों में पढ़ाते हैं दूसरी तरफ वे लोग हैं जो मुश्किल से अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेज रहे हैं कि वहां दोपहर का खाना मिल जाता है। दोनो बच्चों के एक ही पलड़े में तौल कर शिक्षित करने से मामला बिगड़ जायेगा। यह तो वही बात हुई कि गिनती आती नहीं और गुणा भाग सिखाने लगे। यह समस्या इसलिए भी बड़ी हो चली है कि हमारे देश में अभी तक सभी साक्षर नहीं हुए। <br /><br />जनसंख्या नियंत्रण पर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा। बहुत सी समस्याएं तो जनसंख्या विस्फोट का परिणाम है।<br />यौन शिक्षा से यदि जनसंख्या नियंत्रण पर बल मिले तो यह शिक्षा और भी लाभकारी हो जाय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57388209026033814022012-04-15T12:16:14.961+05:302012-04-15T12:16:14.961+05:30बच्चों को यौन शिक्षा का अर्थ क्या है? यह अनिवार्य ...बच्चों को यौन शिक्षा का अर्थ क्या है? यह अनिवार्य क्यों होना चाहिए? और जिन बच्चों को यौन शिक्षा नहीं दी गयी मतलब आज और कल तक की पूर्ववत प्रौढ़ पीढी, तो उनका यौन जीवन निर्वाह कैसे हुआ या हो रहा है?<br />.असल सवाल यह है इस उल्लेखित पीढ़ी का यौन शोषण कितना हुआ ?क्यों हुआ ?और आइन्दा के लिए इसे कैसे रोका जाए .आंकडें गवाह हैं -आलमी स्तर पर नाबालिगों के यौन शोषण के पीछे अपनों का ही ,बहुत परिचित लोगों का ही हाथ होता है .इनसे बचा कैसे जाए ?बचाया कैसे जाए आइन्दा के लिए नौनिहालों को .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-87226685088299528902012-04-15T12:13:28.501+05:302012-04-15T12:13:28.501+05:30लगता है अब हम समझने के लायक नहीं रहे!लगता है अब हम समझने के लायक नहीं रहे!P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-49198551890921039522012-04-15T10:30:01.489+05:302012-04-15T10:30:01.489+05:30यदि हम स्वयं कोई प्रारूप नहीं निर्धारित करेंगे तो ...यदि हम स्वयं कोई प्रारूप नहीं निर्धारित करेंगे तो कौन करेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75474595710755610422012-04-15T07:31:37.606+05:302012-04-15T07:31:37.606+05:30काफी जरूरी बात पर चर्चा शुरू किया अपने.
सेक्स शिक्...काफी जरूरी बात पर चर्चा शुरू किया अपने.<br />सेक्स शिक्षा जरूरी नहीं की स्कूल में हो पर अपने घर में सही सामने देखते ही वयस्कों को इसकी जरूरत समझते हुए देनी चाहिए.<br /><br />एक जानकारी की बात मैं भी बता दूं विशेषकर किशोरों के लिए. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चौथी या पांचवी मंजिल पे किशोरों के लिए काउंसलिंग की जाती है और किशोर अपने असमंजस का समाधान पा सकते हैं और क्या करें या क्या ना करें आदि भ्रांतियों से बच सकते हैं..<br /><br />शीघ्र अपने देश लौटने वाला हूँ....<br />व्यस्तता के कारण इतने दिनों ब्लॉग से दूर रहा.<br />नयी रचना समर्पित करता हूँ. उम्मीद है पुनः स्नेह से पूरित करेंगे.<br />राजेश नचिकेता.<br />http://swarnakshar.blogspot.ca/Rajesh Kumar 'Nachiketa'https://www.blogger.com/profile/14561203959655518033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-45657084366640010262012-04-15T06:59:49.079+05:302012-04-15T06:59:49.079+05:30Nice post.
एक संजीदा नसीहत ,
इंसान ग़लतियों से भी...Nice post.<br /><br />एक संजीदा नसीहत ,<br />इंसान ग़लतियों से भी सीखता है और सीखकर भी ग़लती करता है।<br />यौन विषय भी एक ऐसा ही विषय है कि इसमें ग़लतियां होने की और पांव फिसलने की संभावना बहुत है यानि कि डगर पनघट की कठिन बहुत है। कठिन होने के बावजूद लोग न सिर्फ़ इस पर चलते हैं बल्कि सरपट दौड़ते हैं।<br />इसी भागदौड़ में लोग बाग ठोकर खाकर गिर रहे हैं . इस समय हिंदी ब्लॉग जगत का ढर्रा यही है।<br /><br />ऐसा लगता है की इस देश में जवानों से ज़्यादा बूढों को यौन शिक्षा देने की ज्यादा जरुरत है.<br /><br /><b>"यौन शिक्षा देता है बड़ा ब्लॉगर": </b><br />http://tobeabigblogger.blogspot.com/2012/04/blog-post.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/04030809631254208656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-88529363592195792422012-04-15T01:36:21.454+05:302012-04-15T01:36:21.454+05:30नवभारत पर भी आपके ब्लॉग की निरंतर चर्चा है .सार्थ...नवभारत पर भी आपके ब्लॉग की निरंतर चर्चा है .सार्थक लिनक्स भेजने के लिए शुक्रिया .बाल यौन शोषण का मुद्दा गंभीर है .माँ बाप ही इशारे से समझा सकतें हैं बुनियादी बचावी पाठ .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77908098593899771722012-04-14T22:21:13.418+05:302012-04-14T22:21:13.418+05:30इतने खुलेपन को तो मैं भी सही मानती हूँ की बच्चे कि...इतने खुलेपन को तो मैं भी सही मानती हूँ की बच्चे किसी भी तरह शोषण का शिकार न हों...... बच्चों के साथ होने वाला यह दुर्व्यवहार हमारे समाज पर कलंक के समान है..... कई महत्वपूर्ण बिंदु लिए आलेख ... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48173843773292516602012-04-14T20:32:49.260+05:302012-04-14T20:32:49.260+05:30@अनुराग जी ,
भाई वाह ,एक एक हिदायतें गाँठ बाँध लेन...@अनुराग जी ,<br />भाई वाह ,एक एक हिदायतें गाँठ बाँध लेने की हैं ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-7886601429754911342012-04-14T20:31:43.224+05:302012-04-14T20:31:43.224+05:30@अली भाई ,
मेरा कंसर्न प्रौढ़ों यानी आपके या मेरे ...@अली भाई ,<br />मेरा कंसर्न प्रौढ़ों यानी आपके या मेरे यौन परफार्मेंस का कतई नहीं है -अब अंत में क्या ख़ाक मुसलमां होंगें ? <br />यह उन्हें इसलिए दिया जाना जरुरी है ताकि अगली पढी का जीवन नारकीय होने से बच सके ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8681299560642708542012-04-14T20:27:39.062+05:302012-04-14T20:27:39.062+05:30@सलिल जी ,बस बने रहिये आगे की राह बड़ी दुर्गम लग र...@सलिल जी ,बस बने रहिये आगे की राह बड़ी दुर्गम लग रही है ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18974009323613859502012-04-14T20:26:31.415+05:302012-04-14T20:26:31.415+05:30@सुज्ञ जी ,आपने महत्वपूर्ण बिंदु उठाये हैं ....मगर...@सुज्ञ जी ,आपने महत्वपूर्ण बिंदु उठाये हैं ....मगर सेक्स जीवन का एक वह पहलू है जिससे मनुष्य के जीवन के अनेक पर्फार्मेंसेज जुड़े हैं ...इसे गंभीरता से लेना होगा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11561202480600820332012-04-14T20:24:28.221+05:302012-04-14T20:24:28.221+05:30@आशीष जी बड़े मार्के की बात कही आपने (जैसा कि आप ह...@आशीष जी बड़े मार्के की बात कही आपने (जैसा कि आप हमेशा करते ही हैं ) मगर आज नगर वधुएँ तो हैं मगर उनके काम का निचला स्तर हो गया है .....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11428468911980784752012-04-14T20:20:30.098+05:302012-04-14T20:20:30.098+05:30@हिचकिचाहट वाली बात स्वाभाविक है ..बात कैसे कही जा...@हिचकिचाहट वाली बात स्वाभाविक है ..बात कैसे कही जाय यहाँ भी प्रोफेसनल्स की जरुरत है प्रौढ़ों को समझाने के लिए ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-65534528729196671902012-04-14T20:18:20.902+05:302012-04-14T20:18:20.902+05:30@संतोष जी अभी आगे आगे पढ़ते जाईये ...बहुत कुछ बाकी...@संतोष जी अभी आगे आगे पढ़ते जाईये ...बहुत कुछ बाकी है ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com