tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post3577564957426220020..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: .....अब आप भी प्रेम की रूहानी यादों में तनिक खो जाईये तो बात बनें!Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger49125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-15213764288121281162012-01-25T18:34:47.328+05:302012-01-25T18:34:47.328+05:30पूरी ग़ज़ल ऐसी है
दिल में एक लहर सी उठी है अभी
क...पूरी ग़ज़ल ऐसी है <br /><br />दिल में एक लहर सी उठी है अभी<br />कोई ताज़ा हवा चली है अभी<br /><br />शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में<br />कोई दीवार सी गिरी है अभी<br /><br />कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी<br />और यह चोट भी नई है अभी<br /><br />भरी दुनिया में जी नहीं लगता<br />जाने किस चीज़ की कमी है अभी<br /><br />तू शरीक़-ए-सुख़ाँ नहीं है तो क्या<br />हमसुखाँ तेरी ख़ामोशी है अभी<br /><br />याद के बेनिशाँ जज़ीरों से<br />तेरी आवाज़ आ रही है अभी<br /><br />शहर की बेचराग़ गलियों में<br />ज़िंदगी तुझको ढूँढती है अभी<br /><br />सो गए लोग उस हवेली के<br />एक खिड़की मगर खुली है अभी<br /><br />तुम तो यारों अभी से उठ बैठै<br />शहर में रात जागती है अभी<br /><br />वक़्त अच्छा भी आएगा 'नासीर'<br />ग़म ना कर ज़िंदगी पडी है अभी<br />~नासिर काज़मीnimishhttps://www.blogger.com/profile/03895455868696863964noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-60147865296166342482010-08-02T23:08:54.194+05:302010-08-02T23:08:54.194+05:30सब कुछ भीगा भागा सा है. मौसम ही गाने का है.
रामरा...सब कुछ भीगा भागा सा है. मौसम ही गाने का है.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81649718752726501662010-08-02T17:43:41.550+05:302010-08-02T17:43:41.550+05:30hmm ....गज़लें ...उदासियों में ही ज्यादा करीब लगती ...hmm ....गज़लें ...उदासियों में ही ज्यादा करीब लगती हैं..<br />बाक़ी ..बारिशों का असर पोस्ट पर /tippaniyon में दिख ही रहा है ..<br /><br /><a href="http://merekuchhgeet.blogspot.com/2010/08/blog-post.html" rel="nofollow"><br /><b>किशोर दा को सौरभ श्रीवास्तव की स्वरांजलि</b></a>Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2398954986933247362010-08-02T15:10:36.274+05:302010-08-02T15:10:36.274+05:30खोना तो शायद हर कोई चाहे, पर जमाना खोने दे तब न।
...<b><br />खोना तो शायद हर कोई चाहे, पर जमाना खोने दे तब न।<br /></b><br />…………..<br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">स्टोनहेंज के रहस्यमय पत्थर।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या यह एक मुश्किल पहेली है?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79849371225727438702010-08-02T13:10:07.682+05:302010-08-02T13:10:07.682+05:30बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने! उम्दा प्रस्तुती!
...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने! उम्दा प्रस्तुती!<br />मित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-88612366837240454682010-08-02T12:59:50.836+05:302010-08-02T12:59:50.836+05:30एक नया अंदाज़ देख आनंद आ गया ....शुभकामनायें !एक नया अंदाज़ देख आनंद आ गया ....शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73166029998645304812010-08-02T12:27:01.299+05:302010-08-02T12:27:01.299+05:30oh" je wali baat ....
phir to kinare se kat ...oh" je wali baat ....<br /><br />phir to kinare se kat le..<br /><br />hamne to is se khud ko badar kar rakha hai.<br /><br />bakiya tipnni pratitippani paristhiti ki najukta bayan kar raha hai.<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-9948856175790783832010-08-02T12:04:16.317+05:302010-08-02T12:04:16.317+05:30@तो गोया यह सावन की खुराफात है ..मेरा जी नाहक ही ह...@तो गोया यह सावन की खुराफात है ..मेरा जी नाहक ही हलकान हुआ जा रहा है !दुरुस्त बात, जैसा आप कहें !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41175365967556632772010-08-02T12:01:34.675+05:302010-08-02T12:01:34.675+05:30क्या इतना आसान है माज़ी से हृद्य को रिक्त कर देना?
...क्या इतना आसान है माज़ी से हृद्य को रिक्त कर देना?<br /><br />रहने दीजिये मन के किसी कोने में, सावन के सुहाने मौसम में, कभी-कभी निकालने के लिये:<br /><br /><a href="http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%A8_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87_%E0%A4%AE%E0%A5%8C%E0%A4%B8%E0%A4%AE_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82_/_%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF_%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%AF" rel="nofollow">खिलते हैं दिलों में फूल सनम सावन के सुहाने मौसम में</a><br /><br />और बकौल गालिब:<br /><br />गालिब छुटी शराब, पर अब भी कभी कभी,<br />पीता हूँ रोज़े-अब्रो-शबे-माहताब में.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-61838804046486276872010-08-02T11:40:34.398+05:302010-08-02T11:40:34.398+05:30Zeashan,हर सितारा बेसहारा सोच में डूबा हुआ
कोई ...Zeashan,हर सितारा बेसहारा सोच में डूबा हुआ<br /><br /><br /><br />कोई नहीं मेरा इस दुनिया में जिंदिगी नाशाद है....<br /><br />AAh.....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-86723334696603059552010-08-02T11:38:28.071+05:302010-08-02T11:38:28.071+05:30वाह मित्र भूत भंजक ,आपने इन कालजयी रचनाओं को सामने...वाह मित्र भूत भंजक ,आपने इन कालजयी रचनाओं को सामने रख सत्याभास् करा दिया -मैं किंचित मोहग्रस्त हो रहा था पार्थ ! <br /><br />कई पंक्तियाँ और तिर आयी हैं मन में ...बच्चन तो अतीत जीवी हैं ही नहीं.....जो बीत गयी सो बात गयी ...नीड़ का निर्माण फिर फिर ......<br />और प्रसाद भी आशा और उछाह के कवि हैं --पथिक आ गया एक न मैंने पहचाना हुए नहीं पद्शब्द न मैंने जाना ....<br />क्या करूं माजी से ह्रदय को रिक्त कर दूं ? बताईये न ?? बन जाइए न उद्धव कुछ देर के लिए मानवता के त्राण की खातिर ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82128055563583098902010-08-02T11:19:51.766+05:302010-08-02T11:19:51.766+05:30प्रेम में विरह की एक खूबसूरत अभिव्यक्ति :-
चाँद इक...प्रेम में विरह की एक खूबसूरत अभिव्यक्ति :-<br />चाँद इक बेवा की चूड़ी की तरह टूटा हुआ, <br />हर सितारा बेसहारा सोच में डूबा हुआ<br />गम के बादल एक जनाज़े की तरह ठहरे हुए,<br />हिचकियों के साज़ पर कहता है दिल रोता हुआ,<br />कोई नहीं मेरा इस दुनिया में जिंदिगी नाशाद है....zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47038087895010597542010-08-02T11:19:05.508+05:302010-08-02T11:19:05.508+05:30चलिये अब आपने कुरेद ही दिये हैं जख़्म तो फ़िर और लीज...चलिये अब आपने कुरेद ही दिये हैं जख़्म तो फ़िर और लीजिये:<br /><br />मिल भी जाएं वो अगर क्या बेवफ़ा कह पाउंगा?<br />हद से हद होगा यही मैं देखता रह जाउंगा।<br /><br />और फ़िर बच्चन जी की पंक्तियां:<br /><br />उस प्याले से प्यार मुझे जो दूर हथेली से प्याला,<br />उस हाला से चाव मुझे जो दूर अधर मुख से हाला.<br />प्यार नहीं पा जाने में है, पाने के अरमानों में,<br />पा जाता तब हाय न इतनी प्यारी लगती मधुशाला.<br /><br />प्रसाद की कामायनी भी याद आ रही है:<br /><br />विस्मृत हों वे बीती बातें अब जिनमें कुछ सार नहीं,<br />वह जलती क्षाती न रही अब वैसा शीतल प्यार नहीं,<br />सब अतीत में लीन हो चलीं, आशा, मधु-अभिलाषाएं,<br />प्रिय की निष्ठुर विजय हुई पर ये तो मेरी हार नहीं.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12462624048360187382010-08-02T11:14:29.520+05:302010-08-02T11:14:29.520+05:30क्या आपने हिंदी ब्लॉग संकलन के नए अवतार हमारीवाणी ...क्या आपने हिंदी ब्लॉग संकलन के नए अवतार <b><a href="http://hamarivani.com" rel="nofollow">हमारीवाणी</a></b> पर अपना ब्लॉग पंजीकृत करा लिया है? <br /><br /><a href="http://www.hamarivani.com/signup.php" rel="nofollow">इसके लिए आपको यहाँ चटका (click) लगा कर अपनी ID बनानी पड़ेगी</a>, उसके उपरान्त प्रष्ट में सबसे ऊपर, बाएँ ओर लिखे विकल्प <b>"लोगिन"</b> पर चटका लगा कर अपनी ID और कूटशब्द (Password) भरना है. लोगिन होने के उपरान्त`<b><a href="http://www.hamarivani.com/myprofile.php%22" rel="nofollow">मेरी प्रोफाइल"</a></b> नमक कालम में अथवा प्रष्ट के एकदम नीचे दिए गए लिंक <b><a href="http://www.hamarivani.com/submit_blog.php%22" rel="nofollow">अपना ब्लाग सुझाये"</a></b> पर चटका (click) लगा कर अपने ब्लॉग का पता भरना है. <br /><br />हमारे सदस्य <b><a href="http://www.hamarivani.com/myprofile.php%22" rel="nofollow">मेरी प्रोफाइल"</a></b>में जाकर अपनी फोटो भी अपलोड कर सकते हैं अथवा अगर आपके पास "वेब केमरा" है तो तुरंत खींच भी सकते हैं.<br /><br /><a href="http://hamarivani.blogspot.com" rel="nofollow">http://hamarivani.blogspot.com</a>हमारीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/02677178735599301399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70589294985093714682010-08-02T09:49:03.907+05:302010-08-02T09:49:03.907+05:30एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ...एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!<br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/08/4_02.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !</a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81688843338171871842010-08-02T08:42:58.375+05:302010-08-02T08:42:58.375+05:30" वाह वाह इन जख्मो को तनिक हरा ही रहने दीजिये..." वाह वाह इन जख्मो को तनिक हरा ही रहने दीजिये देखिये न क्या खुबसूरत गजले निकल कर लाये हैं आप..........प्रेम की रूहानी यादों का सफ़र यूँही दिलचस्प रहे" <br />वक़्त अच्छा भी आयेगा नासिर<br />ग़म न कर ज़िन्दगी पड़ी है अभी<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82049428076788418052010-08-02T07:29:10.888+05:302010-08-02T07:29:10.888+05:30हाय!! ये जख़्म!! उफ्फ!हाय!! ये जख़्म!! उफ्फ!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-37783837186137384072010-08-02T07:06:23.815+05:302010-08-02T07:06:23.815+05:30मित्र भूत भंजक ,आप आये उनकी याद लेकर आये
अब होम कर...मित्र भूत भंजक ,आप आये उनकी याद लेकर आये<br />अब होम करने में हाथ तो जलता ही हैं ,इसकी फ़िक्र क्यूं की जाय भला ! बशीर बद्र के इस शेर के लिए शुक्रिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77241368665610747942010-08-02T07:01:04.319+05:302010-08-02T07:01:04.319+05:30दोनों ही गज़लें नासिर नासिर काजमी की ही हैं.
मेरे...दोनों ही गज़लें नासिर नासिर काजमी की ही हैं.<br /><br />मेरे दिल की राख़ कुरेद मत, इसे मुस्कुरा के हवा न दे.<br />ये चराग फ़िर भी चराग है कहीं तेरा हाथ जला न दे.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16646962915874438662010-08-02T06:28:03.433+05:302010-08-02T06:28:03.433+05:30संवेदना के स्वर
क्या गजल और कैसे अल्फाज -सीना चाक ...संवेदना के स्वर<br />क्या गजल और कैसे अल्फाज -सीना चाक भला क्यों न हो जाय ..<br />कोपलें फिर फूटी हैं ...<br />भूली बिसरी चंद उमीदे चंद फ़साने याद आ आये<br />तुम याद आये साथ तुम्हारे गुजरे जमाने याद आये<br />ये पूरी गजल तो फिर आपने सुनी ही होगी ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48451952292803986592010-08-02T05:24:36.343+05:302010-08-02T05:24:36.343+05:30बस यह कहने आया हूँ कि दूसरी वाली ग़जल उस लम्बे प्र...बस यह कहने आया हूँ कि दूसरी वाली ग़जल उस लम्बे प्रेमपत्र में आनी थी। हॉस्टल में मेस अटेंडेंट ने सुना सुना कर याद करवा दिया था ! उसे भी आप की ही तरह नहीं पता था ... अब नहीं आएगी :) <br />और<br />@ कल चौदहंवी की रात थी ...शब् भर रहा चर्चा तेरा ...<br />आवारगी के एक विशेष कालखण्ड में यह गायन भी आना था ... देख रहा हूँ सबके तार झंकृत हुए थे कभी न कभी एक अनूठी तान पर !गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16469928239397700952010-08-02T00:04:59.567+05:302010-08-02T00:04:59.567+05:30पंडित जी,
अब क्या टिप्पणी दें..पूरी दास्तान पढ़ने (...पंडित जी,<br />अब क्या टिप्पणी दें..पूरी दास्तान पढ़ने (इशारों इशारों में जो बयान किया) के बाद हाथ दिल से जुदा नहीं होता. मगर क्या करें, कमबख़्त दिल है कि मानता नहीं... सो हमने भी सोचा इस नाज़ुक मौके पर आपके साथ खड़े हो जाएँ... वैसे भी जो आईना आपने दिखाया है, उसमें हर किसी को अपना ही अक्स नज़र आता है...<br />अंत में मेहदी हसन साहब (इत्तेफाक़न मेरे भी फेवरिट हैं) कि ये ग़ज़ल आपने मिस कर दी, जो इस उमर में आपका हाले दिल बयान करता हैः<br />.<br />कोंपलें फिर फूट आईं शाख़ पर कहना उसे<br />वो न समझा है न समझेगा मगर कहना उसे<br /><br />वक़्त का तूफ़ान हर इक शय बहा कर ले गया<br />इतनी तन्हा हो गई है रहगुज़र कहना उसे<br /><br />रिस रहा हो ख़ून दिल से लब मगर हँसते रहे<br />कर गया बरबाद मुझको ये हुनर कहना उसे<br /><br />जिसने ज़ख़्मों से मेरा 'शहज़ाद' सीना भर दिया<br />मुस्करा कर आज प्यारे चारागर कहना उसेसम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-45200923402456654482010-08-01T23:52:09.227+05:302010-08-01T23:52:09.227+05:30इतनी अच्छी प्रस्तुति के लिए आभार.इतनी अच्छी प्रस्तुति के लिए आभार.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33114664932907200442010-08-01T23:23:25.268+05:302010-08-01T23:23:25.268+05:30किसी और के कंप्यूटर पर बैठा हूँ... पहले का कॉपी कि...किसी और के कंप्यूटर पर बैठा हूँ... पहले का कॉपी किया हुआ पेस्ट हो गया आपके टिपण्णी बक्से में और पिछले से पिछला वाला कमेन्ट वही था.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68690686632745754242010-08-01T23:14:06.018+05:302010-08-01T23:14:06.018+05:30वो कभी मिल जाएँ तो ! सच्ची कहूं तो डायलेमा हो जाएग...वो कभी मिल जाएँ तो ! सच्ची कहूं तो डायलेमा हो जाएगा. क्या करें क्या न करें...Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.com