tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post2418009155418624824..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: तन ना भयो दस बीस ऊधो!Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11521109016382314542010-06-05T08:53:04.826+05:302010-06-05T08:53:04.826+05:30ऊधौ बिफर उठे - क्यों?ऊधौ बिफर उठे - क्यों?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84646381540600593062010-05-29T11:59:35.723+05:302010-05-29T11:59:35.723+05:30bahut hi gahra kataksh kiya hai.bahut hi gahra kataksh kiya hai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-17317934132099246632010-05-28T21:01:10.439+05:302010-05-28T21:01:10.439+05:30हठेली और हटेली पोस्ट... अली जी, सतीश जी और जील की ...हठेली और हटेली पोस्ट... अली जी, सतीश जी और जील की टिप्पणियाँ इसे और सार्थकता प्रदान कर रही हैं. अल्पना जी और वाणी जी ने भी सही पॉइंट उठाया है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12551562007203061622010-05-28T20:05:28.561+05:302010-05-28T20:05:28.561+05:30शानदार पोस्ट !शानदार पोस्ट !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-63077251970821012222010-05-28T19:50:01.068+05:302010-05-28T19:50:01.068+05:30@ हे माडर्न गोपिके , ,तुम्हारी व्याख्या बड़ी दार्श...@ हे माडर्न गोपिके , ,तुम्हारी व्याख्या बड़ी दार्शनिक है -कलजुगी ऊधौ जैसे देहवादियों की समझ में नहीं आती!<br />वे न मन के फेर में पड़ते हैं न मनमानी करते हैं ....उनका फंडा बहुत साफ़ है तन से मन तक की दूरी बहुत करीब है जबकि उलटे बहुत लम्बी यात्रा है ....इतना धैर्य आज के इस अधैर्य युग में कहाँ किसके पास है ....जिनके पास है वे ज्यादातर धोखे बाज हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-22901688674506346112010-05-28T14:37:49.620+05:302010-05-28T14:37:49.620+05:30Oye Udhav !
Mann ke do Gun hote hain-
1-ekatwa [...Oye Udhav !<br /><br />Mann ke do Gun hote hain-<br /><br />1-ekatwa [singularity]<br />2-Anutwa [ Sukshma (small)-atomic property]<br /><br />A single 'mann' can associate with millon men at a time by virtue of its 'anutwa'.<br /><br />Eg- A single needle can pierce many lotus leaves in just one go.<br /><br />"Har shaakh pe kaanha baitha hai,<br /> Anjaame 'Gopi' kya hoga? <br /> Barbaad samast kanhaaon ko,<br /> Bas ek hi Gopi kafi hai. "<br /><br />Ek mann aur Ek tan kafi hain.<br /><br />aabhar,<br />Modern Gopi,<br />DivyaZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-62596311755208506082010-05-28T12:13:26.324+05:302010-05-28T12:13:26.324+05:30कलयुगी गोपियों और ऊधो के बहाने आजके मनों की अच्छी ...कलयुगी गोपियों और ऊधो के बहाने आजके मनों की अच्छी खबर ली है। पर आश्चर्य कि आपकी खबर लेने वा... नदारद हैं।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-9840073997208940242010-05-28T12:11:42.822+05:302010-05-28T12:11:42.822+05:30बहुत बढ़िया विश्लेषण.....बहुत बढ़िया विश्लेषण.....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-62056677495895670712010-05-28T11:52:35.718+05:302010-05-28T11:52:35.718+05:30Baapre baap! Kya qalam ghumayi hai,ki,dimag chakra...Baapre baap! Kya qalam ghumayi hai,ki,dimag chakra gaya!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57361968639170318902010-05-28T10:10:41.746+05:302010-05-28T10:10:41.746+05:30@अली सा व्यंग की नोक दिखती कहीं और चुभती कहीं और ह...@अली सा व्यंग की नोक दिखती कहीं और चुभती कहीं और है .....बहरहाल आपका अनुमोदन मिला जर्रानवाजी का शुक्रिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-67585395451234593912010-05-28T09:17:51.938+05:302010-05-28T09:17:51.938+05:30"और मन की बात करते करते जब मन की कर बैठते हैं..."और मन की बात करते करते जब मन की कर बैठते हैं तब तक देर हो गयी रहती है "<br /><br />देखिये प्रथम द्रष्टया यह सम्वाद द्विअर्थी तो है ही , किंतु इसके साथ आलेख का मूल स्वर भी कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना प्रतीत होता है :)<br /><br />पंडित जी मैं अक्सर सोच में पड जाता हूं कि हमें ईश भक्ति में लीन देहों का चित्रण स्त्री रूप में करना ही क्यों भाता है :)<br /><br />...और शायद यही कारण है कि हम देवियों के अवतारों /आख्यानों की तुलना में देव अवतारों /आख्यानों को प्राथमिकता देते है :)<br /><br />खैर ...आपके आलेख को केवल द्विअर्थी कह कर खारिज़ करना ज्यादती होगी ! व्यक्तिगत रूप से हम यह मह्सूस कर पा रहे हैं कि आपका आलेख आपके सन्देश /आशय को संचरित करने में सफल है ! संक्षेप में कहें तो रचना के गूढार्थ मनोहारी हैं :)<br /><br />( पुनश्च: कृपया इस अकिंचन / नराधम की टीप को भी उभयार्थ मे विश्लेषित /स्वीकार किया जाये )उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-80523927810037479822010-05-28T07:02:36.742+05:302010-05-28T07:02:36.742+05:30कृष्ण के निष्काम कर्मयोग को परे रख कर महज उनकी लील...कृष्ण के निष्काम कर्मयोग को परे रख कर महज उनकी लीला की लीला दिखा कर भरमाने वाले आधुनिक कृष्ण कन्हैयाओं पर गहरी चोट की है .....<br />हमारे देश की बहुसंख्यक आबादी का यही दुर्भाग्य है कि अपनी पुरातन संस्कृति और परम्पराओं या पाश्चात्य संस्कृति से हम सिर्फ कूड़ा करकट ही छाँट पाते हैं ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-30057791136406330952010-05-28T06:20:42.105+05:302010-05-28T06:20:42.105+05:30निज मन की व्यथा मन ही रखो गोय
महाराज जी ऐसा लगता ...निज मन की व्यथा मन ही रखो गोय <br />महाराज जी ऐसा लगता है कि पावर कट के कारण नींद पूरी नही हो रही है और ऐसे वैसे ख्याल आ रहे है हे प्रभु इन्हे वह वस्तु कदापि ना देना जो तुम्हारे पास थी तथा तुमने उधो को बताई नही थी<br /> वैसे विचार सामयिक व वय के अनुरूप ही हैarun prakashhttps://www.blogger.com/profile/11575067283732765247noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74632328602250218922010-05-28T06:01:51.379+05:302010-05-28T06:01:51.379+05:30आह..ह....कथा चालू रखें महराज। आंनदम....आनंदम।
इस...आह..ह....कथा चालू रखें महराज। आंनदम....आनंदम।<br /><br /> इस तरह के हटेले पोस्टों की मेरा मतलब है हट कर विषय उठाने वाली पोस्टों की काफी दरकार है :)<br /><br />।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58102240376314296352010-05-28T05:35:41.529+05:302010-05-28T05:35:41.529+05:30@शुक्रिया अल्पना जी ,रचनाएं तो कालजयी होती हैं तात...@शुक्रिया अल्पना जी ,रचनाएं तो कालजयी होती हैं तात्कालिक स्थितियों -परिस्थितियों से निरपेक्ष! और कोई एक भी सजग पाठक इनके मर्म को समझ जाय तो भी ये धन्य हुई रहती हैं -आपने सीधे मर्म को इंगित कर ही लिया है -रचनाकार आश्वस्त हुआ !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57084153062310673382010-05-28T02:24:10.551+05:302010-05-28T02:24:10.551+05:30कलजुगी गाथा!
हरी ओम!
जय श्री कृष्ण!
राधे राधे!
ऐसी...कलजुगी गाथा!<br />हरी ओम!<br />जय श्री कृष्ण!<br />राधे राधे!<br />ऐसी गोपियाँ !ऐसे उधो..और मनवादी किशन.......राम!राम !राम!<br />घोर कलजुग है!<br />----------<br />जोक्स अपार्ट ...-'वास्तविकता का वर्णन कर रहे हैं या खास 'किन्हीं को' चेतावनी दे रहे हैं ..?'<br />.............<br />[खासकर]इस पोस्ट का भविष्य...क्या अपेक्षित प्रतिक्रियाँ मिलेंगी...?<br />नहीं...आज कल ब्लागस्पाट के ब्लॉग खुल नहीं रहे..पवार कट से परेशान ब्लॉगर...लो शेद्डिंग ने या ज्यादा लोड लेने पर तारें जल गयीं ..शोर्ट सर्किट हो गए..और भी न जाने कितनी समस्याएं हैं इन दिनों ..उस में यह पोस्ट अपने उद्देश्य में कितनी सार्थक होगी..??<br />[बाय दी वे... आल दी बेस्ट!]Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12025717680779082772010-05-28T02:04:16.295+05:302010-05-28T02:04:16.295+05:30वाह बहुत बढ़िया और मज़ेदार लगा! उम्दा प्रस्तुती!वाह बहुत बढ़िया और मज़ेदार लगा! उम्दा प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-35023551714777725432010-05-27T23:53:54.922+05:302010-05-27T23:53:54.922+05:30वाह उधौ महाराज। सच में मजा आ गया। बढिय़ा पोस्ट।
ht...वाह उधौ महाराज। सच में मजा आ गया। बढिय़ा पोस्ट।<br /><br />http://udbhavna.blogspot.com/पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.com