tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post1580437364422342276..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: चिनहट से विदाई (सेवा संस्मरण -11) Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-7381336939706286462013-11-30T21:16:05.904+05:302013-11-30T21:16:05.904+05:30एक अकेला इस शहर में, ऐसे हजारों अकेलों से भरा शहर ...एक अकेला इस शहर में, ऐसे हजारों अकेलों से भरा शहर और चिनहट।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11584242599486236932013-11-20T14:39:07.274+05:302013-11-20T14:39:07.274+05:30 यह सबकुछ स्मृति से ही लिखा जा रहा है तो गज़ब है स्... यह सबकुछ स्मृति से ही लिखा जा रहा है तो गज़ब है स्मरण शक्ति !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70210882775060653032013-11-19T16:43:23.012+05:302013-11-19T16:43:23.012+05:30अच्छी रही चिनहट की विदाई.. अच्छी रही चिनहट की विदाई.. Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-61753534886474980732013-11-19T13:04:32.104+05:302013-11-19T13:04:32.104+05:30रोचक रहा ये चिनहट संस्मरण । घडियाल सेंक्चुअरी के ब...रोचक रहा ये चिनहट संस्मरण । घडियाल सेंक्चुअरी के बारे में कबी विस्तार से बतायें। बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आ पाई। पीछे का भी पढूंगी आराम से।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-10983804733619534932013-11-19T08:13:41.527+05:302013-11-19T08:13:41.527+05:30देश के हर जगह में कमोबेश यही हाल है. देश के हर जगह में कमोबेश यही हाल है. ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73698256904084841512013-11-18T14:01:18.562+05:302013-11-18T14:01:18.562+05:30ऐसे पिक्मिक स्पोट पे जाने मन तो जरूर करता होगा ......ऐसे पिक्मिक स्पोट पे जाने मन तो जरूर करता होगा ... छुप छुप के जाते तो यादें कुछ और होतीं ... हा हा ... कई रंग लिए जीवन के आपका संस्मरण रोचक चल रहा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-71925354888925060412013-11-18T09:23:14.015+05:302013-11-18T09:23:14.015+05:30बहुत से रंग समेटे है आपके ये संस्मरण ..... पढ़ रहे ...बहुत से रंग समेटे है आपके ये संस्मरण ..... पढ़ रहे हैं , शुभकामनायें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81643116450581974032013-11-17T23:02:11.906+05:302013-11-17T23:02:11.906+05:30देख सब माया वादी खेल ,
झेल रे प्राणी अब तू झेल।
...देख सब माया वादी खेल ,<br /><br />झेल रे प्राणी अब तू झेल। <br /><br />संमरन बढ़िया चाल अकड़े है रे भाई !virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-24399379497200103982013-11-17T22:40:13.920+05:302013-11-17T22:40:13.920+05:30यह आपने बढ़िया किया कि सरकारी कार्यकाल को लिपिबद्ध ...यह आपने बढ़िया किया कि सरकारी कार्यकाल को लिपिबद्ध कर दिया , अन्यथा बहुत सी बातें याद ही नहीं रहतीं !<br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14509094982587213222013-11-17T19:58:54.228+05:302013-11-17T19:58:54.228+05:30हा हा इस तरह की कई जगहें प्रसिद्ध रहती हैं अपने अप...हा हा इस तरह की कई जगहें प्रसिद्ध रहती हैं अपने अपने जमाने की, और कुछ अब भी प्रसिद्ध होती है.. बढ़िया संस्मरण चल रहा है, हम भी वैसे कहीं नई जगह जाते हैं तो केवल १ सूटकेस में अपने जरूरत की चीजें आ जाती हैं और एक अदद लेपटॉप बैग..विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-7789162411282090462013-11-17T19:32:45.580+05:302013-11-17T19:32:45.580+05:30झांसी चला जाये।झांसी चला जाये।अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66499938989582587162013-11-17T19:16:55.975+05:302013-11-17T19:16:55.975+05:30कुकरैल पिकनिक स्पॉट के बारे में आपने बहुत रोचक जान...कुकरैल पिकनिक स्पॉट के बारे में आपने बहुत रोचक जानदारी थी। देखिए न, मैं उस स्थान से ज्यादा दूर नहीं रहता हूँ लेकिन इधर जाना नहीं हो पाया। जब इंदिरानगर में कोषाधिकारी के रूप में पाँच महीने का प्रशिक्षण (१९९९ में) ले रहा था उसी दौरान अपनी नयी नवेली दुल्हन को लेकर लखनऊ के तमाम घूमने लायक स्थानों का चक्कार लगाया था। उसी क्रम में कुकरैल भी जाना हुआ था जहाँ के कीचड़ में सने मगरमच्छों को देखने के बाद बोरियत हो गयी थी और हम जल्दी ही वहाँ से लौट गये थे।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-49318172264111222532013-11-17T13:13:34.127+05:302013-11-17T13:13:34.127+05:30अतीत के चल-चित्र मानव को, उज्ज्वल भविष्य की ओर बढन...अतीत के चल-चित्र मानव को, उज्ज्वल भविष्य की ओर बढने में, प्रेरक की भूमिका निभाते हैं ।शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.com