tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post1192150158345942192..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: रायशुमारी का नतीजा -क्या भारत को पी ओ के के आतंकी ठिकानों पर आक्रमण कर देना चाहिए ?Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58105580109112598592008-12-18T11:00:00.000+05:302008-12-18T11:00:00.000+05:30आपके प्रोत्साहन के लिये हार्दिक आभार। आगे भी इसी त...आपके प्रोत्साहन के लिये हार्दिक आभार। आगे भी इसी तरह के शोधपरक लेख आपको और देखने के लिये मिलेगें। आपका ब्लॉग का भी मेरे लिए अध्य्यन और रूचि का विषय है, जिसके परिणाम आपको जल्द ही देखने को मिलेगें।इरशाद अलीhttps://www.blogger.com/profile/15303810725164499298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-19105023674536191162008-12-16T16:22:00.000+05:302008-12-16T16:22:00.000+05:30काश, इस रायशुमारी से नेतागण भी कुछ सीखें।काश, इस रायशुमारी से नेतागण भी कुछ सीखें।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-25826614633414458792008-12-14T09:21:00.000+05:302008-12-14T09:21:00.000+05:30अभिषेक जी की बात एकदम सही है । पाकिस्तान की सीमा प...अभिषेक जी की बात एकदम सही है । पाकिस्तान की सीमा पर ही समस्या नहीं है । जडें तो अंदर तक फ़ैली हैं । वैसे भी युद्ध होगा , तो भारत को दो मोर्चों परएक साथ सामना करना होगा । हमारे अपने देश के भीतर भी कई छोटे - बडॆ पाकिस्तान पनप गये हैं और ना जाने मौलाना मसूद अज़हर मौजूद हैं । पहले इनका सफ़ाया ज़रुरी है । क्मज़ोर इच्छाशक्ति वाले नेतृत्व के साथ युद्ध लडना अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने के सिवाय कुछ नहीं ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81045867043450428982008-12-14T01:34:00.000+05:302008-12-14T01:34:00.000+05:30क्या केवल पी ओ के में ही आतंकवादी हैं. मैं नहीं म...क्या केवल पी ओ के में ही आतंकवादी हैं. मैं नहीं मानता. <BR/>कराची में एक सब्जी बेचने वाला आतंकवादी हो सकता है. एक दूकान वाला, एक रिक्शा वाला कोई भी, एक डॉक्टर, इंजिनियर, प्रोफेसर, वकील... कोई भी !<BR/>अगर पी ओ के साफ़ करें तो ऐसे कैम्प खड़े करने में कितनी देर लगेगी?<BR/>मैं बहुत ज्यादा समर्थन करता हूँ ऐसे युद्ध का. पर इसके साथ ये दो लेख पढिये... <BR/><BR/>ये करने की बहुत जरुरत है:<BR/><BR/>http://www.rediff.com/money/2008/dec/10mumterror-8-things-india-inc-govt-must-do-against-pakistan.htm<BR/><BR/>http://www.rediff.com/money/2008/dec/11mumterror-12-steps-to-shock-and-awe-pak-economy.htmAbhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18092839251494636142008-12-13T20:49:00.000+05:302008-12-13T20:49:00.000+05:30इस मामले मे मैं पूरी तरह आ. पान्डेय जी से पुरी तरह...इस मामले मे मैं पूरी तरह आ. पान्डेय जी से पुरी तरह सहमत हुं अक्षरश !<BR/><BR/>राम राम !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57643940852547409192008-12-13T18:37:00.000+05:302008-12-13T18:37:00.000+05:30यदि हम युद्ध कर पायें और निभा पायें !!!!!तो यह होन...यदि हम युद्ध कर पायें और निभा पायें !!!!!<BR/>तो यह होना ही चाहिए !!!!<BR/><BR/>पर गरमागरम हथोडे की चोट ज्यादा बेहतर रहती है!!!प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-55678845668518895822008-12-13T17:56:00.000+05:302008-12-13T17:56:00.000+05:30सही है - आंख के बदले आंख नहीं, आंख के बदले दोनो आं...सही है - आंख के बदले आंख नहीं, आंख के बदले दोनो आंख की पॉलिसी होनी चाहिये। पर यह जरूर हो कि हम दोनो आंखें निकाल पायें। <BR/>यह जोश अगर कायम रहे तो सरकार कुछ करने का उद्यम करेगी। अन्यथा खानापूरी हो कर रह जायेगी। <BR/>कम से कम काम तो अफजल को फांसी के जेश्चर से होना चाहिये था।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77776689158437825212008-12-13T17:07:00.000+05:302008-12-13T17:07:00.000+05:30अब देर किस बात की जब सारे सवूत मिल गये , ओर पाकिस्...अब देर किस बात की जब सारे सवूत मिल गये , ओर पाकिस्तान मान भी गया, ओर फ़िर अकड भी रहा है, तो क ही रास्ता है या तो वो हमारे अपराधी हमे दें, वरना कोई धमकी नही.... बस एक्संन.. जीयो तो शान से मरो तो शान से.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com