tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post9085480327241574710..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: वर्धा सम्मलेन पार्ट 4...कुछ और अब तक अनकहा! Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66518429928273938562013-09-28T23:29:25.192+05:302013-09-28T23:29:25.192+05:30सभागारों में चाय पीने की अनुमति नहीं होती है। यह स...सभागारों में चाय पीने की अनुमति नहीं होती है। यह सबको जान लेना चाहिए1 बशर्ते कि पीने वाले, अध्यादेश फाडूओं के समकक्ष न हों। अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-20834694656603735322013-09-28T05:40:51.600+05:302013-09-28T05:40:51.600+05:30सुन्दर पोस्ट सर सुन्दर पोस्ट सर जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-61045584978441477212013-09-27T15:32:35.678+05:302013-09-27T15:32:35.678+05:30और भी अनकही सुनने के लिए उत्सुकता जाग्रत हो उठी..और भी अनकही सुनने के लिए उत्सुकता जाग्रत हो उठी..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-62676468189684164472013-09-27T14:32:29.125+05:302013-09-27T14:32:29.125+05:30सत्र संचालक इष्टदेव सांकृत्यायन थे -मेरे शरीर सौष्...सत्र संचालक इष्टदेव सांकृत्यायन थे -मेरे शरीर सौष्ठव की तुलना में एक क्षीण काया पुरुष! <br />VLCC वाले चाहें तो अपने विज्ञापन में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपकी फोटो पहले वाली और इष्टदेव जी की बाद वाली :)Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66367418821813554162013-09-27T14:22:28.679+05:302013-09-27T14:22:28.679+05:30संतोष जी दिनेश जी और उससे जुड़े सहमति के सारे स्वर...संतोष जी दिनेश जी और उससे जुड़े सहमति के सारे स्वरों में मेरा भी स्वर मजबूती से शामिल हो। कब कहां आना है बताएं।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-52665388721860824852013-09-27T10:29:34.393+05:302013-09-27T10:29:34.393+05:30kinhi ek se sahmat hoyen ya sabse kya fark parta h...kinhi ek se sahmat hoyen ya sabse kya fark parta hai baat to ek hi hogi<br /><br /><br /><br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46451335662887558402013-09-27T10:28:32.237+05:302013-09-27T10:28:32.237+05:30चाय पीड़ितों की हाय
किसी को खा ना जाएचाय पीड़ितों की हाय <br />किसी को खा ना जाएबी एस पाबलाhttp://bspabla.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-61448299843695365572013-09-27T10:03:07.329+05:302013-09-27T10:03:07.329+05:30रोचक संस्मरण साझा कर रहे हैं आप यदि लाईव टेलिकास्ट...रोचक संस्मरण साझा कर रहे हैं आप यदि लाईव टेलिकास्ट किया होता तो आनंद आता. अबकि बार यह व्यव्स्था क्यों नही की गयी?<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-90650171331821679842013-09-27T08:08:09.523+05:302013-09-27T08:08:09.523+05:30वाह इन अनौपचारिक बातों, संस्मरणों का अपना एक अलग आ...वाह इन अनौपचारिक बातों, संस्मरणों का अपना एक अलग आनंद है..विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-90755014920869416702013-09-27T07:49:16.751+05:302013-09-27T07:49:16.751+05:30सम्मलेन की अनौपचारिक कथा ज्ञात हुई।
एक- दो चिट्ठा...सम्मलेन की अनौपचारिक कथा ज्ञात हुई। <br />एक- दो चिट्ठाकार चर्चा का माहौल बन गया है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75721521900797124202013-09-27T06:18:08.158+05:302013-09-27T06:18:08.158+05:30बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !
कई नैन चले ,कई बैन...बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !<br /><br />कई नैन चले ,कई बैन चले ,<br /><br />बखिया कइयन की उधड़न लागी। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-43307445207963301922013-09-27T06:17:59.844+05:302013-09-27T06:17:59.844+05:30बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-51381982949975512292013-09-27T06:03:49.168+05:302013-09-27T06:03:49.168+05:30हाय तो हमारी लगेगी :-)हाय तो हमारी लगेगी :-)संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-59451971547338607982013-09-27T04:47:37.417+05:302013-09-27T04:47:37.417+05:30चाय से कहीं हाय तो नहीं निकली ?चाय से कहीं हाय तो नहीं निकली ?प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14665601097277250012013-09-27T04:45:50.759+05:302013-09-27T04:45:50.759+05:30खाने पीने के मामले में अक्सर हम प्रस्तावों का समर्...खाने पीने के मामले में अक्सर हम प्रस्तावों का समर्थन करते पाए जाते हैं ! यहाँ भी यही समझा जाए !प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-67379928929674627282013-09-26T23:47:24.987+05:302013-09-26T23:47:24.987+05:30आपके संस्मरण पढकर वर्धा सम्मलेन की जानकारीयाँ तो म...आपके संस्मरण पढकर वर्धा सम्मलेन की जानकारीयाँ तो मिल रही है !! पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-87353527110130683532013-09-26T23:04:39.651+05:302013-09-26T23:04:39.651+05:30अरविन्द जी लगता है चाय ने साहित्यकारों को बहुत चक्...<br />अरविन्द जी लगता है चाय ने साहित्यकारों को बहुत चक्कर में डाला ..यह तो हाला प्याला से कम नहीं रहा :)<br />नई पोस्ट <a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/09/blog-post_7552.html" rel="nofollow"> साधू या शैतान</a><br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/09/blog-post_4650.html#links" rel="nofollow"> कानून और दंड</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58867097226747785202013-09-26T22:47:36.201+05:302013-09-26T22:47:36.201+05:30विस्तृत टटकी यादें. :) विस्तृत टटकी यादें. :) 36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-30951948226884372622013-09-26T21:55:31.329+05:302013-09-26T21:55:31.329+05:30मैं द्विवेदी जी के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करता ...मैं द्विवेदी जी के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करता हूँ। :Pसिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82993846524715629352013-09-26T21:42:38.004+05:302013-09-26T21:42:38.004+05:30:):)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83433858148391029842013-09-26T21:00:48.206+05:302013-09-26T21:00:48.206+05:30दिवेदी जी की सलाह पर गौर करो और ब्लॉगर भोज का आयोज...दिवेदी जी की सलाह पर गौर करो और ब्लॉगर भोज का आयोजन कर डालो, माट साब ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-40843480814297538622013-09-26T20:58:44.042+05:302013-09-26T20:58:44.042+05:30को नहिं जानत है जग में प्रभु .....नाम तिहारो "...को नहिं जानत है जग में प्रभु .....नाम तिहारो " लोग मुस्कुराए,बुद्ध मुस्काए और हम भी मुस्काए ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8969819196806164162013-09-26T20:00:57.616+05:302013-09-26T20:00:57.616+05:30अरविंद जी, आंख तो मेरी सेवाग्राम गुजरते ही खुल चुक...अरविंद जी, आंख तो मेरी सेवाग्राम गुजरते ही खुल चुकी थी। डेढ़ सौ किलोमीटर आगे इसलिए जाना पड़ा क्योंकि उसके पहले कोई स्टॉप ही नहीं था। ये भुलक्कड़ी से ज्यादा नींद का मसला था। सुबह उठना मेरे लिए काल है। फिर चाहे ट्रेन या फ्लाइट पकड़ने के लिए ही क्यों न उठना पड़े। लेकिन हां, भुलक्कड़ भी मैं हूं। दिमाग कहीं खोया रहता है, कुछ न कुछ सोचती रहती हूं और यहां वहां चीजें भूल जाया करती हूं। रूटीन बात है। वैसे बहुत अच्छा लगा आपका ये संस्मरण। वर्धा की सुहानी यादों के साथ। मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84881537862921737202013-09-26T19:50:13.694+05:302013-09-26T19:50:13.694+05:30उन्हें अच्छा लगा था तभी तो आधा माल सुडुक लिए थे :-...उन्हें अच्छा लगा था तभी तो आधा माल सुडुक लिए थे :-) Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14906220878540240432013-09-26T19:48:10.043+05:302013-09-26T19:48:10.043+05:30@संतोष त्रिवेदी जी,
आपको चिकन का स्वाद कैसा लगा,ये...@संतोष त्रिवेदी जी,<br />आपको चिकन का स्वाद कैसा लगा,ये तो आपने बताया ही नही,,,,<br /><br /><b>नई रचना </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/09/blog-post_24.html#links" rel="nofollow">: सुधि नहि आवत.( विरह गीत )</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com