tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post888229432189645816..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: जिस वाहन में थे वे नरपिशाच वही उनकी चलती फिरती टेरिटरी थी!Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68697002376091025612018-12-06T20:52:12.733+05:302018-12-06T20:52:12.733+05:30क्या आपको तत्काल ऋण की आवश्यकता है? जानकारी के लिए...क्या आपको तत्काल ऋण की आवश्यकता है? जानकारी के लिए ईमेल के माध्यम से हमसे संपर्क करें<br />हमारी ऋण सेवा के बारे में। ईमेल: financial_creditloan@outlook.com<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />क्या आपको ऋण की आवश्यकता है? क्या आप वित्तीय संकट में हैं या पैसे की जरूरत है<br />अपना व्यापार शुरू करें? क्या आपको अपने कर्ज या भुगतान को व्यवस्थित करने के लिए ऋण की आवश्यकता है<br />आपके बिल या एक अच्छा व्यवसाय शुरू करें? आपके पास कम क्रेडिट स्कोर है और<br />आपको स्थानीय बैंकों से पूंजी ऋण प्राप्त करना मुश्किल लगता है<br />अन्य वित्तीय संस्थानों? यहां से ऋण प्राप्त करने का आपका मौका है<br />हमारा संगठन हम निम्नलिखित के लिए व्यक्तियों को ऋण प्रदान करते हैं<br />उद्देश्यों और बहुत कुछ। व्यक्तिगत ऋण, व्यापार विस्तार, व्यापार<br />स्टार्ट-अप, शिक्षा, ऋण समेकन, हार्ड मनी लोन। हम प्रदान करते हैं<br />3% की कम ब्याज दर पर ऋण। ईमेल के माध्यम से आज हमसे संपर्क करें:<br />financial_creditloan@outlook.comjosephinehttps://www.blogger.com/profile/08241289844749029022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81458401032914898982018-12-06T20:51:41.595+05:302018-12-06T20:51:41.595+05:30क्या आपको तत्काल ऋण की आवश्यकता है? जानकारी के लिए...क्या आपको तत्काल ऋण की आवश्यकता है? जानकारी के लिए ईमेल के माध्यम से हमसे संपर्क करें<br />हमारी ऋण सेवा के बारे में। ईमेल: financial_creditloan@outlook.com<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />क्या आपको ऋण की आवश्यकता है? क्या आप वित्तीय संकट में हैं या पैसे की जरूरत है<br />अपना व्यापार शुरू करें? क्या आपको अपने कर्ज या भुगतान को व्यवस्थित करने के लिए ऋण की आवश्यकता है<br />आपके बिल या एक अच्छा व्यवसाय शुरू करें? आपके पास कम क्रेडिट स्कोर है और<br />आपको स्थानीय बैंकों से पूंजी ऋण प्राप्त करना मुश्किल लगता है<br />अन्य वित्तीय संस्थानों? यहां से ऋण प्राप्त करने का आपका मौका है<br />हमारा संगठन हम निम्नलिखित के लिए व्यक्तियों को ऋण प्रदान करते हैं<br />उद्देश्यों और बहुत कुछ। व्यक्तिगत ऋण, व्यापार विस्तार, व्यापार<br />स्टार्ट-अप, शिक्षा, ऋण समेकन, हार्ड मनी लोन। हम प्रदान करते हैं<br />3% की कम ब्याज दर पर ऋण। ईमेल के माध्यम से आज हमसे संपर्क करें:<br />financial_creditloan@outlook.comjosephinehttps://www.blogger.com/profile/08241289844749029022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-4127002674072108792013-01-05T10:47:31.640+05:302013-01-05T10:47:31.640+05:30निश्चय हम सबके शब्द उठें, अब पुण्य शेष प्रारब्ध उठ...निश्चय हम सबके शब्द उठें, अब पुण्य शेष प्रारब्ध उठें,<br />अनुशासित, करुणामय जग, जो भाव हुये स्तब्ध, उठें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-59720526436613724962013-01-04T18:41:50.352+05:302013-01-04T18:41:50.352+05:30
शुक्रिया भाई साहब आपकी सद्य टिप्पणियाँ हमारी अन्य...<br />शुक्रिया भाई साहब आपकी सद्य टिप्पणियाँ हमारी अन्यतम धरोहर हैं .<br /><br />डॉ अनवर ज़माल साहब बात को घुमाने के हम नहीं कायल जो बोलेगा बिंदास बोलेगा -अगर मुलायम -अली मुसलामानों के मसीहा हो सकतें हैं तो नरेन्द्र मोदी हिन्दू हृदय सम्राट क्यों नहीं हो सकते ?<br /><br />योरोप और अमरीका में भारत की पहचान गुजरात है गुजरात बोले तो आर्थिक तरक्की का शिखर ,गुजरात बोले तो मोदी .ये सेकुलर मुखौटे राहुल -सोनिया -मुलायम -लालू मुसलमानों के हितेषी नहीं <br /><br />है हिन्दू हृदय सम्राट ही सबको बराबर हिफाज़त दे सकते हैं .आजमा के देखें तो सही .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-90796140594124795852013-01-04T18:35:50.059+05:302013-01-04T18:35:50.059+05:30डॉ अनवर ज़माल की टिपण्णी मुद्दे से हटकर है इसका य...डॉ अनवर ज़माल की टिपण्णी मुद्दे से हटकर है इसका यहाँ होना एक दम से बे -मानी है .ये नेताओं की तरह एक संवेदन हीन तार्किक जुगाली है जिसका कमसे कम यहाँ कोई मतलब नहीं है .हम तो <br /><br />इन्हें ज़हीन समझतें हैं .जहानातदार भी ,पढ़ी लिखी ज़मात भी .<br /><br />शुक्रिया भाई साहब आपकी सद्य टिप्पणियाँ हमारी अन्यतम धरोहर हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57368210099161791342013-01-03T13:34:46.497+05:302013-01-03T13:34:46.497+05:30 द्रुत निपटान भी हो मामलों का . खाली पद भरे जाएं ... द्रुत निपटान भी हो मामलों का . खाली पद भरे जाएं . कचहरी में .केंद्रीकृत युव शक्ति के समेकित प्रयास सिरे चढ़ेंगे हम आशावान हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79065129233292842013-01-02T21:04:43.632+05:302013-01-02T21:04:43.632+05:30इसकी तुलना अन्य किसी घटना या कौम से करना महज वैचार...इसकी तुलना अन्य किसी घटना या कौम से करना महज वैचारिक बहकावा है ...... agreee - <br /><br />yah bahkaava hi nahi saajish aur inhuman bhi hai ... <br /><br />jis raajneeti ka doosron par ilzaam lagaa rahe hain dr jamaal, usee raajneetikaran se mudde ko chhota banaane ka prayas kar rahe hain |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-22660419009877885012013-01-02T20:43:18.983+05:302013-01-02T20:43:18.983+05:30DR. ANWER JAMAL
यह घटना इतनी वीभत्स और नृशंस है और...DR. ANWER JAMAL<br />यह घटना इतनी वीभत्स और नृशंस है और सहज मानवीय विश्वास को तार तार करने वाली है कि इसकी तुलना अन्य किसी घटना या कौम से करना महज वैचारिक बहकावा है ......और यह भी ध्यान रहे अब सूचना और संवाद का तकनीकी सहूलियत का युग है जो मानवीय भावनाओं की नेटवर्किंग में एक बड़ा योगदान दे रही हैं -पहले ये स्थितियां नहीं थी ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-15524442971258129212013-01-02T13:16:07.526+05:302013-01-02T13:16:07.526+05:30हमारे समाज का दोग़लापन कैसे दूर हो ?
आपने जिस बात ...हमारे समाज का दोग़लापन कैसे दूर हो ?<br />आपने जिस बात को उठाया है, उस पर वाक़ई विचार किया जाना चाहिए। इससे आगे बढ़कर यह भी सोचा जाना चाहिए कि बलात्कार या हत्या के जिन मुजरिमों के लिए कोर्ट सज़ा ए मौत मुक़र्रर करता है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा माफ़ कर दिया जाता है। इसी के साथ समाज को ख़ुद अपने बारे में भी सोचना होगा क्योंकि ये सारे बलात्कारी और हत्यारे इसी समाज में रहते हैं।<br />ऐसी धारणा बन गई है कि सामूहिक नरसंहार और बलात्कार के बाद भी सज़ा से बचना मुश्किल नहीं है अगर यह काम योजनाबद्ध ढंग से किया गया हो। पहले किसी विशेष समुदाय के खि़लाफ़ नफ़रत फैलाई गई हो और उस पर ज़ुल्म करना राष्ट्र के हित में प्रचारित किया गया हो और इसका लाभ किसी राजनीतिक पार्टी को पहुंचना निश्चित हो। ऐसा करने वालों को उनका वर्ग हृदय सम्राट घोषित कर देता है। वे चुनाव जीतते हैं और सरकारें बनाते हैं और बार बार बनाते हैं। देश के बहुत से दंगों के मुल्ज़िम इस बात का सुबूत हैं। राजनैतिक चिंतन, लक्ष्य और संरक्षण के बिना अगर अपराध स्वतः स्फूर्त ढंग से किया गया हो तो एक लड़की से रेप के बाद भी मुजरिम जेल पहुंच जाते हैं जैसा कि दामिनी के केस में देखा जा रहा है। <br />दामिनी पर ज़ुल्म करने वालों के खि़लाफ़ देश और दिल्ली के लोग एकजुट हो गए जबकि सन 1984 के दंगों में ज़िंदा जला दिए गए सिखों के लिए यही लोग कभी एकजुट न हुए। इसी तरह दूसरी और भी बहुत सी घटनाएं हैं। यह इस समाज का दोग़लापन है। इसी वजह से इसका अब तक भला नहीं हो पाया। दूसरों से सुधार और कार्यवाही की अपेक्षा करने वाला समाज अपने आप को ख़ुद कितना और कैसे सुधारता है, असल चुनौती यह है।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81199634681925094212013-01-02T12:43:18.786+05:302013-01-02T12:43:18.786+05:30Fight will go on.. and should go on... Till the ti...Fight will go on.. and should go on... Till the time root problems r solved.. n this going to be a long and arduous journey !!<br /><br />A very Happy New Year to u too :) Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-89340633734177663992013-01-01T23:14:15.506+05:302013-01-01T23:14:15.506+05:30’संस्कारयुक्त शिक्षा, आरम्भिक सही सीख,उचित अनुचित ...’संस्कारयुक्त शिक्षा, आरम्भिक सही सीख,उचित अनुचित का बोध हर बच्चे को दिया जाना हमारी और राज्य की साझा जिम्मेदारी है’ - मेरी सहमति।<br />आपकी इस पोस्ट के अधिकांश भाग को एक बहुत संतुलित प्रतिक्रिया के रूप में महसूस कर रहा हूँ। संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41541025808992034382013-01-01T09:52:12.965+05:302013-01-01T09:52:12.965+05:30सतीश जी, क्षमा चाहूंगी आपकी बात काट रही हूँ, लेकिन...सतीश जी, क्षमा चाहूंगी आपकी बात काट रही हूँ, लेकिन लुछ कहना चाहूंगी अवश्य । यह बात सिर्फ आप ही से नहीं, अनेक जगह अनेक लोगों द्वारा यही बातें कही जा रही हैं, इसलिए कह रही हूँ । it is NOT personal, hope you do not take it personally satish saksena sir<br /><br />@वे 6 दरिन्दे , किन्ही 6 परिवारों से समबन्ध रखते हैं , इन परिवारों में महिलायें अवश्य होंगी, जहाँ यह पैदा हुए !<br /><br />ऐसे दरिन्दे अपने घर की महिलाओं के साथ क्या इंसानों जैसा व्यवहार करते होंगे, आपको लगता है ? अपनी ही माता और बहन, पत्नी और बेटी पर अत्याचार ही करते हैं ऐसे लोग । दुखद है कि पुरुष के किये व्यभिचार के छींटे आज भी उसके परिवार की स्त्री पर उडाये जाते हैं, वह भी हम जैसे "बुद्धिजीवियों द्वारा ... :(<br /><br />@ एक 23 वर्षीय कमजोर लड़की को मारते हुए, इनमें से किसी को दया क्यों नहीं आई ? <br /><br />कमज़ोर ? नहीं - वह लड़की कमज़ोर नहीं थी, वह तो वीरांगना थी, अभिमन्यु की तरह उन पिशाचों से लड़ी, उस पर दया की बात शायद उसकी वीरता का अपमान होगा । और इन लोगों के मन में दया आने की बात, तो ऐसे लोग दया शब्द का अर्थ भी नहीं जानते होंगे ।<br /><br />@@क्या इसी संस्कृति पर हमें गर्व है !<br /><br />सतीश जी - संस्कृति ? इसमें संस्कृति की क्या गलती है ? क्या उन लोगों को हमारी संस्कृति ने यह करना सिखाया था ? यह बात कई ब्लोग्स पर पढ़ चुकी हूँ - संस्कृति पर दोष मध् देने की प्रथा सी चल पड़ी है । हमारी संस्कृति तो वह है जिसमे सीता के मान पर हुए हमले के लिए राम रावण से युद्ध छेड़ देते हैं । उन दरिंदों के कर्म से इस महान संस्कृति को ऐसा लेबल करना (सिर्फ आप ही नहीं, यह बात कई जगह कही जा रही है) ठीक है क्या ?<br /><br />@ यह 6 लोग किस माहौल में बड़े हुए हैं , उसी माहौल में हम सब भी पलें हैं, अतः आवश्यकता अपना गिरेवान झाँकने की अधिक है !<br />नहीं, मुझे नहीं लगता । यह बात उन परिवारों को अपशब्द हैं जो "हम सभी" में आ जाते हैं । अधिकतर माता पिता अपने बस में जितना हो, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने के प्रयास तो करते ही है ।<br />i think, यह अपराध ऐसे परिवारों से नहीं होते जहां माता पिता तनिक भी संस्कार देने के प्रयास करें । शायद हमें याद रखना होगा कि हम उन लगों की बात कर रहे हैं जिनके पास हमारी तरह समय की लग्ज़री नहीं है कि वे अपने 4 से आठ बच्चों की रोटी भी जुगाड़ सकें और उन्हें अच्छा माहौल भी दे सकें । हमारे देश में statistics बने तब शायद यह पता चले कि ऐसे अपराध कैसे माहौल से अधिक हो रहे हैं । सभी को गलत माहौल देने वाला होने का आरोप दे देना मुझे निजी तौर पर ठीक नहीं लगता । <br /><br />@ हम सब गुनाहगार हैं ...वह बेटी हमारे ही किसी घर की थी !<br />बिलकुल - गुनाहगार तो हम हैं ही एक समाज के रूप में । वह हमारी ही बेटी थी ।<br /><br />@ हमें अपनी व अपने मित्रों की गन्दी सोंच बदलनी चाहिए ! <br />यदि सोच गन्दी है तो अवश्य बदलनी होगी । लेकिन हर एक की सोच गन्दी है ही ऐसा सोच कर चलना अन्यायपूर्ण लगता है मुझे ।<br /><br />@आज आवश्यकता समाज की सफाई करने की है इस सफाई को हमें अपने घर से शुरू करना चाहिए ! <br />वह तो है ।<br /><br />@ आज चारो तरफ रक्षक कम और दरिन्दे अधिक नज़र आ रहे हैं !<br />नहीं - मुझे ऐसा नहीं लगता । हजारों बच्चे जो सडको पर लाठियां खा रहे थे - वे दरिन्दे नहीं थे । उन्हें भेजने वाले उनके परिवार जन दरिन्दे नहीं थे । दरिन्दे कम हैं, लेकिन कर्म वे इतने कुत्सित करते हैं कि सारा समाज कटघरे में आ जाता है । कहते हैं न - घडा भार अमृत सा शुद्ध दूध भी हो, चुटकी भर ज़हर मिल जाने से सारा दूध ही ज़हर नाम से पुकारा जाता है, जबकि बेचारे दूध का कोई गुनाह नहीं होता :(<br />Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38469984540121254332013-01-01T05:16:01.018+05:302013-01-01T05:16:01.018+05:30गहनतम दुःख के क्षणों में युवा एक मिसाल बन गए !
कान...गहनतम दुःख के क्षणों में युवा एक मिसाल बन गए !<br />कानून तो कठोर दंड देगा ही मगर हर परिवार और समाज को स्त्रियों के सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा!<br />नए वर्ष की शुभकामनायें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46867361444231338122013-01-01T01:34:06.379+05:302013-01-01T01:34:06.379+05:30कुछ भी कहा जाय , कितना भी सोचा जाय लेकिन इस प्रश्न...<br />कुछ भी कहा जाय , कितना भी सोचा जाय लेकिन इस प्रश्न का क्या उत्तर है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों ....हो क्यों रहा है ....!!! <br />"ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती ही गयी है <br />बड़े बड़े शहर भी जंगल सरीखे हैं क्योंकि किसी का किसी से कोई वास्ता नहीं है <br />हिंस्र पशुओं का मनुष्य रूपी झुण्ड बेख़ौफ़ बड़े शहरों में विचरण कर रहा है"अभिषेक आर्जवhttps://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54231771106013510482012-12-31T21:17:37.290+05:302012-12-31T21:17:37.290+05:30 भावुकता में बहने के खतरे आपने बिल्कुल सही चिन्हि... भावुकता में बहने के खतरे आपने बिल्कुल सही चिन्हित किए, हमें सावधान रहना होगा, सोच समझ कर रास्ता निकालना होगा। आपने सच कहा सड़कों में उतरे लड़कों में भी उतना ही गुस्सा था, उनकी आँखें भी उतनी ही नम थीं। दरअसल फर्क पुरुष और स्त्री का नहीं, फर्क इंसानियत और हैवानियत का है।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39851880047541518712012-12-31T20:43:11.927+05:302012-12-31T20:43:11.927+05:30शुभ शक्तिपात हो ! शुभ शक्तिपात हो ! Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83514674255356220642012-12-31T19:27:43.756+05:302012-12-31T19:27:43.756+05:30मानवीय संवेदना तो निश्चित ही जिन्दा है। लेकिन कहते...मानवीय संवेदना तो निश्चित ही जिन्दा है। लेकिन कहते हैं एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है। इसी तरह एक अमानुष सारे समाज को दूषित कर सकता है। कठोर कानून द्वारा ही इन अमानुषों से छुटकारा पाया जा सकता है। आम जनता का आक्रोश देखकर नेताओं को भी कुछ समझना चाहिए। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8304040969612001932012-12-31T17:24:11.510+05:302012-12-31T17:24:11.510+05:30प्रभावी लेखन,
जारी रहें,
बधाई !!प्रभावी लेखन,<br />जारी रहें,<br />बधाई !!रजनीश के झा (Rajneesh K Jha)http://www.liveaaryaavart.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41059386442791370752012-12-31T16:53:19.860+05:302012-12-31T16:53:19.860+05:30सच है. जंतर मंतर और इंडिया गेट पर इकट्ठे युवाओं मे...सच है. जंतर मंतर और इंडिया गेट पर इकट्ठे युवाओं में लड़के और लडकियां दोनों थे. इसे जेंडर वायस होकर नहीं देखा जाना चाहिए. यह सामाजिक समस्या है. और एक आशा की किरण भी. उम्मीद कहीं तो बाकी है जिसपर यह दुनिया टिकी है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18186624106735505282012-12-31T16:40:31.625+05:302012-12-31T16:40:31.625+05:30भारत में उमड़े जन सैलाब ने समूचे विश्व में साबित क...भारत में उमड़े जन सैलाब ने समूचे विश्व में साबित कर दिया है कि मानवीयता जिन्दा है और मनुष्य की कौम सर्वोपरि है -आज साझा सरोकार की हमारी यही खासियत हमें आश्वस्त कर रही है और नए वर्ष में नए आशा और विश्वास के साथ हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रही है -युवाओं निराश न हो -नया वर्ष आप सभी के स्वागत में बाहें पसारे आ पहुंचा है -जीवन भले ही हार गया हो हमारी जिजीविषा बरकरार है -उत्तिष्ठ, जागृत, प्राप्य वरान्निबोधत।' 'उठो, जागो और अपना लक्ष्य प्राप्त करो।' <br />स्वाभिमान और शौर्य की प्रतिमूर्ति बन गयी दामिनी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि! <br /><br />अरविन्द भाई साहब आपको प्रणाम.आपने जिस सच्चाई से जिदंगी को बयान किया है ह्रदय से आभार .... Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-21281548056951151302012-12-31T16:37:20.017+05:302012-12-31T16:37:20.017+05:30वे 6 दरिन्दे , किन्ही 6 परिवारों से समबन्ध रखते है...वे 6 दरिन्दे , किन्ही 6 परिवारों से समबन्ध रखते हैं , इन परिवारों में महिलायें अवश्य होंगी, जहाँ यह पैदा हुए ! एक 23 वर्षीय कमजोर लड़की को मारते हुए, इनमें से किसी को दया क्यों नहीं आई ? <br />क्या इसी संस्कृति पर हमें गर्व है !<br /> यह 6 लोग किस माहौल में बड़े हुए हैं , उसी माहौल में हम सब भी पलें हैं, अतः आवश्यकता अपना गिरेवान झाँकने की अधिक है !<br /> हम सब गुनाहगार हैं ...वह बेटी हमारे ही किसी घर की थी !<br />हमें अपनी व अपने मित्रों की गन्दी सोंच बदलनी चाहिए ! <br />आज आवश्यकता समाज की सफाई करने की है इस सफाई को हमें अपने घर से शुरू करना चाहिए ! <br />आज चारो तरफ रक्षक कम और दरिन्दे अधिक नज़र आ रहे हैं !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-87026868016625357212012-12-31T15:24:06.521+05:302012-12-31T15:24:06.521+05:30ऐसी ही सजगता के साथ नैतिक जीवन-मूल्यों के प्रति सम...ऐसी ही सजगता के साथ नैतिक जीवन-मूल्यों के प्रति समाज की आस्था दृढ्भूत होने की आशा भी है।<br /> सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-9532955570493521032012-12-31T14:03:53.864+05:302012-12-31T14:03:53.864+05:30हर किसी के लिए आत्ममंथन की आवश्यकता बढ़ गई है.
कहा...हर किसी के लिए आत्ममंथन की आवश्यकता बढ़ गई है.<br />कहाँ चूक होती है इस समाज से, यह जानकार समाधान ढूंढने होंगे .<br />दामिनी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि .<br />------<br />Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23906693973794616042012-12-31T14:00:40.968+05:302012-12-31T14:00:40.968+05:30जब समूह की चेतना राष्ट्रीय चेतना ,जन चेतना बन जाती...जब समूह की चेतना राष्ट्रीय चेतना ,जन चेतना बन जाती है तब उन निजामों और सरकारों को जागना पड़ता है जो पुलिस का इस्तेमाल वेतन के अलावा मिलने वाली विशेष सुविधा ,Perks की तरह <br /><br />करती <br /><br />है .तब उसकी गति और नियति वही होती है जो इस समय दिल्ली दरबार की है .<br /><br />सरकार इतना डरी हुई थी निर्भया के जीर्ण शीर्ण निष्प्राण शरीर को दिल्ली लाना ही नहीं चाहती थी पडोसी राज्यों को खंगाला गया कहीं से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिली ,इस दरमियान शाम <br /><br />पांच बजे से रात दस बजे तक निष्प्राण शरीर सिंगापुर हवाई अड्डे पर बना रहा .जबकि एयर इंडिया के विशेष विमान AI Flight 380 A को प्राथमिकता के आधार पर उड़ने की अनुमति काफी पहले <br /><br />मिल <br /><br />चुकी थी .एक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी दिल्ली का कोई ज़िक्र नहीं था ,संभावना तलाशी जा रही थी कलकत्ता /लखनऊ अन्यत्र विमान को हांक के ले जाने की .<br /><br />(Body kept waiting 3 hrs in S'pore as govt wanted to avoid chaos in Delhi ./MumbaiMirror/Monday,December 31,2012)<br /><br />सरकार शव को दिल्ली लाना ही नहीं चाहती थी .हौसला ही नहीं था .<br /><br />निर्भया के माँ बाप अन्यत्र जाने को राजी न हुए .<br /><br />निर्भया अकेली नहीं है प्रतीक है आधी आबादी की ताकत की अब .<br /><br />एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-43520196620414811682012-12-31T13:59:53.812+05:302012-12-31T13:59:53.812+05:30जब समूह की चेतना राष्ट्रीय चेतना ,जन चेतना बन जाती...जब समूह की चेतना राष्ट्रीय चेतना ,जन चेतना बन जाती है तब उन निजामों और सरकारों को जागना पड़ता है जो पुलिस का इस्तेमाल वेतन के अलावा मिलने वाली विशेष सुविधा ,Perks की तरह <br /><br />करती <br /><br />है .तब उसकी गति और नियति वही होती है जो इस समय दिल्ली दरबार की है .<br /><br />सरकार इतना डरी हुई थी निर्भया के जीर्ण शीर्ण निष्प्राण शरीर को दिल्ली लाना ही नहीं चाहती थी पडोसी राज्यों को खंगाला गया कहीं से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिली ,इस दरमियान शाम <br /><br />पांच बजे से रात दस बजे तक निष्प्राण शरीर सिंगापुर हवाई अड्डे पर बना रहा .जबकि एयर इंडिया के विशेष विमान AI Flight 380 A को प्राथमिकता के आधार पर उड़ने की अनुमति काफी पहले <br /><br />मिल <br /><br />चुकी थी .एक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी दिल्ली का कोई ज़िक्र नहीं था ,संभावना तलाशी जा रही थी कलकत्ता /लखनऊ अन्यत्र विमान को हांक के ले जाने की .<br /><br />(Body kept waiting 3 hrs in S'pore as govt wanted to avoid chaos in Delhi ./MumbaiMirror/Monday,December 31,2012)<br /><br />सरकार शव को दिल्ली लाना ही नहीं चाहती थी .हौसला ही नहीं था .<br /><br />निर्भया के माँ बाप अन्यत्र जाने को राजी न हुए .<br /><br />निर्भया अकेली नहीं है प्रतीक है आधी आबादी की ताकत की अब .<br /><br />एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :<br /><br />क्वचिदन्यतोSपि...<br />अर्थात मेरे साईंस ब्लागों से अन्य,अन्यत्र से भी ....<br /><br />सोमवार, 31 दिसम्बर 2012<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com