tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post8478740374326207814..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: हाय रे हिंदी ब्लॉगर पट्टी! Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84160286197217953282013-09-11T13:53:31.913+05:302013-09-11T13:53:31.913+05:30:)
सराहनीय :)
अनुकरणीय भी ? :)<br />सराहनीय :) <br />अनुकरणीय भी ? Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-63591126960239799842013-09-08T09:12:46.030+05:302013-09-08T09:12:46.030+05:30पट्टी चौड़ी हो रही है, चौड़ा भी रही है।पट्टी चौड़ी हो रही है, चौड़ा भी रही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78268348822490079382013-09-07T21:18:06.660+05:302013-09-07T21:18:06.660+05:30आपकी क्षुब्धता सराहनीय है।आपकी क्षुब्धता सराहनीय है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-52760867554412759222013-09-07T21:17:46.305+05:302013-09-07T21:17:46.305+05:30Good Luck !!
I'd love to know the details when...Good Luck !!<br />I'd love to know the details when you get back. Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-4698295751751351222013-09-07T16:51:18.122+05:302013-09-07T16:51:18.122+05:30हो आइए.
फिर आकर बतरइएगा
आपसे ही आंखों देखा हाल ...हो आइए. <br />फिर आकर बतरइएगा<br /><br />आपसे ही आंखों देखा हाल सुन कर काम चला लेंगे जीKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-4806268705726198202013-09-07T14:12:50.702+05:302013-09-07T14:12:50.702+05:30पोस्ट अच्छा लगा, पर जो इस तरह के आयोजनों में नहीं ...पोस्ट अच्छा लगा, पर जो इस तरह के आयोजनों में नहीं जाना चाहें, उनकी इच्छा का हमें सम्मान करना चाहिए. Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11561562889521499472013-09-07T09:22:46.402+05:302013-09-07T09:22:46.402+05:30भाषा के आधार पर अहमन्यता अगर है तो वह अंग्रेजीदां ...भाषा के आधार पर अहमन्यता अगर है तो वह अंग्रेजीदां लोगों में अधिक पाई जाती है। वस्तुतः मैं व्यक्तिगत रूप से भाषा को आधार मानते ही नहीं। <br />किसी बात को कम समझना या आधा-अधूरा समझना उसकी व्यक्तिगत क्षमता है।<br />सम्मेलन में हम तो जा रहे हैं,जो नहीं जा रहे उनकी भी अपनी च्वाइस है। इसमें गलत क्या है ?संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26126076197905487272013-09-07T09:22:19.991+05:302013-09-07T09:22:19.991+05:30मानते ही नहीं=मानता ही नहीं।मानते ही नहीं=मानता ही नहीं।संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74494847075377830222013-09-07T09:21:23.273+05:302013-09-07T09:21:23.273+05:30भाषा के आधार पर अहमन्यता अगर है तो वह अंग्रेजीदां ...भाषा के आधार पर अहमन्यता अगर है तो वह अंग्रेजीदां लोगों में अधिक पाई जाती है। वस्तुतः मैं व्यक्तिगत रूप से भाषा को आधार मानते ही नहीं। <br />किसी बात को कम समझना या आधा-अधूरा समझना उसकी व्यक्तिगत क्षमता है।<br />सम्मेलन में हम तो जा रहे हैं,जो नहीं जा रहे उनकी भी अपनी च्वाइस है। इसमें गलत क्या है ?संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79026721628833745162013-09-07T08:27:06.346+05:302013-09-07T08:27:06.346+05:30सबकी अपनी - अपनी प्राथमिकतायें हैं।
घरघुस्सूओं ...सबकी अपनी - अपनी प्राथमिकतायें हैं। <br />घरघुस्सूओं में सिर्फ महिलाओं को ही लपेटा है आपने जैसे सारे कामकाजी ब्लॉगर्स सम्मलेन / गोष्ठियों में जाते ही हैं!! वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79812787401348852672013-09-07T07:31:16.945+05:302013-09-07T07:31:16.945+05:30 प्रशंसनीय पोस्ट । वस्तुत: बात यह है कि हर विधा मे... प्रशंसनीय पोस्ट । वस्तुत: बात यह है कि हर विधा में क्लासेस होती हैं । ये कक्षायें नर्सरी से शुरु होती हैं और पी एच डी / डी लिट तक चलती हैं,हम सबकी अपनी-अपनी श्रेणी है । हम सब अलग-अलग जगह पर खडे हैं इसलिए विचारों में भिन्नता बहुत स्वभाविक है पर हमारी मन्ज़िल एक ही है और इसीलिए हम साथ-साथ हैं । शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/01128062702242430809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-92013852020999218062013-09-07T06:39:39.476+05:302013-09-07T06:39:39.476+05:30बहुत सुन्दर पोस्ट |लाजवाब टिप्पणियों के साथ |आभार ...बहुत सुन्दर पोस्ट |लाजवाब टिप्पणियों के साथ |आभार सर जी |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36858562646644725962013-09-07T06:36:44.752+05:302013-09-07T06:36:44.752+05:30अब खुशवंत सिंह जी हर महिला को ताउम्र अपनी दोस्त बत...अब खुशवंत सिंह जी हर महिला को ताउम्र अपनी दोस्त बतलाते रहे। "वह बहुत बिंदास लग रहीं थीं उनसे मेरी पहली मुलाकत तब हुई थी जब मैं फलाने फोर्ड में स्विमंग पूल तैर रहा था। वह उनका पैरहन। ………"अब आप या कोई और इसमें खुशवंत जी से चिढने लगे तो उसकी मर्जी। उनका काम ही संस्मरण लिखना रहा है बिंदास दो टूक। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26585076159504709122013-09-07T06:33:20.948+05:302013-09-07T06:33:20.948+05:30जो लिखा गया है उसे हम अपने ऊपर घटित होता क्यों देख...जो लिखा गया है उसे हम अपने ऊपर घटित होता क्यों देखें। कमंडल आपका है आप ग्रहण मत करो।मान सम्मान अपमान और चिठ्ठा विषय अंतरण है। अरविन्द जी के प्रयास उत्प्रेरक हैं अवमानना परक नहीं हैं। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-85803041644128807682013-09-06T22:19:49.613+05:302013-09-06T22:19:49.613+05:30:)
:)
@@ सिद्धार्थ जी - मैं यह नहीं कह रही कि इसमे...:)<br />:)<br />@@ सिद्धार्थ जी - मैं यह नहीं कह रही कि इसमें आयोजकों का कोई भी फायदा है - लेकिन यह कह रही हूँ कि आवश्यक नहीं कि हर व्यक्ति जो ब्लॉग्गिंग कर रहा हो वह संगोष्ठी में शामिल होने को अपना कर्त्तव्य माने - भले ही यह उसके लिए फायदेमंद हो तब भी :)<br /><br />@@ मिश्र सर - बिलकुल ऐसा नहीं है कि यह सब सिर्फ हिंदी ब्लोग्गेर्स के साथ ही होता हो - लेकिन डिग्री अधिक हो सकती है । जैसे मैं अपना ही उदाहरण लूं तो मैं ब्लोगिंग एक हॉबी की तरह करती हूँ - ब्लॉग पर भी जितना लिखना चाहती हूँ जितना पढना चाहती हूँ - उतने के लिए भी समय नहीं पूरा पड़ता - संगोष्ठी में जाना तो खैर मेरे लिए संभव ही नहीं। और ऐसी ही स्थिति कई और लोगों के साथ हो सकती है। इस तरह के दबाव मुझे अनुचित लगते हैं। Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11155699085435902602013-09-06T21:46:18.682+05:302013-09-06T21:46:18.682+05:30ढेरों बधाइयाँ ..... शुभकामनायें ढेरों बधाइयाँ ..... शुभकामनायें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68590545031392555942013-09-06T21:10:36.765+05:302013-09-06T21:10:36.765+05:30यह तो वर्धा विश्वविद्यालय का दायित्व होना चाहिए कि...यह तो वर्धा विश्वविद्यालय का दायित्व होना चाहिए कि इस आयोजन को प्रमुखता से अपने वेबसाईट पर प्रदर्शित करना चाहिए Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-31220693044205367812013-09-06T21:02:53.438+05:302013-09-06T21:02:53.438+05:30@शिल्पा जी की टिप्पणियाँ मुझे जवाब देने को बाध्य ...@शिल्पा जी की टिप्पणियाँ मुझे जवाब देने को बाध्य करते हैं -<br />मैंने महज हिन्दी अंग्रेजी ब्लागरों की तुलना की थी बस :-) <br />सारी मजबूरियाँ , छद्म आत्मसम्मान,गलदश्रु और घरघुसपना केवल हिन्दी ब्लागरों के साथ क्यों ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16675159663380625772013-09-06T18:35:07.221+05:302013-09-06T18:35:07.221+05:30हमारी ओर से भी बधाई ! हमारी ओर से भी बधाई ! डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-3319902156138965702013-09-06T16:40:14.120+05:302013-09-06T16:40:14.120+05:30सहम्त = सहमतसहम्त = सहमतसिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-10723388429676344532013-09-06T16:39:29.798+05:302013-09-06T16:39:29.798+05:30सहम्त हूँ आपसे। लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई जबरिया...सहम्त हूँ आपसे। लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई जबरिया दबाव बना रहा है। :)<br />इसे आप यूँ समझिए कि हम जैसे लोग कुछ ज्यादा उत्साही हो गये हैं इस माध्यम के प्रति तो उन्हें दूसरों की ‘साधारण रुचि’ या अन्यमनस्कता देखकर थोड़ी झुँझलाहट हो सकती है। मैं इसमें घमंड या आत्मविश्वास की कमी जैसी बात नहीं देखता। आदरणीय अरविंद जी थोड़ा भावुकतावश सेंटियाकर ऐसा कह गये होंगे वर्ना िस आभासी दुनिया में किसी का क्या अख्तियार है। <br />मुझे तो एल.आई.सी. की टैग लाइन याद आती है- “बीमा आग्रह की विषय वस्तु है” बावजूद इसके कि बीमा कराने में आपका ही लाभ होगा कंपनी आपसे बार-बार आग्रह करती है। :)<br />अब ये मत कहिएगा कि इसमें कंपनी का लाभ ज्यादा है क्योंकि ब्लॉगगोष्ठी से किसी को कोई निजी लाभ नहीं है।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-92016588561498402472013-09-06T16:04:07.491+05:302013-09-06T16:04:07.491+05:30बधाईयां जी खूब बधाईयां.
रामराम.बधाईयां जी खूब बधाईयां.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54261901971941617282013-09-06T11:44:30.190+05:302013-09-06T11:44:30.190+05:30आपको शुभकामनाएं। आपके प्रयास सफल हों।
:)आपको शुभकामनाएं। आपके प्रयास सफल हों।<br />:)Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73533208946395182422013-09-06T11:43:19.699+05:302013-09-06T11:43:19.699+05:30बहुत अच्छी पहलहै यह संगोष्ठी।
लेकिन यह प्रेशराइए...बहुत अच्छी पहलहै यह संगोष्ठी।<br /><br /> लेकिन यह प्रेशराइएशन कि जो नही जा सकते वे या तो घमंडी हैं /या उनमे आत्मविश्वास की कमी है /या वे संजीदा नही हैं /आदि आदि मुझे ठीक नही लगता। <br /><br />यदि किसिमे क्रियेटिविटी है और वह ब्लॉग लिख रहा / रही है तो यह उसका अपना निर्णय है। यदि वह संगोष्ठी में भाग ले सकता / सकती / भाग लेना चाहता / चाहती है / नहीं ले सकता / सकती.... यह हर व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय है। हम में से अधिकाँश यहाँ या तो होबी के रूप में लिखते हैं या फिर वे महसूस करते हैं कि उनके पास कुछ है जिसे साझा करना उन्हें पसंद है। फिर कुछ लोग अपने राजनैतिक उद्देश्यों या अपनी महत्वाकांक्षाओं से। इनमे से किसी पर भी दबाव डालना कि उन्हें संगोष्ठी (यों) में सम्मिलित होना ही चाहिए / यह उनका कर्त्तव्य जैसा है - यह उचित नहीं। <br /><br />मेरे विचार में सिद्धार्थ जी के प्रयास प्रशंसनीय हैं ।लेकिन दबाव नहीं होना चाहिए किसी पर भी। सबकी अपनी जिंदगी और अपनी व्यस्तताएं होती हैं। कोई अपने आप को व्यस्त कह कर आपका अपमान नही करना चाहता हो और modestlyअपने आप को कम और आपको बड़ा कह कर सम्मान पूर्वक आपको मना किया हो तो उसे यहाँ सार्वजनिक मंच पर उस बात को लेकर व्यंग्य मुझे उचित नहीं लगता।Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84403270152204949662013-09-06T09:42:31.323+05:302013-09-06T09:42:31.323+05:30वर्धा विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रण के लिए जो ई-मेल...वर्धा विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रण के लिए जो ई-मेल भेजी गयी है वह एक साथ सभी प्रतिभागियों को भेजी गयी है। इसलिए उनकी सूची ये सभी प्रतिभागी अपने मेलबॉक्स से ही तैयार कर सकते हैं और संवाद/ संपर्क कायम कर सकते हैं। जब ये 20-21 को वर्धा में मिलेंगे तो सभी के लिए इनका नाम और काम स्वयं उजागर हो जाएगा। सबके कैमरे सक्रिय रहेंगे तो लाइव ब्लॉगिंग से लेकर पॉडकास्ट तक होगा। मैं तो “उंगलिया फँसाकर” इन्तजार कर ही रहा हूँ। :)<br /><br />एक पोस्ट तैयारी के सिलसिले में बहुत जल्द डालता हूँ।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.com