tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post7683439034543381299..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: दुलहन सी दिखी दिल्ली -एक और दिल्ली संस्मरण!Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66805531412656887922010-12-13T05:49:36.249+05:302010-12-13T05:49:36.249+05:30@अली सा ,बच्चा और बुजुर्ग दुलहन को दुलहन के रूप मे...@अली सा ,बच्चा और बुजुर्ग दुलहन को दुलहन के रूप में देखता है ,<br />कहीं फर्क आपकी आपनी नजर में तो नहीं है ? :)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-22800494735521137822010-12-12T14:22:49.878+05:302010-12-12T14:22:49.878+05:30भाभी के सौजन्य से गर्म कपडे , ब्लागिंग से अपरिचित ...भाभी के सौजन्य से गर्म कपडे , ब्लागिंग से अपरिचित गुप्ता जी , समन्वयक सतीश भाई , आपकी एक कप चाय ,वगैरह वगैरह तो समझ में आया पर इस उम्र में आप ...<br /><br />...<br /><br /><br />...<br /><br /><br />...<br /><br />दिल्ली को दुल्हन की तरह देख रहे हैं ? समझने की कोशिश कर रहा हूं :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42439899350429804042010-12-12T07:29:55.333+05:302010-12-12T07:29:55.333+05:30रोचक संस्मरण ...
आखिर लगेज मिल ही गया ...!रोचक संस्मरण ...<br />आखिर लगेज मिल ही गया ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-56965899643063586602010-12-12T02:30:09.722+05:302010-12-12T02:30:09.722+05:30सब से पहले दिल्ली में पी सी एस टी जैसे महत्वपूर्ण ...सब से पहले दिल्ली में पी सी एस टी जैसे महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बनने पर बधाई.<br />गेम्स के बाद दिल्ली की रंगत ही निराली है.<br />एयर पोर्ट तो अब बहुत सुन्दर लगता है.<br />संस्मरण का यह भाग रोचक लगा.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54971779833983563812010-12-11T22:47:21.650+05:302010-12-11T22:47:21.650+05:30@ मन ही मन फिर भी न जाने क्यों कुछ साथी आँख तरेरे ...@<a rel="nofollow"> मन ही मन फिर भी न जाने क्यों कुछ साथी आँख तरेरे देखे हैं ...</a><br /><br />मैं इस बीच ब्लॉगरी से जरा विरत हो चला था इसलिए संदर्भ नहीं समझ पाया। थोड़ा प्रकाश डालिए तो बात बने।<br /><br />दिल्ली को आपकी निगाहों से देखने की प्रतीक्षा है। मुझे तो दिल्ली ने पिछले बहुत मजा चखाया था।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66691277961883115042010-12-11T21:39:37.470+05:302010-12-11T21:39:37.470+05:30.
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शुरूआत अच्छी है सर जी, अब आगे...
....<br />.<br />.<br />शुरूआत अच्छी है सर जी, अब आगे...<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-44905638459590557352010-12-11T20:38:12.056+05:302010-12-11T20:38:12.056+05:30अरविन्द जी , आपको दिल्ली अच्छी लगी , यह जानकर हमें...अरविन्द जी , आपको दिल्ली अच्छी लगी , यह जानकर हमें तो बहुत अच्छा लगा । वर्ना लोग अभी तक गेम्स को लेकर खफ़ा हैं ।<br />आपसे मिलने का करार पूरा नहीं हो सका , इसके लिए खेद रहेगा ।<br />सच मानिये , यदि आप हमारी तरफ आते तो दिल्ली को और भी खूबसूरत पाते ।<br />फिलहाल , दिल्ली का आँखों देखा हाल , आपसे ही सुनेंगे ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-67414938101657771112010-12-11T20:23:13.838+05:302010-12-11T20:23:13.838+05:30वाकई दिल्ली अभी काफी सजी - धजी दिख रही है.वाकई दिल्ली अभी काफी सजी - धजी दिख रही है.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-65948887625667321552010-12-11T19:46:48.001+05:302010-12-11T19:46:48.001+05:30अच्छा संस्मरण लिखते हैं। प्रतीक्षा है आपके अगले कड़...अच्छा संस्मरण लिखते हैं। प्रतीक्षा है आपके अगले कड़ी की।ममता त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/11493596033041375660noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-21240263136587848012010-12-11T19:28:11.592+05:302010-12-11T19:28:11.592+05:30अप इसे ब्लागर मीट कहने से क्यों डरते हैं ? जो कोई ...अप इसे ब्लागर मीट कहने से क्यों डरते हैं ? जो कोई कुछ कहता है कहने दीजिये। मै अमेरिका मे केवल श्रीमति अजित गुपता से मिली थी मगर धदल्ले से उसे ब्लागर्ज़ मीट इन कैलिफोरनिया के नाम से दाग दिया ब्लाग पर तस्वीरों समेत। आप शायद अगली पोस्ट मे तस्वीरें दिखायेंगे। अच्छा लगता है जब अनजान लोग इतनी अत्मीयता से आपस मे मिलते हैं। आभासी रिश्तों को सच बना देते है। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70022550450554648922010-12-11T19:07:33.213+05:302010-12-11T19:07:33.213+05:30आपकी नज़रों से दिल्ली देखना अच्छा लग रहा है...आगे क...आपकी नज़रों से दिल्ली देखना अच्छा लग रहा है...आगे की पोस्ट का इंतज़ार है....<br />मैंने अपना पुराना ब्लॉग खो दिया है..<br />कृपया मेरे नए ब्लॉग को फोलो करें... <a href="http://nayabasera.blogspot.com/" rel="nofollow">मेरा नया बसेरा....... </a>Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36077158154692629162010-12-11T18:42:55.795+05:302010-12-11T18:42:55.795+05:30मैं कुछ अपनी पसंद के ब्लॉगर से जरूर मिलना चाहता हू...<b>मैं कुछ अपनी पसंद के ब्लॉगर से जरूर मिलना चाहता हूँ और कम से कम एक चाय अपनी ओर से उन्हें पिलाना चाहता हूँ </b><br /><br />अच्छा तो ये है असली कहानी, अपनी पसंद के ब्लागरों को ही चाय पिलाते हैं आप? और उनसे ही गुपचुपिया ब्लागर मीट करते हैं. <br /><br />कोई बात नही ठाकुर, ये सांभा आपको याद रखेगा....क्या सुना? <b>सांभा को चाय ना पिलाना बहुते भारी पडेगा ठाकुर.:)</b><br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-49927501930993238342010-12-11T16:01:47.798+05:302010-12-11T16:01:47.798+05:30इस तरह की मेल मुलाकातें बढ़िया लगती हैं ... और जब ...इस तरह की मेल मुलाकातें बढ़िया लगती हैं ... और जब भी समय मिले तो इस तरह के क्रम चलते रहना चाहिए ..दिल्ली यात्रा के संस्मरण रोचक लगे .. .. आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-6430674372102444002010-12-11T12:58:10.183+05:302010-12-11T12:58:10.183+05:30हा हा हा क्या सर इस नहीं हो सकने वाले मिलन पर मैं ...हा हा हा क्या सर इस नहीं हो सकने वाले मिलन पर मैं एक पोस्ट बनाने वाला था कि उससे पहले ही आपने बना ली । अब तो मुलाकात में आपके साथ बैठ के एक मिश्रा जा आचार संहिता बना लेंगें । काहे से आजकल मुलाकातों में अचार संहिता बनाने का रिवाज सा फ़ैसन में है , ध्यान दीजीएगा ..फ़ैसन है ..अरे एक बार करिए महाराज फ़ैसनवो को थोडा सा एलीट फ़ील होने दीजीए नअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-55706338550111952532010-12-11T12:15:16.907+05:302010-12-11T12:15:16.907+05:30`ई संस्मरण ऐसा हो जाए कि लोग पढ़ें और उन्हें लगे क...`ई संस्मरण ऐसा हो जाए कि लोग पढ़ें और उन्हें लगे की अरे इस संस्मरण में तो मेरी खुद की ही झलक है'<br /><br />संस्मरण के अनेक संस्करण निकलने ही चाहिए :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36734935794364359812010-12-11T11:38:35.710+05:302010-12-11T11:38:35.710+05:30रोचक संस्मरण .. अगली कडी का इंतजार है !!रोचक संस्मरण .. अगली कडी का इंतजार है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23421257920735934672010-12-11T10:24:34.572+05:302010-12-11T10:24:34.572+05:30bhali lagi ye mel-mulakat........
bakiya.....
अपन...bhali lagi ye mel-mulakat........<br /><br />bakiya.....<br />अपना धरम है खुशबू खुशबू ,अपनी व्यथा है मन ही मन फिर भी न जाने क्यों कुछ साथी आँख तरेरे देखे हैं ..क्या बतलाएं हमने कैसे सांझ सवेरे देखे हैं....<br /><br />pranam.....सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-59728126572885162532010-12-11T09:59:29.184+05:302010-12-11T09:59:29.184+05:30आपने तो दिल्ली संस्मरण भी लिख दिया ..इस बार लगता ह...आपने तो दिल्ली संस्मरण भी लिख दिया ..इस बार लगता है मिलने का महूर्त नहीं था ..:( अगली बार सही ...रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-85586224592636255132010-12-11T09:52:10.739+05:302010-12-11T09:52:10.739+05:30@महफूज भाई ,कहाँ आप और कहाँ मैं ? कहाँ राजा भोज और...@महफूज भाई ,कहाँ आप और कहाँ मैं ? कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली !<br />मगर आपकी सज्जनता है जो लोगों को मान देते हैं ,वरना यह नाचीज किस खेत की मूली है .<br />आप ब्लॉग- नारी ह्रदय सम्राट बन कैसी डाह ज्वाला हमारे दिलों में प्रज्वलित किये हुए हैं यह हमी से पूछिए :) (सच्ची )<br />अब आपके आगे डायिनिमिज्म भी पानी मांगे !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68161123077977628832010-12-11T09:46:23.682+05:302010-12-11T09:46:23.682+05:30आपकी पर्सनालिटी बहुत ही डाइनामिक है... आप बहुत जल्...आपकी पर्सनालिटी बहुत ही डाइनामिक है... आप बहुत जल्द ही दिलों में प्यार बना लेते हैं.... मैं भी जब आपसे पहली बार मिला था....तो बहुत अच्छा लगा था.... ऐसे ही स्नेह बांटते रहिये....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46309531225389381202010-12-11T09:11:58.807+05:302010-12-11T09:11:58.807+05:30@नहीं सीमा जी ,दिल के अरमा आंसुओं में बह गए .....म...@नहीं सीमा जी ,दिल के अरमा आंसुओं में बह गए .....मगर किसी के अट्ठाहास के आगे आंसुओं का क्या मोल /बिसात ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33957310629827112822010-12-11T09:05:16.912+05:302010-12-11T09:05:16.912+05:30मगर दिल के अरमान दिल में ही रह गये हा हा हा , (jus...मगर दिल के अरमान दिल में ही रह गये हा हा हा , (just joking) any way next time<br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-56064527412036723562010-12-11T08:03:14.142+05:302010-12-11T08:03:14.142+05:30आपके मित्र एम एल गुप्ता जी काफी प्रैक्टिकल और समय ...आपके मित्र एम एल गुप्ता जी काफी प्रैक्टिकल और समय का सदुपयोग करने वाले लगे|Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12706375833644911432010-12-11T08:00:14.159+05:302010-12-11T08:00:14.159+05:30हम तो मिलने की तमन्ना लिये रह गये.
हमें नहीं पता ...हम तो मिलने की तमन्ना लिये रह गये. <br />हमें नहीं पता था वरना पहले ही मिल लेते.<br />बनारस में आपका सानिध्य मिला बहुत अच्छा लगाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-84999218580766465942010-12-11T07:57:03.002+05:302010-12-11T07:57:03.002+05:30... bahut badhiyaa .......... !!!... bahut badhiyaa .......... !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.com