tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post713393976537462623..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: चिट्ठाकार समीर लाल :जैसा मैंने देखा -2Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-69366573187531671622009-05-15T15:08:00.000+05:302009-05-15T15:08:00.000+05:30अच्छा तो समीर जी प्रेम के कवि हैं!अच्छा तो समीर जी प्रेम के कवि हैं!इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23091548605579989102009-05-15T03:50:00.000+05:302009-05-15T03:50:00.000+05:30धन्य हुए..इन्तजार कर रहे हैं अगली कड़ी का.धन्य हुए..इन्तजार कर रहे हैं अगली कड़ी का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18539356514071908172009-05-15T01:25:00.000+05:302009-05-15T01:25:00.000+05:30बिखरे मोती को बहुत सहेज कर रखी हूँ ,बाकी आप की समी...बिखरे मोती को बहुत सहेज कर रखी हूँ ,बाकी आप की समीक्षा के आगे की कड़ी के इन्तजार में , शुक्रिया .......आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76567301315239519422009-05-15T01:01:00.000+05:302009-05-15T01:01:00.000+05:30अच्छी जानकारी। अगली कडी की प्रतीक्षा में-अच्छी जानकारी। अगली कडी की प्रतीक्षा में-Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8348931009774099032009-05-14T23:06:00.000+05:302009-05-14T23:06:00.000+05:30@ठण्ड रख बादशाहों !
अरे भाईसाहब! कैसे ठण्ड रखे ? ...@ठण्ड रख बादशाहों !<br /><br />अरे भाईसाहब! कैसे ठण्ड रखे ? जब बात "समीरजी" की हो तो उन्हे पढने को मन उतावला हो रहा है । <br /><br />आप तो बिना इन्टरवेल किये पुरी कि पुरी समीर-लिलाओ का वर्णन करे। हम समीरजी के फैन है। इसमे रुकावट एवम देर हमारे लिऐ आतुरता को बढाने वाला है।<br /><br />हे प्रभु यह तेरापन्थ<br /><br />मुम्बई टाईगर का आभारहें प्रभु यह तेरापंथhttps://www.blogger.com/profile/12518864074743366000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38866641988739306632009-05-14T21:14:00.000+05:302009-05-14T21:14:00.000+05:30अरविन्द जी
आपके समीक्षा आलेख में समीर भाई की और क...<B>अरविन्द जी<br /> आपके समीक्षा आलेख में समीर भाई की और कई अच्छाइयों का भी पता चला .<br /> आपको और समीर जी की उपलब्धियों के लिए उन्हें भी बधाईयाँ<br />- विजय </B>विजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-87936540976126350062009-05-14T18:26:00.000+05:302009-05-14T18:26:00.000+05:30बहुत बढ़िया पुस्तक समीक्षा।
इसे मंगवाने का प्रयत्...बहुत बढ़िया पुस्तक समीक्षा। <br />इसे मंगवाने का प्रयत्न किया जाता है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47274400118853884732009-05-14T17:42:00.000+05:302009-05-14T17:42:00.000+05:30समीर जी के कवि रूप की विस्तृत जानकारी मिली इस पोस्...समीर जी के कवि रूप की विस्तृत जानकारी मिली इस पोस्ट से. उन्हें शुभकामनाएं और आपको धन्यवाद.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77892556002254011462009-05-14T17:38:00.000+05:302009-05-14T17:38:00.000+05:30सुन्दर और सार्थक समीक्षा सराहनीय है.....इसे पढ़ तो ...सुन्दर और सार्थक समीक्षा सराहनीय है.....इसे पढ़ तो पुस्तक पढने की जिज्ञासा और भी बलवती हो उठी है.सुन्दर आलेख हेतु आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12396319162677141612009-05-14T14:18:00.000+05:302009-05-14T14:18:00.000+05:30बढि़या, आज पहला संस्करण भी पढ़ा वाकई समीर लाल जी ...बढि़या, आज पहला संस्करण भी पढ़ा वाकई समीर लाल जी में कुछ नही, बहुत कुछ है।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58408966093006278772009-05-14T14:14:00.000+05:302009-05-14T14:14:00.000+05:30समीर लाल यथा नाम तथा गुण हैं। यह हनुमान जी का एक न...समीर लाल यथा नाम तथा गुण हैं। यह हनुमान जी का एक नाम है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58009148626278649662009-05-14T14:05:00.000+05:302009-05-14T14:05:00.000+05:30समीरलाल जी के बारे में आगे लेख का इंतजार है।समीरलाल जी के बारे में आगे लेख का इंतजार है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-59140533341396132612009-05-14T13:52:00.000+05:302009-05-14T13:52:00.000+05:30अपने यहाँ तो मोती अभी तक नहीं बिखरे है.. और आगे का...अपने यहाँ तो मोती अभी तक नहीं बिखरे है.. और आगे का इन्तेज़ार तो अपने भी है.. वैसे उस घर में कैसा रह पाऊंगा.. इस पंक्ति ने ही झकझोर के रख दिया है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12778766012324750102009-05-14T11:32:00.000+05:302009-05-14T11:32:00.000+05:30बहुत अच्छा समीर जी किताब बिखरे मोती में सच में कई ...बहुत अच्छा समीर जी किताब बिखरे मोती में सच में कई रंग पढने को मिले ..आप की लिखी समीक्षा का आगे भी इन्तजार रहेगा ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-5893767731374823602009-05-14T11:04:00.000+05:302009-05-14T11:04:00.000+05:30जी हाँ मोती हमारे यहाँ भी बिखरे है....अगले हिस्से...जी हाँ मोती हमारे यहाँ भी बिखरे है....अगले हिस्से के इंतज़ार में ...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-32614732053692380022009-05-14T09:25:00.000+05:302009-05-14T09:25:00.000+05:30समीर लाल जी को कौन नहीं जानता , उनकी काव्य रचना बि...समीर लाल जी को कौन नहीं जानता , उनकी काव्य रचना बिखरे मोती का जवाब नहीं इस काव्य ने उनके एक अलग ही व्यक्तित्व को उजागर किया है.......आगे की श्रंखला का इंतजार है <br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23950240939297670952009-05-14T09:14:00.000+05:302009-05-14T09:14:00.000+05:30गत्यात्मक समीक्षा टाइप लग रही है. सुन्दर. आभारगत्यात्मक समीक्षा टाइप लग रही है. सुन्दर. आभारP.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38119591759974893472009-05-14T08:44:00.000+05:302009-05-14T08:44:00.000+05:30हम भी आगे का इंतजार कर रहे हैं. और आप श्रंखला बद्ध...हम भी आगे का इंतजार कर रहे हैं. और आप श्रंखला बद्ध लिख कर अच्छा कर रहे हैं. बहुत शुभकामनाएं. <br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-32685344062756167692009-05-14T08:34:00.000+05:302009-05-14T08:34:00.000+05:30काव्यात्मक समीक्षा भी उतनी ही सुन्दर और आभादीप्त ज...काव्यात्मक समीक्षा भी उतनी ही सुन्दर और आभादीप्त जितनी साइंटिफ़िक डिस्क्रिप्शन । मोहित हूँ, सम्मोहित भी । <br /><br />अभी जारी है न ?Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79703627860730776802009-05-14T08:33:00.000+05:302009-05-14T08:33:00.000+05:30आगे लिखें अच्छी कड़ियाँ! तीन साल पहले हमने भी सबसे...आगे लिखें अच्छी कड़ियाँ! तीन साल पहले हमने भी सबसे पहले समीरभाई की ”बिन माँ के उस घर में कैसे रह पाउँगा ?” कविता पढ़ी थी।प्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42451306491355743082009-05-14T07:57:00.000+05:302009-05-14T07:57:00.000+05:30समीर लाल की यह प्रत्यक्ष आभा दृष्टिगत हुई है जिनमे...समीर लाल की यह प्रत्यक्ष आभा दृष्टिगत हुई है जिनमें उनके ब्लॉग लेखकीय जीवन की बहुत बड़ी भूमिका है ! यह सचमुच एक मीटिओरिक सक्सेस है -शायद ही ऐसा कोई और दृष्टांत कहीं और सम्भव हो ! जाहिर है इस आभामंडल का पार्श्व कोई कम आलोकित नही रहा होगा मगर वह नजरों से ओझल जरूर रहा ! और निश्चित तौर पर हिन्दी ब्लॉग ने इस महान रचनाकार को हमारे सामने ला प्रस्तुत करने में एक उल्लेखनीय भूमिका निभायी है ! और जैसा कि रचनाकार ने ख़ुद स्वीकारा है उसके काव्यकर्म को प्रोत्साहित करने में श्री अनूप शुक्ला फुरसतिया (ई कौन हैं भाई ? ) श्री संजय बेगाणी ( क्या अपने ब्लागर संजय बेगाणी ? ) आदि की महनीय भूमिका रही है ....<br />आप के एक -एक वचन से सहमत . समीर लाल जी है ही ऐसे -<br />अनुराग वही ,अनुभूति वही ,<br />वही साधना है ,वही संयम है <br />और रहे या न रहे जग में <br />उनकी लेखनी में अब भी दम है .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-8637225698213923762009-05-14T07:17:00.000+05:302009-05-14T07:17:00.000+05:30अच्छी जानकारी!!
बाकी तो कविता और काव्य के मामले म...अच्छी जानकारी!!<br /><br />बाकी तो कविता और काव्य के मामले में हम शून्य!!प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57493566647610268832009-05-14T07:11:00.000+05:302009-05-14T07:11:00.000+05:30समीरलाल जी के बारे में आगे लेख का इंतजार है।समीरलाल जी के बारे में आगे लेख का इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com