tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post6140272968605970561..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: मंगल पर निस दिन मंगल हो और चाँद पर हो इक आशियां!Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39754579191289415752012-04-15T14:24:48.086+05:302012-04-15T14:24:48.086+05:30कितनी ख़ुशी होती है जब हम अपने बच्चों को वेद-पुराण...कितनी ख़ुशी होती है जब हम अपने बच्चों को वेद-पुराण में वर्णित ऐसी अविश्वसनीय कहानियों को वैज्ञानिक प्रमाण देते हुए बताते हैं.. जो उनकी कल्पनाओं को भी एक उड़ान ही देती है . वैज्ञानिक धरातल पर..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-9200850757012362002012-04-13T15:23:45.723+05:302012-04-13T15:23:45.723+05:30धरती (भू -लोक ) आकाश (पर - लोक ,परा - लो...धरती (भू -लोक ) आकाश (पर - लोक ,परा - लोक ) ,पाताल की अवधारणा हम अपने पुरखों से सुनते आयें हैं .मनुष्य होमो--सेपियन )भू -लोक (मृत्यु लोक )वासी है .राक्षस पाताल लोक वासी तथा देवता एलियंस हैं आकाश (कथित स्वर्ग लोक ) वासी हैं .<br /><br />प्रोजेक्ट सेटी (सर्च फॉर एक्स्ट्रा -टेरिस्ट्रियल इंटेलिजेंस ) भौमेतर बुद्धिमान प्राणियों की खोज आज विज्ञान का एक बड़ा मसला है .उड़न तश्तरियों की तरह .<br /><br />सृष्टि में कोई वन लेक मिलियन मिलियन मिलियन (टेन टू दी पावर २३) स्टार्स हैं .यानी एक आगे २३ बिंदियाँ आप जड़ दें .तब जो अंक आये उसके बराबर सितारें हैं सृष्टि में .<br /><br />अब यदि हरेक हज़ार के पीछे एक sitaare के ग्रह mandal पर भी जीवन है तब ऐसे अनेक ग्रह is सृष्टि में मौजूद हैं जहां जीवन हैं बुद्धिमान प्राणी रहतें हैं .हो सकता है विकसित नगरियाँ भी हों .<br /><br />पाताल में द्वारका नगरी खोज ली गई है .आप सभी जानते होंगें .<br /><br />लोहा सितारों की एटमी भट्टी में बनने वाला वह तत्व है जो end product है और सितारों की chemical factory में बनता है .uttrottar halke tatvon (progressively ligher elements) के फ्यूज़न से .कुछ सितारों की अंतिम प्रावस्था में चांदी तथा कुछ और की अंतिम प्रावस्था में सोना jaise bhaari तत्व भी banten honge . .यानी रजत और स्वर्ण नगरियाँ भी हो सकतीं हैं .<br /><br />अरविन्द जी ने बड़ी रोचक श्रृंखला आगे बढ़ाई है .बहुत सटीक विश्लेषण प्रधान .<br />zaahir है विज्ञान kathaaon के beez पौराणिक ग्रंथों में यहाँ वहां bikhre huen हैं .gaalib saahab kahaa karte the -<br /><br />मंजिल एक और बुलंदियों पे बना लेते ,काश के अर्स (आसमान ) से परे होता मकान अपना .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-3425815592301228222012-04-13T14:57:46.315+05:302012-04-13T14:57:46.315+05:30EK BLOG MEET HO JAI CHAND PAR????
PRANAM.EK BLOG MEET HO JAI CHAND PAR????<br /><br /><br />PRANAM.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-55060094643891873422012-04-13T14:09:50.852+05:302012-04-13T14:09:50.852+05:30जब तक सामने नहीं आता तभी तक रहस्य रहता है .... आन...जब तक सामने नहीं आता तभी तक रहस्य रहता है .... आने वाली पीढ़ियाँ शायद मंगल पर मंगल करेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-59188959612953624162012-04-13T09:55:08.756+05:302012-04-13T09:55:08.756+05:30बहुत ही सुन्दर जानकारी भरा आलेखबहुत ही सुन्दर जानकारी भरा आलेखDarshan Lal Bawejahttps://www.blogger.com/profile/10949400799195504029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-37887905863642920112012-04-13T09:21:52.991+05:302012-04-13T09:21:52.991+05:30बहुत ही सुन्दर आलेख. हमारे पूर्वजों की कल्पनाएँ (?...बहुत ही सुन्दर आलेख. हमारे पूर्वजों की कल्पनाएँ (?) एक के बाद एक साकार होती जा रही हैं. हम खूब सपने देखें और खुश रहें.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-21790072245758248522012-04-13T07:17:40.781+05:302012-04-13T07:17:40.781+05:30कौन जाने कहानी कथाओं की तरह अभी भी वहां कोई बस्ती...कौन जाने कहानी कथाओं की तरह अभी भी वहां कोई बस्ती हो , जहाँ से एलियन इस धरती पर आते हैं ...<br />जिस तरह पुरानी कल्पनाएँ साकार हो रही है , यह भी साकार हो ही सकती है ... <br />चाँद पर प्लाट ख़रीदे बेचे भी जाने लगे हैं !!<br />रोचक आलेख !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-28882262698659366842012-04-13T07:03:22.307+05:302012-04-13T07:03:22.307+05:30आज शुक्रवार
चर्चा मंच पर
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुत...आज शुक्रवार <br />चर्चा मंच पर <br />आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||<br /><br />charchamanch.blogspot.comरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-58255842666597842682012-04-13T05:34:19.850+05:302012-04-13T05:34:19.850+05:30सर जी बहुत सुन्दर पौराणिक विवेचन आधुनिक संदर्भ में...सर जी बहुत सुन्दर पौराणिक विवेचन आधुनिक संदर्भ में |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48663104642444411452012-04-12T23:03:07.495+05:302012-04-12T23:03:07.495+05:30अच्छी जानकारी.... वैसे दराल साहब की बात एकदम सही ह...अच्छी जानकारी.... वैसे दराल साहब की बात एकदम सही है..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54900947587397956682012-04-12T23:02:10.212+05:302012-04-12T23:02:10.212+05:30बढिया जानकारी मिली। किसी दिन यह सपना भी साकार हो स...बढिया जानकारी मिली। किसी दिन यह सपना भी साकार हो सकता है!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66707418494295674122012-04-12T22:59:51.998+05:302012-04-12T22:59:51.998+05:30चाँद पर इक छोटा सा घर हो, और चाँद सा हमसफ़र हो :)
...चाँद पर इक छोटा सा घर हो, और चाँद सा हमसफ़र हो :)<br /><br />आसमान में उड़ते फिरे दोनों - कोई ऐसा मंगल सु-अवसर हो .....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-20266243227339428142012-04-12T22:43:16.340+05:302012-04-12T22:43:16.340+05:30हमारा नंबर कब आएगा ...??
शुभकामनायें हम दोनों कोहमारा नंबर कब आएगा ...??<br />शुभकामनायें हम दोनों कोSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42382014855198116562012-04-12T22:22:42.331+05:302012-04-12T22:22:42.331+05:30अवैज्ञानिक कथाओं/लोकोक्तियों/किम्वादंतियों को आपने...अवैज्ञानिक कथाओं/लोकोक्तियों/किम्वादंतियों को आपने जिस प्रकार वैज्ञानिक तथ्य से प्रमाणित किया है वह सचमुच अविश्वास का यथार्थ में परिणत होना है!! मंगल ग्रह के साथ तो हम लोगों का बचपन का नाता है!! कोमिक्स में भी एलियन मंगल से ही आते थे!! <br />भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है, क्या पता!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-44654712997094548982012-04-12T20:48:43.896+05:302012-04-12T20:48:43.896+05:30bahut khoobasoorat pravishti.bahut khoobasoorat pravishti.S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2985248476117196462012-04-12T20:41:35.873+05:302012-04-12T20:41:35.873+05:30दुनिया की हर सभ्यता में इस तरह की या इसके आसपास कल...दुनिया की हर सभ्यता में इस तरह की या इसके आसपास कल्पनायें की गयीं। सब अलग-अलग तरह से कुछ कम ज्यादा सार्थक हो रहीं हैं। आज भी न जाने कितनी कल्पनायें हम करते हैं। देखिये आगे क्या होता है।अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-25476050998614942542012-04-12T20:21:21.823+05:302012-04-12T20:21:21.823+05:30मन्त्र-शक्ति से था बसा, पहले त्रिपुर-स्थान ।
लटक ग...मन्त्र-शक्ति से था बसा, पहले त्रिपुर-स्थान ।<br />लटक गए त्रिशंकु भी, इंद्र रहे रिसियान ।<br /> <br />इंद्र रहे रिसियान, हुए क्रोधित त्रिपुरारी ।<br />मय दानव का मान, मिटाई कृतियाँ सारी ।<br /><br />बसते नगर महान, आज फिर तंत्र-शक्ति से ।<br /> पर पहले संसार, सधा था मन्त्र-शक्ति से ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47327339478102864122012-04-12T19:20:27.823+05:302012-04-12T19:20:27.823+05:30उस स्थान का नाम त्रिशंकु बिन्दु रख देना चाहियेउस स्थान का नाम त्रिशंकु बिन्दु रख देना चाहियेप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-80604466827436286372012-04-12T19:14:58.681+05:302012-04-12T19:14:58.681+05:30तेरी महफ़िल में लेकिन हम ना होंगे !तेरी महफ़िल में लेकिन हम ना होंगे !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-88030740386970826252012-04-12T19:09:41.699+05:302012-04-12T19:09:41.699+05:30science कि तरक्की देखकर कुछ भी असंभव नहीं लगता ......science कि तरक्की देखकर कुछ भी असंभव नहीं लगता ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76382592241370958202012-04-12T19:03:59.397+05:302012-04-12T19:03:59.397+05:30वाह भाई वाह
बढ़िया प्रस्तुति ||
बहुत बहुत ब...वाह भाई वाह <br /><br />बढ़िया प्रस्तुति ||<br /><br />बहुत बहुत बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-88334193449595313282012-04-12T19:02:14.645+05:302012-04-12T19:02:14.645+05:30एक दिन मंगल पर जरुर मंगल मनाया जाएगा!...रोचक कहानी...एक दिन मंगल पर जरुर मंगल मनाया जाएगा!...रोचक कहानी!...आभार!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-20858267301708464362012-04-12T18:55:43.334+05:302012-04-12T18:55:43.334+05:30मंगल पर मंगल मनाने में तो पांच सौ साल लगेंगे । तब ...मंगल पर मंगल मनाने में तो पांच सौ साल लगेंगे । तब तक क्यों न जंगल में मंगल मनाया जाए । :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16245924259978773072012-04-12T18:51:05.223+05:302012-04-12T18:51:05.223+05:30ऐसी कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं.प्राचीनकाल...ऐसी कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं.प्राचीनकाल से लेकर आज तक चन्द्रमा तो जैसे हमारे परिवार का अंग रहा है,उसे चंदामामा यूँ ही नहीं कहते रहे हैं.<br />मंगल और चन्द्रमा पर बसने का स्वप्न ज़रूर पूरा होगा,अफ़सोस हम न होंगे !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.com