tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post5911395265891179379..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: एक नारीवादी का प्रतिशोध -अत्याचार की कहानी !Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger91125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-4394595673374783612011-07-16T10:44:25.767+05:302011-07-16T10:44:25.767+05:30मिश्राजी ,आपके साथ हुए अन्याय से सभी सुधीजन विचलित...मिश्राजी ,आपके साथ हुए अन्याय से सभी सुधीजन विचलित हैं.दर-असल आज लिखने से ज़्यादा अहमियत इस बात की है की आप किस खेमे से हैं? अगर आपका खेमा मज़बूत नहीं है तो फिर आप निपट अकेले और 'अलेखक' हैं.<br />संयोग कहिये या दुर्योग,मैं अचानक किसी पोस्ट के लिंक से उसी तथाकथित ब्लॉग पर पहुँच गया,फिर तो मेरी कस के मरम्मत हुई! मैंने केवल इस बात को रेखांकित कर दिया कि 'हेडर' में 'ब्लॉगर रचना का ब्लॉग' जैसा उद्घोष क्यों किया गया है,भाई जो ब्लॉग लिखता है उसका स्वामी वही है और उसका विवरण भी मिल जाता है.साथ ही यह तुच्छ सलाह दे डाली कि 'कुछ सार्थक लिखने की कोशिश करें',बस न जाने कितने सवाल और अपना बखान...?<br />मुझे साहित्य में नारीवादी या दलित लेखन नाम से भी आपत्ति है.क्या लेखन को,शब्दों को,अक्षरों को भी हम इसी नज़रिए से देखेंगे ? क्या लेखक का 'तंगदिल' होना ठीक है? वह पाठकों को भी ऐसे ही तक़सीम करना चाहता है ?संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70780584129788435892011-04-13T09:37:31.682+05:302011-04-13T09:37:31.682+05:30ऐसा भी होता है ? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की ऐसी ...ऐसा भी होता है ? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की ऐसी मिसाल .दुःख हुआ ..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-44185670349591733722011-01-21T14:49:27.329+05:302011-01-21T14:49:27.329+05:30यह तो वाकई अन्यायपूर्ण घटना है, भला इसपर कोई अट्ठा...यह तो वाकई अन्यायपूर्ण घटना है, भला इसपर कोई अट्ठास कैसे कर सकता है और वह भी मोगेम्बो बन कर? किताब पर अगर लेखक का नाम नहीं होगा तो क्या इन तथाकथित मोगेम्बो का होगा??? न्यायिक कार्यवाही करना आपका अधिकार है.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33653267250263863152010-08-13T17:30:51.059+05:302010-08-13T17:30:51.059+05:30जो भी हुआ है वह सर्वथा अनुचित और घृणास्पद है। लेकि...जो भी हुआ है वह सर्वथा अनुचित और घृणास्पद है। लेकिन ऐसे मामले में न्यायालय न जाना कहीं से भी उचित नहीं है। मुझे ऐसा लगता है कि न्यायालय की सहायता और मीडिया की मदद् से इस मामले को अच्छी तरह से उठाए जाने की आवश्यकता है। समाज में छद्मवेशधारी कथित लेखकों और वैज्ञानिकों की तादात बहुत बढ़ गई है। ऐसे लोगों तक कठोर संदेश पहुचाने के लिए ऐसा बहुत जरूरी है।Alok Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/06382724187228720989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-32063821504905409282010-07-20T14:52:25.438+05:302010-07-20T14:52:25.438+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-3137288993114029522010-07-20T14:52:21.534+05:302010-07-20T14:52:21.534+05:30sir, what is the title of the book? Is it in Hind...sir, what is the title of the book? Is it in Hindi? Pl. inform me at shamimua@hotmail.com. regardsAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16313317147466965282010-07-19T23:53:24.349+05:302010-07-19T23:53:24.349+05:30सारे प्रकरण को दुखद कह देने से काम नहीं चलने का। य...सारे प्रकरण को दुखद कह देने से काम नहीं चलने का। यह सब इस बात को उजागर करता है कि सार्वजनिक संस्थाओं में कैसे कैसे लोग बैठे हैं और लोग प्रकाशन के लालच में सही गलत भी विस्मृत कर देते हैं। इस प्रवृत्ति के विरुद्ध संघर्ष होना चाहिए। और हाँ मैं ऐसे व्यक्ति को नारीवादी नहीं मानता। यूं कहने को तो कोई भी खुद को कुछ भी कह सकता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73682171574112275522010-07-19T10:58:43.665+05:302010-07-19T10:58:43.665+05:30आज पढ़ी यह पोस्ट बहुत दुखद पूर्ण है यह ...आशा है उ...आज पढ़ी यह पोस्ट बहुत दुखद पूर्ण है यह ...आशा है उचित कार्यवाही होगी और सब ठीक हो जाएगारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-91106486596175601592010-07-19T10:33:07.303+05:302010-07-19T10:33:07.303+05:30तीन चार दिनों से व्यक्तिगत व्यस्तताओँ के कारण ब्ला...तीन चार दिनों से व्यक्तिगत व्यस्तताओँ के कारण ब्लाग नहीं पढ़ पा रहा था। उस का खामियाजा यह कि मुझे इस पोस्ट का पता अब लग रहा है। अभी भी अदालत के लिए निकल रहा हूँ। शाम को पढ़ कर ही कुछ कहने की स्थिति में आ सकूंगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-34826842128371428192010-07-18T19:51:17.992+05:302010-07-18T19:51:17.992+05:30@"अगर सह-लेखक जैसे दोस्त हैं तो फिर दुश्मनों ...@"अगर सह-लेखक जैसे दोस्त हैं तो फिर दुश्मनों की ज़रूरत ही क्या है..."<br />बजा फरमाते हैं खुशदीप जी....और हाँ इस साप को तो मैंने तभी से दूध पिलाया है जब यह सपोला था ! क़िबला अब तो यह फुफकारता नाग बन गया है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39882830592937296402010-07-18T14:03:48.781+05:302010-07-18T14:03:48.781+05:30अरविंद जी,
सबसे पहले किताब हाथ में आने का इंतज़ार ...अरविंद जी,<br />सबसे पहले किताब हाथ में आने का इंतज़ार कीजिए...<br /><br />अगर सह-लेखक जैसे दोस्त हैं तो फिर दुश्मनों की ज़रूरत ही क्या है...<br /><br />आस्तीन में सांप पालना इसे ही कहते हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-35023326090239794942010-07-18T06:15:31.727+05:302010-07-18T06:15:31.727+05:30@@
उन सभी मित्रों ,शुभचिंतकों का बहुत आभार जिन्हों...@@<br />उन सभी मित्रों ,शुभचिंतकों का बहुत आभार जिन्होंने इस दुष्कृत्य का मुखर विरोध कर मुझे नैतिक बल दिया और कानूनी कार्यवाही की मुखर मांग की है ...कानूनी प्रक्रिया लम्बी है मगर शुरू हो रही है ... ...भारत सरकार के उस प्रकाशन विभाग में नारीवाद को कलंकित करती एक स्वयंभू नारीवादी ब्लॉगर महिला और उनकी मनोविकृति की शिकार दूसरी साथिन नारी ब्लॉगर का यह साझा प्रयास -यह दुष्कृत्य भारत में नारीवाद के भविष्य को यदि समग्रतः उजागर नहीं भी करता तो एक झलक देता ही है ...और यह भी बताता है की मनुष्य के अधोपतन और प्रतिशोध की कोई सीमा नहीं हो सकती ....इन दो मुखर नारीवादियों और मेरे उस मित्र (?) की दुरभिसंधि से अकादमीय दुनिया का एक अविस्मरनीय निंदनीय खेल एक सरकारी विभाग में खेला गया ...किताब से मुख्य लेखक का नाम ही उड़ा कर पुस्तक छापने का षड्यंत्र रच डाला गया -<br />इसकी परत दर परत खुलेगी और आपको अवगत करता रहूँगा ...प्रयास यह भी चल रहे हैं की मेरे मित्र या तो सरकारी गवाह बनें या आप सभी के सामने नारीवाद का विकृत -घिनौना चेहरा सामने लायें ! और बतायें कि नागरिकों के कर से जीवन यापन करने वाली एक वेतनभोगी कथित नारीवादी किस तरह अपना निजी एजेंडा एक सरकारी विभाग में चला रही है ...उन्होंने मेरे मित्र से क्या क्या शर्ते रखीं चार्ल्स डार्विन पर पुस्तक प्रकाशन के लिए...... यह देश और दुनिया भी जाने ...शेम... शेम ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26367283973276535632010-07-18T05:58:30.221+05:302010-07-18T05:58:30.221+05:30अरुणेश जी ,
स्नेह समर्थन के लिए आभार ! हाँ बात आपक...अरुणेश जी ,<br />स्नेह समर्थन के लिए आभार ! हाँ बात आपकी दुरुस्त है -कोई पुराना उपकरण ढूंढता हूँ :)<br />लावण्या जी ,<br />बहुत आभार ,हाँ अवगत तो कराऊंगा ही ..अभी कानूनी प्रक्रिया को आरम्भ करने में लगा हूँ ..<br />सच है सत्यमेव जयते नानृतम .....नासतो विद्यते भावो ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-20120009223445842232010-07-18T01:27:48.559+05:302010-07-18T01:27:48.559+05:30आपका क्षोभ सही है ..
आशा है आगे
कारवाई आरम्भ हो ग...आपका क्षोभ सही है ..<br />आशा है आगे <br />कारवाई आरम्भ हो गयी होगी - <br />बतलाएं क्या हुआ ? <br />सत्यमेवजयतेलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-85266728757262888312010-07-17T22:10:20.870+05:302010-07-17T22:10:20.870+05:30प्रशंसनीय पोस्ट । चोरों का परम्परागत उपकरण से सम्...प्रशंसनीय पोस्ट । चोरों का परम्परागत उपकरण से सम्मान होना चाहिए । आपने मामले को सार्वजनिक किया . बधाई ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-49804735554315421022010-07-17T18:43:22.941+05:302010-07-17T18:43:22.941+05:30मैं हतप्रद भी हूँ और दुखी भी दुनिया में इतनी मक्का...मैं हतप्रद भी हूँ और दुखी भी दुनिया में इतनी मक्कारी और धूर्तता क्यों है सिर्फ भले लोग इनका शिकार क्यों होते हैंMukulhttps://www.blogger.com/profile/17912641611101930410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-56441256048740651222010-07-17T18:21:49.030+05:302010-07-17T18:21:49.030+05:30शुक्रिया रश्मि जी ,कुछ कर रहा हूँ !
आभार कृतिका ...शुक्रिया रश्मि जी ,कुछ कर रहा हूँ !<br /><br />आभार कृतिका ,-शुभाकांक्षियों का संबल आत्मबल बनाए रखने में मदद करता है..<br />.<br />अनिता जी बहुत आभार ,जैसा कह रही हैं उसी की तैयारी में हूँ !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68558806381429196242010-07-17T17:17:32.781+05:302010-07-17T17:17:32.781+05:30इतनी देर से इस पोस्ट पर आई...सबने अच्छी सलाह दी ...इतनी देर से इस पोस्ट पर आई...सबने अच्छी सलाह दी हैं...उनके अनुसार उचित कार्यवाई करें<br />यह कृत्य तो निनदनीय हैrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-50217579046728465542010-07-17T17:01:39.080+05:302010-07-17T17:01:39.080+05:30Whatever happened is really shameful.
Many have sp...Whatever happened is really shameful.<br />Many have spoken in your favor.<br /><br />I am also supporting you.<br />See one thing is very clear from this episode that A 'woman' can go to any extent if she wants to destroy or take revenge.Any extent means any extent ,So please be very very careful.<br />Take every step carefully.<br />My best wishes are with you..https://www.blogger.com/profile/07159093860565043428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36268285170768345432010-07-17T14:07:03.951+05:302010-07-17T14:07:03.951+05:30अरविंद जी बहुत देर से आप की पोस्ट देखी…लेकिन देख क...अरविंद जी बहुत देर से आप की पोस्ट देखी…लेकिन देख कर अवाक रह गयी हूँ । मैं प्रवीण जी, अजित गुप्ता और अन्य मित्रों से सहमत हूँ कि आप को पूरे मामले की छानबीन कर पक्के सबूतों के साथ मामले को सही अंजाम तक ले जाना चाहिए। लेखक लेखक होता है नर नारी नहीं। हर किसी को उसकी मेहनत का श्रेय मिलना ही चाहिए।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-24466031334012394722010-07-17T08:44:44.714+05:302010-07-17T08:44:44.714+05:30भारत सरकार के प्रकाशन विभाग जिसका नाम आपने नही लिय...भारत सरकार के प्रकाशन विभाग जिसका नाम आपने नही लिया है इस प्रकार की ओछी घट्ना यह सिध्द करती है कि नारी व नारीवत व्यक्तित्व जिनके बारे मे बाबा तुलसी दास ने लिख छोडा है कितने प्रभावशाली है तथा गलत काम करने वाले लोग कितनी उदण्डता से अपने काम को अन्जाम दे डालते है <br />आपकी भविष्य की सारी लडाई अब इस बात पर निर्भर करती है कि आपका यह मित्र आपके साथ कितना मित्रवत साथ देता है क्योंकि पूरे प्रकरण मे मुझे उसकी मौन सहमति उस नारी तथा नारीवादी व्यक्ति के प्रति दिख रही है हो सकता है मै गलत होऊँ वर्ष 2010 की शुरूआत आपके साथ गलत हुई जब नारीवादी ने लैंगिक उत्पीड़न की धमकी दी और अब यह घट्ना तो आपका सीधा उत्पीड़न ही है लगता है शनि की साढे साती असर दिखा रही है मजाक नही है मित्र अपना अनुभव है ऐसी दुखद घट्नाए मनोबल कम करने के लिये अनायास ही घट जाती है सावधानी भी रखने की आवश्यकता है यह बात मै पूरी गम्भीरता से कह रहा हू<br /><br /> इस पूरी बहस मे किसी भी नारी नारी वादी तथा जिसका नाम भी अनेक लोगो द्वारा लिया गया है उसकी कोई प्रतिक्रिया ना आना भी आश्चर्यजनक है ऐसा तो पहले कभी नही हुआ स्पष्ट है षड़यंत्रकारी व्यक्ति दूर से देख देख कर मजे ले रहा है <br /><br /> हे प्रभु उन्हे क्षमा कर जो नही जानते कि वे क्या कर रहे हैarun prakashhttps://www.blogger.com/profile/11575067283732765247noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-90749022433161740462010-07-17T07:48:34.097+05:302010-07-17T07:48:34.097+05:30ये जो भी लोग हैं जो भी इनका मोटिव हो... निंदनीय है...ये जो भी लोग हैं जो भी इनका मोटिव हो... निंदनीय है. घोर निंदनीय है. <br />किसी से विचार ना मिलना स्वाभाविक है... पर एक के बाद एक ऐसी गलतियाँ. ऐसी बदले की भावना?<br />अनुरागजी ने सही सलाह दी है. दुर्भाग्य है कि अपने देश में इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी जैसे नाम की कोई चीज नहीं होती है. पर इनके खिलाफ तो जो भी हो सकता हो किया जाना ही चाहिए.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-85454264770587145352010-07-17T07:26:19.656+05:302010-07-17T07:26:19.656+05:30आप इस ब्लॉग लिंक पर जाकर फिर से देख लें कि मोगाम्ब...आप इस ब्लॉग लिंक पर जाकर फिर से देख लें कि मोगाम्बो इसलिए खुश हुआ है कि एक किताब से उसके मुख्य लेखक का नाम ही हटा दिया गया है ..<br /><br />http://webcache.googleusercontent.com/search?q=cache:YrVISk7urdwJ:mypoeticresponse.blogspot.com/+%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%89%E0%A4%97+%E0%A4%AE%E0%A5%87+%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%B8+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%9A%E0%A4%AE+%E0%A4%B2%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87+%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%8B&cd=8&hl=en&ct=clnk&gl=in<br />और यह मामला जब ब्लॉग जगत में हायिलायिट हुआ तो मोहतरमा ने झट से ब्लॉग ही डिलीट कर दिया ..<br />यह एक पुस्तक चार्ल्स डार्विन का मामला है जिसमें मैं प्रमुख लेखक था और सह लेखक के रूप में मेरे एक मित्र जो दिल्ली में हैं -उनसे बात होती रही है और उन्होंने यह जिक्र किया था कि एक महिला जो उस सरकारी प्रकाशन संस्थान में कार्यरत हैं और उनका यहाँ एक ब्लॉग भी है को मेरे नाम और दिए हुए तथ्यों से घोर आपत्ति थी -अब रचना के नाम से प्रकाशित उक्त पोस्ट ने यह बिल्कुल साफ़ कर दिया है कि इन मोहतरमा ,ये जो भी हों से उक्त प्रकाशन संस्थान की महिला अधिकारी से गुफ्तगूँ चलती रही जिसने अंत में साम दाम दंड भेद से मेरा नाम उक्त किताब से हटवा कर ही दम लिया ....<br />रचना के नाम से छपे उक्त ब्लॉग पोस्ट को ही वाद हेतु मानकर इस पूरे कारनामे पर विधिक कार्यवाही की तैयारी आरम्भ हो गयी है ..दोषी नपेगें ही .....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-56764304929743389312010-07-17T06:24:24.482+05:302010-07-17T06:24:24.482+05:30अरविन्द मिश्र जी,
किसी भी पोस्ट के लिखने से समर्थन...अरविन्द मिश्र जी,<br />किसी भी पोस्ट के लिखने से समर्थन प्रतिक्रियाएं आनी स्वाभाविक हो जाती हैं,मेरे विचार में प्रतिष्ठा दोनों की ही महत्वपूर्ण होती है , बेहतर है अगर आपको उनका नाम पता है तो पहले उनके नाम से ही पत्र लिख कर अपना विरोध व्यक्त करें ...अन्यथा आप भी दूसरे पक्ष के दोषी माने जा सकते हैं ! <br />इस आभासी जगत में व्यक्तिगत कडवाहट निंदनीय है मेरी प्रार्थना है कि कडवाहट घटाने के लिए पहल, आप ही करलें शायद एक सुखद पहल हो !<br />सादरSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-57148629998498736602010-07-17T06:24:24.481+05:302010-07-17T06:24:24.481+05:30अरविन्द मिश्र जी,
किसी भी पोस्ट के लिखने से समर्थन...अरविन्द मिश्र जी,<br />किसी भी पोस्ट के लिखने से समर्थन प्रतिक्रियाएं आनी स्वाभाविक हो जाती हैं, मगर दूसरे का पक्ष जाने बिना इंगित करना उचित नहीं लगता ! मेरे विचार में प्रतिष्ठा दोनों की ही महत्वपूर्ण होती है , बेहतर है अगर आपको उनका नाम पता है तो पहले उनके नाम से ही पत्र लिख कर अपना विरोध व्यक्त करें ...अन्यथा आप भी दूसरे पक्ष के दोषी माने जा सकते हैं ! <br />इस आभासी जगत में व्यक्तिगत कडवाहट निंदनीय है मेरी प्रार्थना है कि कडवाहट घटाने के लिए पहल, आप ही करलें शायद एक सुखद पहल हो !<br />सादरSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com