tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post5744396150843477077..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: पितरों के तीर्थ गया में (बनारस से बोध गया और गया तक की एक ज्ञान यात्रा -२)Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33883690729049657172011-10-03T22:28:28.522+05:302011-10-03T22:28:28.522+05:30बहुत बढ़िया यात्रा वर्णन लिखा है आपने....आभार.बहुत बढ़िया यात्रा वर्णन लिखा है आपने....आभार.Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-52070817906490785412011-10-02T12:14:43.302+05:302011-10-02T12:14:43.302+05:30Enjoying your travel post n stories associated wit...Enjoying your travel post n stories associated with it..Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-64517391151190756662011-10-02T08:35:47.424+05:302011-10-02T08:35:47.424+05:30गया के बारे में आपके लेख से बहुत कुछ जानने का मौका...गया के बारे में आपके लेख से बहुत कुछ जानने का मौका मिला ... अभी तक सिर्फ सुना था ...जानकारी प्रस्तुत करने के लिए आभार...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-62186338895790931752011-10-01T20:27:02.659+05:302011-10-01T20:27:02.659+05:30कितना अदभुत है हमारा धर्म और उससे जुडी कथाएं । यात...कितना अदभुत है हमारा धर्म और उससे जुडी कथाएं । यात्रा से अगर कोई सकुशल लौट आता था तो हार आदि पहना कर उसका स्वागत सत्कार किया जाता था । वातावरण की सृष्टि तो हमारे मंत्र और पूजा सामग्रि सो हो ही जाती है । गया के बारे में यह भी सुना है कि पहला श्राध्द यदि यहां किया जाये तो फिर हर वर्ष विधिनुसार श्राध्द करने की आवश्यक्ता नही रहती । मंदिर में मिष्टान्न चढाने से काम हो जाता है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38651488163942920332011-10-01T17:48:08.229+05:302011-10-01T17:48:08.229+05:30पंडित जी!
आपके श्रीमुख से उस स्थान और घटनाओं का वर...पंडित जी!<br />आपके श्रीमुख से उस स्थान और घटनाओं का वर्णन सुनकर वहीं उपस्थित होने का भान होता है!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29218173385764759652011-10-01T14:26:36.887+05:302011-10-01T14:26:36.887+05:30बढिया वृतांत- आभार॥ पहले कहते थे=
जो गया बदरी,वो ग...बढिया वृतांत- आभार॥ पहले कहते थे=<br />जो गया बदरी,वो गया उधरी<br />जो लौट आया, उसकी सुध सुधरी।<br /><br />अब गया के बारे में ‘एक बार’ की बात कही गई है॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74218894127834488612011-10-01T09:45:39.586+05:302011-10-01T09:45:39.586+05:30'श्रद्धा' से किये जाने वाले 'श्राद्ध&#...'श्रद्धा' से किये जाने वाले 'श्राद्ध' में सीता की परंपरा को बढ़ाने वाली नारियां भी आगे आ रही हैं यह बदलते दौर को शास्त्रीय स्वीकृति भी है, वर्ना पंडों को और भी न जाने कितने श्राप भुगतने पड़ते ! कर्मकांड और पंडितीय कथा साहित्यों से तथ्यों और इतिहास का काफी नुकसान भी हुआ है...अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2871867823647570062011-10-01T06:18:02.910+05:302011-10-01T06:18:02.910+05:30बेहतरीन वृतांत....सही है.बेहतरीन वृतांत....सही है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12891316956145939732011-09-30T21:51:20.150+05:302011-09-30T21:51:20.150+05:30हमें गया जाना है,और लौटकर भी आना है। :)हमें गया जाना है,और लौटकर भी आना है। :)ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-72207211349326945732011-09-30T16:38:17.962+05:302011-09-30T16:38:17.962+05:30बहुत विस्तृत और रोचक विवरणबहुत विस्तृत और रोचक विवरणDarshan Lal Bawejahttps://www.blogger.com/profile/10949400799195504029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-21555249968787746112011-09-30T16:38:17.142+05:302011-09-30T16:38:17.142+05:30बहुत विस्तृत और रोचक विवरणबहुत विस्तृत और रोचक विवरणDarshan Lal Bawejahttps://www.blogger.com/profile/10949400799195504029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78001151807187990422011-09-30T14:45:55.770+05:302011-09-30T14:45:55.770+05:30acchha wiwaran hai sir, kabhee kabhee maanyataayen...acchha wiwaran hai sir, kabhee kabhee maanyataayen ,tark witark se pare hote hain. apne bujurgon kee santushti ke liye bhee kuchh raaste apnaane padate hain.अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14600100362351328482011-09-30T14:38:29.701+05:302011-09-30T14:38:29.701+05:30चित्रोपम आलेख के लिए हार्दिक आभार .चित्रोपम आलेख के लिए हार्दिक आभार .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-51126336378026063042011-09-30T07:43:28.024+05:302011-09-30T07:43:28.024+05:30बहुत रोचक लग रहा है गया यात्रा का वृत्तान्त। पढ रह...बहुत रोचक लग रहा है गया यात्रा का वृत्तान्त। पढ रहे हैं एकाग्र होकर!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-56128255025962786472011-09-30T05:01:38.258+05:302011-09-30T05:01:38.258+05:30बच्चे अक्सर खेल- खेल में गुनगुनाया करते थे ...गया ...बच्चे अक्सर खेल- खेल में गुनगुनाया करते थे ...गया गया गया तो गया ही रह गया !<br />विस्तृत रिपोर्ट पढ़कर इन स्थलों की जानकारी प्राप्त हुई ...<br />आभार!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39094326768202907852011-09-30T01:29:43.944+05:302011-09-30T01:29:43.944+05:30गया में पिंड दान के बारे में सुना बहुत था.आज विस्त...गया में पिंड दान के बारे में सुना बहुत था.आज विस्तार से पढ़ा.आभार.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-51585673631431986862011-09-29T22:47:22.930+05:302011-09-29T22:47:22.930+05:30बहुत विस्तृत और रोचक विवरण है। गया के पंडों के बार...बहुत विस्तृत और रोचक विवरण है। गया के पंडों के बारे में काफी सुना है।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-35003331553226858602011-09-29T22:35:35.704+05:302011-09-29T22:35:35.704+05:30कथा है कि राम लक्ष्मण पूजा सामग्री लेने चले गए और...कथा है कि राम लक्ष्मण पूजा सामग्री लेने चले गए और फल्गू के किनारे सीता जी अकेले रह गयीं ...और तभी पिंड दान का शुभ महूर्त आ पहुंचा और सीता जी ने पूरे श्रद्धाभाव से बालू का ही पिंड बना उसे राजा दशरथ को अर्पित कर दिया मगर राम और लक्ष्मण के लौटने पर लालची ब्राह्मण ने दान के चक्कर में झूठ बोल दिया कि पिंड दान तो हुआ ही नहीं -फल्गू नदी ने भी हाँ में हाँ मिला दिया .कुपित सीता ने श्राप दिया कि गया के ब्राह्मणों को दान से कभी भी संतुष्टि न हो और फल्गू सूख जायं -यह कथा निश्चित ही फल्गू नदी की मौसमी स्थिति और गया के पण्डे -ब्राह्मणों की लालच को लक्ष्य कर किसी मनीषी ने गढ़ी होगी ... यह बात भी महत्वपूर्ण है कि अगर श्रद्धाभाव हो तो बालू का भी पिंड दान किया जा सकता है ...श्राद्ध का अर्थ ही श्रद्धा से किया जाने वाला कार्य /अनुष्ठान है ...<br />"संतों,आई ज्ञान की आँधी रे, भ्रम की <br />हम तो भाई साहब ज्ञान मार्गी है कबीरपंथी ,कर्मकांडी आस्था का विरोध नहीं ,सबका अपना अपना पाथेय है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77768015393844653602011-09-29T22:14:57.786+05:302011-09-29T22:14:57.786+05:30गया पर इतनी विस्तृत रपट कभी नहीं पढी,जानकारी के ल...गया पर इतनी विस्तृत रपट कभी नहीं पढी,जानकारी के लिए उत्कंठा बढ़ गयी है.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47761599452080111182011-09-29T21:38:33.990+05:302011-09-29T21:38:33.990+05:30आपकी गया यात्रा रोमांचक रही,विवरण भी उतना ही प्रभा...आपकी गया यात्रा रोमांचक रही,विवरण भी उतना ही प्रभावी.गयासुर में असुर पहले ही जुड़ा है पर शायद तब तक आपको 'बोध' प्राप्त नहीं हुआ था.बाद में आपने बताया कि आपका 'भ्रम' टूटा (पहले मैं कर्मनाशा और वैतरिणी को भूलवश एक ही मानता था मगर मेरा भ्रम यहाँ टूटा ...) अर्थात तब तक आपको कुछ ज्ञान मिल गया था.कबीर ने कहा भी है,"संतों,आई ज्ञान की आँधी रे, भ्रम की टाटी सबै उड़ानी,माया रहे न बाँधी रे !"<br />शायद अभी आप ज्ञान का अमृत बाद में देंगे जैसा की राहुलजी को आपने कहा है !<br />ज़रूर यह यात्रा आपको इन्द्रियनिग्रह बनाने में सहायक होगी !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-19344516095053685052011-09-29T21:37:36.939+05:302011-09-29T21:37:36.939+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75317747376011687382011-09-29T20:54:49.054+05:302011-09-29T20:54:49.054+05:30जी, गयाजी लिस्ट में वैसे ही एड हैं जैसे वाराणसी ओर...जी, गयाजी लिस्ट में वैसे ही एड हैं जैसे वाराणसी ओर उज्जेन....<br />आपकी पोस्ट कुछ निमंत्रण सा दे रही है..<br /><br /><br />इश्वर मेरी मनोकामना पूर्ण करे..दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68284706072904277952011-09-29T20:37:00.519+05:302011-09-29T20:37:00.519+05:30सर कर्मकाण्ड ,श्राद्ध ,पौराणिक संदर्भ और आधुनिक सम...सर कर्मकाण्ड ,श्राद्ध ,पौराणिक संदर्भ और आधुनिक समय संदर्भ समेटे एक सार्थक पोस्ट |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33847874979448889402011-09-29T20:07:20.773+05:302011-09-29T20:07:20.773+05:30गया बहुत पहले गये थे, आपने यादें ताजा कर दीं।गया बहुत पहले गये थे, आपने यादें ताजा कर दीं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-45691522834184854132011-09-29T19:45:11.292+05:302011-09-29T19:45:11.292+05:30@अभी गया से लौटे हैं राहुल साहब -बोध गया से नहीं ...@अभी गया से लौटे हैं राहुल साहब -बोध गया से नहीं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com