tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post4334580705707087560..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: क्या हिन्दी ब्लागिंग के ये अशुभ लक्षण हैं ?Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger57125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-19185346416864365702010-06-05T13:16:09.873+05:302010-06-05T13:16:09.873+05:30आईये जानें .... मैं कौन हूं!
आचार्य जीआईये जानें .... मैं कौन हूं!<br /><br />आचार्य जीआचार्य उदयhttps://www.blogger.com/profile/05680266436473549689noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14610618261160028182010-06-04T22:14:50.958+05:302010-06-04T22:14:50.958+05:30'लेखन' तो ब्लॉग में ही संभव है.हालांकि ब्ल...'लेखन' तो ब्लॉग में ही संभव है.हालांकि ब्लॉगजगत की तू-तू ,मैं-मैं और अशोभनीय भाषा से मन खिन्न अवश्य होता है.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29633803501929533062010-06-03T22:05:26.813+05:302010-06-03T22:05:26.813+05:30ब्लॉग जगत की अपनी महत्ता है वशर्ते कि हम इसे प्रति...ब्लॉग जगत की अपनी महत्ता है वशर्ते कि हम इसे प्रतियोगिताओं का, धर्म का, जाति का, श्रेष्ठ और कनिष्ठ का अखाडा न बनायें ।<br />प्रतिक्रिया मिले ना मिले अपनी बात कहने और रखने का हक कोई हमसे नही छीनता ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-6300628783368636612010-06-03T15:49:33.883+05:302010-06-03T15:49:33.883+05:30४-५ दिनों के ग्राम प्रवास के कारण पोस्ट पढने का म...४-५ दिनों के ग्राम प्रवास के कारण पोस्ट पढने का मौका नहीं मिला. आज एकसाथ आपकी पिछली ३ पोस्ट पढ़ डाली. उधो तन ना भये दस बीस , एकदम झन्नाटेदार पोस्ट , नेहरु चाचा को सलूट , और ब्लॉग्गिंग है अच्छा , जाहे वो फेसबुक हो या आर्कुट . आपकी तीनो पोस्टो के लिएमेरी सम्मिलित टिप्पड़ी . आप इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो? मिश्राम्बू (बिना भंग वाली) पीने के बाद ऐसा लिखा जा सकता है क्या?? हा हा आधुनिक गोपिका का मन विश्लेषण समय काल के हिसाब से एकदम सटीक .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-89459505071610825472010-06-03T15:41:45.552+05:302010-06-03T15:41:45.552+05:30ब्लॉग का जो महत्व है, मेरी समझ से उसकी जगह न तो फे...ब्लॉग का जो महत्व है, मेरी समझ से उसकी जगह न तो फेसबुक ले सकती है और न ट्विटर। हाँ, ये दोनों जगह उन लोगों के लिए ज्यादा मुफीद हैं, जिनके पास रचनात्मक प्रतिभा का टोटा हो। जिसकी अपनी लम्बी लम्बी कविताएँ और लेख पढवाने का शौक होगा, और ईश्वर की दया से ऐसे लोगों की कमी नहीं, वह कभी भी ब्लॉग जगत को छोडकर नहीं जाएगा।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-91821805639270245462010-06-03T12:01:43.688+05:302010-06-03T12:01:43.688+05:30blogging aur facebook ki tulna nahi ki jaa sakti.....blogging aur facebook ki tulna nahi ki jaa sakti...haan kuch logo k ek cheez zyada suit maar sakti hai...smaay ki kamee me fb aur twitter ke aayde hai,par blogworld pe jo maahol hai wo wahaan paida nahi ho sakta..sach kahoon to kuch maamlo me to facebook orkut se bhi peeche hai abhiSajal Ehsaashttps://www.blogger.com/profile/03532103149883910427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-25633789920368298962010-06-03T09:56:25.969+05:302010-06-03T09:56:25.969+05:30चित्रों के साथ संकलन छपवाने की बात कहकर आपने तो मे...चित्रों के साथ संकलन छपवाने की बात कहकर आपने तो मेरा लिखने का हौसला बढ़ा दिया! आप जैसे महान लेखक के सामने तो मैं कुछ भी नहीं पर कोशिश करती हूँ की बेहतर लिख सकूँ! अरविन्द जी अगर आपका सुझाव मिले संकलन छपवाने के बारे में तो बहुत ख़ुशी होगी!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-86051777142102922372010-06-03T01:43:08.869+05:302010-06-03T01:43:08.869+05:30बहुत ही बढ़िया विषय को लेकर आपने बड़े ही सुन्दरता ...बहुत ही बढ़िया विषय को लेकर आपने बड़े ही सुन्दरता से चर्चा किया है! वैसे आजकल करीबन सभी ऑरकुट के अलावा फेसबुक, ट्विट्टर और न जाने क्या क्या है जिसमें सभी अपना प्रोफाइल बनाकर रखते हैं पर ब्लोगिंग करने में मुझे बहुत अच्छा लगता है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-52194649627351575192010-06-01T13:00:00.964+05:302010-06-01T13:00:00.964+05:30आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
आचार्य जीआईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!<br />आचार्य जीआचार्य उदयhttps://www.blogger.com/profile/05680266436473549689noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2262894007734191872010-06-01T11:31:27.639+05:302010-06-01T11:31:27.639+05:30अशुभ जैसा तो नहीं....पर बदलाव जैसा जरूर महसूस होता...अशुभ जैसा तो नहीं....पर बदलाव जैसा जरूर महसूस होता है..........! इस बदलाव में भी जीकर देखते हैं....!Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-32044878238579379462010-06-01T07:59:28.767+05:302010-06-01T07:59:28.767+05:30किस गहराई तक उतरना है, यह उस पर निर्भर करता है । फ...किस गहराई तक उतरना है, यह उस पर निर्भर करता है । फेसबुक व ट्विटर, दोनों को अभी घर के बाहर छोड़कर आया हूँ । किनारे पर रहकर उकताने वाले गहराई ढूढ़ते हैं ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-43526206358873047542010-05-31T18:35:12.392+05:302010-05-31T18:35:12.392+05:30blog aur facebook alag jagah hai ..... facebook bl...blog aur facebook alag jagah hai ..... facebook blog ki jagah kabhi nahi le sakta ........श्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-80457935292079819072010-05-31T10:53:56.948+05:302010-05-31T10:53:56.948+05:30मैं तो ऑरकुट से होकर ब्लॉग पे आया हूँ. फेसबुक में ...मैं तो ऑरकुट से होकर ब्लॉग पे आया हूँ. फेसबुक में कभी कभी ही जाता हूँ.zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78783273042274055402010-05-30T19:50:03.549+05:302010-05-30T19:50:03.549+05:30Blogging introduces new people with real identity[...Blogging introduces new people with real identity[not always though]<br />These People add you on Facebook/HI-fi/digg/netlog/flickr/Orkut/yahoo/MSN/Skype-and what not.If you do not add them as friends on network they stop reading you[Not all but most of them].<br />This is how it becomes a tool to social networking.<br />OR <br />People make friends on social networking sites like facebook/orkut/...etc and then add[/invite] them as a reader to their blog.<br />When a blogger involves himself with these all tools, this cycle goes on.<br /><br />I surprise, how people have so much of time to spend on all these things!.https://www.blogger.com/profile/07159093860565043428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66212941178253043862010-05-30T13:00:45.968+05:302010-05-30T13:00:45.968+05:30फेसबुक और ट्विटर, ब्लॉगिंग का विकल्प कभी नहीं हो स...फेसबुक और ट्विटर, ब्लॉगिंग का विकल्प कभी नहीं हो सकते. अलबत्ता मैं भी अली जी की तरह मेरी (अ) भूतपूर्व मित्र पर अटक गयी हूँ.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46536468279117740932010-05-30T11:22:21.188+05:302010-05-30T11:22:21.188+05:30ब्लाग का संक्रमण काल
ज्ञान जी को क्या हुआब्लाग का संक्रमण काल <br />ज्ञान जी को क्या हुआडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39292027342309461672010-05-30T07:06:10.886+05:302010-05-30T07:06:10.886+05:30फेसबुक और ट्विटर में विस्तार से भावों को व्यक्त कर...फेसबुक और ट्विटर में विस्तार से भावों को व्यक्त करना संभव नहीं है....अभिव्यक्ति के लिए ब्लॉगिंग से बेहतर माध्यम नहीं ...जहाज के पंछी यहीं लौट कर आयेंगे ...<br />फेसबुक और ट्विटर के अलावा कुछ लोग डिग पर भी सक्रिय हैं ...:):)<br />फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट कर चुकी हूँ ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38071582649180319752010-05-30T01:49:51.410+05:302010-05-30T01:49:51.410+05:30जो मेरी मोटी बुद्धि में आया है कि,
ब्लॉगिंग = फु...<i><br />जो मेरी मोटी बुद्धि में आया है कि, <br /><br />ब्लॉगिंग = फुल मील डायट<br />फ़ेसबुक = लाइट रेफ़्रेशमेन्ट<br />ट्विटर = चाय बिस्कुट<br /><br />ज्ञान जी को स्वास्थ्यलाभ के लिये चाय बिस्कुट और लाइट रेफ़्रेशमेन्ट से ही काम चलाने की सलाह दी गयी है, इसमें चिन्तित होने की क्या बात है ?<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14970554047347148072010-05-30T01:49:28.064+05:302010-05-30T01:49:28.064+05:30आपने मेरी शायरी पढ़कर उसे एक नए रूप में प्रस्तुत क...आपने मेरी शायरी पढ़कर उसे एक नए रूप में प्रस्तुत किया है और उसके लिए मैं तहे दिल से आपका शुक्रियादा करती हूँ! आपके कहने के मुताबिक अब मैंने आपकी लिखी हुई शायरी को पोस्ट किया है! इसी तरह आपका सुझाव मिलता रहे तो मैं और बेहतर लिख सकूँगी!<br />बहुत बढ़िया लिखा है आपने! मेरा तो ये मन्ना है की ब्लोगिंग से बेहतर और कुछ नहीं चाहे ऑरकुट, फेसबुक या ट्विट्टर इत्यादि क्यूँ न हो!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-5835582431528468662010-05-30T01:17:58.419+05:302010-05-30T01:17:58.419+05:30मुझे नही लगता.
हलके फुल्के विचारों और उनके त्वरित ...मुझे नही लगता.<br />हलके फुल्के विचारों और उनके त्वरित आदान प्रदान के लिए लिए बेहतर माध्यम हो सकते हैं लेकिन फेसबुक, ट्वीटर और ऑरकुट आदि साइटों को ब्लॉग के विकल्प के रूप में कतई नहीं देखा जा सकता.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-35905535882289494422010-05-30T01:01:23.937+05:302010-05-30T01:01:23.937+05:30अपनी-अपनी ढपली अपने-अपने रागों के लिए ही हैं ... ज...अपनी-अपनी ढपली अपने-अपने रागों के लिए ही हैं ... जब जिस ढपली को चाहें और जैसा चाहें वैसे बजाएं.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75952155414625823712010-05-29T23:35:46.844+05:302010-05-29T23:35:46.844+05:30ऑर्कुट एवं फेसबुक ,ब्लॉग्गिंग का पर्याय तो कभी नही...ऑर्कुट एवं फेसबुक ,ब्लॉग्गिंग का पर्याय तो कभी नहीं बन सकते...वहाँ एक दूसरे के बारे में सूचनाएं शेयर की जाती है...तस्वीरें लगाई जाती हैं...जबकि ब्लॉग्गिंग अभिव्यक्ति का मध्यम है...मात्र सूचनाओं के आदान-प्रदान का नहीं.<br />ज्ञान जी अभी ट्विटर पर इसलिए ज्यादा सक्रिय हैं क्यूंकि वे ज्यादा चिंतन-मनन कर लम्बे आलेख लिखने की स्थिति में नहीं हैं.<br />वैसे PD ने संतुलित रूप से तीनो की विशेषताएं और उपयोगिता बता दी है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-17575598806292932572010-05-29T21:16:17.191+05:302010-05-29T21:16:17.191+05:30@रंजन जी ,
क्योंकि प्रेक्षण हिन्दी ब्लागरों का था ...@रंजन जी ,<br />क्योंकि प्रेक्षण हिन्दी ब्लागरों का था -क्या यह ट्रेंड और कहीं दृष्टिगोचर है ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73592004860780867912010-05-29T21:14:49.481+05:302010-05-29T21:14:49.481+05:30और एक बात... इस विधा को भी खत्म होना है... कुछ नया...और एक बात... इस विधा को भी खत्म होना है... कुछ नया आएगा... कितना देर से या कितनी जल्दी.. इस पर बहस हो सकती है...रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18761323033298340522010-05-29T21:12:40.431+05:302010-05-29T21:12:40.431+05:30केवल हिंदी के लिए ही क्यों?केवल हिंदी के लिए ही क्यों?रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.com