tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post4327297992083845820..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: क्या सचमुच भाग्य से अधिक और समय से पहले कुछ नहीं मिलता?( सेवा संस्मरण-7) Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-27418927014725349452013-10-29T12:50:52.802+05:302013-10-29T12:50:52.802+05:30शौक को कैरियर बनाने का स्वर्णिम अवसर मिला था आपको....शौक को कैरियर बनाने का स्वर्णिम अवसर मिला था आपको...अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-31011859039624230082013-10-26T08:10:18.737+05:302013-10-26T08:10:18.737+05:30प्रकाशन विभाग में होते तो वैज्ञानिक न बन पाने का र...प्रकाशन विभाग में होते तो वैज्ञानिक न बन पाने का रो रहे होते। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79750715505723599542013-10-25T06:36:37.044+05:302013-10-25T06:36:37.044+05:30शौक/रूचि और पेशे के बीच किधर ज्यादा जाए मन ..इसका...शौक/रूचि और पेशे के बीच किधर ज्यादा जाए मन ..इसका द्वन्द काफी भयंकर होता है. आपकी विज्ञान कथाएँ कहीं उपलब्ध है ऑनलाइन?ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-45210757738188151532013-10-24T23:49:33.204+05:302013-10-24T23:49:33.204+05:30Diwali mubarak ho! Bahut sundar lekhan!
Diwali mubarak ho! Bahut sundar lekhan!<br />kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-34266736719777147522013-10-24T21:22:19.190+05:302013-10-24T21:22:19.190+05:30काश! प्रकाशन विभाग के निदेशक होते आज।
बहरहाल, जो म...काश! प्रकाशन विभाग के निदेशक होते आज।<br />बहरहाल, जो मिला, उसी में आनंद लें।संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-83572035344329771052013-10-24T21:20:11.048+05:302013-10-24T21:20:11.048+05:30नहीं होंगे। नहीं होंगे। संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14288038622538990372013-10-24T20:26:45.700+05:302013-10-24T20:26:45.700+05:30जीवन का पुनरावलोकन करने पर तो सब कुछ तयशुदा ही लगे...जीवन का पुनरावलोकन करने पर तो सब कुछ तयशुदा ही लगेगा क्योंकि सब कुछ फ्रीज़ हो चुका है। जीने की कला में सही सोच,निर्णय और संतुलन महत्वपूर्ण हैं। गलतियाँ तो सबसे ही होती हैं। हाँ, हर गलती कुछ अनुभव देकर भविष्य की गलतियों से बचा सकती है यदि पुरानी गलतियों का सबक याद रखा गया हो। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29582700207760869852013-10-24T16:52:23.080+05:302013-10-24T16:52:23.080+05:30ये सब समय की बात है ... अग्गर अच्छा हो जाता है तो ...ये सब समय की बात है ... अग्गर अच्छा हो जाता है तो लगता है निर्णय सही था ... अगर कुछ ऊओंच नीच तो लगता है निर्णय में कुछ कमी रह गई या निर्णय न लेने की बात सामने आ जाती है .. पर सही मानों में निर्णय तो था ही ... आपका रोचक अनुभव अच्छा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-90906549554396019752013-10-24T11:20:23.889+05:302013-10-24T11:20:23.889+05:30रोचक संस्मरण.
नई पोस्ट : उत्सवधर्मिता और हमारा सम...रोचक संस्मरण.<br />नई पोस्ट : <a href="http://dehatrkj.blogspot.in/2013/10/blog-post_24.html" rel="nofollow"> उत्सवधर्मिता और हमारा समाज </a> राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33566640086128826442013-10-24T10:52:23.809+05:302013-10-24T10:52:23.809+05:30ये संस्मरण तो धीरे-धीरे आत्मकथा का रूप लेता जा रहा...ये संस्मरण तो धीरे-धीरे आत्मकथा का रूप लेता जा रहा है.. बढ़िया है..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-86052658165706794092013-10-24T09:55:17.234+05:302013-10-24T09:55:17.234+05:30बढ़िया लिख रहे हो उस्ताद , आनंद आ रहा है !बढ़िया लिख रहे हो उस्ताद , आनंद आ रहा है !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-40640278219511350022013-10-24T09:54:27.541+05:302013-10-24T09:54:27.541+05:30सरकार,
ब्लॉग सरदार का सुझाव नोट किया जाना चाहिए :...सरकार, <br />ब्लॉग सरदार का सुझाव नोट किया जाना चाहिए :)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75720416879021979562013-10-24T08:54:32.805+05:302013-10-24T08:54:32.805+05:30कभी कभी हम तुरन्त सोच नहीं पाते हैं कि हमारे साथ ठ...कभी कभी हम तुरन्त सोच नहीं पाते हैं कि हमारे साथ ठीक हो रहा है या नहीं। कई वर्ष बीतने के बाद स्थितियाँ स्पष्ट होती हैं। रोचक अनुभव, पढ़ने में अच्छा लग रहा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12927993340990818842013-10-24T08:43:31.514+05:302013-10-24T08:43:31.514+05:30अरविंद जी ! मुझे ऐसा लगता है कि ऊहापोह की स्थिति ...अरविंद जी ! मुझे ऐसा लगता है कि ऊहापोह की स्थिति में प्रायः निर्णय हम नहीं लेते कोई अदृश्य शक्ति हमारे लिए जो सर्वाधिक शुभ है , वही निर्णय लेने के लिए हमें बाध्य करती है । चाण्क्य ने कहा है कि समझदार व्यक्ति के मन में संतोष का होना आवश्यक है| शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/01128062702242430809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-44864949304634068822013-10-24T08:09:28.776+05:302013-10-24T08:09:28.776+05:30 जीवन में किस्मत की भी भूमिका है , मगर कर्म भी आवश... जीवन में किस्मत की भी भूमिका है , मगर कर्म भी आवश्यक ! हर मनुष्य का जीवन यही कहता है , आपका भी !<br /> वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82731055485188774902013-10-24T07:46:49.202+05:302013-10-24T07:46:49.202+05:30हमारे पापाजी ने कहा था 'बेटा, जीवन में केवल एक...हमारे पापाजी ने कहा था 'बेटा, जीवन में केवल एक बार मौका मिलता है, अगर छोड़ दिया तो पछताने के अलावा कुछ और नहीं मिलेगा, और जो भी मौका मिले, पहले अपने आप को टटोलो अपने से पूछो, अगर अच्छे संकेत हैं, तो बढ़ चलो, मौके के लिये कभी किसी की राय मत लो, यह तुम्हारा जीवन है, किसी और का नहीं', बस हम तो इसी सीख पर चल रहे हैं ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18420257717291965082013-10-24T01:16:20.090+05:302013-10-24T01:16:20.090+05:30अगर उस समय आप ने भविष्य को देखकर निर्णय लिया होता ...अगर उस समय आप ने भविष्य को देखकर निर्णय लिया होता तो आज पब्लिकेशन डिवीजन के सर्वे सर्वा होते !<br />जो होता है अच्छे के लिए होता यह भी कह सकते हैं .रोचक शृंखला.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-25804476157324946972013-10-23T22:27:55.127+05:302013-10-23T22:27:55.127+05:30जब भी पढ़ने आता हूँ भाग खड़े होता हूँ
तन्मयता से पढ़...जब भी पढ़ने आता हूँ भाग खड़े होता हूँ <br />तन्मयता से पढ़ ही नहीं पाता <br />कहीं भी पैराग्राफ अलग नज़र नहीं आते ना ही दो वाक्यों का अंतर दिखता है <br />मूड ही नहीं बना पाता <br />ऐसा ही एक बार एक लेखिका को कह दिया था <br />तब से नाराज़ हैं वो <br /><br />आप तो नाराज़ नहीं होंगे?बी एस पाबलाhttp://bspabla.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-28362382444204115652013-10-23T21:43:56.439+05:302013-10-23T21:43:56.439+05:30पढ़ रहे हैं आपके संजोये अनुभव .... वैसे सही समय पर ...पढ़ रहे हैं आपके संजोये अनुभव .... वैसे सही समय पर सही निर्णय न ले पाने के पीछे हर किसी के जीवन में कई सारे कारण होते है , जिससे भी पूछो सबके मन में ये पश्चताप होता ही है , काश ऐसा किया होता या ऐसा न किया होता डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com