tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post3361953842285757807..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: अक्सर ऐसा होता क्यूँ जब कविता लिखने को मन हो आयेArvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-52633199802391151892014-08-11T23:27:29.974+05:302014-08-11T23:27:29.974+05:30बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको ब...बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...<br />नयी पोस्ट<a href="http://pbchaturvedi.blogspot.in/" rel="nofollow">@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ</a><br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36670708965266441062014-08-03T09:23:09.366+05:302014-08-03T09:23:09.366+05:30 मन के भाव कविता के माध्यम से... बहुत ही सुन्दर मन के भाव कविता के माध्यम से... बहुत ही सुन्दर संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-39982183872237272882014-08-01T10:07:26.957+05:302014-08-01T10:07:26.957+05:30संवेदन हो मानव उसकी यही विरासत समझ में आये
पशुवत ह...संवेदन हो मानव उसकी यही विरासत समझ में आये<br />पशुवत होता जा रहा आचरण मन को कितना अकुलाये <br />इसी अकुलाहट को कम करने यहाँ वहाँ कवितायें खोजते हैं कम से कम अपनी लिखी नही तो दूसरों की ही सही दुख सुख तो सब के एक जैसे ही होते हैं! सुन्दर कविता के लिये बधाई!निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46956832400333481382014-07-31T20:44:47.657+05:302014-07-31T20:44:47.657+05:30अच्छा जी। यह वाली तो दिख रही है।अच्छा जी। यह वाली तो दिख रही है।Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73201984998949822702014-07-31T20:43:47.371+05:302014-07-31T20:43:47.371+05:30देखती हूँ कि आजकल किसी ब्लॉग पर मेरी कोई टिपण्णी न...देखती हूँ कि आजकल किसी ब्लॉग पर मेरी कोई टिपण्णी नहीं छपती। या तो गूगल जी कुछ खेल कर रहे हैं या बड्डे बड्डे बिलागर जन। दो तीन ब्लोगों पर यही देख रही हूँ कई दिन से।Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82097087104072202642014-07-31T15:13:20.850+05:302014-07-31T15:13:20.850+05:30कविता के माध्यम से मन के भाव ... बहुत ही सुन्दर और...कविता के माध्यम से मन के भाव ... बहुत ही सुन्दर और सामयिक गीत है ... गीत जो हर हालात में निकल आता है हर परिस्थिति को लिख देता है ...<br />दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66922562254764482512014-07-30T16:01:13.916+05:302014-07-30T16:01:13.916+05:30कविता मन से फूट पड़ती है बशर्ते मन संवेदनशील हो , अ...कविता मन से फूट पड़ती है बशर्ते मन संवेदनशील हो , अच्छा लगा यह प्रयास देख कर अरविन्द भाई , आखिर आपने झिझक तोड़ी तो सही ! गीतों और कविताओं का समय शीघ्र आएगा ! मानव की असंवेदनशीलता समाप्त करने की शक्ति सिर्फ कविता में निहित है ! इस काम करने के लिए कवियों को आना पड़ेगा ! <br />मंगलकामनाएं !! Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-10373803338598157012014-07-29T11:41:52.973+05:302014-07-29T11:41:52.973+05:30जब मन कभी सुखचैन हो , कभी बेचैन
और बात बात मे कवि...जब मन कभी सुखचैन हो , कभी बेचैन <br />और बात बात मे कविता करने का मन करे , <br />तो समझो , हो गया है तुमको तो प्यार ----डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2342681280148702682014-07-29T09:43:15.239+05:302014-07-29T09:43:15.239+05:30सच्चे भाव जगे हैं । कवि हृदय तो आप हैं ही। कविता ल...सच्चे भाव जगे हैं । कवि हृदय तो आप हैं ही। कविता लिखना मतलब अपने मन की भावनाओं को अकेले में गुनना। कविता के लिए जबरी तुकबंदी करना जरूरी नहीं है। अनावश्यक तुकबंदी से पाठक भाव को आत्मसात नहीं कर पाता। देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-18643534829604184982014-07-29T08:11:52.734+05:302014-07-29T08:11:52.734+05:30आज कल तो पैसा ही भगवान है भाव भावना वाले लोग तो .....आज कल तो पैसा ही भगवान है भाव भावना वाले लोग तो ...,,,.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-40516799077323095002014-07-29T08:08:45.083+05:302014-07-29T08:08:45.083+05:30वियोगों होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान
निकल कर ...वियोगों होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान<br />निकल कर अाँखों से चुपचाप बही होगी कविता अनजानAsha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-40667269659223518892014-07-29T06:28:49.386+05:302014-07-29T06:28:49.386+05:30काव्य-शास्त्र-विनोदेन कालः गच्छति धीमताम् ।
व्यसन...काव्य-शास्त्र-विनोदेन कालः गच्छति धीमताम् ।<br />व्यसनेन तु मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा ॥प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-70120890191661993282014-07-28T19:45:49.521+05:302014-07-28T19:45:49.521+05:30:):)संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-27031105010789021672014-07-28T11:13:56.045+05:302014-07-28T11:13:56.045+05:30दुनिया में जितने भी सुन्दर संगीत,शिल्प,काव्य है यह...दुनिया में जितने भी सुन्दर संगीत,शिल्प,काव्य है यह सभी अतृप्त दिल की अभिव्यक्तियाँ है <br />ऊर्जा का सकारात्मक रूप है लेकिन इनमे खोज वही है आनंद पाने की ! सुन्दर रचना है !<br />Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42362279794883155422014-07-28T08:12:26.118+05:302014-07-28T08:12:26.118+05:30 संतोष जी ! आप भी कविता लिख सकते हैं । आपने अपनी ट... संतोष जी ! आप भी कविता लिख सकते हैं । आपने अपनी टिप्पणी कविता में की है ।शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/01128062702242430809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-44654466174617239102014-07-28T08:08:53.586+05:302014-07-28T08:08:53.586+05:30" प्रेम न खेती ऊपजै प्रेम न हाट बिकाय ।
राजा ... " प्रेम न खेती ऊपजै प्रेम न हाट बिकाय ।<br />राजा परजा जेहि रुचै सीस देइ लै जाय ॥"<br />कबीर शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/01128062702242430809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76360782382340115072014-07-27T23:04:37.287+05:302014-07-27T23:04:37.287+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज रविवार’ २७ जुलाई २०१४ की बुलेट...ब्लॉग बुलेटिन की आज रविवार’ २७ जुलाई २०१४ की बुलेटिन -- <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/07/blog-post_27.html" rel="nofollow"> कहाँ खो गया सुकून– ब्लॉग बुलेटिन </a> -- में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार!राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11567527727892243642014-07-27T22:46:30.387+05:302014-07-27T22:46:30.387+05:30भावों के साथ शब्द संयोजोन भी बहुत सुन्दर है !
अच...भावों के साथ शब्द संयोजोन भी बहुत सुन्दर है !<br /><a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2014/07/blog-post_24.html#links" rel="nofollow"> अच्छे दिन आयेंगे !</a><br /><a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2014/07/blog-post_26.html#links" rel="nofollow"> सावन जगाये अगन !</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-5535543888439419322014-07-27T22:17:10.256+05:302014-07-27T22:17:10.256+05:30सच है कविता ,चाहे वो किसी भी विधा में हो ,मन सहज क...सच है कविता ,चाहे वो किसी भी विधा में हो ,मन सहज कर देती है ......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-10350598015005424082014-07-27T21:31:46.894+05:302014-07-27T21:31:46.894+05:30कविता में बह निकले मन के भाव..... सुन्दर भावाभिव्य...कविता में बह निकले मन के भाव..... सुन्दर भावाभिव्यक्ति डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33562403612606868082014-07-27T20:54:36.629+05:302014-07-27T20:54:36.629+05:30कविता बहुत मन भायी है..खासकर यह पंक्ति- आद्र स्पंद...कविता बहुत मन भायी है..खासकर यह पंक्ति- आद्र स्पंदनों से दुलरायें तो बंजर में अंकुर उग आये।ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-49700538971562229592014-07-27T20:48:48.955+05:302014-07-27T20:48:48.955+05:30हम भी सब कुछ छोड़-छाड़कर, गीत आपका पढ़ने आए। हम भी सब कुछ छोड़-छाड़कर, गीत आपका पढ़ने आए। संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.com