tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post2325624701327143045..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: उर्वशी -पिता जी की एक कविता !Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79171770371166793062012-07-07T08:34:00.291+05:302012-07-07T08:34:00.291+05:30पढ़ा, उर्वशी के बारे में बचकर न निकल पाने की आपकी ...पढ़ा, उर्वशी के बारे में बचकर न निकल पाने की आपकी बात सत्य ही लगती है, जीवन में भी, साहित्य में भी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-82783307960033121662009-01-21T15:07:00.000+05:302009-01-21T15:07:00.000+05:30बहुत सुन्दर कविता, हालॉंकि इसे पहले ही पढ लिया था...बहुत सुन्दर कविता, हालॉंकि इसे पहले ही पढ लिया था, पर किन्हीं कारणवश टिप्पणी नहीं कर पाया था।<BR/><BR/>इस सुन्दर कविता को पढवाने के लिए आभार।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79293733761936415932009-01-16T23:46:00.000+05:302009-01-16T23:46:00.000+05:30सृष्टि की सर्वोत्तमें तुम भ्रष्ट करती ही रही होकुछ...सृष्टि की सर्वोत्तमें तुम भ्रष्ट करती ही रही हो<BR/>कुछ नहीं तेरा पर इतिहास रचती ही रही हो-<BR/><BR/>वेद शास्त्र -पुराण हो या डार्विन फ्रायड की कथाएँ<BR/>उर्वशी जीवित रहेगी साथ ही उसकी व्यथाएं<BR/><BR/>उर्वशी कविता पसंद आई..<BR/>उच्चस्तरीय चिंतन..<BR/>बहुत ही खूबसूरती से बहुत कुछ कह दिया है..<BR/>यह उर्वशी..हर काल -हर युग --हर जगह --रहती है--<BR/>डॉ राजेन्द्र प्रसाद मिश्र जी की कविता प्रस्तुत करने हेतु धन्यवाद. <BR/>उनको मेरा सदर नमनAlpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54546465238691520762009-01-16T23:24:00.000+05:302009-01-16T23:24:00.000+05:30आपके पिताजी को नमन।आपके पिताजी को नमन।Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-79899082421985062542009-01-16T09:43:00.000+05:302009-01-16T09:43:00.000+05:30बहुत सुन्दर कविता है. आदरणीय पिताजी को नमन. उनके ब...बहुत सुन्दर कविता है. आदरणीय पिताजी को नमन. उनके बारे में और जानने की इच्छा है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-61693600655881377452009-01-16T08:58:00.000+05:302009-01-16T08:58:00.000+05:30बहुत ही अभिव्यंजक है आपके पिताजी की कविता। उन्हे...बहुत ही अभिव्यंजक है आपके पिताजी की कविता। उन्हें शत शत नमन्। कई सारे सवाल खड़ी करती है कविता, जिनका उत्तर तलाशने में दिल और दिमाग में उथल-पुथल लगता है। इतनी अच्छी रचना पढ़ाने के लिए हार्दिक आभार।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48119195362368554812009-01-16T00:24:00.000+05:302009-01-16T00:24:00.000+05:30डॉ राजेन्द्र प्रसाद मिश्र जी की कविता बहुत पसँद आई...डॉ राजेन्द्र प्रसाद मिश्र जी की कविता बहुत पसँद आई - यहाँ प्रस्तुत करने के लिये आभार आपका <BR/>मकर सँक्रात शुभ हो गई -<BR/>" वेद शास्त्र -पुराण हो या डार्विन फ्रायड की कथाएँ<BR/>उर्वशी जीवित रहेगी साथ ही उसकी व्यथाएं (६)"<BR/>अनेकोँ शुभकामनाएँ ~~~लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-47998041039267763432009-01-15T20:16:00.000+05:302009-01-15T20:16:00.000+05:30मिश्र जी, आपके पिताजी को नमन। कविता ने दिनकर जी की...मिश्र जी, आपके पिताजी को नमन। <BR/>कविता ने दिनकर जी की ऊर्वशी याद दिला दी।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26182481557750683322009-01-15T17:50:00.000+05:302009-01-15T17:50:00.000+05:30अरविन्द जी सुंदर कविता के रचियता को, ओर आप ने पिता...अरविन्द जी सुंदर कविता के रचियता को, ओर आप ने पिता जी को सादर प्राणाम, आप का धन्यवाद इस सुंदर कविता को हम तक पहुचाने के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-64546665495070728332009-01-15T14:48:00.000+05:302009-01-15T14:48:00.000+05:30अरविन्द जी शुक्रिया इतनी अच्छी कविता पढ़वाने के ...अरविन्द जी शुक्रिया इतनी अच्छी कविता पढ़वाने के लिए ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75304263352776512142009-01-15T13:19:00.000+05:302009-01-15T13:19:00.000+05:30राजेन्द्र स्मृति(२०००) के सम्बन्ध में कुछ बतायें.राजेन्द्र स्मृति(२०००) के सम्बन्ध में कुछ बतायें.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-12867015830968496072009-01-15T13:17:00.000+05:302009-01-15T13:17:00.000+05:30पिता जी को सादर नमन. इस अन्यतम कविता की प्रस्तुति ...पिता जी को सादर नमन. इस अन्यतम कविता की प्रस्तुति के लिये आपका बहुत आभार. <BR/>मेरी कहानीनुमा कविता के उल्लेख से उसका लिखना सार्थक हुआ. विनयावनत.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-77075015955093804262009-01-15T12:24:00.000+05:302009-01-15T12:24:00.000+05:30पतित करना ही तुम्हारी साधना का साध्य क्यों है जो त...<B>पतित करना ही तुम्हारी साधना का साध्य क्यों है <BR/>जो तुम्हे साधन बनाता फिर वही आराध्य क्यों है</B><BR/><BR/>पिताजी को नमन !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42812676488666855172009-01-15T10:56:00.000+05:302009-01-15T10:56:00.000+05:30पतित करना ही तुम्हारी साधना का साध्य क्यों हैजो तु...पतित करना ही तुम्हारी साधना का साध्य क्यों है<BR/>जो तुम्हे साधन बनाता फिर वही आराध्य क्यों है<BR/>वेद शास्त्र -पुराण हो या डार्विन फ्रायड की कथाएँ<BR/>उर्वशी जीवित रहेगी साथ ही उसकी व्यथाएं (६)<BR/><BR/>यह पंक्तियाँ बहुत बढ़िया लगी ..इसक पढ़वाने के लिए धन्यवादरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66830712326862158012009-01-15T10:47:00.000+05:302009-01-15T10:47:00.000+05:30bahut hi sundar likha hai aapne...bahut hi sundar likha hai aapne...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17320191855909735643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-42210929956048366002009-01-15T10:40:00.000+05:302009-01-15T10:40:00.000+05:30सुंदर,सजीव चित्रण. पिता जी को शत शत प्रणाम"सुंदर,सजीव चित्रण. पिता जी को शत शत प्रणाम"ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-23903289578639913442009-01-15T10:22:00.000+05:302009-01-15T10:22:00.000+05:30sunder abhivykti hai is shabdshilpi ko slaamsunder abhivykti hai is shabdshilpi ko slaamनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-80193712105473090002009-01-15T10:12:00.000+05:302009-01-15T10:12:00.000+05:30वेद शास्त्र -पुराण हो या डार्विन फ्रायड की कथाएँउर...वेद शास्त्र -पुराण हो या डार्विन फ्रायड की कथाएँ<BR/>उर्वशी जीवित रहेगी साथ ही उसकी व्यथाएं (६)<BR/>" उर्वशी को कन्द्रीय पात्र बना उसके होने की कल्पना या न होने का सत्य , उसका रूप श्रृंगार , विवशता ,संवेदना, दासत्व और भी बहुत कुछ की जिस तरह इन शब्दों मे बंधा गया है.... वह अकल्पनीय है ....इतना सुंदर और सजीव चित्रण जैसे शब्दों मे साक्षात् उर्वशी उतर आई हो....पिता जी को शत शत प्रणाम"<BR/><BR/>regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.com