tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post1359093354104158043..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: बौद्धिक प्रतिभाशीलता का ही नाम है गिरिजेश राव:चिट्ठाकार चर्चा !Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-76529570941871771352010-01-20T23:55:12.479+05:302010-01-20T23:55:12.479+05:30अगर मैं भी आप सब के संग ये कहूं कि ,
भाई गिरिजेश क...अगर मैं भी आप सब के संग ये कहूं कि ,<br />भाई गिरिजेश के लेखन से प्रथम पाठ के बाद से ही <br />बहुत प्रभावित हूँ <br />तो यह १०० % सही होगा <br />आपके आलेख ने भी प्रभावित किया है -- <br />न जाने कैसे ये आज ही देख रही हूँ <br />आप सब पर , <br />बसंत पर्व पर माँ सरस्वती की कृपा रहे ,,<br />स स्नेह्म<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-63184260683546830532010-01-11T11:14:34.863+05:302010-01-11T11:14:34.863+05:30महाराज की जय हो!
यह पोस्ट हमसे कैसे छूट गयी भला? ज...<b>महाराज की जय हो!</b><br />यह पोस्ट हमसे कैसे छूट गयी भला? जब गिरिजेश के आलसी चिट्ठे को पढ़ना शुरू किया तो लगा ज़रूर कोई बहुत बुज़ुर्ग दादाजी हैं. नाम, शहर, व्यवसाय आदि जितना भी ब्लॉग पर लिखा था, इकट्ठा कर के इस अनोखे लेखक को ढूंढना शुरू किया. और फिर पहाड़ खोदना शुरू किया तो महाराज जी प्रकट हो गए, सरल, विनम्र और हमसे कहीं छोटे (उम्र में, लेखन-कौशल में तो अच्छों-अच्छों को पीछे छोड़ दिया है) ज़्यादा क्या कहूं, गिरिजेश बहुत ही प्रतिभाशाली (और उतने ही सरल स्वभाव के) व्यक्ति हैं. ब्लॉग लिखने के जो फायदे मुझे हुए हैं उनमें से एक गिरिजेश जैसे लोगों से परिचय का भी है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-11001483245891478522009-11-12T18:29:46.288+05:302009-11-12T18:29:46.288+05:30नायिका-भेद के बीचो-बीच गिरिजेश भईया बैठे हैं - हम ...नायिका-भेद के बीचो-बीच गिरिजेश भईया बैठे हैं - हम क्या जानें! छूट ही गयी थी, यह चर्चा । <br /><br />गिरिजेश जी को जाना ही बाऊ से । बाऊ छाया की तरह खड़े हो जाते हैं हर वक्त - जब गिरिजेश जी के बारे में सोचता हूँ । <br /><br />गिरिजेश भईया जो रचते हैं वह सर्जना के स्तर पर कई आयाम बड़ी गम्भीरता व सजगता के साथ उद्घाटित करता है । जाने-अनजाने एक बेचैनी आ खड़ी होती है पाठक के मन में, वह संवाद के लिये आतुर होता है ; फिर एक आत्मीय स्वीकार सहज ही उपलब्ध हो जाता है । <br /><br />गिरिजेश भईया को कितना जान गये हैं हम ! इसलिये ही न कि वे अपने होने का एहसास हमें दिलाये चलते हैं - प्रविष्टि से भी, शीर्षक से भी । शायद किसीको उसके होने मात्र से जानना ही वस्तुतः जानना है । दान्ते का यह कथन कह दूँ (सटीक हो न हो) -<br /><br />"I was there in the image as conceived by 'him', not as conceived by 'me'.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-85922261834189872009-11-10T23:55:24.535+05:302009-11-10T23:55:24.535+05:30गिरिजेश में एक अलहदा बोध है, थोड़ा दुर्लभ सा।
उनकी ...गिरिजेश में एक अलहदा बोध है, थोड़ा दुर्लभ सा।<br />उनकी गंभीरता का कायल होना चाहिए।<br /><br />बाकी तो एक अंतहीन यात्रा है ही, जिसके लिए उनमें आतुरता दिखती है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06584814007064648359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-27937333324328329372009-11-10T02:00:21.779+05:302009-11-10T02:00:21.779+05:30ज्ञानजी की टिप्पणियां भी आजकल चुराने लायक हो गई है...ज्ञानजी की टिप्पणियां भी आजकल चुराने लायक हो गई हैं, सो वही लाकर रख रहे हैं। यही हमारे भाव हैं-<br /><br />गिरिजेश से ईर्ष्या है। और अगर आलसी बनने से उनकी प्रतिभा का अंश मात्र भी मिलता हो तो हम सहर्ष आलसी बनने को उद्धत हैं!<br /><br />गुरुजनों ने सिखाया है कि सच्ची बात स्वीकारने में देरी नहीं करनी चाहिए। गिरिजेश तो हैं ही सुहावने। उनकी तारीफ़ जितनी की जाए, कम है। आप मानें तो मानें कवि, हम तो उनमें एक उदीयमान कथाकार, उपन्यासकार का रूप देखते हैं। पर इस मामले में शायद वे सचमुच आलसी हैं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41310116193567099252009-11-10T02:00:16.883+05:302009-11-10T02:00:16.883+05:30ज्ञानजी की टिप्पणियां भी आजकल चुराने लायक हो गई है...ज्ञानजी की टिप्पणियां भी आजकल चुराने लायक हो गई हैं, सो वही लाकर रख रहे हैं। यही हमारे भाव हैं-<br /><br />गिरिजेश से ईर्ष्या है। और अगर आलसी बनने से उनकी प्रतिभा का अंश मात्र भी मिलता हो तो हम सहर्ष आलसी बनने को उद्धत हैं!<br /><br />गुरुजनों ने सिखाया है कि सच्ची बात स्वीकारने में देरी नहीं करनी चाहिए। गिरिजेश तो हैं ही सुहावने। उनकी तारीफ़ जितनी की जाए, कम है। आप मानें तो मानें कवि, हम तो उनमें एक उदीयमान कथाकार, उपन्यासकार का रूप देखते हैं। पर इस मामले में शायद वे सचमुच आलसी हैं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-30047724406029961322009-11-09T13:49:37.419+05:302009-11-09T13:49:37.419+05:30गिरिजेश जी वाकई एक गम्भीर व्यक्ति हैं, इसका भान मु...गिरिजेश जी वाकई एक गम्भीर व्यक्ति हैं, इसका भान मुझे भी है। हालाँकि मैंने उनके साथ इलाहाबाद की यात्रा की है, पर फिरभी उनके व्यक्तित्व से इतनी गहराई से परिचित नहीं हो सका था, जितना विस्तृत विवरण आपने दिया। इसके लिए आपको धन्यवाद देना चाहूंगा, क्योंकि हम लोग एक ही शहर के वासी हैं और आपकी यह पोस्ट मुझे उनको समझने में काफी मददगार होगी।<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-64470923079577441202009-11-08T22:56:19.283+05:302009-11-08T22:56:19.283+05:30girijeshji se milvane ke liye dhnywad
abhi unhe j...girijeshji se milvane ke liye dhnywad <br />abhi unhe jyda padha nhi par ab aalsy chod unka aalsi chithha jaldi pdhna hoga <br />abharशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-14398751881610305412009-11-08T03:19:29.640+05:302009-11-08T03:19:29.640+05:30गिरिजेश जी से मिलवाने उन के बारे विस्तार से बताने ...गिरिजेश जी से मिलवाने उन के बारे विस्तार से बताने के लिये आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48547014968474978872009-11-07T23:22:00.705+05:302009-11-07T23:22:00.705+05:30हम तो ये सब तभी जान गए थे जब पहले बार इनकी पोस्ट प...हम तो ये सब तभी जान गए थे जब पहले बार इनकी पोस्ट पढ़ी थी. इर्ष्या होती है की सब जान गए :) सच्ची !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-29076126351702214222009-11-07T22:44:18.723+05:302009-11-07T22:44:18.723+05:30कल रात से ही स्वास्थ्य गड़बड़ाया हुआ है, सासु जी भ...कल रात से ही स्वास्थ्य गड़बड़ाया हुआ है, सासु जी भी आई हुई हैं (दोनों में कोई सम्बन्ध नहीं है।)<br />मन प्रसन्न था कि आज ब्लॉगिंग की पूरी सहूलियत रहेगी। शनिवार की छुट्टी। अस्वस्थ गृह स्वामी। स्वामिनी अपनी माता जी की सुश्रुषा में व्यस्त। संत स्वभाव बच्चे। ब्लॉगिंग के लिए ऐसा आदर्श वातावरण कुण्डली में ग्रहों की स्थिति अति उत्तम होने पर ही मिलता है। संगीता पुरी जी का गत्यात्मक ज्योतिष जो कहे -हम तो मस्त थे। ब्लॉगवाणी खोला कि यह पोस्ट दिखी। चिकोटी काटा तो पता चला कि जगा हुआ था। आँख मलते हुए <br />पुन: देखा तो दिल बाग बाग हो गया - हमहूँ नामी हो गइलीं की तर्ज पर। अरविन्द जी से विनम्रता का पाखण्ड ओढ़े हुए विरोध जताया। मन तो गुलगुला हो रहा था। .. <br /><br />अरविन्द भैया के स्नेह और इस सरप्राइज को अब क्या कहूँ! धन्यवाद तो बहुत छोटी बात होगी। नि:शब्द हूँ। <br /><br />कुछ चिंताएँ उठ खड़ी हुई हैं। अनजाने ही इतने बड़े ब्लॉग के स्तम्भ में स्थान पाने से पाठकों की (अगर वाकई ब्लॉगरी को लेखक और पाठक का सम्बन्ध माना जा सके) अपेक्षाएँ बढ़ जाती हैं। 'आलसी' नाम धारण कर मैंने जो सुरक्षा कवच सा अपने चारो ओर बुन रखा था, वह निरर्थक सा हो गया है। भैया ई का क दिहल Ss ? बीलेटेड बर्थ डे सरप्राइज ऐसा होगा! सोचा न था। <br /><br />भैया के इस पोस्ट ने यह भी दिखा दिया कि ब्लॉग जगत में बहुत से स्नेही जन हैं। ऐसा ही कुछ पंकज जी की मेरे जन्मदिन पर लिखी गई पोस्ट पर भी घटित हुआ है। जन्मदिन पर अपनी खुद की पोस्ट तो थी ही। <br /><br />आप लोगों ने जाने कितनी ही अच्छी बातें कही हैं, उनके लिए आभार। कोशिश रहेगी कि आलस पर नियंत्रण हो और विविध विषयों पर मन बहके, लहके और चहके। ऐसा लिख सकूँ कि आप लोग रसास्वादन करें - आप लोगों के स्नेह, आशीर्वाद और शुभकामनाएँ समर्थ हों। <br />बन्दा सचमुच कमअक्ल है। कम अक्ली को इतना प्यार हिन्दी ब्लॉगिंग ही दे सकती है।<br />चलूँ अब । जोश में आकर आज अपनी पहली लघु कहानी लिखी, एक घण्टा भी नहीं लगा होगा - गेट। तमाम प्रशंसात्मक (डा. अनुराग जी की स्पेशल) टिप्पणियों और अरविन्द जी की दुहरी टिप्पणी से मन आह्लादित था कि पंकज जी को कहानी लचर और नॉन-ऑरिजिनल लग गई। कम से कम उनकी टिप्पणी तो यही कहती है। अब वहाँ चलता हूँ - अपना पक्ष रखने। मेरी कम अक्ली पर अब तो आप सब को भरोसा हो ही जाना चाहिए। <br /><br />नकल करना भी ठीक से नहीं आता ;)<br />नकलची पर स्नेह बनाए रखें। एक बार फिर आप सब को आभार। बड़के भैया को कुछ नहीं कह रहा हूँ, मेरा यह कुछ नहीं ही 'बहुत कुछ' है। ... हाँ, एक बात भूल गए। हम फोटो में जैसे दिख रहे हैं, उससे अधिक स्मार्ट दिखते हैं :) हो सकता है गलतफहमी हो पर है बहुत तगड़ी।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-33667738050177055202009-11-07T21:14:36.438+05:302009-11-07T21:14:36.438+05:30हम तो इन्हें ज्ञान चचा की उम्र का व्यक्तित्व माना ...हम तो इन्हें ज्ञान चचा की उम्र का व्यक्तित्व माना करते थे, लेकिन विगत दिनों उनकी एक स्तब्ध/सम्मोहित करने वाली पोस्ट पढ़कर(४ नवम्बर) एवं तत्पश्चात वार्तालाप करके उनकी उम्र के बारे में ये भ्रम दूर हुआ, और आज ये नूरानी चेहरा...अल्हम्दुलिल्लाह..!<br /><br />अभी उनसे कुछ अदृश्य तंतुओं के संबंध पर शोध चल रहा है..ज्यादा नहीं कहूँगा, शायद किसी व्यक्तित्व का निरपेक्ष मूल्यांकन कर सकने का अनुभव भी नहीं है मुझे। केवल तारीफ करना फॉर्मेलिटी लगेगी..!कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-36712656223124133572009-11-07T19:56:47.462+05:302009-11-07T19:56:47.462+05:30अभी अभी उनकी एक कहानी पढ़ी ओर मुग्ध हो गया .तमाम ...अभी अभी उनकी एक कहानी पढ़ी ओर मुग्ध हो गया .तमाम "सलेक्टिव नैतिक मोतियाबिंद "अपनी आंख में उतारे लोगो के लिए एक उदारहण है असल ब्लोगिंग का .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16744178797528958262009-11-07T17:46:47.226+05:302009-11-07T17:46:47.226+05:30गिरिजेश से ईर्ष्या है। और अगर आलसी बनने से उनकी प्...गिरिजेश से ईर्ष्या है। और अगर आलसी बनने से उनकी प्रतिभा का अंश मात्र भी मिलता हो तो हम सहर्ष आलसी बनने को उद्धत हैं!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-72800764430024395802009-11-07T17:33:48.122+05:302009-11-07T17:33:48.122+05:30आभार, गिरिजेश जी के बारे में इतना सब बताने के लिए।...आभार, गिरिजेश जी के बारे में इतना सब बताने के लिए। उनके लेखन से परिचित होने के बाद उनकी प्रतिभा से कौन नहीं कायल होगा भला।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-64174264738981343102009-11-07T15:44:14.689+05:302009-11-07T15:44:14.689+05:30लंठ का आलस अद्बुत इतिहास बना रहा है ....गिरिजेश जी...लंठ का आलस अद्बुत इतिहास बना रहा है ....गिरिजेश जी की लेखनी से जितना उनको जाना था ..उसी के अनुरूप आपने उनका परिचय आगे बढा दिया ..अदा जी की तरह मुझे भी खुशी हुई कि जिस फ़ूल के गुलदस्ते को रोज देखते थे...आज उनके चेहरे का दीदार तो हुआ <br />बहुत बहुत आभार आपका मिश्रा जी ..उनसे परिचय करवाने के लिये..अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73687599083434211062009-11-07T12:57:45.034+05:302009-11-07T12:57:45.034+05:30मैं कब से सोच रहा था कि मिश्र जी की अप्रतिम लेखनी ...मैं कब से सोच रहा था कि मिश्र जी की अप्रतिम लेखनी ने कई दिनों से किसी विशिष्ट ब्लौगर का परिचय नहीं करवाया।<br /><br />शुक्रिया अरविंद जी एक बार फिर से...सचमुच मोहपाश में बाँधने वाला है ये ब्लौगर। वहीं से चक्कर लगा कर आ रहा हूं-पहला चक्कर!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-16189116695722376902009-11-07T12:43:41.276+05:302009-11-07T12:43:41.276+05:30गिरिजेश जी के बारे में विस्तार से आप के इस लेख से ...गिरिजेश जी के बारे में विस्तार से आप के इस लेख से ही जाना.<br />अब तक उनका परिचय उनकी कविताओं से ही था.<br />मैं ने उनसे तारीख लिखने का रोचक और अनूठा ढंग सीखा..jo nahin jante--unke liye--उदाहरण के लिए -जैसे अभी यह कमेन्ट लिखा है-इस का तारीख-समय है---'071120091113'!!<br />-शुभकामनायें <br />-आभार.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-74433988560584846742009-11-07T12:33:13.599+05:302009-11-07T12:33:13.599+05:30बहुत अच्छा लगा गिरिजेश राव जी के बारे जानकर .........बहुत अच्छा लगा गिरिजेश राव जी के बारे जानकर ..............दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-41577223248908284882009-11-07T12:11:52.125+05:302009-11-07T12:11:52.125+05:30"सबसे पहले मुझे गिरिजेश के बारे में सिद्धार्थ..."सबसे पहले मुझे गिरिजेश के बारे में सिद्धार्थ जी (प्रयाग में धनुष यज्ञ जेहिं कारण होई वाले अपने सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी - हमारे एक पूर्व चयनित चुनिन्दा चिट्ठाकार ) ने बताया था !"<br /><br />चलिए, प्रयाग धनुष यज्ञ का एक लाभ तो गिना ही सकते है अब:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-71723855375570233992009-11-07T11:10:29.511+05:302009-11-07T11:10:29.511+05:30मिश्र जी आभारी हैं आपके।आपने हमे गिरिजेश को जानने ...मिश्र जी आभारी हैं आपके।आपने हमे गिरिजेश को जानने का मौका दिया।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-73750930738998741852009-11-07T09:29:03.791+05:302009-11-07T09:29:03.791+05:30मानते हैं गिरिजेश राव को.
अदाजी वाली बात फिर दोहरा...मानते हैं गिरिजेश राव को.<br />अदाजी वाली बात फिर दोहराता हूँ.आलस का आलम ये है तो फुर्ती का आलम क्या होगा?<br />और अरविन्द सर की इस बात पर कि आलस्य का वे परित्याग कर चुके हैं औए ये अब उनका स्थाई भाव बना रहे, कहूँगा "आमीन".<br />अच्छा हुआ उम्र में गिरिजेश जी के उम्र में कुछ दिन छोटे रहने से हमें किसी बात में तो बड़ा बनने का अवसर मिला.<br />शुभकामनाएं.और आपका आभार.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54885310763110573782009-11-07T09:24:16.025+05:302009-11-07T09:24:16.025+05:30बडी इच्छा थी गिरिजेश जी के बारे मे जानने की. आपने ...बडी इच्छा थी गिरिजेश जी के बारे मे जानने की. आपने बहुत ही कम शब्दों मे इनका महती परिचय करवा दिया, वैसे भी यह आपकी विशेषता है.<br /><br />गिरिजेश जी मैं यह पूछना चाहूंगा कि आप क्या खाकर आलस करते हैं? वो हमे भी बताईयेगा. ईश्वर करे आपका यह आलस यूंही बरकरार रहे. बहुत शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-91507324074039966862009-11-07T08:53:13.791+05:302009-11-07T08:53:13.791+05:30@अदा जी ने किस अदा से अपनी बात कह दी गिरिजेश -अब ...@अदा जी ने किस अदा से अपनी बात कह दी गिरिजेश -अब तो सारा आलस्य काफूर हो जाना चाहिए ! <br />हा हा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75513603362671242482009-11-07T08:50:20.270+05:302009-11-07T08:50:20.270+05:30@@आप इलाहाबादी कब से हो गए सिद्धार्थ जी ? इस प्रश्...@@आप इलाहाबादी कब से हो गए सिद्धार्थ जी ? इस प्रश्न के उत्तर में ही आपकी जिज्ञासा, मैं ,आप और गिरिजेश और इन सभी का होना , विभिन्नतायें - साम्य और अन्तर्सम्बन्ध सभी कुछ व्याख्यायित है ! <br />इलाहाबादियों और कानपुरियों को भी तो कुछ कहने देगें की सब भार आपै वहन कर लिए हैं ? <br />वैसे पोस्ट के एक विचार (या विचारा ) बिंदु को आपने संस्पर्शित किया आभारी हूँ ! यह आपकी विचार विदग्धता का भी परिचायक है ! <br />अब थोडा यह स्पष्ट भी कर दूं की सहज मनोवोनोद के पीछे कोई श्लेष हो ही यह सदैव आवश्यक नहीं है मगर आपके महनीय हस्तक्षेप से यह मुद्दा अब विवादित अवश्य हो गया -<br />क्या बौद्धिकता दिक्काल निरपेक्ष है (मैंने काल भी जोड़ दिया आयर व्यापक अर्थ में बहस के लिए ! <br />कौन शुरू करेगा यह शाश्त्रार्थ और कहाँ ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com